Thursday, January 29, 2009

पल्टी मारती गंगा


पिछली जुलाई में लिखी पोस्ट में गंगा की बढ़ी जल राशि की बात की थी मैने। अब गंगा विरल धारा के साथ मेरे घर के पास के शिवकुटी के घाट से पल्टी मार गई हैं फाफामऊ की तरफ। लिहाजा इस किनारे पर आधा किलोमीटर चौड़ा रेतीला कछार बन गया है। यह अभी और बढ़ेगा। गंगा आरती लोग अब गंगा किनारे जा कर नहीं, शिवकुटी के कोटितीर्थ मन्दिर के किनारे से कर रहे हैं।

कछार में हम काफी दूर तक गये। खटीकों ने जगह घेर कर अपने अपने खेत बना लिये हैं। अपने अपने खेत में गड्ढे खोद कर पानी के कुण्ड बना कर गंगा के अण्डरकरेण्ट का सिंचाई हेतु इस्तेमाल करने के लिये जुगाड़ भी कर लिया है। मेहनती लोग हैं ये और गंगामाई इस सीजन में इन्हें मेहनत का अच्छा प्रतिफल देंगी।

काफी दूर जाने पर देखा - दलदल प्रारम्भ हो रहा था गंगा के ठहरे पानी का। उसके आगे थे कुछ छोटे छोटे बन आये द्वीप। और उनके बाद गंगा की विरल धारा। गंगाजी कितनी स्लिम हो गयी हैं! इतनी जबरदस्त डाइटिंग कराई है जनता ने उन्हें।

खटिकों के खेतों में कुम्हड़ा और ककड़ी के पौधे दीखे। एक जगह झोंपड़ी भी बनी दीखी। एक वृद्ध अपने नाती के साथ जा रहे थे। नाती का नाम था ऋषि। गंगा के कछार में ऋषि के भी दर्शन हो गये।

यह लिखते श्री अमृतलाल वेगड़ जी की पुस्तक “सौंदर्य की नदी, नर्मदा” की बहुत याद आ रही है। नर्मदा तो कई जगह स्थाई पल्टी मारती नदी हैं। गंगाजी की अस्थाई पल्टी पांच-सात महीने के लिये जीवनचर्या में बहुत बदलाव ला देती है! 


परकम्मावासी नर्मदामाई की परिक्रमा करते हैं। वहां शूलपाण की झाड़ी के अस्सी मील लम्बे विस्तार में आदिवासी भीलों से पूर्णत: लूटे जाने की बाधा भी पार करते हैं। यहां गंगामाई के तट पर शूलपाण की झाड़ी शायद नहीं है। पर फिर भी गंगाजी की परकम्मा की कोई परम्परा नहीं है। सम्भवत: बहुत लम्बा विस्तार है गंगा का।

फिर भी इलाहाबाद से वाराणसी दक्षिण तट से पैदल होते हुये उत्तर तट पर बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर लौटने का सपना है। शायद कभी पूरा हो पाये!    


35 comments:

  1. "फिर भी इलाहाबाद से वाराणसी दक्षिण तट से पैदल होते हुये उत्तर तट पर बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर लौटने का सपना है। शायद कभी पूरा हो पाये!"

    हमको भी खबर कीजियेगा, बढिया ट्रिप बनेगी भांग एट गंगा तट.काम के सौजन्य से, :-)

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  2. आपका सपना शीघ्र पूरा हो यही कामना है नदियों की मींडेरिंग तो उनका सहज स्वभाव ही है पर गंगा जी स्लिम होती जा रही हैं यह तो चिंताजनक हैं कहीं उन्हें एनोरेक्सिया न हो गया हो !

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  3. धन्यवाद, आपकी कृपा से हमें भी (निर्जला) गंगा के दर्शन हो गए. साथ में नन्हे से ऋषि के दर्शन तो बोनस ही हैं.

