|| MERI MAANSIK HALCHAL ||
|| मेरी (ज्ञानदत्त पाण्डेय की) मानसिक हलचल ||
|| मन में बहुत कुछ चलता है ||
|| मन है तो मैं हूं ||
|| मेरे होने का दस्तावेजी प्रमाण बन रहा है यह ब्लॉग ||
Saturday, April 26, 2008
समाजवादी
एक समाजवादी - एक बेशर्म, निर्लज्ज, भंगार, कबाड़गृह, या इसी तरह के अनूठे नाम के ब्लॉग का सृजक और रेगुलर पोस्ट ठेलक।
दो समाजवादी - वीथिका, पगडण्डी, वातायन, गली, चौराहा जैसे नाम के ज्वाइण्ट ब्लॉग के सदस्य। उनमें एक ब्लॉग मॉडरेटर और दूसरा ब्लॉग एड्मिनिस्ट्रेटर। कोई दूसरे से कमतर नहीं।
तीन समाजवादी - एक अखिल भारतीय समत्वयुक्त जातिविरोधी महासंघ नामक राजनैतिक दल।
चार समाजवादी - दो राजनैतिक दल - 1. अखिल भारतीय समत्वयुक्त जातिविरोधी महासंघ (संगठित) और 2. अखिल भारतीय समत्वयुक्त जातिविरोधी महासंघ (असंगठित)।
पांच समाजवादी - अगले चुनाव के पहले गठित भारत का छठा मोर्चा!
उससे ज्यादा समाजवादी - आप बतायें?!
1. सभी समाजवादियों से अग्रिम क्षमायाचना सहित।
2. 400 वीं पोस्ट गिरते - पड़ते हो ही गयी!
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Do samajwaadi matlab do dal. Chunaw paschat dono ka ek morcha.Sarkar banae ke baad ek Pradhanmantri aur dusara sarkari neta vipachhidal.
ReplyDelete400 वीं पोस्ट में पंगा लेने के लिये बधाई. इसी तरह आगे बढ़ते रहें.
ReplyDeleteचार सौवीं पोस्ट की बधाई! २० और भी जल्दी ही होंगी। आशा है।
ReplyDelete@ अनूप शुक्ल - आप पहले अपनी इस पोस्ट की URL में संख्या देख लें। फिर हमारे 420 पोस्टों की कामना करें!:D
ReplyDeleteसमाजवादी-निम्न दस्तावेज में जनता को मूर्ख बनाने के लिए इस्तेमाल शब्द
ReplyDelete"भारत का संविधान
उद्देशिका (preamble)
हम, भारत के लोग भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए, तथा.........."
चार सौ वीं पोस्ट की बधाईयां ।
ReplyDeleteचार सौवीं पोस्ट में पंगा लेकर आप पक्के ब्लॉगर बन गए है. :) बधाई... बहुत बहुत बधाई.
ReplyDelete400वीं पोस्ट के लिये बढाई.. अब चार सौ बीसवीं का इंतजार है..
ReplyDeleteऔर हमारे साथ तो अनूप जी जैसी कोई समस्या भी नहीं है.. हमने पूरा चेक करके डाला है.. :D
चार सौवी पोस्ट की बधाई ,लेकिन हमने कही कोई अपनी फ़्रेंचाईजी नही दी है सभी टिप्पणी कार नोट करे :)
ReplyDeleteछह समाजवादी मतलब, पुनर्मूसको भव:... वे फिर से अलग-अलग हो जाएंगे और एक नंबर से शुरूआत करेंगे।
ReplyDeleteचार सौवीं पोस्ट की बधाई।
चार सौवीं पोस्ट की बहुत-बहुत बधाई....
