अपनी पूअर फोटोग्राफी पर खीझ हुई। बोकरिया नन्दी के पैर पर पैर सटाये उनके माथे से टटका चढ़ाया बेलपत्र चबा रही थी। पर जब तक मैं कैमरा सेट करता वह उतरने की मुद्रा में आ चुकी थी!
बेलपत्र? सुना है इसे पीस कर लेने से मधुमेह नहीं होता। बोकरिया को कभी मधुमेह नहीं होगा। पक्का। कहो तो रामदेविया शर्त!
एक कदम आगे – मैं प्रचारित कर सकता हूं कि नन्दी के ऊपर चढ़ाये बेलपत्र के सेवन से मधुमेह नहीं होता। बस मीडिया इस विचार को चमका दे तो छोटे बड़े सब तरह के नन्दी बाजार में मिलने लगेंगे। घर ले जाइये, नन्दी पर मन्त्राभिषेक कर बिल्वपत्र चढ़ाइये, फिर उसका सेवन करिये। हफ्ते भर बाद शूगर टेस्ट कराइये। सब नार्मलै निकलेगा बाबा विश्वनाथ की कृपा से!
चलें, आज चुनार वाले कारीगर को सौ नन्दी बनाने का ऑर्डर दिया जाये। यह ब्लॉग पढ़ने वाले तो खरीद ही लेंगे!
आप में गॉसिप रिपोर्टर और अच्छा सेल्स टेक्नीशियन बनने की अद्भुत क्षमता है।
ReplyDeleteरामदेविया शर्त :)
ReplyDeleteबकरिया को तो मधुमेह नहिये होगा लेकिन यहाँ कोई ना खरीदने वाला नंदी. आप एक काम कीजिये एक महीने बाद इसी तस्वीर पर पोस्ट लिखिए और लिख दीजिए कि बेलपत्र जहरीला हो गया और बकरिया का पैर टेढा हो गया. फिर आंकड़ा देखिये इस पोस्ट की टिपण्णी और उस पोस्ट की टिपण्णी का. लोग दोनों में हाँ में हाँ मिला के कल्टी मार लेंगे. एक महीना मैं थोडा ज्यादा तो नहीं कह गया एक सप्ताह में भी वैसे मेरी बात टेस्ट की जा सकती है :)
एक ठो का आर्डर हमारा लिख लिजिये और साथे पैकेज डील में सौ बेलपत्र भी..यहाँ तो मिलने से रहा. :)
ReplyDeleteआपने तो मेरी कोकाकोलीय श्रद्धा का ढक्कन ही खोल दिया.
ReplyDeleteक्या बात है यदि बकरियां बेलपत्री खाती है तो उसे मधुमेह नहीं होगा यदि इंसान खाए .....तो ? कमाल काक शोध है ...बढ़िया नुस्का दे दिया है सर .... आभार
ReplyDeleteबस मीडिया इस विचार को चमका दे तो छोटे बड़े सब तरह के नन्दी बाजार में मिलने लगेंगे।
ReplyDeleteसर्वशक्तिमान तो मीडिया ही है आज !!
@Rahul Singh - हा हा!, कोकाकोलीय श्रद्धा! वाह, क्या शब्द है! :)
ReplyDeleteआपकी फोटोग्राफी पुअर कहाँ हुई वो तो टाईमिंग की गड़बड़ थी.. वरना आपका वो ऊँट वाला वीडियो तो सेव पड़ा है हमारे लैपटॉप में यदा कदा देख लेते है.. नैराश्य से दूर भागने का श्रेष्ठ माध्यम है वो.. बाकी बोकरिया बनके तो नहिये चबाना पड़ेगा ना बेल पत्तर.. अभिषेक बाबु की टिपण्णी में हमारी सहमति जोड़ी जाए..
ReplyDeleteमैं काफी दिनों बाद आया हूँ पर ख़ुशी है कि आपने फ्लेवर मेंटेन रखा है.. और मेरे उस विचार को प्रबल किया है कि पांडे जी खालिस ब्लोगर है..
अपने खेत में बेलपत्र का पेड़ लगवा दिया है एक नंदी पास में और रख देते है :)
ReplyDeleteसंगमरमर डीलर से बात किये हैं, राजी है। काहे न यह प्रचारित किया जाये कि संगमरमर के नन्दी पर चढ़ाये गये बेलपत्र खाने से मधुमेह ठीक होने के साथ साथ शरीर में संगमरमरी निखार आता है।
ReplyDeleteआर्डर 1000 का दे देते हैं। बकिया बाद में।
@प्रवीण पाण्डेय - बहुत सही आइडिया! आज ही कम्पनी बना ली जाये P&G India. फिफ्टी-फिफ्टी की शेयर होल्डिंग! :)
ReplyDelete@6013349297074801490.0
ReplyDelete>>> अभिषेक ओझा - चलिये, जब तक आप कंसेण्ट नहीं देंगे, तब तक नन्दी बनवाने का ऑर्डर प्लेस नहीं करेंगे। वैसे एक ग्राहक लाला समीरलाल ने तो हां भरी है! :)
प्रवीण के सुझावानुसार अगर संगमरमर का वैल्यू-ऐडेड नन्दी बनवायें तो शायद ग्राहकी बढ़े! :)
हा हा हा हा....बहुत सही कहा....
ReplyDeleteवैसे बेलपत्र से पेट की कई बीमारियाँ एकदम ठीक हो जाती हैं,यह तो पता था,पर मधुमेह में भी यह लाभकारी है,आज पता चला...
