Monday, September 14, 2009

बन्दर पांडे


Monkey बन्दर पांडे भटक कर आ गये हैं। इकल्ले। भोजन छीन कर खाते हैं – सो बच्चों को बनाते हैं सॉफ्ट टार्गेट। पड़ोस के शुक्ला जी के किरायेदार के लड़के और लड़की को छीना-झपटी में काट चुके हैं। बिचारे किरायेदार जी इस चक्कर में ड्यूटी पर न जा सके।

हनुमानजी के आईकॉन हैं बन्दर पांडे – इसलिये कोई मार डालने का पाप नहीं ले सकता। हमारे घर को उन्होने अपने दफ्तर का एनेक्सी बना लिया है। लिहाजा एक छड़ी और एक लोहे की रॉड ढूंढ़ निकाली गयी है उन्हे डराने को। देखें कब तक रहते हैं यहां!

Monkey1 नगरपालिका के बोंदा जैसे कर्मचारी आये थे इन्हें पकड़ने। उनके आने पर ये सटक लिये रमबगिया में। संकल्पशून्य कर्मियों के भाग्य में तो बन्दर पांडे नहीं लिखे हैं। दिवाली पर अपने निठल्लेपन से बोनस भले झटक लें वो!

आज सवेरे सैर पर जाते देखा कि वे सो रहे थे हमारे घर की पेरापेट पर। कैमरे के शटर की आवाज से जग गये। दिन में फिर हांव हांव मचेगी उनकी गतिविधियों को ले कर।Monkey2

बन्दर पांडे को भरतलाल दूध डबलरोटी दे देता है। पड़ोसी बहुत नाराज हैं कि इस हिसाब से तो यह कभी जायेगा ही नहीं।

मेरे पास एक प्लान है बन्दर पांडे को भगाने का। उन्हें डायजापाम की दो गोलियां डाल केला खाने को दे दिया जाये और जब वे खा कर बेहोश हो जायें तो एक नाव किराये पर ले गंगा उस पार छोड़ आया जाये। पर मुझे यह मालुम है कि यह तकनीक चलेगी नहीं। ऑफ्टर आल हम केवल आईडिया ठेलक हैं, इम्प्लीमेण्टर नही! :-)       


सितम्बर’१५, सवेरे -
बन्दर पांड़े कल से चले गये। लोग पठाखे फोड़ उन्हे भगाने का यत्न कर रहे थे। किसी ने पत्थर भी मारा था। अब वे दिख नहीं रहे हैं। भरतलाल उदास है और हम भी। लगभग सप्ताह भर रहे बन्दर पांड़े यहां।
गोलू पांड़े का भी घर में रहने का मन नहीं है। घर की चीजों को फाड़ना-चबाना तो ठीक था। पर वे बाहर घुमाने पर भी घर में इधर उधर निपटान करने लग गये थे। मौका पा कर निकल भागते थे। उनकी प्रवृत्ति देख उन्हे चार दिन पहले छोड़ दिया गया था। अब वे समय पर घर आ कर भोजन कर जाते हैं। लेकिन स्वच्छन्द रहना उन्हे अधिक भा रहा है। कौन रहना चाहता है बन्धन और अनुशासन में?
मुझे दिवंगत पुराना गोलू याद आता है, जो दफ्तर से आने पर पुत्रवत पास रहना चाहता था और स्नेह न करने पर अपना विरोध भी दर्ज करता था!

47 comments:

  1. बंदर तो दिख रहा है, पर पांडे नज़र नहीं आये एक भी फोटू में.

    राम राम !

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  2. जब आईडिया आया है तो कोशिश करने में कोई बुराई नहीं. शायद आईडिया हिट हो जाये. ऐसा सोचते होते तो न जाने कितनी पोस्ट तो चढ़ा ही नहीं पाते. आखिर रिस्क लेने के फायदे तो हुए ही हैं.

    आज भी रिस्क लिए ही हैं. फायदा भी होगा ही..निश्चिंत रहिये.

