शिवकुमार मिश्र, दुर्योधन की डायरी के पच्चीस-छब्बीस पन्ने छाप चुके हैं। दुर्योधन ने अब तक इस पर एतराज नहीं किया, सो मान सकते हैं कि उनकी सहमति है। अन्यथा यह सहस्त्राब्दियों का सबसे बड़ा लीक होता!
यह बहुत लोकप्रिय लीक क्यों है? सभी कलाकार राजनेताओं के लिये दुर्योधन से बड़ा आइकॉन कौन हो सकता है? रावण में वह पोलिटिकल चातुर्य नहीं दीखता। बर्बरता दीखती है – सीतामाता के साथ अन्याय करते हुये। दुर्योधन का सोफिस्टिकेटेड काइंयापन कहां मिलेगा!
शिवकुमार मिश्र के पास जबरदस्त दस्तावेज हैं और वे सारे के सारे लीक नहीं कर रहे हैं। पता नहीं जन दबाव क्यों नहीं पड़ता कि वे सारे के सारे एक साथ लीक कर दें।
मैं वही दबाव डालना चाहता हूं।
शायद दुर्योधन नेट फ़्रेन्डली नही है . होता तो अब तक सुप्रीम कोर्ट से स्टे ले लेता .
ReplyDeleteशिव भाई के पास दुर्योधन संबंधी बहुत सारा लीकेबल मटेरियल है. लेकिन उन्हें अन्य असाइन्मेंट भी तो देखने होते हैं, रतीराम जी, हलकान विद्रोही जी, नरोत्तम कालसखा जी इत्यादि विभूतियों के वचन, कर्म का विवरण भी तो पाठक हित में जारी करना जरूरी है. उनकी व्यस्तता समझी जा सकती है.
ReplyDeleteएक साथ लीक कर देने से हमारी उत्सुकता जाती रहेगी इसलिए हम दवाब नहीं डालना चाहते। बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
ReplyDeleteफ़ुरसत में आचार्य जानकीवल्लभ शास्त्री के साथ
दुर्योधन तो युगों का सबसे बड़ा खलनायक है, रावण तो कुछ नहीं है उसके सामने। उसके लीक महत्वपूर्ण हैं। सीखने वाले सीख भी रहे हैं, अब सब एक साथ नहीं सीखा जा सकता है।
ReplyDeleteमुझे पता चला है कि डायरी इन्क्रिप्टेड प्रारूप में है। एनकोडेड। इसे डी-कोड करने का फॉर्मूला तो शिव जी जानते हैं लेकिन टेक्स्ट मैटर एक साजिश के तहत हमारे नेताओं नौकरशाहों और व्यापारियों के कब्जे में चला गया है। अब बड़ी चतुराई से उनकी चाल-चलन से भाँपकर ही उनके द्वारा छिपायी गयी डायरी को डी-कोड करना पड़ता है।
ReplyDeleteयह टेढ़ा काम टैम मांगता है सर जी।:)
मैं तो उस दिन की सोच रहा हूँ जिस दिन दुर्योधन और हलकान विद्रोही दोनों आमने सामने एक दुसरे से मिलेंगे :)
ReplyDeleteसंभवत: हलकान जी इस बात से हलकान होंगे कि दुर्योधन शिव जी से रॉयल्टी क्यों नहीं वसूलता इन सारे लीकेजेस के :)
'लीक' का मतलब ही होता है हलके-हलके निकालना.. एक बार सारा माल ठेल देंगे तो वो लीक कहाँ ररहा ;)
ReplyDeleteइस मांग का हम अनुमोदन करते हैं...
ReplyDeleteपूरा नहीं भी तो आधे पन्ने तो प्रकाश में आने ही चाहिए..
यूँ भी आज के राजनेताओं का सच तो सी बी आई खा पचा जाती है,सो हम किसी जनम में उसतक नहीं पहुचं सकते..कम से कम दुर्योधन जी का सच जान तो तसल्ली करें..
ReplyDeleteदुर्योधन को शायद अभी तक शिव भाई का पता नहीं मिला है और न इनके कामों की भनक ....नहीं तो शिव जी किसी गुफा में छिपे पाए होते और आप पूंछ रहे होते कि अब क्या करें ...??
:-)
न जी एक साथ लीक नहीं करना... मजा किरकिरा हो जाएगा...
ReplyDeleteअजी आज हम ने सपने मे देखा कि यह दुर्योधन एक मोटी सी गदा लिये आप का नाम ले कर आप को ढुढं रहा था, आखिर मामला कया हे? शायद वो गदा आप को इनाम मे देना चाहता हे, लेकिन था गुस्से मे:)
ReplyDelete@@शिवकुमार मिश्र के पास जबरदस्त दस्तावेज हैं और वे सारे के सारे लीक नहीं कर रहे हैं। पता नहीं जन दबाव क्यों नहीं पड़ता कि वे सारे के सारे एक साथ लीक कर दें।
ReplyDeleteमैं वही दबाव डालना चाहता हूं.........
और मैं इन्तजार करता हूँ.
`यह सहस्त्राब्दियों का सबसे बड़ा लीक होता!'
ReplyDeleteबेचारा असांजे शरमा रहा होगा अपने विकी-[वीक]लीक्स के लिए :)
फिलहाल ये दस्तावेज मेरे लिए नए हैं !
ReplyDeleteखलनायक की डायरी अपने आप में एक नया फंडा लग रहा है !
पहुंचता हूँ यथाशक्य ! औत्सुक्य भी है इसके प्रति !
धीरू की टिप्पणी सबसे अधिक सटीक लगी.
ReplyDeleteमुझे ऐसा लगता है कि दुर्योधन की डायरी के कई सारे पेज एक बार में लीक कर देने चाहिए. मैं एडिट कर रहा हूँ. कोशिश यह है कि उसे पुस्तक का रूप दिया जा सके.
ReplyDeleteकाम कठिन तो है लेकिन कोशिश तो की ही जानी चाहिए.
दुर्योधन को कुम्भकर्ण का दुर्गुण लग गया है.
ReplyDeleteएक साथ लीक कर देने से हमारी उत्सुकता जाती रहेगी इसलिए हम दवाब नहीं डालना चाहते। बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
ReplyDeleteफ़ुरसत में आचार्य जानकीवल्लभ शास्त्री के साथ
शिव भाई के पास दुर्योधन संबंधी बहुत सारा लीकेबल मटेरियल है. लेकिन उन्हें अन्य असाइन्मेंट भी तो देखने होते हैं, रतीराम जी, हलकान विद्रोही जी, नरोत्तम कालसखा जी इत्यादि विभूतियों के वचन, कर्म का विवरण भी तो पाठक हित में जारी करना जरूरी है. उनकी व्यस्तता समझी जा सकती है.
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