यह पोस्ट श्री गोपालकृष्ण विश्वनाथ नें भेजी है। एक गैजेट पर पोस्ट है। है बड़े काम का; और जेब पर भी बोझ न डाले, ऐसा लग रहा है यह गैजेट। आप उन्ही के शब्दों में पढ़ें-
कुछ दिन पहले मैंने टिप्प्णी करते हुए कहा था कि मैंने अपनी पत्नी का हैण्डबैग उनसे ले लिया है और उन्हें लौटाऊंगा नहीं। असल में एक चीज पर दिल लगा लिया था और उसके बारे में दो या तीन सप्ताह तक सोच सोच कर थक गया था, उसे आखिर खरीद ही लिया मैने। और उसे सुरक्षित रखने के लिए मेरी पत्नी का हैण्डबैग एक दम उपयुक्त निकला। दुनिया में सबसे छोटा लैपटॉप पी सी, ASUS Ee PC, 512 MB Ram, (केवल) 4GB सॉलिड स्टेट हार्ड-डिस्क, (केवल) 7" का स्क्रीन साइज, और एक संपूर्ण Qwerty की-बोर्ड के साथ पिछले रविवार को खरीदा मैने। वजन है केवल 900 ग्राम के आसपास। दाम केवल 16,950/- रुपये। आकार 225x160x20 मिलीमीटर3 जो किसी महिला के हेण्डबैग के अन्दर आसानी से फ़िट हो सकता है। « तसवीर देखिए जिससे आप सामान्य लैपटॉप और इस लैपटॉप के साईज़ में अंतर देख सकते हैं। Xandros लिनक्स OS, Open Office और कई सारे Utilities इसमें पहले से ही लोड किये गए हैं. वायरलेस इण्टरनेट, लैन, वेब-कैम, माइक्रोफोन, स्पीकर्स, 3 USB पोर्ट, मेमोरी कार्ड, टेलीफोन जैक वगैरह भी इसमे मिल जाएँगे। डिस्क का स्पेस और स्क्रीन का साइज कम है लेकिन इसे छोड़कर यह पीसी सामान्य लैपटॉप पीसी से क्षमता या उपयोगिता में कम नहीं। मेमोरी कार्ड और पेन ड्राइव अगर साथ हो तो डिस्क-स्पेस की कमीं कोई गंभीर अड़चन नहीं होगी। (कम से कम मेरे लिए।) इस पीसी से मैं बेहद खुश हूँ। आप लोगों को इसे खरीदने का करण भी बता देना चाहता हूँ। बहुत दिनों से अपना सीधा साधा मोबाईल फ़ोन त्यागकर, एक हाई-एण्ड (मंहगा वाला) मोबाइल फ़ोन खरीदना चाहता था जैसा आजकल के नौजवान सोफ़्टवेर वाले लेकर घूमा करते हैं। Blackberry, Nokia communicator,HTC advantage वगैरह के बारे में सोचता था। लगभग ३०,००० रुपये का बजट था मेरा। लेकिन बहुतों ने सलाह दी के यह सब महँगे गैजेट्स के साथ केवल कुछ दिनों का हनीमून चलता है और फ़िर यह केवल आम मोबाइल फ़ोन जैसा ही काम आता है। ज्यादा से ज्यादा कभी कभार एकाध फ़ोटो खींचते हैं और वह भी अच्छी नहीं आती - उसमे कैमेरा केवल 1.3 मेगापिक्सल का होता है। इन गैजटों का पीसी जैसा प्रयोग लोग शुरू में कुछ दिनों के लिए ही करते हैं और बाद में छोड़ देते हैं। दो इन्च का स्क्रीन साइज़ और अंगूठे से चलने वाला की-बोर्ड से क्या उम्मीद रख सकते हैं? कुछ दिनों बाद यह केवल एक बहुत महँगा और फैंसी फ़ोन बन जाता है जिसका खो जाने का डर हमेशा रहता है। मेरे लिए, संपूर्ण पोर्टेबिलिटी के साथ, मूल PC की शक्ति और अंतर्जाल क्षमता अनिवार्य शर्त थी। क्या हुआ अगर मैं इसे अपने जेब में लेकर घूम नहीं