Wednesday, December 5, 2007

मानसिक तनाव दूर करने की वनस्पति


श्री पंकज अवधिया की बुधवासरीय अतिथि-पोस्ट। पिछले सप्ताह आपने दांतों के स्वास्थ्य के लिये हल्दी के प्रयोग पर पढ़ा था। आज आप मानसिक तनाव दूर करने के लिये एक वनस्पतीय नुस्खे के बारे में पढ़ें।

प्रश्न: दिनभर इतना अधिक मानसिक तनाव हो जाता है कि वही-वही बात दिमाग मे घूमती रहती है। नींद की दवा लेने से सो तो जाता हूँ पर ताजगी नही लगती। ऐसा उपाय बताएं कि इन बेवजह घूमती बातो को डिलीट किया जा सके कम्प्यूटर की तरह।

उत्तर: मै आपकी परेशानी समझ सकता हूँ। डिलीट सम्भव है पर इससे कई आवश्यक जानकारियाँ भी खतरे मे पड जायेंगी। इसलिये कम्प्यूटर की तरह ही “रिफ्रेश या रिलोड” वाला तरीका अपनाया जा सकता है। बहुत से उपाय है जिससे आप एक ही विषय पर अटके दिमाग को फिर से तरो-ताजा कर सकते है। सबसे सरल और प्रभावी उपायों मे से एक बच नामक वनस्पति का प्रयोग है।

बच को घोड बच, वचा या स्वीट फ्लेग भी कहा जाता है। घर मे बड़ों से पूछेंगे तो वे आपको इसके बारे मे बता देंगे। यदि आपका बचपन घरेलू औषधियों के साये मे बीता है तो जरूर आपकी तुतलाहट दूर करने के लिये आपको बच चूसने के लिये दी गई होगी। य़हाँ बच का आँतरिक प्रयोग नही करना है। बल्कि इसे अपने बगीचे मे लगाना है।

रोज शाम को जब आप थककर आयें तो कैची से इसकी पत्तियो के ऊपरी सिरे को कतर दे। इससे इसके सुगन्धित अवयव हवा में फैल जायेंगे। आप गहरी साँसें लीजिये इस हवा मे। दो से तीन मिनट। आपको को निश्चित ही लाभ मिलेगा। इसकी पत्तियो को मसलकर भी सूंघा जा सकता है। पर इससे उतना लाभ नही होगा।

आपके बगीचे का वह स्थान जहाँ से बेकार पानी निकलता है और कुछ नही उगता है, ही बच के लिये उपयुक्त जगह है। इसकी उपस्थिति कीटाणुओं को दूर रखती है। वैसे तंत्र क्रिया मे विश्वास रखने वाले मानते है कि यह बुरी आत्माओ को दूर रखता है। आज के युग मे मच्छर और मख्खियाँ बुरी आत्माओ से कम नही हैं।

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रोज शाम को जब आप थककर आयें तो कैची से इसकी (बच की) पत्तियो के ऊपरी सिरे को कतर दे। इससे इसके सुगन्धित अवयव हवा में फैल जायेंगे। आप गहरी साँसे लीजिये इस हवा मे। दो से तीन मिनट। (मानसिक तनाव में) आपको को निश्चित ही लाभ मिलेगा।

गंगा के किनारो पर पानी जमा होने के कारण भूमि पर किसान कुछ लगा नही पाते थे। उन्हे अब बच के रूप मे सशक्त विकल्प मिला है। बनारस के कई किसान बडे पैमाने पर इसे लगा रहे हैं और कोलकाता मे बेच रहे हैं। छत्तीसगढ मे प्रयोगधर्मी किसानो से धान के साथ इसे लगाकर कई प्रयोग किये। उन्होने पाया कि इससे धान की फसल पर कीटों का आक्रमण कम होता है। आपके बगीचे मे इसकी उपस्थिति भी अन्य सजावटी पौधो को कीटों से बचायेगी। वैसे इसके कंदों को कपड़ों के बीच रखकर कीटो से बचाया जाता रहा है।

बच की तरह दसों वनस्पतियाँ है जिनके विषय मे मै आगे लिखूंगा। जिन पाठको के पास बगीचा नही है वे गमले मे भी इसे लगा सकते है। बच के पौधो की उपलब्धता दुनिया भर मे है।

बच पर विस्तृत जानकारी मेरे ईकोपोर्ट पर उपलब्ध शोध आलेखों से भी प्राप्त की जा सकती है।

