यह न्यूक्लियर डील, आतंकवाद, केपिटलिस्ट दादागिरी या इसी तरह के अमेरिका विरोधी मुद्दे से सम्बन्धित कोई पोस्ट नहीं है. यह विशुद्ध हाइजीन का मामला है.
आप के हाथ गन्दे रहते हैं? भोजन के बाद आप हाथ नहीं धोते? टॉयलेट के बाद नहीं धोते? शर्माने की बात नहीं - 23% अमेरिकी भी नहीं करते. अब इतना साधन सम्पन्न होते हुये भी अमेरिकी गन्दे रहते हैं तो आपको काहे की परेशानी!
रायटर ने खबर दी है कि अमेरिकन व्यक्ति साफ हाथों के विषय में लापरवाह होते जा रहे हैं. और तो और वे झूठ भी बोलते हैं कि अपने हाथ धोते हैं! टेलीफोन सर्वे में 92% अमेरिकी लोगों ने कहा कि वे सार्वजनिक स्थानों पर हाथ धोते हैं. पर जब पब्लिक रेस्ट रूमों में अध्ययन किया गया तो केवल 66% आदमी और 88% औरतें ही अपने हाथ साफ करते दीखे.
इस सर्वे में 6000 लोगों का सैम्पल लिया गया था. उसमें 77% हाथ धोते पाये गये. ऐसा ही सर्वे सन 2005 में किया गया था. तब से अब 6% की गिरावट आयी है हाथ धोने वालों में.
मैं तो हाथ धोता हूं. आप धोते हैं तो ठीक. नहीं धोते तो भी परेशान न हों!
हम तो इस बात पर यकीन करते हैं कि "दाग अच्छे हैं"
ReplyDeleteक्या ज्ञान जी, कैसी बात याद दिला दी! अंग्रेज को और भी बहुत कुछ नहीं धोते, बस पोछकर चले आते हैं। नहाते भी नहीं। लगता है दूर से ही बास मार रहे हों।
ReplyDeleteकहीं ये भी फ़ैशन न हो जाये यहां !
ReplyDeleteपरेशानी की कोई विशेष बात नही मगर भारतीय होने के कारण धो ही लेता हूँ कि यह बुरा न मान जायें. बाकि कोई खास वजह नहीं. :)
ReplyDeleteछी छी । अंग्रेज़ों को तो बैरागढ़ में खेती देकर चौबे मास्साब से पढ़ाना चाहिये ।
ReplyDeleteउनके डंडे पड़ेंगे तो सफाई रखना सीख जायेंगे ।
अमेरिकन हाथ नहीं धोते, ये बात अमेरिकनों को पता है, तब ही वे तमाम खाने-पीने की चीजों के निर्माण में इसानी हाथों को दूर रखते हैं। मैकडोनाल्ड बर्गर के निर्माण में इंसानी हाथ बहुत कम लगते हैं, लगते हैं तो भी दस्ताने पहनकर। हाथ गंदे होते हैं ना। स्वदेशी वाले इसे भी बतौर एक तर्क इस्तेमाल कर सकते हैं कि अमेरिकन हाथ नहीं धोते, जबकि शामू गोलगप्पे वाला हाथ धोता है,यह अलग बात है वह धुले हाथ वाले पानी से ही वह तमाम बर्तन -भांडे धोता है।
ReplyDeleteये गंदे हाथों का सम्बन्ध कुछ-कुछ टांगों के साथ भी है....जगह-जगह टांग अडाकर इन भाई लोगों ने हाथ गंदे कर लिए हैं...पानी की समस्या के कारण भी ऐसा हो सकता है....अमेरिकन लोगों का पानी हाल के सालों में कई क्षेत्रों में उतर चुका है....
ReplyDeleteधो-नी को भेजा जाए, सिखा कर आएंगे कि कैसे धो-ना है!
ReplyDeleteऐसा सर्वेक्षण भारत में भी होना चाहिए, परिणाम मजेदार ही रहेंगे. वैसे मेरा अनुभव तो कुछ और ही कहता है. जहाँ तक बदबू मारने की बात है तो इसका भी मैंने उलट ही देखा है. अंग्रेज नहाते नहीं हैं ये जाने कहाँ से ग़लतफ़हमी पैदा हुई है, लेकिन ठीक है ग़लतफ़हमी पाल कर ही मन को संतोष दिया जा सकता है.
ReplyDeleteअमेरिकन हाथ नहीं धोते, ये बात अमेरिकनों को पता है, तब ही वे तमाम खाने-पीने की चीजों के निर्माण में इसानी हाथों को दूर रखते हैं। मैकडोनाल्ड बर्गर के निर्माण में इंसानी हाथ बहुत कम लगते हैं, लगते हैं तो भी दस्ताने पहनकर। हाथ गंदे होते हैं ना। स्वदेशी वाले इसे भी बतौर एक तर्क इस्तेमाल कर सकते हैं कि अमेरिकन हाथ नहीं धोते, जबकि शामू गोलगप्पे वाला हाथ धोता है,यह अलग बात है वह धुले हाथ वाले पानी से ही वह तमाम बर्तन -भांडे धोता है।
ReplyDelete