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  4. गंगा कितनी स्लिम हो गई है-

    हमारे मुहल्ले में शर्मा जी बिटिया ७५ किलो की थी..पिछले ८ महिनों में एकदम स्लिम हो ली है. अब लगभग ५० किलो पर आ ली है. सब समझ रहे थे कि शादी की तैयारी हो रही है. कल पता चला कि कोई मारक बिमारी हो गई है, अब बचना मुश्किल ही है.

    सीख: स्लिमनेस मात्र डायटिंग से नहीं आती और न ही हमेशा अच्छी होती है.

    खैर, आप वाराणसी के दख्खिन तट तक जब टहलने जायेंगे तो १००-१५० पोस्टें तो तय हैं..काहे कि १/२ किमी भी नहीं टहले और एक पोस्ट ठेल दी. :)

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  5. आप तो हमारे सपनों को भी हवा दे रहे हो. आपका सपना पूरा होगा नहीं तो उस रूट पर एक रेल ही डलवा दीजियेगा

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  6. गंगा को निकलते ही बाँध के द्वारा बाँध दिया . उसका दोहन किया और दुरपयोग भी , हमारे यहाँ कार्तिक मे गंगा मे इतना कम जल था की मारुती वेन जैसी कारे भी गंगा को पानी के बीच मे से पार कर रही थी .
    और हमारे यहाँ १० किलोमीटर भी पैदल चले गंगा के किनारे ,तो किसी खादर मे बंधे पड़े होंगे आप . क्योकि गंगा मैय्या के किनारे रहने वालो को पाप की चिंता नही होती

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  7. फिर भी इलाहाबाद से वाराणसी दक्षिण तट से पैदल होते हुये उत्तर तट पर बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर लौटने का सपना है। शायद कभी पूरा हो पाये! अईला! हम तो गंगोत्री से गंगासागर पैदल नापने की सोचे बैठे हैं। चलिये इस गर्मी में चला जाये इलाहाबाद से वाराणसी!

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  8. चलिए पदयात्रा का कार्यक्रम बन जाए 15 दिन पहले और हमें पता लगे तो उस में हम भी आ शामिल हों, अनूप जी का प्रस्ताव अच्छा है।
    हाँ गंगा मैया नाराज हैं हम से। ब्लाग पर दर्शन नहीं दे रही हैं।

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  9. Quote
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    बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर लौटने का सपना है।
    शायद कभी पूरा हो पाये!
    ----------------------------------------------
    Unqoute

    एक और सपने का प्रस्ताव रखना चाहता हूँ।
    कभी बेंगळूरु भी पधारिएगा भाभीजी के साथ।
    एक और विश्वनाथ का दर्शन हो जाएगा।

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  10. गंगा स्लिम हो रही है ये राष्टिय चिन्ता का विषय है.. वैसे गंगा प्रदुषित भी बहुत रही/गई है...

    हम ही दोषी है..
    फोटो बहुत अच्छे है!

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  11. इश्वर करेंगंगा मैया की परिक्रमा की आपकी इच्छा जल्द ही पूरी हो.

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  12. फिर भी इलाहाबाद से वाराणसी दक्षिण तट से पैदल होते हुये उत्तर तट पर बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर लौटने का सपना है। शायद कभी पूरा हो पाये!

    "सुंदर लेख और गंगा के दर्शन....भगवान आपकी मनोकामना पुरी करे...."

    Regards

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  13. गंगाजी का स्लिम होना भले ही अस्थाई तौर पर कुछ लोगो को रोजगार देदे. पर शुभ नही है.

    और परिक्रमा का सपना पूरा हो यही शुभकामना है.

    रामराम.

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  14. गंगा तट का छाया चित्र देखकर कितनी ही यादें सजीव हो उठीं...वो बचपन ...लहरें....नावें ...पाल .... रेत...और रेत में बोए गए खरबूजा, खीरा और ककडी .....वो पानी में छूने का खेल...सब कुछ एक फ्लैश बैक सा घूम गया आंखों के सामने. जाना तो अब भी होता है साल में एक दो बार किंतु इतना समय नही मिल पाटा की गंगा तट तक जाया जा सके.

