Sunday, May 18, 2008

फीडबर्नर अनुसार मेरी दस सबसे लोकप्रिय पोस्टें


फीडबर्नर कई प्रकार के आंकड़े देता है। एक है अब तक के सर्वाधिक व्यू और क्लिक्स के आधार पर लोकप्रिय पोस्टों के आंकड़े।

feedburner stats

इसके आधार पर मेरी अब तक की सर्वाधिक व्यू/क्लिक की गयी पोस्टें हैं -

फोटो में कैप्शन लगाने की तकनीक २२ अक्तूबर २००७
डुप्लीकेट सामान बनाने का हुनर १८ अक्तूबर २००७
ई-पण्डित को धन्यवाद - विण्डोज लाइवराइटर के लिये १४ अक्तूबर २००७
बरखा बिगत सरद रितु आई २ अक्तूबर २००७
पापा, मैं तो घास छीलूंगा! २९ अक्तूबर २००७
एक पुरानी पोस्ट का री-ठेल ३४ अक्तूबर २००७
फीड एग्रेगेटर - पेप्सी या कोक २६ अक्तूबर २००७
’जय हिन्द, जय भारत, जय लालू’ २५ अक्तूबर २००७
व्योमकेश शास्त्री उर्फ हजारी प्रसद द्विवेदी - लेख का स्कैन २७ अक्तूबर २००७
तहलका तारनहार है मोदी का?(!) ३० अक्तूबर २००७

मजे की बात है कि ये सारी पोस्टें अक्तूबर २००७ की हैं। अब या तो हमारे पोस्ट ठेलने में उसके बाद दम नहीं रहा या फिर फीडबर्नर स्वर्ण युग के दर्शन भूतकाल में किया करता है?! heart_brokensmile_embaressed


और यह देख कर मैं फीडबर्नर की बजाय स्टैटकाउण्टर के आंकड़ों पर ज्यादा भरोसा करूंगा!!!

*

15 comments:

  1. ये भी हो सकता है अक्टू्बर २००७ अपके जीवन के गोल्डन पिरीयड का शो केस याने ट्रेलर रहा हो-जो अब शुरु हुआ है..समझिये अब आप पूरे ब्लॉग जगत पर अपना वर्चस्व कायम करने जा रहे है. मगर कैसे, वो तो है ही!!

    ReplyDelete
  2. ज्ञान जी ,आपके पोस्ट की पसंद क्या है इसके लिए आंकडों की जरूरत ही नही है -आंकडे वहाँ उपयोग मे लाये जाने लगे हैं जहाँ किसी बात में वैस तो कोई ख़ास दम नही होता ,मगर आंकडों की बाजीगरी से उसे प्रोजेक्ट करना होता है .
    आप इन थर्ड ग्रेड हथकंडों के ऊपर है ज्ञान जी -बस हिन्दी ब्लॉग की शान बनाएं रखें -कभी कभी लगता है आप [कृष्ण की तरह ]ब्लोकुल [ब्लॉग+गोकुल] से बस निकल भागने वाले हैं .
    उद्धव का भी आप ने जुगाड़ कर ही रखा है .

    ReplyDelete
  3. क्या कमाल की बात है. हम तीन दिन से सर खपा रहे थे. आप ब्लॉग पोस्ट में टेबल टेग का प्रयोग इतनी खूबी से कैसे करते हैं, इसी की तलाश में. बार बार आपके ब्लॉग का html source खंगाल रहे थे. और आज ये पोस्ट. विंडोस लाइव रायटर काम की चीज लगती है. इस्तेमाल करेंगे. आपका बहुत आभार.

    ReplyDelete
  4. आंकड़ों की बाजीगरी बड़ी अजब-गजब चीज है। लिखते रहें जो होगा देखा जायेगा।

    ReplyDelete
  5. असल में भूत काल हमेशा ही सुहावना होता है। बताएं बचपन कैसा लगता है?

    ReplyDelete
  6. चलिये अब आज ये सारी पोस्ट फिर से पढ जाते है। रविवार का सदुपयोग।

    ReplyDelete
  7. मेरे विचार में आपको दोगुना प्रसन्न होना चाहिए :)

    फ़ीड बर्नर वही आंकड़े दिखाता है जो आपके चिट्ठों की फ़ीड को सब्सक्राइब कर पढ़ते हैं. ये आंकड़े स्टेटकाउंटर के आंकड़ों के अतिरिक्त हैं. यानी आप चाहें तो इन्हें स्टेटकाउंटर के आंकडॉ़ में जोड़ सकते हैं. :)

    ReplyDelete
  8. गुरुवर,
    आँखें खोल देने वाली पोस्ट, नये ब्लागर्स के
    लिये, प्रकाश स्तंभ ! बधाइयाँ !
    मेरी फ़रमाइश है कि आप इसी बात पर
    एक पोस्ट ठेल ही दें, शीर्षक
    आँकड़ों
    में जीने का सुख !