    वैसे बन्दर पाण्डॆ इतने क्यूट लग रहे हैं कि भरतलाल की गल्ति बहुत ज्यादा दिखती नहीं है. कोई भी बेचारे को दूध ब्रेड देकर पुण्य लूट लेगा. संकट मोचन तक जाने का पेट्रोल और बचा.

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  3. आज क्या गजब किये हैं ..सुबह सुबह खाली पेट इनका नाम बुलवाए हैं ..
    " प्रात लेई जो नाम हमारा
    ते दिन ताहि ना मिले अहारा "
    आगे अब भगवान् ही रखवाला ..!!

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  4. जब बन्दर पांडे को भरतलाल दूध डबलरोटी दे रहे है तो वे क्यों जाए ?

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  5. आफ्टर आल बंदर भी पांडे है तो दूध ब्रेड का हक़दार तो है ही . हमारे यहाँ तो बंदर रिजेर्वेशन वाले है सरकारी इमदाद की आस में ही रहते है जो आजकल मूर्तियों में खप रही है

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  6. आईडिया तो ठेल दिये हैं अब किसी से इम्पलीमेण्ट भी करवा लीजिये, नहीं तो इनको परमानेण्ट ठिकाना दे दीजिये, आपकी लोहे की रॉड से ये डरने वालों में नहीं है।

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  7. इतने अच्छे तो लग रहे हैं पांडे जी, काहे इनको भगाने के चक्कर में हैं ? लिव एंड लेट लिव में विश्वास नहीं करते क्या ??

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  8. "ऑफ्टर आल हम केवल आईडिया ठेलक हैं, इम्प्लीमेण्टर नही! :-) "

    यहाँ स्माइली का क्या काम ? इसमें क्या इठलाना । आज हिन्दी दिवस है । आज सभी आईडिया ठेलक उतिरा जायेंगे । उभ-चुभ होकर आईडिया ठेलेंगे । आप अकेले थोड़े ही हैं ।

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  9. हनुमानजी के आईकॉन हैं बन्दर पांडे
    ये आईकान की अच्छी याद दिलाई आप ने -अभी अभी यहाँ भी आयिकानों की चर्चा चल रही थी -आईडिया आप ही मूर्त करो ज्ञान जी रोज रोज तो गंगा माई तक जा ही रहे हैं !

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  10. सिर्फ प्लान और आईडिया :-)
    आपसे यह उम्मीद नहीं थी!

    बी एस पाबला

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  11. बंदरों की बात कर ही रहे हैं .. तो मैं भी दस वर्ष पूर्व का एक किस्‍सा जोड ही दूं .. पहले पहल चास के जिस मकान में रहना हुआ था .. उसमें बिना ग्रिलवाली खिडकियां थी .. एक दिन घर में अकेले सब्‍जी काट रही थी .. अचानक नजर उठाने पर सामने एक बंदर .. मेरे तो होश गुम .. पर वो बेचारा सीधा सादा बंदर था .. टोकरी में खास आर्डर कर मंगवाए गए बडे बडे नैनीताल आलू पडे थे .. दोनो हाथों में दो आलू उठाकर वह चलता बना .. तब जाकर मेरी जान में जान आयी !!

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  12. ई-मेल से प्राप्त टिप्पणी -

    आदरणीय पाण्डेय जी ,
    आपका ब्लॉग सब स्क्रिबे कर लिया है सो नई पोस्ट तुंरत मिल जाती है /धन्यवाद अपनी माटी से हमें जोड़े रखने के लिए /
    कभी धर्मयुग मे पूज्य जगदीश गुप्त जी के ऐसे ही आलेख धर्मयुग मे छपते थे उनके स्केच के साथ /आप कैमरा प्रयुक्त करते हैं यही फर्क है /
    आप को हार्दिक साधुवाद /बहुत दिनों से सोच रहा था आज लिख पाया तो संतुष्टि मिली /
    सादर ,
    डॉ.भूपेन्द्र ,रीवा
    Dr.bhoopendra
    Rewa M.P

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  13. हम पीछे रह गये और वाणी गीत जी बाजी मार ले गईं

    प्रात नाम जो लेइ हमारा। ता दिन ताहि न मिलै अहारा॥

    हमारे रायपुर में तो बन्दर पांडे बहुत कम ही पधारते हैं इसलिए आप ही उनसे हमारी नमस्ते कह दीजियेगा।

