“………. सीपीएम बलि का बकरा ढूढ़ रही है. मजे की बात है कि यह बलि का बकरा काँग्रेस मुहय्या करायेगी. सीबीआई की नन्दीग्राम मामले पर अंतरिम रपट बड़ी मासूमी से घटना में “बाहरी तत्वों का हाथ” बताती है.... इस बात के प्रमाण हैं कि सीबीआई को कुछ दंगाइयों को पकड़ने के लिये उत्प्रेरित किया जायेगा जिनपर 14 लोगों की हत्या का इलजाम लगाया जा सके. और भट्टाचारजी (जो 10 साल से पुलीस महकमा देख रहे हैं) को निशाने से बरी कर दिया जायेगा. एक मासूम सी सीबीआई रपट से कांग्रेस सीपीएम को फिग-लीफ प्रदान करेगी जिससे वह मामले में अपना इंवाल्वमेंट छिपा सके.”
”बदले में सीपीएम को मना लिया जायेगा कि वह् इंश्योरेंश और पेंशन आदि के आर्थिक सुधार के मुद्दों पर अपना रुख नरम रखे.....कुल मिला कर सभी पार्टियां अपने हाथों पर लगा खून बांट लेंगी और सब प्रसन्न हो कर घर जायेंगे.”
यानी नन्दीग्राम के 14 लोगों की शहादत का बेनीफिट आर्थिक सुधारों को मिलेगा – (शायद) जिसके खिलाफ नन्दीग्राम वाले आन्दोलन कर रहे थे!
“ये तो होना ही था” वाला गाना आप गा सकते हैं. शिवजी का नन्दी इस पर क्या कहेगा?
...नन्दीग्राम के 14 लोगों की शहादत का बेनीफिट आर्थिक सुधारों को मिलेगा –जिसके खिलाफ नन्दीग्राम वाले आन्दोलन कर रहे थे!
ReplyDelete...
इस पर कोई गाना नहीं गाया जा सकता. बस बेबसी पर रोया ही जा सकता है.
धुरविरोधी
अरे छोडि़ये धुर्विरोधीजी, आप हमसे भी ज्यादा सेन्टीमेंटल हैं.
ReplyDeleteदिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आये क्यों ?
ReplyDeleteरोयेंगे हम हज़ार बार, कोई हमें सताये क्यों ?