सकता? भारी ब्रीफ़केस उठाना नहीं चाहता था लेकिन कंधे पर हैण्डबैग लटकाने से मैं बिलकुल कतराता नहीं हूँ। कमर बेल्ट पर लगा अपना पुराना साधारण मोबाईल फोन के साथ इस पीसी का उपयोग के बारे में सोचने लगा। इसे मैं "अतिरिक्त" पीसी मानता हूँ, मेरा डेस्कटॉप PC का विकल्प नहीं। दफ़्तर में यह छोटी पी सी मेरे लिए उपयुक्त नहीं होगा। लेकिन दफ़्तर के बाहर, सामान्य लैपटॉप भी मेरे लिए भारी और असुविधाजनक साबित होता है। बहुत सोचने के बाद इसे खरीद लिया। खरीदते समय ब्लॉगर "पीडी", (प्रशांत प्रियदर्शी, जो मुझसे मिलने आये थे) मेरे साथ थे। उनकी राय/टिप्पणी भी आमंत्रित है। Asus Ee PC के पूरे तकनीकी विवरण आप देखिए और तय कीजिए के यह यंत्र आपके लिए ठीक रहेगा कि नहीं। एक और बात कहनी है। अभी तक इसपर हिन्दी में कैसे टाइप करेंगे, इस प्रश्न का उत्तर नहीं मिला है। बरहा सोफ़्टवेर, जिसका प्रयोग मैं करता हूँ लिनक्स में काम नहीं करता। फ़िलहाल, अंग्रेज़ी में टाईप करके, बाद में पेन ड्राइव के जरिए उसे डेस्कटॉप पर ट्रान्स्फ़र करके उसे बरहा में चेप देता हूँ। इससे मैं सन्तुष्ट नहीं हूँ। कोई हल निकालना ही पढेगा। अपने अनुभवों के बारे में आगे भी बताऊँगा। जाते जाते एक और आखरी बात - पत्नी आजकल (पिछले दो महीनों से) USA गई है, मेरी बेटी के साथ कुछ समय बिताने। अब आप समझ गए होंगे कि आजकल इतना समय कहाँ से निकाल लेता हूँ ब्लॉग लिखने और टिप्पणी करने के लिए। सीधी सी बात है, अकेलेपन से लड़ने के लिए इससे अच्छा नशा कहाँ? बस, कुछ ही दिनों की बात है और वह लौट रही है। इस पीसी को देखकर, मुझे डर है कि कहीं वह मुझसे यह पीसी छीन न लें। आखिर फेमिनाइन लॉजिक जैसी कोई चीज़ भी होती है। हैण्डबैग आखिर उनका है, उसके अन्दर रखी चीज़ खरीदने वाले पति भी उसके, तो वह चीज़ भी उसकी क्यों नहीं? आज के लिए बस इतना ही। फिर कभी मिलेंगे ज्ञानजी के ब्लॉग पर। शुभकामनाएं गोपालकृष्ण विश्वनाथ |
आइटम तो वाक़ई जोरदार है सरजी, लेकिन अपने काम का नहीं। मैं तो एच-पी डेस्कटॉप पर विण्डोज़-विस्टा की तमाम सुविधाओं का लाभ नहीं उठा पा रहा हूँ। तकनीक के मामले में मेरा हाथ थोड़ा तंग है। ज्ञानजी ने कुछ बताने की कोशिश की भी तो बात आगे नहीं बढ़ पायी। ब्लॉग लेखकों के लिए कम्प्यूटर चलाने का कोई आसान, सस्ता, सुन्दर और टिकाऊ कोर्स हो तो जरूर बताइएगा।
ReplyDeleteकोई भी गैजेट जो आपकी जरुरतों को पूरा करने में सक्षम है, वो आपके लिए सर्वोत्तम है. मैने कल ही अपने लिए acer का लैपटॉप १२" स्क्रिन, १६० जीबी हार्ड ड्राईव, DVD RW, 2GB RAM, वजन मात्र १.९ kg, बिल्ट इन कैमरा, विन्डोज विस्टा, travel friendly खरीदा है. हिन्दी वगैरह की कोई प्राब्लम नहीं और कीमत भारतीय रुपयों में लगभग २५०००..मैं भी बहुत खुश हूँ इससे. सुन्दर तो खैर है ही.
