इनमें से कोई आने वाले समय को बदलने का ब्लू-प्रिण्ट नहीं जानता। इनकी जितनी सोचता हूं, उतना मन में नैराश्य उपजता है।
महारानी, युवराज, तिलकधारी/त्रिशूल वाले, लाल पट्टी वाले - कोई नहीं थे मेरे हीरो। दे डोण्ट इंस्पायर। एण्ड सो डोण्ट असांजे/विनोद राय।
क्या नहीं मालुम था कि सब बजबजा रहा है? क्या नहीं मालुम था कि राजनेता चरित्र-भ्रष्ट हैं? क्या नहीं मालुम था कॉरपोरेट-पोलिटीशियन-मीडिया-नौकरशाही लूटतंत्र का
फॉर्ब्स इण्डिया में श्री विनोद राय पर एक पन्ना |
कहा जा रहा है कि नये दशक में बहुत कुछ लीक होगा। वाकई? कितना नैराश्य झेलेंगे हम हाशिये पर बैठे लोग? इसी नैराश्य से खेलते बाजार के खिलाड़ी जो उठापटक करेंगे, उससे तो कहीं मेरा गाढ़ी कमाई का प्रॉविडेण्ट फण्ड/बचत झर्र न हो जाये!
अगर ये कोई राह नहीं दिखाते तो ये नैराश्य के हीरो मेरे हीरो नहीं हैं!
और हां, नये दशक की मंगल शुभकामनायें!
यह सही है कि नैराश्य के कोहरे ने रोशनी को रोका है। लेकिन रोशनी तो फिर भी है। बहुत लोग हैं जो छोटे छोटे ही सही अलाव सुलगाए बैठे हैं, कोहरे के छंटने की प्रतीक्षा में। आशाएँ अभी जीवित हैं।
ReplyDeleteराजनीति कलंक की कोठारी है ...उसमे घुसेगे तो काजल लगेगा ही
ReplyDeleteआगे का ब्लू प्रिंट वे बतावे ....
नया साल मंगलमय हो
बहुत सुन्दर शब्द दिया है, नैराश्य के हीरो। इनके बस का कुछ नहीं है। बस तो किसी का नहीं चलता है, जीवन को कितने ही धागों से बाँध रखा है औऱ हिलना भी अपराध की श्रेणी में आता है, कहीं धागे चटक गये तो?
ReplyDeleteसमाज के दुर्निवार हिस्से.
ReplyDeleteकोई तो खुशफहमी ढूंढ़नी ही है... चचा गालिब की तरह मन को प्रसन्न रखने के लिये... झूठा ही क्यों न हो ख्याल... और फिर खामखयाली का मजा ही अलग है...
ReplyDeleteनए वर्ष की शुभकामनाएं आप सभी को सपरिवार -आशा बनी रहनी चाहिए !
ReplyDeleteगिडगिडाने से नही सुनता यह जंहा
ReplyDeleteमूह भर के गालिया दो पेट भर कर बददुआ
हम हाशिये पर खडे लोग यह तो कर ही सकते है
आपको नव वर्ष की शुभकामनाये
सटीक निरूपण और अभिव्यक्ति.
ReplyDeleteआपको और पूरे परिवार को नव वर्ष की मंगलमय शुभकामनायें.
बात यदि राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर की है तब तो मैं भी आपके साथ हूँ। किन्तु यदि आप स्थानीय स्तर की बात करें तो मेरे आसपास अनेक 'आशा नायक' हैं। आपके आसपास भी होंगे ही। खेद है कि उनकी चर्चा 'डेश न्यूज' से अधिक का स्थान नहीं पाती।
ReplyDeleteये हीरो इसलिए नहीं हैं कि ये दिखा रहें हैं कि 'देखो यहाँ गंदगी है, देखो ये लोग नंगे हैं.. तुम्हे तो पता ही नहीं था'.. ये इन्हें भी पता है कि सब सब जानते हैं....
ReplyDeleteइन्हें हीरो माना जाता है दुनिया की सारी ताकत के खिलाफ बोलने की इनकी हिम्मत और जज्बे के लिए.. दुनिया के उस हर उस आदमी के लिए वो एक प्रेरणा के स्रोत हैं जो कहीं न कहीं डरता है व्यवस्था से...... मुझमें तो इन्हें देखकर या पढ्कर कहीं से भी नैराश्य का भाव नहीं आता बल्कि आशा की किरण दीखती है...
नववर्ष आपके और आपके सभी अपनों के लिए खुशियाँ और शान्ति लेकर आये ऐसी कामना है
मैं नए वर्ष में कोई संकल्प नहीं लूंगा
नववर्ष आपके लिए मंगलमय हो और आपके जीवन में सुख सम्रद्धि आये…एस.एम् .मासूम
ReplyDeleteसर्वस्तरतु दुर्गाणि सर्वो भद्राणि पश्यतु।
ReplyDeleteसर्वः कामानवाप्नोतु सर्वः सर्वत्र नन्दतु॥
सब लोग कठिनाइयों को पार करें। सब लोग कल्याण को देखें। सब लोग अपनी इच्छित वस्तुओं को प्राप्त करें। सब लोग सर्वत्र आनन्दित हों
सर्वSपि सुखिनः संतु सर्वे संतु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यंतु मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत्॥
सभी सुखी हों। सब नीरोग हों। सब मंगलों का दर्शन करें। कोई भी दुखी न हो।
बहुत अच्छी प्रस्तुति। नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं!
साल ग्यारह आ गया है!
महारानी, युवराज, तिलकधारी/त्रिशूल वाले, लाल पट्टी वाले - कोई नहीं थे मेरे हीरो। दे डोण्ट इंस्पायर। एण्ड सो डोण्ट असांजे/विनोद राय।
ReplyDeleteये सब हीरो नहीं हैं यह तो समझ आया लेकिन हीरो है कौन, कौन हो सकता है ? यह भी बताया जाये। ये तो नेति-नेति वाद हो गया।
नयासाल मुबारक!