Sunday, October 28, 2007

उत्तर प्रदेश में बिजली हड़ताल जो नहीं हुई


जान सांसत में थी उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति की हड़ताल की धमकी पर। घर और दफ्तर - दोनो फ्रण्ट पर।

अपनी अम्मा को जब मैने कहा था कि हड़ताल होगी और शायद पानी न आये नल में। बिजली नहीं आये तो बोरवेल से पानी भी न निकाला जा सके। यह जान कर उन्होने कण्टिंजेंसी प्लान बना लिया था बालटी-भगोने तक पानी से भर रखने का। पहले यह 24 अक्तूबर से होने जा रही थी। फिर 26 अक्तूबर हुआ।

सरकार ने एस्मा (Essential Services Maintenance Act) लगाने की धमकी दे दी थी - ऐसा खबरों में था।  

रेलवे के स्तर पर भी आपात योजना बन गयी। अगर ट्रैक्शन की बिजली गयी तो गाड़ियाँ चलेंगी या नहीं और चलेंगी तो कैसे - यह धुकधुकी बढ़ रही थी। हमारे पास तो रेल के पूर्व-पश्चिम तथा उत्तर-दक्षिण दोनो मेन रूट हैं रेल यातायात के। UPPCLऔर दोनो उत्तरप्रदेश से गुजरते हैं। नियंत्रण कक्ष में आपात ड्यूटी तय कर ली गयी थी। पर मामला सरक गया आगे। परसों शाम को पता चला कि हड़ताल फिलहाल तो नहीं है। चैन हुआ कि सप्ताहांत पर झमेला या ट्रेने रुकने का झाम तो नहीं होगा।

कल दोपहर इण्डियन एक्स्प्रेस की साइट पर खबर आयी कि कर्मचारियों ने हड़ताल वापस लेली है। आप चित्र देखें। मजे की बात यह है कि सरकार ने कोई भी कंशेसन नहीं दिया है। कम से कम प्रेस खबर से तो यही साफ होता है।»»

उल्टे प्रेस खबर में यह है कि अनपारा-सी यूनिट के लिये काम प्राइवेट कम्पनी लांको द्वारा कल प्रारम्भ किया जायेगा। यह प्रिंसीपल सचिव (गृह) ने कही है और प्रिंसीपल सचिव (ऊर्जा) तथा यूपीपीसीएल के चेयरमैन भी वहां थे।

ये लांको कौन कम्पनी है - मुझे ठीक से नहीं मालुम। आज ही नेट पर देखा! पर मुझे प्रसन्नता है कि 1000मेगावाट बिजली का अनपारा-सी सन्यंत्र बनने लगेगा। प्राइवेट सेक्टर बनायेगा तो नियत समय - सन 2011 में ऑपरेशनल होने की भी सम्भावना है। Lanco

««लांको इंफ्राटेक के नाम की इस कम्पनी के सम्भावित प्रॉजेक्ट्स में अनपारा-सी का नाम है। इस कम्पनी के शेयर पिछली जुलाई से ढ़ाई गुना बढ़े हैं। (चित्र बायीं तरफ देखें)। हमें ऐसी कम्पनी का पता कभी समय पर नहीं चलता! smile_regular   

पर उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति कैसे पीछे हटी? यह जानने का विषय है। मुझे दो बातें लगती हैं -

  1. उत्तरप्रदेश सरकार कड़ा रुख अपनाने में सक्षम है। और
  2. बिजली कर्मियों के साथ जन समर्थन का अभाव है।

पर यही कड़ाई सरकार बिजली चोरी रोकने के अभियान में इन्ही कर्मचारियों को लगाने में करे तो मजा है। तब शायद कर्मचारियों को असली कष्ट हो। लांको के प्रति विरोध तो (शायद) केवल प्रतीकात्मक है। और तभी हड़ताल की धमकी छितरा गयी।


मेरे एक मित्र ने कल शाम बताया कि पावर ग्रिड कार्पोरेशन के लोग उस समय भी तैनात थे किसी भी हड़ताल की आशंका के खिलाफ! कॉर्पोरेशन का लिखित आदेश उन तक नही‍ पंहुचा था।

मित्रों, कभी कभी मुझे भ्रम होता है कि मेरे पास नौकरी नहीं होती तो मैं पत्रकार बन सकता था! यह जो लिख रहा हूं उसका आधा तो खबर में ठेलने लायक है।


8 comments:

  1. आप पत्रकार बन सकते थे नहीं बन गये हैं. ब्लॉगर भी एक तरह का पत्रकार ही है.

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  2. हड़तालें आजकल बहुत कठिन मामला हो गया है। नौकरी पेशा लोगों का जीने का तरीका आराम्देह हो गया है। हड़ताल करने के लिये लोग बड़ी मुश्किल से जुटते हैं। इसीलिये शायद यह हुआ होगा। शासन की सख्ती भी पीछे रही होगी। पत्रकार तो आप हैं ही। शानदार और जानदार! धारदार भी जुड़ा है। :)

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  3. आप बाकायदा पत्रकार हैं, पर थोड़ी सी कमी बाकी है। इधर असली के पत्रकार बनने के कुछ और करना पड़ता है। बोले तो भूत मैनेजमेंट-नाग अरैंजमेंट, टाइप ना कर पायेंगे, तो फुल पत्रकार नहीं माने जायेंगे।
    दो चार पोस्ट रेलवे के भुतहा ट्रेकों पे लिखिये।
    नागों वागों के इंटरव्यू लीजिये। फिर किसी टीवी चैनल में बात करवायी जा सकती है।
    वैसे आप जितना लिख रहे हैं, उत्ता तो बड़के बड़के पत्रकार नहीं लिखते।

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  4. आप बड़े कामयाब पत्रकार होते....आगे इस पर विचार कर सकते हैं....यानी पत्रकार बनने पर ।

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  5. हमारे झारखं्ड मे तो आये दिन चक्का जाम होने का सिलसिला जारी रहता है। अब आज ही मरांडी परिवार के हादसे की वजह से हड्ताल है,खैर खुशी ये है की up वि द्युत समस्या का खात्मा ्सुनकर अब खुशी खुशी ्कानपुर जा सकूंगी । ज्ञान जी हालात से अवगत कराने का शुक्रिया ।

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  6. पत्रकारों वाला नज़रिया तो आपके लेखन से झलकता ही है!! बस ब्लॉग का नाम बदलना होगा "जी डी पी टाईम्स" कैसा रहेगा!!

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  7. यकीनन, पत्रकार ही नहीं, वरिष्ठ पत्रकार बनने की पूरी गुंजाइश है।

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  8. उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति की हड़ताल की धमकी पर हालात से अवगत कराने का शुक्रिया ।बहुत सुन्दर, नज़रिया सामयिक है।

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--- सादर, ज्ञानदत्त पाण्डेय