ReplyDeleteगैजेट तो आज लिजिये और कल नया देख ललचाईये वाले आईटम हैं. :)
सिस्टम के मामले में जरा कन्जरवेटिव विचार धारा वाला हूँ..पतनशील न भी कहलाऊँ तो प्रगतीशील तो कतई नहीं..इसलिये लिनिक्स पर अब तक नहीं जा पाया. विन्डोज से बहुत खुश हूँ और कुछ अलग दिखने का ज्यादा शौक भी नहीं. हा हा!!
प्रशान्त(पीडी)के विश्वनाथ जी से भेंट सम्बन्धी आलेख में इस चार जीबी वाले लेपटाप का उल्लेख था। तभी से इस के बारे में जानने की उत्सुकता थी। आज विश्वनाथ जी ने उस के बारे में प्रायोगिक जानकारी उपलब्ध करा दी है। अच्छा यंत्र है, बहुत उपयोगी सिद्ध होगा।
ReplyDeleteजानकारी तो बहुत अच्छी है
ReplyDeleteज्ञान जी चाहे अपना दें ज्ञान
या दिलवायें किसी से भी
उसका नहीं है कोई जोड़
मुझे भी चाहिए एक ऐसा
ही हथेलीटॉप बेजोड़
जब इस पर हो जाये
हिन्दी में काम करना संभव
एक नई पोस्ट और लगाना
तब तक हम अपना मन
मार कर बैठे हुए हैं
हमें उठाना अब पी डी
का है काम
उनका है बड़ा नाम
जो अब और बड़ा
होने वाला है.
श्री अनूप शुक्ल जी की ई-मेल से टिप्पणी -
ReplyDeleteआपका ही ब्लाग क्यों इत्ता नखरे दिखा रहा है कि टिप्पणी करने नहीं दे रहा
है ,प्रोफ़ाइल भरने नहीं दे रहा है।
विश्वनाथ जी का आलेख अच्छा है। लेकिन इत्ता डरने की कौन सी बात है
पत्नीजी से। समझायें जरा विस्तार से।
प्यारा गैजेट है ,इस मनचाही खरीद पर बधाई !
ReplyDeletea very useful article for a technology-challenged person like me . as sidharth pointed out tell us something more !
ReplyDeleteपाण्डेय जी ये ASUS EEE PC 701 है। इसी आकार और भार मे ASUS EEE PC 900 11 जुलाई से आने वाला है। 12 GB, HDD, 1GB RAM, 0.9 GHz, Celeron M Processor.
ReplyDeleteयहाँ देखिये
कीमत ३४९ € मात्र
भई वाह वाह जमाये रहियेजी।
ReplyDeleteसुन्दर. इधर उधर लाना लेजाना सुविधाजनक.
ReplyDeleteलिनक्स पर हिन्दी बहुत शानदार चलती है. रविरतलामीजी कहाँ है? बताईये भाई.
मैं जब कभी भी कुछ चीज खरीदने के बारे में सोचता हूं तो हमेशा हाई ईंड चीजों के बारे में ही सोचता हूं.. अगर पैसे की तंगी हो तो भी मैं इंतजार करके हाई ईंड के लिये ही जाता हूं.. मेरे पास एक लैपटॉप है और एक डेस्कटॉप.. लैपटॉप पुराना है मगर जिस समय का था उस समय के लिये वही हाई ईंड हुआ करता था.. डेस्कटॉप में डूवेल कोर प्रोसेसर है और 4 जी.बी. रैम के अलावा अलग से ग्राफिक्स कार्ड और साउंड कार्ड लगा रखा हूं.. 3 हार्ड डिस्क लगा रखा हूं जिसका कुल स्पेस टेराबाईट में है.. मगर जब मैं विश्वनाथ जी के साथ ये लैपी खरीदने के लिये गया था तब मुझे ये भी एक हाई ईंड गैजेट ही लगा.. आप इसकी तुलना किसी डेस्कटॉप से ना करें तो ये अपने आप में एक संपूर्ण लैपटॉप है.. वैसे मैं इसे लैपटॉप कम और पी.डी.ए. ज्यादा मानता हूं, और अगर एक पी.डी.ए. से तुलना करें तो ये किसी भी पी.डी.ए. पर भारी परेगा..
