आलोक ९-२-११ जी मेरे साथ पिछले कई दिन से सिर खपा रहे थे। उनकी सलाह पर मैने डोमेन नेम gyandutt.com खरीदा था एक साल भर के लिये Rediff से। पर मेरा ब्लॉगस्पॉट का ब्लॉग उस डोमेन पर चढ़ ही नहीं रहा था। हम दोनों (आलोक और मैं) ने कई ई-मेल, एसएमएस व फोन एक्स्चेंज किये। उनके कहने पर मैने जोनएडिट में खाता बना कर CENAME चढ़ाया। पर जुगाड़ चल ही नहीं रहा था।
अन्त में मैने कल रात उन्हें ई-मेल किया -
रिडिफ वेब होस्टिंग की साइट पर तो gyandutt.com की आई पी बताता है - 202.137.237.27. इस आई पी पर साइट अण्डर कंस्ट्रक्शन दिखाता है। पर gyandutt.com से पकड़ता ही नहीं कुछ!
जोनएडिट पर gyandutt.com का CNAME बनाता ही नहीं। खैर छोड़ें। अब आराम किया जाये। कुछ दिनों बाद लगेंगे।
पर मित्रों आज सवेरे उठते ही चेक किया तो पाया कि मेरा डोमेन नेम काम कर रहा है। अब मेरा ब्लॉग आप हलचल.ज्ञानदत्त.कॉम पर पा सकते हैं। आपको ब्लॉगस्पॉट वाला पता याद रखने की जरूरत नहीं। पर आप अगर ब्लॉगस्पॉट वाला पता भी चलाना चाहें तो वह भी चलेगा! मेरे फीडबर्नर की फीड में कोई अन्तर नहीं है। कुल मिला कर सिर्फ यह अन्तर है कि लोग हलचल और ज्ञानदत्त को याद रख मेरे ब्लॉग को इण्टरनेट पर खोल सकेंगे।
जय जुगाड़ और जय आलोक ९-२-११!!!
कल बड़ा मजा आया। मेरे दफ्तर में मेरा और एक सॉफ्टवेयर वेण्डर का प्रेजेण्टेशन था हिन्दी कम्प्यूटर पर लिखने के बारे में। श्रोता थे उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबन्धक और विभागाध्यक्ष गण। |
वाह जी वाह!
ReplyDeleteअब तो बड़े ब्लॉगर हो गये आप, खुद के डोमेन पर. बहुत बधाईयाँ आपको. मिठाई लाईये.
आलोक जी तो खैर साधुवाद के पात्र हैं ही.
नये घर में जाने पर बधाई.
ReplyDelete(यह टिप्पणी आपकी टिप्पणी नीति के हिसाब से अप्रूव नहीं है फिर भी कर रहा हूँ :-) :-) :-). आजकल टिप्पणी नहीं कर पा रहा क्योंकि आजकल राखी सावंत भी चुप ही है.)
बहुत बहुत बधाई !
ReplyDeleteआज ब्लागवाणी पर आप की कल की पोस्ट की ही सूचना दुबारा है। खोला तो वही खुला। फिर न्युअर पोस्ट में जाने पर आज की पोस्ट पल्ले पड़ी।
ReplyDeleteआप की पोस्ट पर कल की सारी टिप्पणियाँ पढ़ गया हूँ। विश्लेषण करूँ तो नयी पोस्ट उपजेगी।
बधाई, अपने डोमेन के लिए। मैं भी सोच रहा हूँ कई दिनों से। लेकिन समय की समस्या, और भी समस्याएँ। तकनीकी रूप से शिशु, और बहुत विकास की संभावनाएँ कम। फिर भी डोमेन लेना ही चाहिए।
बधाई हो, मुझे परसों ही पता चला था, चिट्ठाजगत से। http://gyandutt.com पर अगर आप ब्लॉग दिखाना चाहते हैं, तो दो काम करने होंगे।
ReplyDelete१. कोई भी उपस्थित 'A' record, delete करना होगा। अक्सर ऐसा होता है कि *.Domain.com को रजिस्ट्रार अपने किसी सहयोगी को पकड़ाये रहता है (अगर आप हॉस्टिन्ग नही लेते तब)।
२. अब आप gyandutt.com को URL forwarding service द्वारा, इस ब्लॉग पर या अपनी किसी और साइट पर पहुंचा सकते हैं। यहाँ अगर आप Masked URL Forwarding चुनेंगे तब उस साइट के किसी भी पेज पर जाने पर Address Bar मे Gyandutt.com ही दिखेगा।
उदाहरण के लिये http://rcmishra.com और http://www.rcmishra.com
वैसे कितने का मिला ये भी बताते तो और लोगों को भी सुविधा होती।
धन्यवाद।
नए घर की बधाई.