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  15. मैं दावा करता हूँ कि फुरसतिया के साथ पैदल यात्रा पर जाने को ज्ञान जी तैयार हो ही नहीं सकते :)

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  16. जाने क्यों यकायक मुझे पटना का गंगा तट याद आ रहा है.. जहाँ जाने कितनी ही शाम गुजारी हैं यूँ ही..

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  17. प्रकति के दोहन ओर मनुष्य की अहसानफरामोशी का एक उदारहण है गंगा.

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  18. गंगाजी कितनी स्लिम हो गयी हैं! इतनी जबरदस्त डाइटिंग कराई है जनता ने उन्हें।

    सुन्दर व्यंग्य.

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  19. और तो सब ठीक , लेकिन गंगा का स्लिम होना चिंताजनक है.

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  20. ek mansik halchal si uthi aap ka lekh padkar
    bahut gambhir prashna

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  21. "गंगाजी कितनी स्लिम हो गयी हैं! इतनी जबरदस्त डाइटिंग कराई है जनता ने उन्हें। " कल किसी साधुजन के भूख हड़ताल की ख़बर झटके से दिखी थी किसी चैनल पर. बड़ा दुःख होता है ये सुन-देख कर.

    आपकी पद यात्रा में तो ढेर सारे लोग शामिल होने को तैयार हैं. detailed itinerary पोस्ट कीजिये तो हम भी कोशिश करेंगे.

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  22. एक और गंभीर विषय की और आप ने ध्यान दिलाया .विशेषज्ञ जरुर इस और कुछ कदम उठा रहे होंगे.

    *आप की मनोकामना [सपना]जरुर पूरा होगी.उम्मीद पर दुनिया कायम है..

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  23. पदयात्रा का प्लान बनाइये, कई ब्लागर साथ हो जायेंगे। या फिर रेल से गंगा टूर का कुछ जुगाड़ हो ले। आईआरसीटीटी बहुत तरह के टूर पेश करता है। एक गंगा माई टूर बना ले, गंगोत्री से गंगासागर तक, टाइप कुछ हो तो बनवाइये। ब्लागरों को कंसेशन मिले, तो क्या ही कहने।

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  24. गंगा मैय्या आपकी मनोकामना जरुर पूरी करेंगी ।
    ऐसी गंगा जी के दर्शन तो पहली बार हुए वरना हमें तो वो मोटी-ताज़ी वाली (स्लिम नही) गंगा जी ही याद है जहाँ हम लोग एक जमाने मे नहाने जाते थे ।

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  25. हम भारतीयों से ज्यादा चालू कोई एथनिक रेस शायद ही हो.. गंगा को माँ बना लिया, और यह तो आलरेडी कहा है-कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति...

    सही है कुपुत्रों, माता की वॉट लगाते रहो, कभी नाराज नहीं होगी..

    एक जरूरी बात, शायद कोई तकनीकी समस्या है. जूतमपैजारीयता बनाम हेगिओग्रफ़ी और स्लो-ब्लागिंग पर किए मेरे कोई कमेन्ट प्रकाशित नहीं हुए.. जरा देख लीजियेगा.

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  26. बाबा विश्‍वनाथ आपकी मनोकामना पूरी करें।
    'भोले' को भी 'ज्ञान' की आवश्‍यकता तो होती ही है।

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  27. पापीयो के पाप धो धो कर गंगा मईया थक गई, लेकिन पापी वाज नही आये अपने पापो से, इस लिये मां गंगा इस देश के भविष्या को ले कर कमजोर (स्लिम) हो गई.
    धन्यवाद

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  28. गँगा माई के दर्शन करवाने का पुण्य आपको मिला है
    विश्वनाथ की कृपा
    आपकी मनोकामना भी पूर्ण कराये -और नन्हे ऋषि के
    माता ,पिता कहाँ थे ?
    कुछ पता नहीँ करवाया आपने ?
    उस की कथा भी सुनाइयेगा
    - लावण्या