ReplyDeleteकम दाम में आपकी सभी जरूरतों को पूरा करने वाला लैपी(पी.डी.ए.) आप कह सकते हैं इसे..
विश्वनाथ जी,
ReplyDeleteXandros लिनक्स में यदि पहले से SCIM संस्थापित है तो हिन्दी कुंजीपट वहां उपलब्ध होगा ही. बस सेटिंग से उसे सामने लाना होगा. टर्मिनल पर scim कमांड चलाकर देखें. यदि नहीं चलता तो नोटबुक में नया प्रोग्राम डालने वाला प्रोग्राम चलाएं और scim संस्थापित करें. बस. यदि कोई समस्या हो तो मुझे अलग से ईमेल करें.
और हाँ, ये बताइए, इसकी बैटरी कितने घंटे चल जाती है? हार्ड ड्राइव नहीं होने से मेरे विचार में आठ घंटे तो चलनी ही चाहिए. यहां रतलाम में जहाँ दिनभर बिजली की किल्लत रहती है, तब तो यह बड़ी काम की चीज होगी :)
अच्छी जानकारी है। बहुत समय से बेटी मुझे एक लैपटॉप लेने को कह रही थी । परन्तु उसके वजन को ढोने की क्षमता मुझमें नहीं थी। अब इसके बारे में सोचा जा सकता है।
ReplyDeleteघुघूती बासूती
विश्नाथ जी ..अभी भारत में एप्पल i पोड का फोन लॉन्च हो रहा है ओर एयरटेल ने नेट पर बुकिंग कर दी है .मै उसी के इन्तजार में पलके बिछाए बैठा हूँ ..जिस तरह से आप गजेट के दीवाने है मै भी हूँ इसलिए हर महीने माय मोबाइल पत्रिका भी खरीदता हूँ....इस फोन के बारे में मैंने काफ़ी सुना है....समीर जी ने भी अच्छा सुझाव दिया है....वैसे डेल ने काफी खूबसूरत लेपटोप लॉन्च किए है....सोनी जैसे पर कम कीमत पर.....मै बारह इस्तेमाल करता हूँ कभी कभी ...पर इसका तोड़ रतलामी जी बताएँगे
ReplyDeleteइस पीसी पर हिन्दी में लिखने के लिए, रवि रतलामीजी का एक पुराना लेख पढ़ा। उन्होंने लिखा था कि सबसे आसान तरीका तो online उपजार का प्रयोग है। मैंने Quillpad आजमाया। पता नहीं क्यों लेकिन इस पीसी और firefox पर Transliteration सही नहीं था। वही Quillpad, Windows pc और Internet Explorer पर ठीक काम कर रहा था। और आगे research करूँगा इस विषय पर.
