Friday, May 25, 2007

ब्रेन-इंजरी पर वेब साइट – आइये मित्रों !

मैने ब्रेन-इंजरी पर वेब साइट बनाने के लिये सहयोग मांगा था। आप में से बहुतों ने अपनी संवेदनायें और सहयोग की तत्परता व्यक्त की थी. तदुपरंत परिचर्चा में भी उस विषय पर कुछ विचार हुआ था पर बात अटक कर रह गयी थी अथॉरिटेटिव मैडीकल कन्टेन्ट के अभाव पर. सहयोग करने वाले सभी इंफर्मेशन तकनीक के जगत के थे या हिन्दी के मेरे जैसे जनरल फील्ड के. मैने यह भाव अपनी पिछले दिनों की पोस्ट में भी व्यक्त किये थे.
अब, मां सरस्वती ने प्रार्थना सुन ली है।
मैने ब्रेन इंजरी रिसोर्स सेंटर से अप्रेल के प्रारम्भ में सम्पर्क किया था। उसके मैनेजिंग डायरेक्टर श्री कॉंस्टेंस मिलर ने कुछ दिन पहले मुझसे मेरे क्रिडेंशियल्स पूछे। बतौर ब्लॉगर अपने लेखन और आप सबके सहयोग की बात मने उनसे कही. श्री कॉंस्टेंस मिलर ने आज मुझे ई-मेल कर अपनी वेब साइट के मैटीरियल को उदार (और मेरे द्वारा ही व्यक्त की गयी शर्तों पर) तरीके से प्रयोग करने की अनुमति प्रदान कर दी है. कृपया उनका ई-मेल देखें.
श्री कॉंस्टेंस मिलर, एम.डी., ब्रेन इंजरी रिसोर्स सेंटर का ई मेल:
Dear Gyandutt;
Thank you for contacting Brain Injury Resource Center concerning your translation of material from our web and posting it on a blog in India. As you stated you will translate the material in "Hindi only for the web site I propose to build for the benefit of Hindi population predominantly in India? I shall quote your source wherever I use it and will not claim any right on the material or translation."
I am agreeable to your proposal, as stated, concerning the use of said information.
Please credit Brain Injury Resource Center, http://www.headinjury.com/, as the source of this material
Again, thank you for contacting Brain Injury Resource Center, I
trust that you have been helped by the information provided. 206-621-8558
Sincerely,
Constance Miller , MA
Brain Injury Resource Center
PO Box 84151
Seattle WA 98124-5451
brain@headinjury.com

अब गेंद हम सब के पाले में है। इस विषय से जुड़ाव करते सभी मित्रगण; अगर हम ब्रेन इंजरी रिसोर्स सेंटर की वब साइट का पूअर क्लोन भी हिन्दी में बना पाये तो वह हिन्दी जगत की महती सेवा होगी. और हम सब के हिन्दी उत्साह को देख कर तो नहीं लगता कि हम पूअर क्लोन ही बना पायेंगें.
आवश्यकता अब है टीम बनाने की, एक्टीविटी आइडेण्टीफाई करने की और काम करने की। आप लोगों ने रामचरित मानस को नेट पर उपलब्ध कराया है. अब एक जमीनी, संवेदनात्मक और उपयोगी मसले पर काम करने का अवसर है.
हैलो; नितिन व्यास, मिर्ची सेठ, श्रीश, अनूप शुक्ल, नीरज रोहिल्ला, जीतेन्द्र चौधरी, आशीष श्रीवास्तव, शृजन शिल्पी, योगेश समदर्शी, महाशक्ति, राजीव, अमित और अन्य नये लोग ---- आप सुन रहे हैं न!

16 comments:

  1. मेरे लायक कोई काम हो तो बताइयेगा....

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  2. इसे आप कैसे करना चाहते है? आपके पास निम्न विकल्प हैं
    अ. अपना वेबस्पेस लेकर, अपना जूम्ला या अन्य कन्टेन्ट मैनेजमेन्ट से लेकर बनायें.

    ब. इसे वर्डस्पेस या ब्लोग्स्पाट पर बनायें.

    आप फैसला कर लीजिये. तकनीकी काम में लिये संजय -पंकज बैंगाणी महारथ रखते हैं.(थोड़ा हम भी हैं)
    कब से शुरू कर रहे हैं आप?

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  3. ज्ञानदत्त जी,
    मै तैयार हूँ
    बैबस्पेस भी मै दे सकता हूँ, डोमेन का नाम बताइए, आपके नाम से रजिस्टर करा देता हूँ। ग्राफिक्स, अनुवाद और थोड़ा तकनीकी लोगों की एक छोटी सी टीम बनानी पड़ेगी। अलग से इमेल करें, और सभी इच्छुक लोगों का एक ग्रुप बना दिया जाए। बाकी का डिसकशन वहीं पर कर लेते है।

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  4. हमारा हर तरह का सहयोग आपके साथ है। आप तय करें कि मुझसे क्या चाहते हैं। आपकी इस शुरुआती सफलता के लिये बधाई। सच है -जेहि पर जाकर सत्य सनेहू, मिलहि सो तेहि नहिं कछु सन्देहू।

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  5. पुकारा तो नहीं गया मगर इतने सुंदर प्रयास में कुछ योगदान कर पाऊँ तो मेरा सौभाग्य, बतआईयेगा जरुर.

