Thursday, May 22, 2008

थोड़ा HTML तो जानना होगा ब्लॉगिंग के लिए


मेरी HTML सम्बन्धित पोस्ट पर पाठकों की टिप्पणियां हैं, कि:
  • हमें तो HTML की बेसिक जानकारी नहीं है।
  • यह तकनीकी बात तो सिर से निकल गयी।
  • देखते हैं, कोशिश करते हैं, बाकी अपना फील्ड नहीं है यह!
  • मान गए हजूर कि आप फ़ुल्टू तकनीकी हो, अपन के पल्ले तो पड़ता नई ये सब!
  • आप अपने ब्लॉग में पता नही क्या क्या करते रहते हैं ...
  • यदि समझ आ गया तो रिकॉर्ड स्थापित हो जाएगा।
  • पहले html की abcd सीखनी पड़ेगी।
  • आप लगता है भूल गये कि आपका ..... पत्ता इसीलिये कट गया था क्योंकि आप तकनीकी रूप से सक्षम पाये गये थे।

मैं मानता हूं कि आम ब्लॉगर कोई प्रोग्रामर/सॉफ्टवेयर डेवलपर नहीं है। और मेरा भी कार्य क्षेत्र ट्रेन-गाड़ी परिचालन का है; सॉफ्टवेयर का नहीं। उम्र भी 52+ की हो चुकी है, लिहाजा यह कोई सम्भावना भी नहीं है कि एक नये क्षेत्र में कुछ कर गुजरेंगे। पर यह जरूर है कि अगर आप ब्लॉगिंग कर रहे हैं और अपने ब्लॉग को फलता फूलता देखना चाहते हैं तो न केवल आपको अपने ब्लॉग का लेखन स्तर, उसकी विषय वस्तु, लेखन की आवृति, नियमितता, अपनी टिप्पणियों का स्प्रेड और उनकी गुणवत्ता पर ध्यान देना होगा, वरन आप किस प्रकार अपनी पोस्ट और अपना ब्लॉग परोस रहे हैं - उसके प्रति भी सजग रहना होगा।

कुछ सरल HTML प्रयोग:

ब्लिंक एण्ड ब्लश - स्टाइल से

गलोती गलती सुधार
सुप स्क्रिप्ट
स्क्रिप्ट

साइकल के हेण्डल पर फुरसतिया

और इस सजगता के लिये HTML की बेसिक जानकारी आनी ही चाहिये। शुरू-शुरू में यह नहीं आती। पर आपको अपना कुछ समय उसमें इनवेस्ट करना चाहिये। मैं यह मानकर चल रहा हूं कि आम हिन्दी ब्लॉगर अपना ब्लॉग प्रेजेण्टेशन सुधारने के लिये दमड़ी खर्च करने की और प्रोफेशनल सुविधा/सहायता लेने की नहीं सोच सकते। ऐसे में खुद ही थोड़ा बहुत "ऑपरेशन ब्लॉग चमको" चलाना होगा। आप यह मान लें कि थोड़े बहुत HTML से आपकी रचनात्मकता बढ़ जायेगी और ब्लॉग से खेलने में मन लगेगा। आप अपनी साइडबार को और अधिक उपयोगी बना सकेंगे।

मैने हिन्दी ब्लॉगजगत का विस्तृत परिभ्रमण नहीं किया है, अत: कह नहीं सकता कि कोई सज्जन अपने ब्लॉग पर हिन्दी मेँ सरल सुग्राह्य तरीके से HTML सिखा रहे हैं या नहीं। पर एक तकनीकी जानकार को इस दिशा में सर्वजन हिताय गम्भीर पहल अवश्य करनी चाहिये। और लोगों (मैं समाहित) को रस ले कर सीखना चाहिये।

इति तकनीकी प्रवचनार्थ पोस्ट! बाकी आप माने न मानें - हरि इच्छा!