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  14. बन्दर पांडे जी को पकड़ने के लिए कोई ब्रह्मास्त्र चाहें तो वे उन का मान रख सकते हैं। वाल्मिकी के आश्रम वासी किसी लव-कुश को भी आजमाया जा सकता है। नगरपालिका के कर्मचारियों के तो वे कतई बस के नहीं। वैसे भी अब क्यों छोड़ जाएँ? पाण्डे जी जो हो गए हैं।

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  15. एक नाव किराये पर ले गंगा उस पार छोड़ आया जाये। पर मुझे यह मालुम है कि यह तकनीक चलेगी नहीं। ....

    sahi kaha sir nahi chalegi,balki isse to 'Bandar-Sah' ka 'prolifiration' ho jaiyega aur.....

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  16. बहुत बढ़िया लिखा है आपने! बड़ा अच्छा लगा पढ़कर !

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  17. @विवेक सिंह, पांडे जी कैमरे के पीछे थे।

    जब सब जुगाड़ फ़ेल हो जायें तो समीरलाल जी की कविता सुनाइयेगा पाडकास्ट वाली। देखियेगा। बन्दर केवल आपकी इस वाली पोस्ट में रहेगा केवल!

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  18. एक बार घर के आसपास बन्दर ने डेरा डाला. रोज सुबह हमारी खिड़की को गंदा करता. मजबूर थे. फिर चार-पाँच दिन महेमान गति भोग कहीं चला गया. तो ये वाले भी खिसक लेंगे. धैर्य बानाए रखें :)

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  19. गोलू के रहते यह सब हो रहा है!! घोर आश्चर्य!!!


    यह बन्दर भटका हुआ लगता है। या हो सकता है नयी जगह की तलाश मे आया हो और कुछ समय मे अपने पूरे कुनबे को बुला ले। हमारे छत्तीसगढ मे हाथी ऐसा ही करते है। पहले एक हाथी अकेले गाँव-जंगल घूमता है और फिर उपयुक्त स्थान मिलने पर पूरे दल को ले आता है।

    यदि सचमुच मुक्ति चाहते है तो पहले बन्दर नही बल्कि भरतलाल के साथ गोलियो वाला प्रयोग करे। ;)

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  20. सर जी,
    हनुमान जी के आईकान बन्दर पांडे को कुछ उल्टा सुलटा न खिलाये क्योकि आप पशु पक्षी प्रेमी है और धार्मिक भी है . आपकी पोस्टो के प्रिय पात्र कभी गोलू पांडे तो बन्दर पांडे रहे है . ये भी आपके खासे मित्र बन सकते है रोज ब्रेड और बिस्कुट खिलवाये फिर तो मोहल्ले वाले नजर उठा कर देखने की जुर्नत न कर सकेंगे .

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  21. धू ...का पांडे जी...ई से बढिया आईडिया लिजीये....एक दम आजमाया हुआ है.....बंदर पांडे जी को ..आधा किलो जलेबी में....भांग डाल के नाशता करवाईये...एक दम शर्त लगा के कह रहे हैं....कि सोमवार से लेकर हनुमान जी के मंगलवार तक ..अईसन भजन कीर्तन करेंगे...कि बस पूछिये मत...ई डाएजेपाम तो बाम समझ के खा लगा जायेंगे...

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  22. अरे अगर एक ही है तो फ़िर डरने की कोई बात नही, बस इसे सब्डराये नही, ओर सब इसे कुछ ना कुछ खाने को देते रहे, फ़िर देखिये यह सब का दोस्त बन जायेगा, इसे बस खाने को चाहिये, इसे भी हमारी तरह भुख लगती है, जब इसे खाने को मिलेगा, ओर सब से प्यार मिलेगा तो इस मै आप सब का लाभ ही है, क्योकि इस के बाद यह ओर किसी दुसरे बंदर को नही आने देगा, अरे मुफ़र मै सलाह ओर मुफ़त मै एक चोकी दार मिल रहा है, इसे भगाओ मत, इस का पेट भी कितना बडा है बस इसे पेट भर मिलता रहे, वेसे पसंद ना हो तो इसे ताऊ के जहां भेज दो उसे इन से बहुत प्यार है, ओर उस का बंदर भाग भी गया है कही यह वो ही ना हो