पंकज अवधिया1


1. ईकोपोर्ट पर पंकज जी के लेखों को पढ़ने/संदर्भ लेने ५-६ लाख लोग प्रति दिन पंहुचते हैं। यह संख्या हिन्दी में हम लोगों के फुटकर या विषयनिष्ठ लेखन को पाने में कितना समय लगेगा? हम लोग तो दिया जला रहे हैं। इसे पावर हाउस बनाने और उपयोग करने तो शायद आने वाले लोग ही हों।


Bach Pot «बच का गमला।

बच के विषय में भौतिक रूप से जानने को यह आवश्यक था कि मैं स्वयम वह पौधा देख लूं, जिस पर पंकज जी का उक्त लेख है। इसमें सहायक बने मेरे मित्र श्री दीपक दवे, जो इलाहाबाद में मण्डल रेल प्रबंधक हैं और रायपुर में पंकज जी के पड़ोसी। रविवार को दीपक जी ने बच के एक पौधे का गमला भिजवाया।Gyan(208)

बच का गमला देने वाले मेरे मित्र श्री दीपक दवे »

यह पौधा चल जाये तो इसे बगीचे में जमीन में फैलने दूंगा। इसकी तोड़ी पत्ती में सुगंध है। मेरे परिवार वाले कह रहे हैं कि इस वनस्पति को उन्होने आस-पास देखा है। भरतलाल (मेरे बंगलो पियून) का कहना है कि उसके गांव में नहर की दांती (किनारे) पर बहुत फैला है यह।

लगता है पंकज जी के चक्कर में रेलगाड़ी हांकना छोड़ कर इधर-उधर पौधों, वनस्पतियों को ढ़ूंढ़ता फिरने लगूंगा!


18 comments:

  1. बहुत ही उपयोगी जानकारी,और लग रहा है कि इस पौधे की देख भाल भी आसान है……आभार

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  2. इस पौधे का जुगाड़ आप करो हमारे लिये। हम आपके पास आयेंगे लेने के लिये।

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  3. उन्नत पोष्ट. अत्यंत सराहनीय.

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  4. जी ये पोस्ट तो ना हमारे काम की।
    हमें तो मानसिक तनाव रहता ही ना है।
    तो आपको पोस्ट का सदुपयोग करने के लिए, कभी मानसिक तनाव सा पैदा करेंगे। फिर आपकी पोस्ट का उपयोग करेंगे। हमकू तो तनाव ये सा है कि कोई तनाव नहीं ना रहता।
    तनाव हटाने के चंद नुस्खे इस प्रकार हैं-
    1-जब भी मानसिक तनाव सताये, एक साइज छोटा जूता पहन लें। जूता इत्ता शारीरिक कष्ट देने लगेगा, मानसिक कष्ट खल्लास हो लेगा।
    2-पत्नी से झगड़ा शुरु कर दें, झगड़ा विकट काऊं काऊं में तबदील कर लें। फिर हाई पिच पर मामला पहुंचेगा, तो आपका पुराना तनाव गायब हो जायेगा। और ये वाला नया झगड़ा भी थोडी देर में खत्म हो हो जायेगा।
    3-पड़ोसी की कार के शीशे को पत्थर मार कर तोड़ दें, पड़ोसी से झगड़ा शुरु हो जायेगा। पुराना तनाव गायब।
    इन पर अमल करें, फिर आगे बताया जायेगा।

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  5. अच्छी जानकारी देने का शुक्रिया।

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  6. "इस पौधे का जुगाड़ आप करो हमारे लिये। हम आपके पास आयेंगे लेने के लिये।"

    बड़े आश्चर्य की बात है, फुरसतिया जी को, जो अपनी पोस्टों में हम साथियों की मौज लेकर हमें मानसिक तनाव देते हैं, इसकी उन्हें क्या आवश्यकता पड़ गई ? :)

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  7. बच के उपयोग द्वारा तुतलाहट कैसे ठीक हो सकती है इस बिषय मे जरा विस्तार से बताएं.और ये उपलब्ध कंहा हो सकती है?

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  8. बात तनाव दूर करने की हो रही है तो प्लीज़ अलोक पुराणिक जी के नुस्खे भी अपनी अतिथि पोस्ट में डाल देवें :)

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  9. उपयोगी जानकारी!!
    शुक्रिया!!


    स्थानीय स्तर पर अवधिया जी के लेख व खबरें आए दिन छपते रहते हैं!!सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अवधिया जी वर्तमान में मुंबई व हैदराबाद प्रवास पर हैं व्याख्यान देने के सिलसिले में!!

