पलक – शरारती लड़की। मेरे गेट की डोरबेल बजा कर भाग जाती है। पकड़ने पर इतनी जोर से चिल्लाती है कि मानो उसका गला काट दिया जा रहा हो! तीन साल पहले इसपर पोस्ट लिखी थी – गुण्डी। अब तो यह बड़ी हो गयी है। स्कूल जाती है। यह फोटो सवेरे की है जब स्कूल की छुट्टी थी। माता-पिता उठे नहीं थे। यह अकेले जाग गई थी और बाहर निकल कर बैठी थी। हमारे सवेरे की सैर के समय कैमरे में आ सकी।
बड़ी शरीफ सी लग रही है – गुण्डी! बाल दिवस पर के लिये सही फोटो। बस पोस्ट करने में एक दिन देर हो गई!
मेरे जन्म दिन पर आप सबने बधाई दी, बहुत बहुत धन्यवाद!
जन्म दिन पर पूरी तरह अन्तर्मुखी रहने का मन था। सवेरे की सैर भी अब उत्फुल्लता नहीं देती। पर इतने सारे सन्देश/टिप्पणियां/फोन मैसेज देख लगा कि दुनियां से कटे कदापि नहीं हैं हम।
एक बार पुन: सोच खुद मन में हो रहा है कि जल्दी मन से दुरुस्त हो जाऊं। अपने फीड रीडर पर आप सबको पढ़ना प्रारम्भ करूं। प्रतिक्रियायें दूं। और कुछ नया/बेहतर लिखूं। देखें, क्या होता है।
एक बार पुन: धन्यवाद।
मुझे तो पलक गम्भीर चिन्तन में लग रही है कि अब क्या किया जाये बाल दिवस पर।
ReplyDeleteपुनः सयत्न लिखना प्रारम्भ करें, अस्वस्थता पराजित हो।
पलक की प्रेरणा आपके साथ है, आपकी सक्रियता और आपका उल्लास प्रतिपल बरसों-बरस बना रहे.
ReplyDeleteबालदिवस पर सही तस्वीर. घंटी बजाकर आगाह कर रही है, अंतर्मुखी न हों. हमारी भी शुभकामनायें.
ReplyDeleteसुन्दर चित्र, सुन्दर पोस्ट! इतना छोटा बच्चा सुबह-सुबह ध्यानमग्न होकर क्या सोचता होगा?
ReplyDeleteआदरणीय सर, बाल दिवस पर आपने पलक की अच्छी तस्वीर और उसकी चुलबुली शरारतों का जिक्र किया। आप जल्द स्वस्थ होकर पुनः ब्लाग पर सक्रिय हो जायें यही शुभकामना है।
ReplyDeleteओह! देर से ही सही हमारी भी जन्मदिन की शुभकामनाएं स्वीकार करें !
ReplyDeleteपलक बहुत ही प्यारी लग रही है...बच्चों की ऐसी ध्यानमग्न तस्वीर मुश्किल से मिलती है .
ReplyDeleteआप दुनिया से कटे तो कदापि नहीं हैं....आपके पोस्ट इसके गवाह हैं....आप इसी तरह सक्रिय रहें...उत्साह-उमंग से भरपूर उत्फुल्ल रहें..
बड़े ही शुभ विचार से ग्रस्त हैं जी आप.. :)
ReplyDeleteजन्म दिन की बधाई.
ReplyDeleteमैं सोच रहा हूँ १० में से ३ तो निकल गए. कितना ब्यवहार बदला होगा?
१०-१२ साल बाद जब पलक नेट पर भटकते हुए ये पोस्ट पढेगी तब वो अपने 'गुंडी' होने पर जरूर मुस्कुराएगी. उसके किसी एक जन्म दिन का उपहार हो सकती है ये दोनों पोस्ट.
जन्म दिन की अनन्त शुभकामनायें. शुभकामनायें तो देर से भी दी ही जा सकती हैं न?
ReplyDelete"जन्म दिन पर पूरी तरह अन्तर्मुखी रहने का मन था।" huh, public domain n public space pe aane k bad bhi aisi kamna, had hai. aisa tha to blog par hi kyun aaye ji, jara ye bataiye bhala....bolo bolo...khamosh nai rahne ka han...
ReplyDeletebaki gundi ko dubara dekh kar bahut hi accha lagaa, uski purani photo bhi aapke link se dekh aaye aur abhi ki, balsulabh mann chehre se abhi bhi jhalak raha hai, bhagwan aur samay banaye rakhe.......
भगवान करे कि ये जन्म दिन आप के मन को प्रफ़ुल्लता से भर दे और आप वो सब कर सकें जो आप करना चाह्ते हैं।
ReplyDeleteजन्मदिवस की बहुत शुभकामनाएं ...
ReplyDeleteएक दिन देर से ही सही !
ReplyDeleteबेहतरीन पोस्ट लेखन के लिए बधाई !
आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।
बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें
`जन्म दिन पर पूरी तरह अन्तर्मुखी रहने का मन था'
ReplyDeleteसिमोन द बुआ की पुस्तक ‘ओल्ड एज’ में उन्होंने कहा है कि अंतर्मुखी होना बुढापे की निशानी है। अक्सर बूढे किसी से मिलना या बात करना नहीं चाहते। इसलिए अंतरमूखी न हो और गाते फिरें - अभी तो मैं जवान हूं...... :)
बहुत सुन्दर बच्ची है
ReplyDeleteनिहार रहा हूँ इसे, फोटो के लिये धन्यवाद
प्रणाम
Happy Birthday Gyanji.
ReplyDeleteWhen you have a photo like this, words are superfluous.
Regards
G Vishwanath
सारी बातें, सारी चिन्ताऍं छोडें। खुद को स्वस्थ बनाए रखें और लिखते रहें।
ReplyDeleteशुभ-कामनाऍं।
अरे मैंने तो बधाई दी ही नहीं.....
ReplyDeleteचलिए अब ले लीजिये...शुभकामनाएं कभी बासी नहीं होतीं..
ईश्वर आपको सदा स्वस्थ रखें ,प्रसन्न रखें,सुखी रखें...
पलक का एकांतवास तो मुझे पुरानी याद दिलाकर फिर से ललचा गया..
ReplyDeleteएक अच्छी फोटो हेतु धन्यवाद..
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