ReplyDeleteसमीर भाई की बात (मिठाई) का समर्थन.
लेकिन कुछ प्रॉब्लम है ब्लोग्वानी पर आपकी २-६-०८ वाली पोस्ट दिखाई जा रही है.
भई भौत बढ़ियाजी हम पर यह कृपा आदरणीय मैथिलीजी और सिरिलजी ने की थी, झमाझम चल रहा है।
ReplyDeleteवेंडरों के पेट पर लात ना मारें। प्लीज।
ज्ञान हितकारी नहीं अहितकारी हो जाता है, दूसरों के लिए।
हाय वेंडर, तेरे नसीब, बदनसीब, तुझे ब्लागर अफसर ही टकराने थे।
जो प्यार मैंने तुमसे किया था
ReplyDeleteवह प्यार मैं तेरा, .. लौटा रहा हूँ
बहुत बढ़िया हुआ ये तो...वैसे आपने वेंडर का इतना नुक्शान क्यों कर दिया भैया? ये वेंडर लोगों को ऐसी जगह जाने से पहले सोचना चाहिए था जहाँ एक हिन्दी ब्लॉगर हो.
ReplyDeleteअब आलोक जी के बारे में. मेरा मतलब अलोक जी ९-२-११ के बारे में. बहुत सहायता करते हैं चिट्ठाकारों की. कभी मुझे कोई समस्या होगी तो उनसे सम्पर्क करूंगा. हाँ, एक बात और जो, मैं कहना चाहता हूँ. वो भी कई महीनों से. और वो बात है;
आलोक जी की ये तस्वीर देखकर हमेशा मेरे मन में ये बात आती है. देखकर लगता है जैसे शास्त्रीय संगीत का कोई बड़ा कलाकार सारंगी बजा रहा है....:-)
देखिये एक तरफ़ आप रिटायर होकर टायर्ड होने यानी धंधा करने के चक्कर मे है और दूसरी और दुसरे के धंधे पर लात भी मार रहे है (सोफ़्ट वेयर वाले के पेट पर जी)ये अच्छी बात नई है. इस प्रकार की दुआये इकट्ठी ना करे ये धंधे के लिये मूफ़ीद नही होती :)
ReplyDeletebahut badhai
ReplyDeleteनया ठीकाना मुबारक हो.
ReplyDeleteहिन्दी में काम आसानी से होता है यह दिखा कर मजा आया ना? हम तो खुब मजे लेते है. लोग चौंक जाते है. आप जाने अनजाने में ही हिन्दी को मार्ग देने लगे हैं :)
भईया
ReplyDeleteचाहे जितने घर बदलिए कोई फरक नहीं पड़ता जब तक की आप उस में रह रहे हैं...घर, घरवालों से होता है...नाम पता बदलने से नहीं...आप का डोमेन हो गया है...खुशी की बात है...हमारी ताली भी कुबूल कीजिये.
नीरज
बधाई को ! आप डोमेन वाले हो गए.
ReplyDeleteवैसे आप दोनों ने फ़ोन भी एक्सचेंज किया जान कर अच्छा लगा.. कौन सा मोडल है आपके पास :-)
और आप लगता है इन software वालों का धंधा ही बंद करवा देंगे... आईटी इंडस्ट्री का कुछ तो ख्याल कीजिये.