"आज ही कम्पनी बना ली जाये P&G India. फिफ्टी-फिफ्टी की शेयर होल्डिंग! :)"
ReplyDeleteआप की मर्जी.... प्राक्टर एंड गैम्बल वाले दावा ठोक देंगे.. फिर न कहना चेताया नहीं :)
ब्लॉगिंग की बीमारी के लिए कोई नुस्खा है आपके पास?
ReplyDeleteअब तक हम बचे हुए हैं।
बस टिप्पणी की बीमारी ने बहुत परेशान कर रखी है।
आपका ब्लॉग और मित्रों की टिप्पणियाँ पढकर चुप रहा नहीं जाता।
उँगलियों में ऐसी खुजली होती है, ऐसी खुजली होती है कि जब तक हम ने भी कोई टिप्पणी नहीं की, खुजली मिटने का नाम नहीं लेती।
लो, आज इस टिप्पणी से इस बार की खुजली मिट गई।
अब अगली खुजली कब?
शुभकामनाएं
जी विश्वनाथ
P&G India
ReplyDeleteबेलपत्रों की सप्लाई के आर्डर देते हुए हमारे खेत में लगे एकमात्र बेल के पेड़ का ध्यान जरुर रखियेगा :)
काहे नन्दी का झाड पाले . बेलपत्र खाये बकरी को खाने से भी मधुमेह दूर हो सकता है क्या
ReplyDeleteएक सांसद हुआ करते थे पं०विश्व नाथ शर्मा वह मुर्गा इस्लिये नही खाते थे कि मुर्गा मासाहारी होता है . और बकरा इस्लिये खाते थे कि बकरा शुद्ध शाकाहारी होता है .
ReplyDeleteबकरा बकरी की बात थी इस्लिये यह लिखा
..लेकिन फिर भी बड़ा मुश्किल होगा नज़रबट्टू बेचने वालों से पार पाना... :)
ReplyDeleteसुबह एक टिप्पणी करके तो गया था
ReplyDeleteलगता है बकरी खा गई....वो कुछ मैसेज आया था Confirm form submission :)
संगमरमर की फैक्ट्री के लिए अग्रिम शुभकामनाएं :)
आप कहॉं अपने टेलेण्ट को रेल के इंजन के साथ धकिया रहे हैं। छोडिण् नौकरी और फील्ड मे आ जाइए। एक-ठो खबरिया चैनल शुरु कर दीजिए। पहले ही दिन टीआरपी का रेकार्ड बना लेंगे आप।
ReplyDeleteअजी शुगर ओर मधुमेह को मारो गोली जी, अब जब सॊ नंदी बनाने का आर्डर दे दिया तो लगे हाथो एक ज्यादा बनवा लो, ओर वो वाला हमे भेज दो तोहफ़े के रुप मै, हम नंदी बाबा को रोज नदी मै स्नानम करवायेगे ओर आप को याद किया करेगे, जय हो ज्ञान बाबा जी की, इस का रोज जाप भी करेगे
ReplyDelete.
ReplyDeleteसंगमरमरी नंदी, बिंदास बकरी और ज्ञानदत्त जी को नमन ।
zealzen.blogspot.com
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ek nandi mera order-free me nahi
ReplyDelete... are-re-re .... paise me bhi
nahi...phir ......dadda is comment
ke badle.
pranam.
ज्ञानदत्त जी, आपके ब्लॉग पर तो ट्वीट चल रहा है ..... चार लाइन आप लिख देते हो बाकी ३०-४० टिप्पणियाँ जगह पूरी कर देती हैं. कुल मिला कर हो गया एक लेख पूरा.
ReplyDeleteश्याद बुरा मान जाओ ......... पर मत मानना ....... इत्ता तो कह सकते हैं.
@DEEPAK BABA - धन्यवाद दीपक जी! और इस कोण से मैने सोचा ही नहीं! यह जरूर है कि अमूमन मेरी पोस्टें छोटी होती हैं, क्योंकि उससे ज्यादा हिन्दी ठेलने में फेचकुर निकलने लगता है!
ReplyDeleteपर छोटी पोस्ट लिखने में भी बहुत मेहनत है - शायद लिखने के पहले की।
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ReplyDeleteजब मैं नयी थी ब्लॉग जगत में , तो ज्ञानदत्त जी के ब्लॉग पर सबसे ज्यादा आती थी। लेकिन मेरी द्वारा लिखी गयी ५६ पोस्टों में से एक पर भी नहीं आये ज्ञान जी।
ज्ञान जी को मेरा अंतिम प्रणाम ।
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@ दिव्या - मेरी अस्वस्थता के बाद आपको की नहीं, लगभग सभी को यह शिकायत होगी। मैं अभी तक सामान्य नहीं हो पाया। कल ही डाक्टर साहब ने बताया कि (दवायें नियमित लेने के बावजूद) मेरा रक्तचाप बढ़ा हुआ है। अन्य समस्यायें हैं सो अलग। खेद है। पर अभी बहुत कुछ कर नहीं पाऊंगा मैं।
ReplyDeleteअन्तिम प्रणाम? अब क्या कहें।
आदरणीय पाण्डेय जी, मेरे दफ़्तर में दो तीन लोग मधुमेह रोगी हैं--कहें तो उनसे बात की जाय(आर्डर बुक कर लें)----मैं कोई कमीशन बीच में नहीं लूंगा। आपके जल्दी स्वस्थ होने के लिये शुभकामनायें।
ReplyDeleteआदरनिये पांडे जी, अंतिम प्रणाम क्यों कह रहे हैं......... दिल को लगता हैं. कृपया ऐसा मत लिखिए.......
ReplyDeleteagar aise hota hai to sugar ke doctor bhuke mar jayegey
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