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  29. आप की इस पोस्ट से हमें तो घर बैठे बैठे ही गंगा के दर्शन हो गये और साथ में गंगा किनारे बसी जीवन शैली के भी। स्लाइड शो बहुत बड़िया है। ये जो पैदल यात्रा का प्लान बन रहा है कितने किलोमीटर की दू्री है।

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  30. कलियुग अभी प्रथम चरण में है.भविष्यवाणी है कि द्वितीय चरण के अंत तक गंगा सरस्वती की तरह ही लुप्त हो जायेगी.
    अभी से यह सत्य होता दीख रहा है.आख़िर माता अपने संतान द्वारा अपना अपमान कबतक सहन करती रहेगी,एक दिन साथ तो छोडेगी ही.

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  31. हम भारतीयों से ज्यादा चालू कोई एथनिक रेस शायद ही हो.. गंगा को माँ बना लिया, और यह तो आलरेडी कहा है-कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति...

    सही है कुपुत्रों, माता की वॉट लगाते रहो, कभी नाराज नहीं होगी..

    एक जरूरी बात, शायद कोई तकनीकी समस्या है. जूतमपैजारीयता बनाम हेगिओग्रफ़ी और स्लो-ब्लागिंग पर किए मेरे कोई कमेन्ट प्रकाशित नहीं हुए.. जरा देख लीजियेगा.

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  32. "गंगाजी कितनी स्लिम हो गयी हैं! इतनी जबरदस्त डाइटिंग कराई है जनता ने उन्हें। " कल किसी साधुजन के भूख हड़ताल की ख़बर झटके से दिखी थी किसी चैनल पर. बड़ा दुःख होता है ये सुन-देख कर.

    आपकी पद यात्रा में तो ढेर सारे लोग शामिल होने को तैयार हैं. detailed itinerary पोस्ट कीजिये तो हम भी कोशिश करेंगे.

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  33. गंगा तट का छाया चित्र देखकर कितनी ही यादें सजीव हो उठीं...वो बचपन ...लहरें....नावें ...पाल .... रेत...और रेत में बोए गए खरबूजा, खीरा और ककडी .....वो पानी में छूने का खेल...सब कुछ एक फ्लैश बैक सा घूम गया आंखों के सामने. जाना तो अब भी होता है साल में एक दो बार किंतु इतना समय नही मिल पाटा की गंगा तट तक जाया जा सके.

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  34. गंगा को निकलते ही बाँध के द्वारा बाँध दिया . उसका दोहन किया और दुरपयोग भी , हमारे यहाँ कार्तिक मे गंगा मे इतना कम जल था की मारुती वेन जैसी कारे भी गंगा को पानी के बीच मे से पार कर रही थी .
    और हमारे यहाँ १० किलोमीटर भी पैदल चले गंगा के किनारे ,तो किसी खादर मे बंधे पड़े होंगे आप . क्योकि गंगा मैय्या के किनारे रहने वालो को पाप की चिंता नही होती

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  35. गंगा कितनी स्लिम हो गई है-

    हमारे मुहल्ले में शर्मा जी बिटिया ७५ किलो की थी..पिछले ८ महिनों में एकदम स्लिम हो ली है. अब लगभग ५० किलो पर आ ली है. सब समझ रहे थे कि शादी की तैयारी हो रही है. कल पता चला कि कोई मारक बिमारी हो गई है, अब बचना मुश्किल ही है.

    सीख: स्लिमनेस मात्र डायटिंग से नहीं आती और न ही हमेशा अच्छी होती है.

    खैर, आप वाराणसी के दख्खिन तट तक जब टहलने जायेंगे तो १००-१५० पोस्टें तो तय हैं..काहे कि १/२ किमी भी नहीं टहले और एक पोस्ट ठेल दी. :)

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--- सादर, ज्ञानदत्त पाण्डेय