मैं इण्टर-नेट से लगभग चार दिन दूर रहूंगा।
कभी कभी अन्य जिम्मेदारियां आपको बाकी काम का महत्व ज्यादा होने का अहसास देती हैं। और आप व्यस्तता होने पर पूरी इमानदारी से सरेण्डर कर देते हैं समय को। बीच-बीच में साक्षी भाव लाते हुये। यही सही अप्रोच है न?
खैर यह गोलू पांड़े को सरेण्डर की मुद्रा में देखें। अगले रविवार के बाद मिलते हैं।
आप कार्यवशात् ब्लागावकाश पर रहेंगे यह तो समझ आया किन्तु गोलू की यह पण्ड़मोनियम भंगिमा? यद्यपि श्वान स्नेह का प्रदर्शन कभी-कभी इस भांति करते हैं किन्तु पता नहीं क्यों यह मुद्रा जुगुप्सा उत्पन्न करती है। यात्रा,अवकाश, चिंतन मनोनुकूल हो और कुछ नया व्यंजित होगा इस आशा में प्रतीक्षा तो करनी ही होगी।
ReplyDeleteहम तो प्रतीक्षा कर रहे थे कि आज आलेख क्यों नहीं।
ReplyDeleteआप न बताते तो रविवार तक इन्तजार करते, चिन्ता भी होती कि कहाँ फंस गए हैं।
आराम से आईये तरोताजा होकर. कोई जल्दी नहीं है. शुभकामनायें.
ReplyDeletechaliye chaar din tak aapkee prateekshaa karenge...magar ye golu pandey kyun lotamlot ho rahe hain...kya inhein bhee koi mantraalay chaahiye tha jo nahin mila...
ReplyDeleteबस बस!! रविवार तक ही हम भी वापस लौट आवेंगे आपके साथ ब्लॉग पर. व्यस्त रहें - मस्त रहें.
ReplyDeleteआज कल वैवाहिक कार्यक्रमों के चलते हम लोग भी कम ही समय दे पा रहें हैं .
ReplyDeleteक्या गोलू पांडे जी सोने की मुद्रा में रांक डांस कर रहे है .
ReplyDeleteब्लॉगरी ऐसी लत है कि बाकी कामों से ज्यादा महत्त्वपूर्ण लगने लगती है. तभी इससे दूर होते हुए एक अपराधबोध का अहसास होता है. पिछले चार साल से इसी लिए तो इससे चिपके हुए है. :) आप मजे से काम निपटा कर आएं. फिर मटके का पानी पी कर और तरबूज से तरोताजा हो कर पोस्ट ठेलिये.... :) प्रतिक्षा है.
ReplyDeleteअवकाश क प्लान मै भी बना रहा हूं पर अभी तक़ सफ़ल नही हो पाया हूं।बरसात मे घूमने का इरादा है इस साल्।
ReplyDeleteव्यस्तता की ये सूचना आपकी ब्लॉगिंग के प्रति गम्भीरता को रेखांकित कर दर्शा रही है. कस्टमर केयर का बराबर ध्यान रखते हैं आप.
ReplyDeleteऐसा लगता है जुदाई का गम आपको है पर गोलू मियां खुश नजर आ रहे है.....
ReplyDeleteगोलू पांडे सरेंडर की मुद्रा मे नही हैं बल्कि मस्ती की मुद्रा मे है.:)
ReplyDeleteआप भी छुट्टी मना आईये, आपकी यात्रा शुभ हो. और जिस जरुरी कार्य के लिये आपने ब्लागिंग से चार दिन की छुट्टी ली है उस कार्य मे आपको सफ़लता प्राप्त हो. शुभकामनाएं.
रामराम.
हम इंतजार करेंगे।
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
गोलू पांडे हमारे चापलूसी करने वाले नेताओं के आदर्श हैं...जय हो.
ReplyDeleteनीरज
इस गोलू पांडॆज की मुद्रा बहुत पसंद आई, आप का अवकाश बहुत शुभ हो
ReplyDeletekaafi samay baad blog jagat main sakriya hue to aap ne surrender kar liya...
ReplyDelete...chaliye intzaar karne ke alawa koi chaara bhi nahi hai...
:(
Shubhkamnayen...kary niptakar jaldi aaiye..
ReplyDeleteशुभ्कामन्याएं !
ReplyDeleteआपका कार्य सफल हो ! कभी-कभी हर तरह के काम से अवकाश लेना चाहिए फिर ये तो ब्लॉग्गिंग है :)
ReplyDeleteज्ञान जी
ReplyDeleteसभी ब्लागर्स ने आपकी चार दिनी छुट्टी की अर्जी स्वीकार कर ली है सभी ने गोलू पांडे की समर्पण मुद्रा एवं समर्पण भाव की तहे दिल से सराहना की है
गोलू की याद अभी भी आती है ना, ज्ञानदत्त जी?
ReplyDeleteजिन्हें ज्ञात नहीं वे ज्ञानदत जी की यह पोस्ट देखें
प्रतीक्षा रहेगी आपके ब्लॉगावकाश से लौटने की! :)
ReplyDeleteये पाण्डेय का गोलू है सुकुडा ही रहेगा...कुछ हड्डी-वड्डी मिल जाय तो चर्बी चढे़:)
ReplyDeleteहम भी अभी कमोबेश ऐसी ही स्थिति में है..
ReplyDeletejee milte hain phir somvaar ko aur Golu jee ko namaskaar boliyega aur boliyega ki ab wo bade ho gaye hain, aisi mudrayen unhe shobha nahin deti.. kidding :P
ReplyDeleteप्रतिक्षा रहेगी।
ReplyDelete