ReplyDeleteBaraha जैसा offline text editor की तलाश है मुझे। उसके लिए हिन्दी fonts load करना आवश्यक है। हमारा ज्ञान उतना नहीं है इन विषयों के बारे में। किसी linux expert की सहायता लेनी पढ़ेगी।
बस यही एक त्रुटि है जिसे मैं अस्थायी त्रुटि समझता हूँ।
(यह सब लिखने के बाद, मैंने रवि रतलामीजी की टिप्पणी देखी। रविजी, scim के बारे में मुझे नहीं पता। यहाँ पास में ही इन लोगों का service centre है । पूछताछ करके बताऊंगा। मुझे भी लगा battery life ज्यादा होना चाहिए था लेकिन केवल ढाई घंटे का life है। टिप्पणी के लिए धन्यवाद)
इस पीसी के साथ उपयोग करने के लिए एक खास और बहुत ही छोटा pen drive भी खरीदा हूँ (क्षमता 1 GB, 300 रुपये दाम)। आकार है करीब 32x12x2 mm जो मेरे बटुए के सिक्के रखने वाली pouch में फ़िट होता है और बटुआ सूझा हुआ भी नहीं लगता। वजन पाँच रुपये के सिक्के से भी कम है।
पिछले तीन दिन से मेरी यह छोटी पीसी, मेरे अपार्टमेन्ट में रहने वाले दोस्तों और पडोसियों के बीच circulate हो रहा है। सब इस पर फ़िदा हो रहे हैं और "खरीदें या न खारीदें?" इसका निर्णय नहीं ले पा रहे हैं।
अपने सारे काम के फ़ाइलों को अपना pen drive पर copy कर लिया है मैंने। मेरा पडोसी अपना 80GB वाला removable hard disk भी इस के साथ usb port के माध्यम से जोड़कर अपने सारे फ़ाइलों तक पहुँचने में सफ़ल हुआ।
समीर लालजी: लिनक्स का या मेरा पहला अनुभव है। इस पीसी को windows pc ही समझकर उपयोग कर रहा हूँ। अब तक कोई परेशानी नहीं हुई। mouse operations सभी वहीं हैं। लिनक्स का हमें केवल प्रयोग करना है, इसे समझना या सीखना जरूरी नहीं हमारे लिए।
इस पीसी पर कोई भारी और नियमित काम करने के लिए नहीं खरीदा। उसके लिए मेरा Desktop का ही प्रयोग करूँगा। इस पीसी से, दफ़्तर से दूर, अपने काम के फ़ाईलों से सम्पर्क रख रहा हूँ और ई मेल करता हूँ, और फ़ाइलों का केवल छोटा मोटा updating का काम ही करता हूँ। Internet Browsing का संपूर्ण आनन्द भी उठा रहा हूँ। संगीत, Internet Radio, Wikipedia, Google search वगैरह करता रह्ता हूँ। Internet और Firefox इस पर बहुत अच्छा और ज्यादा तेज चलता है। ७" का स्क्रीन अवश्य छोटा है फ़िर भी उतना छोटा नहीं के ज्ञानदत्तजी और अन्य मित्रों के ब्लोगों को न पढ़ सकूँ। Virus का कोई डर नहीं। अब तक यह केवल 4 GB का स्पेस के कारण कोई परेशानी नहीं हुई। बड़े बड़े फ़ाइलों को pen drive पर ही रखता हूँ।
केवल 25 second में पीसी bootup होकर तैयार हो जाता है और केवल 10 second में बन्द हो जाता है।
इस पीसी को उठाने के लिए मेरे केवल दो उंगलियँ काफ़ी हैं।
सुबह और रात को, दफ़्तर / घर जाते समय इसे आसानी से उठाकर केवल पाँच या दस सेकन्ड में handbag में घुसेड़कर अपनी रेवा कार के सीट पर रख लेता हूँ। मेरी रेवा कार और यह पीसी एक शानदार जोड़ी है।
जाते जाते:
बीवी लौट रही है अगले सप्ताह। उनसे कहना पडेगा के खाना इतना अच्छा और स्वादिष्ट मत पकाया करो। बस कुछ कम खाकर और अपने तोंद और वजन घटाकर मैं भी मेरे इन नये खिलौने जैसा छोटा बनना चाहता हूँ। यह भी आशा है कि लम्बी टिप्पणियों को त्यागकर लघु टिप्पणी करना सीख जाउँगा।
आगे के अनुभव फ़िर कभी बताऊँगा।
शुभकामनाएं
गजट तो अच्छ है पर अपने काम का नहीं... २५० जीबी भी कम पड़ने लगा है स्टोरेज अब तो :-)
ReplyDelete@ अनुराग जी : आप एप्पल का आई-फोन लेने से पहले थोड़ा सोच-विचार लें.. मेरे विचार से उससे ज्यादा सुविधायें नोकिया एन95 में है.. और दोनों का दाम भी लगभग बराबर है..
ReplyDeletehmm...achchi jankari. khareedna to nahi hai lekin doosron ko advice kiya ja sakta hai.
ReplyDeletetry this Indic Input Extension 1.1
ReplyDeletein firefox
https://addons.mozilla.org/en-US/firefox/addon/3972
select input method HINDI-RTX
http://hindi.pundir.org
Thanks Dr Pundir.