22 comments:

  1. गुरुवर, पाटी-दवात और कलम लेकर बैठ गए हैं. अब शुरू हो जाइए. अवश्य सीखेंगे.

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  2. हम आप से सहमत हैं, http://sanchika.blogspot.com/ पर लवली कुमारी सिखा रही हैं, "हटमल" के गुर। हमने गंभीरता से तो नहीं पढा है उन्हें पर यह प्रोग्राम बनाया है कि 3 जून से सिविल कोर्ट का अवकाश होने पर एक साथ सीखेंगे उन की सारी पोस्टें खोल कर।

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  3. एच.टी.एम.एल. धांसू चीज है सिखना चाहिये और ऐसे ही हिला के रख देना चाहिये ऐसे आप फ़ुरसतिया को साइकिल के हैंडल पर बैठा के झुला दिये। :)

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  4. वो जो चार उदाहरण दिये हैं, वो समझाईये भी तो कि कैसे करना है हम तो बहुत बड़े पैदल हैं, आप तो जानते ही हैं. :) हमें क्या पता कि marquee क्या होती है. :)

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  5. सर, आप बिल्कुल सही कह रहे हैं, देर-सवेर जब यह काम सीखना पड़ना ही है तो शुरूआत अभी ही से क्यों न की जाये। पोस्ट में जिस तरह से सीधे-सीधे आपने सर अपनी बात कही बहुत अच्छा लगा...ऐसा लगा जैसा हमारा अपना ही कोई सीनियर हमें बेशकीमती टिप्स दे रहा है। धन्यवाद।
    अभी से तय कर लिया है कि आज से सीरीयस्ली एचटीएमएल सीखने में लगता हूं।

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  6. बड़ी उम्दा तकनीकी जानकारी अब आपने जतायी है तो एच.टी.एम्.एल. सीखना पड़ेगा फुरसतिया समय मे .

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  7. बिजियाए हुए हैं आजकल ।
    लेकिन कभी कभी झांक लेते हैं ।
    हम तो वैसे भी html के एकलव्‍य हैं ।
    सीख रहे हैं चुपचाप ।
    जरूरी भी है ।
    मन से टेक्‍नो हैं । और कलाकार तो हैयईहैं ।

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  8. मैं भी 'ह्त्म्ल' निरक्षर हूँ -क्या है इसका फुल फॉर्म ?

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  9. क्यों सीखें HTML?
    पहले ही आप बहुत परेशान किये हैं, नयी नयीं चीजें सीख के चिट्ठे पर डाल देते हैं :-)

    न कतई न सीखेंगे HTML....
    भाड में जाये नयी तकनीक, हम तो पुरानी से ही काम चलायेंगे ...:-)

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  10. वाकई ज्यादा नही तो थोड़ा बहुत ज्ञान ही पर्याप्त है ब्लॉग के बेहतर प्रस्तुतीकरण के लिए.
    वैसे दिनेश जी का "हटमल" शब्द संभाल कर रखें आगे काम आयेगा :D

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  11. बिल्‍कुल सीखेंगे जी.

    आप क्‍लास तो लगवाईये :)

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  12. अगर आपलोगों को अंग्रेजी से परहेज नहीं है तो इस लिंक पर जायें.. मुझे इससे अच्छा दूसरा कोई साईट नहीं मिला है कुछ नयी भाषा सिखने का.. एच टी एम एल सिखने का पन्ना ये रहा..

    http://www.w3schools.com/html/default.asp

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  13. उजबक मै पहले से हूँ ,लवली कुमारी सीखा रही हैं पर हम हैं कि सीख ही नहीं रहे .. यहा तो और क्या सीखे हा साईकिल पर फुर्सतिया को देख कर हस रहे हैं...