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  23. जमाये रहियेजी। बंदर पांडे जमेंगे नहीं। कुछ दिनों बाद उन्हे परिवार की याद सतायेगी। मिसेज बंदरिया की याद में यहां से निकलेंगे। धांसू पोस्ट।

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  24. "नगरपालिका के बोंदा जैसे कर्मचारी आये थे इन्हें पकड़ने........."
    अरे पांडेय जी, पकडिये इन्हें... यही तो हैं वो...
    आइडिया इम्प्लिमेंटर:)

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  25. आईडिया ठेलक हैं, इम्प्लीमेण्टर नही!
    आई लाईकड दिस ओनेस्ट स्टेटमेंट :)

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  26. बेचारा जानवर, भटक कर आदमियों से खचाखच भरे जंगल में आ गया है,उसे मालूम नहीं कि आदमी आदमी का तो बस्ती में रहना बर्दास्त ही नहीं कर पाता फिर इन जंतुओं को कैसे बर्दास्त करे...

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  27. ये ज्यादा समय एक जगह टिकते नही हैं, शायद भटक कर आगया है. इनके संगी साथी आते ही होंगे इन्हे ढूंढते हुये..तब तक भरतलालजी को हनुमान सेवा का पुण्य लेने दिया जाये.

    जय बजरंगबली.

    रामराम.

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  28. हनुमानजी के आईकॉन हैं बन्दर पांडे – इसलिये कोई मार डालने का पाप नहीं ले सकता।
    लिहाजा एक छड़ी और एक लोहे की रॉड ढूंढ़ निकाली गयी है उन्हे डराने को।

    अरे भाई हनुमान जी के आइकन से निपटने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ पढिये न

    छड़ी और एक लोहे की रॉड क्या करेगी उनका, गलती से उनके हाथ लग गई तो जिससे एपी जिस ढंग से अब तक डरा रहे हैं, वो तो उसी से बजा भी देगें भाई...............
    ये हमारा भी आईडिया ही है,
    ऑफ्टर आल हम भी केवल आईडिया ठेलक हैं, इम्प्लीमेण्टर नही

    बजरंगबली आपकी रक्षा करें
    सब मिल बोलो " बजरंगबली की जय"

    चन्द्र मोहन गुप्त
    जयपुर
    www.cmgupta.blogspot.com

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  29. हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ.

    कृप्या अपने किसी मित्र या परिवार के सदस्य का एक नया हिन्दी चिट्ठा शुरू करवा कर इस दिवस विशेष पर हिन्दी के प्रचार एवं प्रसार का संकल्प लिजिये.

    जय हिन्दी!

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  30. बंदर अकेले नहीं रहते हैं । जो अकेले रह लेते हैं वह सिद्ध होते हैं और शान्त रहते हैं । ये महाशय युवा और उत्पाती हैं । छीना झपटी व्यग्रता के चिन्ह हैं और जल्दी ही ये अपने घर लौट जायेंगे । आत्मीयता न बढ़ायें ।

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  31. गोलू पांडे कहां हैं? पिछली बार आये तो कुछ पढ़ रहे थे. अब क्या कर रहे हैं?

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  32. बंदरों की शैतानी सालो तक़ झेली है हम लोगो ने।घर के पीछे की दादाबाड़ी के पेड़ो पर रहने वाले बंदर आये दिन घर के आसपास उत्पात मचाया करते थे,जब दादाबाड़ी के पेड़ कटे तब जाकर मुक्ति मिली थी।

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  33. Bander Pandey humare yahan bhee aaye the pichale sal garmeeyon men Fridge ka darwaja khol kar baith gaye jee kya nikalen apne liye ? Fir ek kursee lekar zapatna pada unpar tab bhage aur itane men ghar ka jo hal hua wo to bas kalpana kar len.

