पानी कम हो रहा है। कम गंगा में। उभर रहे हैं द्वीप। तट पर कटान करने वाली गंगा अब उथली होती जा रही हैं। माने पोखरा की माफिक!
जैसे पोखरा में भैंसे हिलकर बैठती और मड़ियाती हैं, वही दृष्य था। सेम टु सेम। अन्तर इतना भर कि उनके आस पास का जल रुका नहीं, मन्थर गति से बह रहा था। भैंसें सांस छोड़ रही थीं तो आवाज आ रही थी। दूर फाफामऊ के पुल पर पसीजर गाड़ी के जाने और सीटी की आवाज भी थी।