ReplyDeleteI just saw this comment on Sunday Morning.
My little PC is not with me at this moment.
I will try out your suggestion later this evening.
My experience so far:
Hindi is visible on the screen in Firefox but all the Chotee ee kee maatraas are printed after the consonant and not before.
The mixed consonants do not come out okay.
I did considerable reading on this on the web and was able to correct this problem only inside Open office after I enabled CTL (Complex Text layout?). But I could not do the same inside Firefox. I learned that that CTL is not enabled by default in the version of Firefox presently loaded on this pc. I also learned that Firefox 3 which is now available in Beta has enabled this by default.
I tried installing Firefox 3 on this pc. It failed. The message received was that Firefox 3 needs GTK+ 2.10 while the version available on my machine was GTK+ 2.08. I downloaded GTK+ 2.10 also but am not knowledgeable on how to make it work. Even after downloading GTK+ 2.10 I get the same error message. I am now looking for some Linux Guru to help me out.
Your suggestion will be tried out by me at the earliest opportunity and I will report on the outcome.
Thank you very much for your interest and suggestion.
Regards
G Vishwanath
I tried out Dr Pundir's suggestion.
ReplyDeleteNo luck.
The problem remains.
Firefox does not represent the characters correctly.
Maanasik Halchal appears as Maansaki Halchal.
विश्वनाथ जी,
ReplyDeleteई-पीसी पर आपकी हिन्दी की समस्या सुलझी या नहीं? यदि नहीं तो आप अपने सर्विस सेंटर वालों को कहें कि वो उबुन्टु का नया संस्करण उसमें डाल दें. उबुन्टु का नया संस्करण डालते समय हिन्दी का विकल्प चुनें. बस आपके लिए सारी हिन्दी फ़ाइलें व जुगाड़ स्वचालित संस्थापित हो जाएंगी. फ़ॉयरफ़ॉक्स 3 समेत. उसमें बारहा जैसा (फोनेटिक, इनस्क्रिप्ट इत्यादि) अंतर्निर्मित हिन्दी कुंजीपट भी होगा.
चलिए, मेरी अगली शॉपिंग ई-पीसी की होगी. और हाँ, अपने रेवा कार के बारे में अपने अनुभव और विस्तार से बताएं.
रविजी,
ReplyDeleteइस पूछताछ के लिए धन्यवाद।
सोचा था किसी को भी इसमे रुचि नहीं है।
समस्या सुलझी नहीं।
Quillpad की सहायता से अपनी इस Asus EEE PC पर हिन्दी में टाइप कर सकता हूँ लेकिन छोटी "ई" की मात्रा अपनी जगह पर नहीं दिखती। "रविरत्लामी" जब टाइप करता हूँ तो स्क्रीन पर "रवरि त् ला मी" नज़र आता है लेकिन छापने के बाद यही शब्द को copy करके किसी Windows पीसी में paste करने पर वहाँ ठीक नजर आता है।
आजकल हिन्दी में लिखने के लिए इस पीसी का उपयोग नहीं करता हूँ। कभी कभी जब इसी पीसी पर हिन्दी में टाइप करना चाहता हूँ तो quillpad या google transliteration की सहायता से हिन्दी में टाइप कर लेता हूँ, (स्क्रीन पर ठीक से नहीं दिखते हुए भी) और copy करके चेक करने के लिए इसी पीसी में Open Office में paste करता हूँ जहाँ वह ठीक नज़र आता है। लेकिन इसी पीसी में Open Office में हिन्दी में Offline Typing नहीं कर पाता। Open Office में केवल unicode UTF-8 में paste की हुई सामग्री ठीक से नजर आती है। समस्या इस पीसी पर load किये गए Fonts और Firefox के संस्करण में है।
किसी ने कहा था कि Firefox 3 load करने से समस्या सुलझ जाएगी। Firefox 3 और GTK 2.10 download कर चुका हूँ लेकिन install करने में असफ़ल हुआ। मेरे एक दोस्त ने (जो इन मामलों में मुझ से ज्यादा जानते हैं ) कहा कि अगर C Compiler मिल जाए तो वह किसी तरह Firefox 3 इसपर लोड करके समस्या का हल निकाल लेंगे। इतने सारे applications इसमें हैं लेकिन एक सीधा साधा C compiler नहीं है।
उबुंटु load करने से डरता हूँ। Xandros Linux के साथ कई सारे उपयोगी और रोचक Applications इसमें पहले सी ही load किए गए हैं और उन्हें खोना नहीं चाहता। हाँ अगर इसमें dual boot system (Xandros और Ubuntu) संभव है और उबुंटु लोड करने से Xandros और उसके साथ applications पर कोई असर नहीं पढ़ता तो अवश्य इसके बारे में सोचूँगा। एक और बात । केवल ४ GB का हार्ड डिस्क है इसमें। Xandros Linux और pre-loaded applications २.५ GB खा चुके हैं और बाकी user के लिए केवल १.५ GB शेष है। क्या उबुंटु के लिए जगह है?