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  14. html सीख लेनी चाहिए। पर इंडिया में क्या है कि बंदा वही सीखता है, जिसे सीखना एकैदम अनिवार्य हो या फिर जिसे सीखने से कुछ नाम दाम काम राम वगैरह मिलता हो।
    कोई मुझे बता रहा था कि अमेरिका में अब कैप्सूल आ गये हैं। मतलब जो सीखना हो, उसका एक कैप्सूल खरीद लो गटक जाओ और वो सब दिमाग की हार्ड डिस्क में छप जायेगा। फिर काम शुरु। आप तो ये बताओ का एचटीएमएल का कैप्सूल कहां मिलता है। या आप ही बनाकर बांट दो।
    धंधा बढ़िया चल निकलेगा।

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  15. एकदम सहमत हूं आपकी इस पोस्ट से!!

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  16. shukriya ham jaise anpadho ke liye...bahut badhi jankari hai.

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  17. गुरुदेव, आप के इस html के फेर में मेरे ब्लॉग का साइड-कालम गायब ही हो गया। फोटू में कैप्शन चेंपने के चक्कर में इतना इधर-उधर कर दिया हूँ कि page element की सेटिंग ही गड़बड़ा गयी लगती है। blog url से जाने पर मुखपृष्ठ में केवल अपनी पोस्ट दिख रही है। post title को क्लिक करने पर अन्य elements आ जा रहे हैं।
    इसका समाधान बता दीजिए तभी html सीखूंगा।

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  18. जी बिल्कुल सीखने को तैयार है।

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  19. HTML में थोडी भी रूचि रखने वालों को हम डिक ओलिवर (dick oliver) की 'HTML in 24 Hours' बुक पढने की सलाह देंगे. किसी भी टेक्नीकल विषय पर इससे ज्यादा सरस, सरल और रोचक अंदाज में लिखी गई किताब हमने नहीं देखी. लेखक ने हमें इतना ज्यादा प्रभावित किया कि इनकी और विषयों पर लिखी गयी किताबें (भले उन विषयों में रूचि नहीं है) ढूंढते फिरे. नहीं पा सके तो निराश हुए.

    एक से एक मजेदार उदाहरणों की सहायता से सभी कुछ बड़ी आसानी से सिखाती चली जाती है ये किताब. काश सभी तकनीकी किताबें ऐसे ही लिखी जातीं.

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  20. very apt advice...you have given another goal for coming year( ji my year is academic year-begins in june and ends in may)By the way why do you say at 52 you can't learn new things? At 52 I have just become free to live life and going to live to the hilt( whatever is left of it)

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  21. HTML में थोडी भी रूचि रखने वालों को हम डिक ओलिवर (dick oliver) की 'HTML in 24 Hours' बुक पढने की सलाह देंगे. किसी भी टेक्नीकल विषय पर इससे ज्यादा सरस, सरल और रोचक अंदाज में लिखी गई किताब हमने नहीं देखी. लेखक ने हमें इतना ज्यादा प्रभावित किया कि इनकी और विषयों पर लिखी गयी किताबें (भले उन विषयों में रूचि नहीं है) ढूंढते फिरे. नहीं पा सके तो निराश हुए.

    एक से एक मजेदार उदाहरणों की सहायता से सभी कुछ बड़ी आसानी से सिखाती चली जाती है ये किताब. काश सभी तकनीकी किताबें ऐसे ही लिखी जातीं.

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  22. html सीख लेनी चाहिए। पर इंडिया में क्या है कि बंदा वही सीखता है, जिसे सीखना एकैदम अनिवार्य हो या फिर जिसे सीखने से कुछ नाम दाम काम राम वगैरह मिलता हो।
    कोई मुझे बता रहा था कि अमेरिका में अब कैप्सूल आ गये हैं। मतलब जो सीखना हो, उसका एक कैप्सूल खरीद लो गटक जाओ और वो सब दिमाग की हार्ड डिस्क में छप जायेगा। फिर काम शुरु। आप तो ये बताओ का एचटीएमएल का कैप्सूल कहां मिलता है। या आप ही बनाकर बांट दो।
    धंधा बढ़िया चल निकलेगा।

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--- सादर, ज्ञानदत्त पाण्डेय