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  10. आलोक जी के नुस्खे ज्यादा अच्छे लगे, ना पौधों की तरह देखभाल का झंझट ना कुछ..
    हम तो आलोक जी का अनुसरण करेंगे। :)

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  11. बहुत अच्छी जानकारी....! कोशिश करेंगे कि खोज कर गमले म एं लगा लें...

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  12. इस गमले को संभाल कर रखिएगा और हो सके तो इसकी संख्या बढाइएगा. कभी इलाहाबाद आया तो आप ही से ले जाऊंगा.

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  13. आप सभी की सशक्त टिप्पणियो के लिये आभार। हमेशा की तरह ज्ञान जी को हा
    र्दिक धन्यवाद। आज दोपहर ही को हैदराबाद से लौटा हूँ। इतनी सुन्दर प्रस्तुति से सारी थकान काफूर हो गयी।


    स्वत: ही फैलने वाले इस पौधे को जमीन से जोड दे और विशेष मजबूरी मे ही गमले मे लगवाये।

    आशा है पिछली पोस्ट के दी गई जानकारी से लाभ हो रहा होगा। यदि इन लाभो को आप हमसे बाँटना चाहे तो आपका स्वागत है।

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  14. बच के इस अभिनव प्रयोग के संबंध में औषधीय पौधों से संबंधित पुस्‍तकों में भी जानकारी नहीं हैं, यह तो पंकज जी के पारंपरिक चिकित्‍सकों से निरंतर संपर्क व जंगलों में उनके गहन शोध से प्राप्‍त जानकारी है । धन्‍यवाद पंकज भाई एवं आपको भी ज्ञान सर ।

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  15. बच के पौधे के बारे में बहुत रोचक जानकारी है। देखता हूँ अबकी शनिवार या रविवार की छुट्टी के दौरान इसका इंतजाम कर पाता हूँ कि नहीं।

    कर पाता हूँ कि नहीं..इसलिए लिख रहा हूँ क्योंकि ऐसे कई संक्ल्प...योजनाएं पोस्ट पढ़ने तक तो मन में रहती हैं पर बाद में विस्मृत हो जाती हैं।

    वैसे मुझे यह पौधा लेने दादर जाना पड़ेगा....और लेकर लौटते ही पहले इसके पर कतरूंगा :)

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  16. बच के इस अभिनव प्रयोग के संबंध में औषधीय पौधों से संबंधित पुस्‍तकों में भी जानकारी नहीं हैं, यह तो पंकज जी के पारंपरिक चिकित्‍सकों से निरंतर संपर्क व जंगलों में उनके गहन शोध से प्राप्‍त जानकारी है । धन्‍यवाद पंकज भाई एवं आपको भी ज्ञान सर ।

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  17. आप सभी की सशक्त टिप्पणियो के लिये आभार। हमेशा की तरह ज्ञान जी को हा
    र्दिक धन्यवाद। आज दोपहर ही को हैदराबाद से लौटा हूँ। इतनी सुन्दर प्रस्तुति से सारी थकान काफूर हो गयी।


    स्वत: ही फैलने वाले इस पौधे को जमीन से जोड दे और विशेष मजबूरी मे ही गमले मे लगवाये।

    आशा है पिछली पोस्ट के दी गई जानकारी से लाभ हो रहा होगा। यदि इन लाभो को आप हमसे बाँटना चाहे तो आपका स्वागत है।

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  18. जी ये पोस्ट तो ना हमारे काम की।
    हमें तो मानसिक तनाव रहता ही ना है।
    तो आपको पोस्ट का सदुपयोग करने के लिए, कभी मानसिक तनाव सा पैदा करेंगे। फिर आपकी पोस्ट का उपयोग करेंगे। हमकू तो तनाव ये सा है कि कोई तनाव नहीं ना रहता।
    तनाव हटाने के चंद नुस्खे इस प्रकार हैं-
    1-जब भी मानसिक तनाव सताये, एक साइज छोटा जूता पहन लें। जूता इत्ता शारीरिक कष्ट देने लगेगा, मानसिक कष्ट खल्लास हो लेगा।
    2-पत्नी से झगड़ा शुरु कर दें, झगड़ा विकट काऊं काऊं में तबदील कर लें। फिर हाई पिच पर मामला पहुंचेगा, तो आपका पुराना तनाव गायब हो जायेगा। और ये वाला नया झगड़ा भी थोडी देर में खत्म हो हो जायेगा।
    3-पड़ोसी की कार के शीशे को पत्थर मार कर तोड़ दें, पड़ोसी से झगड़ा शुरु हो जायेगा। पुराना तनाव गायब।
    इन पर अमल करें, फिर आगे बताया जायेगा।

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--- सादर, ज्ञानदत्त पाण्डेय