आज तक यह सारा १.५ GB खाली ही है। अपने फ़ाईलों के लिए अपना pen drive का उपयोग करता हूँ। क्या उबुंटु एक pen drive पर रखके इस पीसी को चला सकता हूँ? Xandros Linux को मिटाना नहीं चाहता।
सर्विस सेंटर वाले केवल hardware संबन्धी मामलों में मदद करने के लिए तैयार हैं। वहाँ software संबन्धी मामलों के बारे में न कोई मदद करने के लिए तैयार है और न ही इसके बारे में कोई जानकारी रखने वाला मुझे नज़र आया जिस पर भरोसा कर सकूँ।
काश आप जैसा मेरा कोई मित्र होता यहाँ बैगळूरु में जो मेरी मदद कर सकता! कोशिश जारी है और यहाँ वहाँ पूछताछ करता रहूँगा।
मेरी रेवा कार के अनुभवों के बारे में नुक्कड़ ब्लॉग विभाग पर मैंने विस्तार से लिखकर पूरे विवरण दिए हैं। टिप्पणियों पर मेरा उत्तर भी पढ़िए । और भी विवरण मिल जाएंगे।
http://tarakash.com/forum/index.php?option=com_content&task=view&id=38&Itemid=39
अंग्रेज़ी में लिखी हुई है। जानता हूँ की आप इसे हिन्दी में पढ़ना ज्यादा पसन्द करेंगे लेकिन इसका अनुवाद करना या दोबारा इसे हिन्दी में लिखने में समय लगेगा और वह काम मैं तब करना चाहूँगा जब कोई विशेष अनुरोध करता है।
आशा करता हूँ कि इसका हिन्दी में अनुवाद करना अभी आवश्यक नहीं और आप इस बार इस अंग्रेज़ी में लिखा हुआ पोस्ट से सन्तुष्ट हो जाएंगे।
यदि आप इसके बारे में कोई विशेष सवाल करना चाहते हैं या इससे भी ज्यादा विवरण चाहते हैं तो जरूर पूछिए और हम उत्तर भी हिन्दी में देंगे।
संपर्क जारी रखिए। कभी बेंगळूरु आना हुआ तो अवश्य मिलिए हमसे। हमें बड़ी खुशी होगी और अपनी रेवा कार में आपको शहर की सैर कराएंगे। अवांछित मेल, फ़ोन और स्पैम से बचने के लिए इस सारवजनिक स्थल पर अपना email id/ phone number प्रकाशित नहीं करना चाहता। ज्ञानजी मेरा email id और phone number जानते हैं और उनसे पूछकर आप मुझसे सीधा संपर्क भी कर सकते हैं। आप तरकश के पंकज बेंगाणी से भी मेरा e mail id और फ़ोन नम्बर मालूम कर सकते हैं।
शुभकामनाएं।
विश्वनाथ जी, आपके इस जानकारी परख आलेख को आधार बनाकर एक आलेख नीचे दी गई कड़ी पर लिखा है. आशा है, कार्य के बाद की स्वीकृति मिलेगी :)
ReplyDeletehttp://www.prabhasakshi.com/ShowArticle.aspx?ArticleId=080916-122157-280010
Post facto approval granted!
ReplyDeleteThanks for some more free publicity.
Regards
G Vishwanath