ReplyDeleteआपके सवाल पर कोई कमेंट नहीं है मेरे पास. आपकी पोस्ट पर कमेंट के मामले में मैं छुट्टी पर हूँ...:-)
प्रख्यात व्यंग्यकार किट्टूजी ने लिखा था कि समाजवादियों को अगर आप सीरियसली लेंगे, तो समस्या में पड़ेंगे
ReplyDeleteहां, अगर नही लेंगें, तो ज्यादा समस्याओं में पड़ेंगे।
वैसे देखा जाये तो हर मानवीय दर्शन, हर संवेदनशील दर्शन कहीं ना कहीं समाजवाद से जुड़ता है।
अब कईयों ने उसे मसाजवाद बना दिया है, यह अलग मसला है।
चार सौंवी पोस्ट के बाद तो आप वीरेंद्र सहवाग से आगे निकल लिये हैं।
जमाये रहिये।
अब तो पंगे भी लेने लगे हैं, सही जा रहे है।
पंगेबाजजी को खबर करता हूं, उनकी गद्दी को खतरा है।
कोई तो लारा तक पहुँचा,
ReplyDeleteबधाई
समाजवाद पर इतनी वृहद चर्चा। अगले समाजवादी दल के मुखपत्र में सावधान रहें करके उपरोक्त बिंदुओं का उल्लेख होगा।
ReplyDeleteपंगेबाज़ का शिष्यत्व ग्रहण कर लिए का?
ReplyDeleteअईसन अईसन पोस्टै लिखते हैं और अऊर कहते हैं कि मौज लेना नई आता, अरे ई पोस्ट को देख के तो लागत है कि " सब मौजा ही मौजा"
बधाई 400 की!!
शुभकामनाए।
ReplyDeleteअभी तो यह अंगडाई है
आगे और लडाई (रगडाई) है। :)
आप समाजवादियों की ही बात कर रहे हैं या मसाजवादियों की?
ReplyDeleteऔर चार सौवीं पोस्ट की बधाई भी भाई. चूंकि सभी लोग दे रहे हैं लिहाजा हमने दे दिया, वरना तो हमने थोड़े दिन बाद देने को सोचा था.
४००वीं पोस्ट की बधाई. ६ समाजवादी देश का कल्याण, अगर ६ठा आप हों तो.
ReplyDeletejay ho gyan bhayi ki
ReplyDeleteहमारी तरफ़ से भी बधाई स्वीकार करे, जलद ही ८०० बी तक भी पहुचे,
ReplyDeleteab woh 6 ho ya 600 aap sab par bhari hai .........400vi post ki badhaiyan
ReplyDeleteचार सैकडे पूरे किए सिक्सर जमा के. दुगनी बधाई.
ReplyDeleteयाद आता है, 'मन्नू भैया की बारात' में परसाईजी ने ऐसे ही नहीं लिखा था कि दो-चार समाजवादियों को भी बारात में साथ ले चलो. बाद में उन्होंने गद्दे फाड़कर समाजवादी होने का पक्का सबूत दिया था. हाआहाहा!
ReplyDeleteCongratulations on your 400th Post Gyan bhai sahab & waiting for many more ...
ReplyDeleteRgds,
L
गुरु जी की चार सौंवी पोस्ट के लिये बधाई।समाजवाद पढा तो पहले भी था पर यह व्याख्या एकदम नवीन लगी।
ReplyDeleteThree cheers on 400th post !
ReplyDeleteइतनी महत्वपूर्ण ४०० वीं पोस्ट हमसे कैसे मिस हो गयी । पंगा लेने के लिये बधाई । इसका अर्थ है कि सारे समाजवादियों को अकेले ही काम करने देना चाहिये, साथ में मिल बैठने की इजाजत न हो :-)
ReplyDeleteएक और समस्या है कि गलती से हमारा ईमेल (स्कूल वाला) कुछ समाजवादियों के हाथ लग गया है और सब लेख पे लेख पेले जा रहे हैं । एक लेख लिखता है तो दूसरा बधाई देने के लिये भी Reply All करता है । अब कम्यूनिस्ट लोग हों तो हम सह भी लें लेकिन समाजवादी...न बाबा न :-)