    आपमें झमता है, आप अवश्य ही ठेलें
    यह शीर्षक, ताकि दूसरे ठेलुओं की आँखें
    खुल जायें । सादर !

    ReplyDelete
  9. @ रविरतलामी -
    मैं भी कुछ ऐसा सोचता था। पर मामला कुछ गड्ड-मड्ड है। स्टैटकाउण्टर हिन्दी फीड एग्रेगेटरों के माध्यम से भी काउण्टर बढ़ाता है, पर फीड एग्रेगेटर्स का फीड कॉण्ट्रेक्टर फीडबर्नर है!
    बोनस मेरे वे पाठक हैं जो सीधे आते हैं, फीडबर्नर की दलाली से नहीं। उनमें बढ़िया सर्च इन्जन के माध्यम से हैं।
    पर आप एक विशद लेख पोस्ट कर सकते हैं इस पर। मेरी तो तकनीकी क्षमता नहीं है।
    मैं दोगुना प्रसन्न नहीं हूं, सवाया या ड्योढ़ा हूं! :-)

    @ डा. अमर कुमार - देखिये पोस्ट ठेलने का दायित्व मैने रवि जी पर ठेल दिया है!:)

    ReplyDelete
  10. मतबल जे हुआ कि आप यदा-कदा इस बात पे नज़र डालते रहते हैं कि कौन सी पोस्ट कितनी हिट हुई है। जरूरी है जरुरी है।

    ReplyDelete
  11. हिटो हिट की चिंता सिर्फ राखी सावंत को ही नहीं करनी पड़ती।
    ज्ञानदत्तजी को भी करनी पड़ती है। यह जानकर खुशी हुई।
    दिल खुश हुआ है, मस्जिदे वीरां को देखकर
    मेरी तरह खुदा का भी खाना खराब है

    ReplyDelete
  12. मैं भी कुछ ऐसा सोचता था। पर मामला कुछ गड्ड-मड्ड है। स्टैटकाउण्टर हिन्दी फीड एग्रेगेटरों के माध्यम से भी काउण्टर बढ़ाता है, पर फीड एग्रेगेटर्स का फीड कॉण्ट्रेक्टर फीडबर्नर है!

    पूरा गड्ड-मड्ड नहीं है ज्ञान जी। ब्लॉगवाणी से जो पाठक आपके पास आते हैं उनके क्लिक फीडबर्नर रिकॉर्ड करता है परन्तु चिट्ठाजगत और नारद से जो पाठक आपके पास आते हैं उनके क्लिक फीडबर्नर नहीं रिकॉर्ड करता। बाकी किसी अन्य स्रोत के बारे में कह नहीं सकता जो आपकी फीड को सब्सक्राइब किए हुए हैं, काफ़ी संभावना है कि अन्य सभी स्रोत जो आपकी फीड ले रहे हैं वहाँ से आने वालों को फीडबर्नर रिकॉर्ड कर रहा है। लेकिन फिर भी सीधे-२ फीडबर्नर के आंकड़ों को स्टैटकाउंटर वाले आंकड़ो में नहीं जोड़ सकते जैसा रवि जी ने सुझाया है। फीडबर्नर में जितने क्लिक दिखा रहा है उनको views में से घटा दीजिए(क्योंकि क्लिक होकर ब्लॉग पर ही आए और उनको स्टैट काउंटर ने रिकॉर्ड कर लिया) और जो बाकी के view वाले आंकड़े बचे उनको स्टैटकाउंटर के view वाले आंकड़ो में जोड़ एक अनुमानित संख्या पा सकते हैं कि आपके ब्लॉग को कितनी बार पढ़ा गया। :)

    ReplyDelete
  13. लगे हाथोँ आपकी कुछ उत्कृष्ट पुरानी पोस्ट पढ लीँ :)

    - लावण्या

    ReplyDelete
  14. मोह-माया से परे कोई नहीं :-) वैसे हम बिना किसी subscription के आपका ब्लॉग पढ़ते हैं.

    ReplyDelete
  15. बहुत बढ़िया ज्ञान दा। हमारा काम बन गया । ये कैप्शन वाली तकनीक आपने हमारे कहने पर ही बताई थी। विंडोज़ राइटर पता नहीं क्यूं हमारे पीसी पर लोड़ ही न नहीं होता ।
    क्या करें । अनपढ़ होने के कई नुकसान हैं। आपने पूरी लिस्ट देकर अच्छा किया। अब दुबारा से मन लगाकर सीखना पड़ेगा।

    ReplyDelete

आपको टिप्पणी करने के लिये अग्रिम धन्यवाद|

हिन्दी या अंग्रेजी में टिप्पणियों का स्वागत है|
--- सादर, ज्ञानदत्त पाण्डेय