बधाई। कभी फुर्सत मे इसके फायदे भी बताइयेगा।
ReplyDeleteबधाई. इस परिवर्तन से होने वाले लाभों की भी चर्चा कीजिये, अपनी नजर से. वैसे अन्य ब्लॉगर बंधुओं को इससे लाभ तो दिख ही रहा है. मिठाई की फरमाइश आयी है. :-)
ReplyDeleteजे ब्बात!
ReplyDeleteबधाई।
कुछ दिनों पहले ही मैने किसी से सवाल पूछा था कि अधिकतर लोग जब अपने डोमेन पर जाते है तो प्लेटफार्म वर्डप्रेस का ही क्यों ब्लॉगर का क्यों नही, पर किसी ने मेरी शंका का समाधान नही किया था।
अभी आपका डोमेन देख रहा हूं, प्लेटफ़ार्म ब्लॉगर का ही है, देखकर अच्छा लगा।
जल्द ही मैं भी अपने डोमेन पर जाना चाहूंगा।
आपसे चर्चा करूंगा तब।
बाकी सॉफ़्टवेयर वेण्डर मामले मे तो सही किया आपने। एकदम सही।
Aapke domain ke liye bahut bahut badhai...
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई !
ReplyDeleteअरे बिना मिठाई के कुछ मजा नही आ रहा है। अरे कुछ मिठाई की फोटो ही लगा दीजिये। :)
ब्लॉगर मित्रों की इच्छा को देखते हुए मेरे खयाल में अगला पोस्ट आपको मिठाई पर लिखना चाहिए। भाई लोगों का मुंह न सही दिल व दिमाग तो मीठा हो ही जाएगा, पोस्ट भी आ जाएगी।
ReplyDeleteखुद के डोमेन के लिए मेरी ओर से भी बधाई।
ब्लाग रूपी धारा को अन्नता की ओर कदम बढाने के लिये बहुत बहुत बधाई। आलोक जी को भी बहुत बहुत धन्यवाद।
ReplyDeleteमिठाई सिठाई होनी ही चाहिए।
बहुत बहुत बधाई .....अब आप बड़े ब्लोगर्स हो गये यूं के ?????????
ReplyDeleteअरे इत्ती बढिया खबर ।
ReplyDeleteहम फौरन इलाहाबाद आ रहा हूं ।
मिठाई खाने के लिए ।
बधाई स्वीकार करें.. पोस्ट में यह भी बताते कितना खर्च हुआ और होगा, तो नये लोगों को भी फायदा होता। खैर यह बात तो अगली पोस्ट में भी बताई जा सकती है।
ReplyDelete:)
तकनीक नीक लगल।
ReplyDeleteअपने डोमेन पर अड्डा जमाने की बहुत-२ बधाई। :)
ReplyDeleteआपको डोमेन नेम से ब्लोगिँग करने मेँ अवश्य आनण्द आयेगा बधाई हो !
ReplyDeleteये पोस्ट कल देखी नही थी -
Congrats, once again ..
- लावण्या
हमारी भी बधाई! जो आपने अपने यहां हिंदी का प्रयोग करके बताया उसके बाद भी हिंदी में टाइप करने वाले न के बराबर बढेंगे। लोग इसे देखकर भूल जायेंगे। ऐसा मुझे लगता है।
ReplyDeletehello bhai sab Apko dhanyavad.
ReplyDeletebhai sab ye to batae ki domen name kitne me kharida
Tilok Bhati
@ श्री तिलोकाराम भाटी जी,
ReplyDeleteरिडिफ वेब होस्टिंग .Com के डोमेन रुपये 495.- प्रतिवर्ष पर देता है।
hello bhai sab Apko dhanyavad.
ReplyDeletebhai sab ye to batae ki domen name kitne me kharida
Tilok Bhati