
- सारा एफ्लुएन्ट सीधी नाली में बहा कर गंगा के प्रदूषण में अपना इन्क्रीमेंटल योगदान किया जाये.
नगर पालिका के लोगों को बुला कर हर २-३ महीने बाद सारा टेंक साफ कराया जाये. अगर जलीय डिस्चार्ज का लेवल नाली के स्तर से ऊपर होता तो यह काम २-३ वर्षों मे कराना पड़ता. इस विकल्प में नगरपालिका कर्मियों की अक्षमता को साल में ४-६ बार झेलना और उनकी फीस पर ४-६ हजार का सालाना खर्च निहित है.- जलीय एफ्लुएन्ट को हर महीने एक पम्प से निकाल कर नाली में बहा दिया जाये. इस विकल्प में एक बिजली या पैर से चलने वाला पम्प व एक अच्छे फिल्टर की आवश्यकता होगी. बाकी काम खुद किया जा सकता है.
निश्चय ही, तीसरा विकल्प सस्ता व उपयुक्त लगता है. इतना सोचने के बाद मुझे ऑनलाइन/ऑफलाइन मित्रों के सुझावों की दरकार है. कृपया सुझायें कि २००-३०० लीटर जलीय डिस्चार्ज के लिये कौन सा पम्प और इस काम के लिये कैसा फिल्टर उपयुक्त होगा. वह कहां से मिल सकता है?
(चित्र में एक चेम्बर का सेप्टिक टैंक है. चित्र में दर्शाया "Outlet to absorption field" का लेवल नगरपालिका की नाली के लेवल से नीचा है.)
अत्यन्त व्यावहारिक समस्या उठायी है आप्ने!
ReplyDeleteलेकिन मै इसका समाधान सुझाने में अपने को असमर्थ पा रहा हूँ।
मुझे समाधान मिल गया. एक ०.५ हार्स पावर का पम्प, दो लेयर की सामान्य प्लास्टिक की जाली नुमा फिल्टर और थोडा़ सा जुगाड़ टाइप पाइप का अरेन्जमेण्ट; बस. सिस्टम बढि़या काम कर रहा है.
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