Friday, October 19, 2007

यह रहा फ्लैश - डा. वाटसन ने माफी मांगी। फिर भी सस्पेण्ड!


मुझे अन्दाज नहीं था कि मेरी पोस्ट इतनी जल्दी (आधे ही दिन में) पुरानी पड़ जायेगी।
नोबल पुरस्कार विजेता डा. जेम्स वाटसन ने अपने विवादास्पद कथन के लिये माफी मांग ली है। पर उसके बावजूद उन्हें कोल्ड स्प्रिंग हार्बर लैब - जहां वे डायरेक्टर, प्रेसिडेण्ट और (वर्तमान में) चांसलर रह चुके हैं - ने उन्हे सस्पेण्ड कर दिया है।
आप कोल्ड स्प्रिंग हार्बर लैब का पन्ना भी देख लें।
डा. वाटसन ने अश्वेतों की अपेक्षा श्वेतों में अधिक बुद्धिमत्ता होने की बात कही थी!

8 comments:

  1. बधाई. आपकी मेहनत रंग लायी. पर छोडिये मत ......... को.

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  2. बहुत अच्छे, अब ब्लागरों की बातें भी सुनी जा रही हैं। वाटसन की वाट लगा दी आपने।
    मैं सूची भिजवा रहूं जिनकी वाट लगनी जरुरी है। निपटाइये एक एक करके।

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  3. कमाल है आपकी बात वहाँ तक पहुँच गई। बहुत जोर है आपकी कलम में मतलब आपके कीबोर्ड में। कौन सी कम्पनी का है? :)

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  4. अरे कैसी बात कर रहे हैं ज्ञान जी. आप कोई मुद्दा उठायें और हम एक्शन न लें, ऐसा कभी हो सकता है क्या?

    --Next मुद्दा Please!!

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  5. वाह वाह!! बधाई हो !! आपके कलम/ की बोर्ड की ताकत को देखते हुए मै पुलंदा भिजवा रहा हूं जो-जो काम करवाने है । सब पे लिखते जाईएगा!!

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  6. इतने लोग सूची भिजवा रहे हैं. देखिए भाई किसी की सूची में मेरा नाम हो तो कृपया काट दीजिएगा. और न सही कुछ, ब्लागिया दोस्ती तो हमारे बीच है ही.

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  7. अब आप से बच के रहना होगा। काफी ऊपर तक पहुँच है आपकी। वाकई। :)

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--- सादर, ज्ञानदत्त पाण्डेय