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  34. चलिए हम डोस बता देते है, 10mg/kg.
    अब बन्दर का वजन आप खुद से कर लेंगे इतना हमें विश्वास है :).
    वैसे अगर आप भारत लाल को समझा सके की बन्दर को पका हुआ खाना न दे तो, बन्दर और इंसान दोनों के लिए लाभदायक है, ब्रेड से बन्दर का स्वस्थ्य ख़राब होगा इसको जानने के लिए कोई रॉकेट साइंटिस्ट होने की जरुरत नहीं है, और अगर आस पास खाने का कोई सामन नहीं मिले तो बंदर क्या इंसान भी भाग सकता है, नहीं तो बिना हाथ पैर हिलाए हुए मिलाने वाला हर भोजन सब जीवो को प्रिय ही होता है, और इस खातिरदारी को छोड़ कर बन्दर तो जाने से रहा.

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  35. Its been ages since I saw such a Monkey ...i agree with Sameer bhai
    He does look cute !! ;)

    I used to see them @ Baroda when I visited my Masee Ba's home ...

    Aah ...memories !!

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  36. पर्यावरणीय असन्तुलन जिम्मेदार है इसके लिये । पाण्डे जी का शहर की ओर भागना स्वाभाविक है ।

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  37. कार्तिक मास का आगम है। गोलू पाण्डे को बाहर भ्रमण करने दें। बाद में थोड़ी दवा दारू . . ;)

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  38. हनुमान जी नहीं आ पाए तो दूत भेजना पङता है | वैसे भी हनुमानजी को कितनो भक्तों को निपटाना पड़ता होगा कलियुग में भक्तों की मांगों की लम्बी लिस्ट | पर चलिए दूत भेजा|

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  39. इन दिनों हमारे घर की बालकनी में बिल्ली'स्वीटी व्यास' आ रही है. बन्दर पांडे को तो लोगों ने भगा दिया, देर सबेर स्वीटी को भी उसी रास्ते भगाना पड़ेगा. क्या कीजियेगा,इनके पर्यावास पर तो हमने कब्ज़ा कर लिया है फिर मालिक बन इन्हीं को भगाने की जुगत में रहते है....

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  40. उम्मीद करनी चाहिए की गंगा पार इस ब्लाग को कोई नहीं पढ़ता होगा या फिर इस पार ब्लाग पढ़ कर उस पार रहने ना जाता होगा.

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  41. देखा! बन्दर पांडे भांप गए आपकी दुविधा को, और खुद ही निकल लिए आपको दवाई और नाव के झंझट से बचाकर.

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  42. आपने तो हमे स्व. माता जी और नाना जी की याद दिला दी । माँ कहती थी कि "तुम्हारे नाना जब फैज़ाबाद में दरोगा थे तब इसी तरह घर में बन्दर आया करते थे जिनसे बचने के लिये चारों ओर जालियाँ लगानी पड़ती थीं वरना वे तो रसोई से पका पकाया खाना तक उठा ले जाते "

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  43. अंसोहाते न भगा दिए आप बन्दर पांडे को! बताइए, हमहूं उदास हो गए. उनको ख़ाली दू ठो रोटी आ कुछ साग-पात-फल-फूल मिल जाता त ऊ कहू को कुछ नहीं कहते. सही में सीधे जीव होते हैं बन्दर पांडे.

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  44. गोलू पांड़े आवारा हुए जाते हैं, जानकर कुछ अच्छा नहीं लगा. खैर, उम्र का जोर है. बाद में शायद सुधर जाएं.

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  45. आप आईडिया ठेलक के साथ इंप्लीमेन्टर भी बनिए, ब्लॉग का भी लाभ होगा ना इससे। आईडिया आता है तो आप ब्लॉग पर ठेल देते हैं, पढ़ने को मसाला मिलता है और आपको लिखने का। अब यदि उस आईडिये को इंप्लीमेन्ट भी करेंगे तो फिर उस इंप्लीमेन्टेशन का अनुभव आपको पुनः लिखने का मसाला देगा और हमको पढ़ने का। यानि एक चीज़ में डबल फायदा - बोले तो आम के आम गुठलियों के दाम! :D

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--- सादर, ज्ञानदत्त पाण्डेय