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  6. पाण्डेय जी, मुद्दई सुस्त और गवाह चुस्त;
    शुभस्य शीघ्रम कीजिये. काकेश जी जीतेन्द्र जी और अनूप जी हैं तो फिर क्या सोचना ? बंशीवारे की जै बोलकर तुरन्त शुरू कर डालिये.

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  7. लीजिये हमारे लिखने के दौरान समीर भैय्या भी आगये!

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  8. बधाई व शुभकामनाएं।

    आदेश करें, जो कुछ संभव हो सके किया जाएगा!

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  9. प्रिय ज्ञान दत्त;
    हमारे वेब पर उपलब्ध सामग्री का अनुवाद कर भारत में एक ब्लॉग पर पोस्ट करने के संबंध में मस्तिष्क आघात संसाधन केन्द्र (Brain Injury Resource Center) से संपर्क करने के लिए धन्यवाद । जैसा कि आपने बताया कि “भारत के प्रभावी हिन्दी जन मानस की सुविधा के लिए, मेरे द्वारा निर्मित की जाने वाली प्रस्तावित वेब साइट पर सामग्री का हिन्दी में अनुवाद करूंगा। जहां आवश्यकता होगी, आपके स्त्रोत का मैं उल्लेख करूंगा और उस सामग्री या अनुवाद पर किसी भी प्रकार के अधिकार का दावा नही करूंगा ।”
    तथाकथित सूचनाओं के प्रयोग, जैसा कि कहा गया है, से संबंधित प्रस्ताव से मैं सहमत हूं ।
    इस सामग्री के स्त्रोत के लिए मस्तिष्क आघात संसाधन केन्द्र (Brain Injury Resource Center) http://www.headinjury.com/ को श्रेय दीजिए ।
    पुन:, मस्तिष्क आघात संसाधन केन्द्र से सम्पर्क करने के लिए धन्यवाद, मुझे विश्वास है कि दी गई सूचनाओं से आपको सहायता मिली होगी । 206-621-8558
    विश्वासपात्र,
    कॉन्सटैन्स मिलर, एम ए
    मस्तिष्क आघात संसाधन केन्द्र
    पी.ओ. बॉक्स 84151
    सीएटल डब्ल्यू ए 98124-5451
    ...................................
    आपको हमारी ओर से हार्दिक बधाई, हम सदैव आपके साथ हैं।

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  10. ज्ञानदत्तजी,

    अरे आधा काम तो हो गया; बस सब लोग जोर लगा के हईशा कहते हुये एक हुंकार भरेंगे तो बाकी काम भी समझो हो गया । मुझे बहुत खुशी होगी अगर मैं आपकी टीम में कोई योगदान दे पाया । किसी भी सेवा के लिये याद कीजियेगा ।

    साभार,
    नीरज

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  11. राम कार्य में गिलहरी की स्‍वयंसेवक हो सकती थी तो हम क्‍यों नही ? आप मेरे योग्‍य किसी भी सार्थक सामूहिक कार्य में मेरा सहयोग पायेगें।

    याद करने के लिये धन्‍यवाद

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  12. भाई मै तो ब्रेन इंजरी के कारण सवा साल तक अस्पताल मे ही था,तीन महीने कोमा मे मेरे से जॊ बन पडेगा करुगा,मेरे से ज्यादा दर्द कौन जानता होगा जो वापस आने के दिन से ही उधार की जिन्दगी जी रहा हो

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  13. पाण्डेय जी,
    अपनी सहमति और एक संक्षिप्त प्रस्ताव भी मैंने आपको प्रेषित कर दिया है।

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  14. ज्ञानदत्त जी आप सबसे पहला काम यह करें कि इच्छुक लोगों का एक गूगल ग्रुप (मेलिंग लिस्ट) बना लें, hi-BrainInjury@googlegroups.com आदि नाम से। बाकी सब डिस्कशन वहीं करते हैं। बाकी हिन्दी चिट्ठाकार परिवार की ओर से आपको हरसंभव सहायता मिलेगी।

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  15. बढ़िया। श्रीगणेश किया जाए....। मेरा यथा संभव सहयोग रहेगा।

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  16. ज्ञान जी
    आप 85% ठीक हो कर लौट आये जान कर खुशी हुई। मैं ने टिवटर पर शुभकामनाएं भे्जी थी पर शायद आप को मिली नहीं, और फ़िर बाद में मैं ने आप को डिस्टर्ब करना ठीक न समझा।

    आप की इस पोस्ट को अभी देख रही हूँ। टिप्पणीयां देख कर लगता है कि काम हो चुका होगा। प्लीज जानकारी दिजिएगा, पढ़ने में आनंद आयेगा। अगर पूरा नहीं हुआ है तो इस प्रोजेक्ट के साथ हम भी जुड़ना चाहेगें अगर आप की पर्मीशन हो तो

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--- सादर, ज्ञानदत्त पाण्डेय