कल ललही छठ थी। हल छठ – हलधर (बलराम) का जन्म दिन। कभी यह प्रांत (उत्तरप्रदेश) मातृ-शक्ति पूजक हो गया होगा, या स्त्रियां संस्कृति को जिन्दा रखने वाली रह गई होंगी तो उसे ललही माता से जोड़ दिया उन्होने।
स्त्रियां इस दिन हल चला कर उपजाया अन्न नहीं खातीं व्रत में। लिहाजा प्रयोग करती हैं – तिन्नी का धान। तिन्नी का धान तालाब में छींटा जाता है और यूं ही उपज जाता है। मेरी बुआ यह व्रत कर रही थीं – उनसे मांगा मैने तिन्नी का चावल। देखने में सामान्य पर पक जाने पर लालिमा युक्त।