|| MERI MAANSIK HALCHAL ||
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Tuesday, September 9, 2008
बिगबैंग का प्रलय-हल्ला और शिवकुटी
मेरे घर व आसपास में रविवार से सनसनी है कि दस सितम्बर को प्रलय है। किसी टीवी ने खबर ठेली है। कहीं कोई मशीन बनी है जो धरती के नीचे (?) इतनी ऊर्जा बनायेगी कि अगर कण्ट्रोल नहीं हुआ तो प्रलय हो जायेगा। मैने टीवी नहीं देखा तो फण्डा समझ नहीं आया। फिर इण्टरनेट न्यूज सर्च से मामला फरियाया।
फ्रांस-स्विस सरहद पर १७ मील लम्बी सुरंग में नाभिकीय पार्टीकल स्मैशिंग प्रयोग होगा। उससे नयी विमाओं, ब्लैक होल, हिग्स बोसॉन आदि के बारें में ज्ञान और असीम जानकारी मिलेगी। इस पर दस बिलियन डालर का खर्च आयेगा। यह यूएसए टुडे में है।
यह खबर जेनेवा से है। वहां की सी.ई.आर.एन. लैब यह प्रयोग कर रही है। साठ हजार कम्प्यूटर इस प्रयोग से मिले डाटा का विश्लेषण करेंगे। यह ग्रिडकम्प्यूटिंग में भी सबसे बड़ा प्रयोग होगा।
द हिन्दू में लंदन डेटलाइन से खबर है कि उन वैज्ञानिकों को हत्या की धमकियां मिली हैं जो यह प्रयोग कर रहे हैं; क्योंकि "अगर बिगबैंग के बाद की दशा की पुन: रचना हुई तो प्रलय आ सकती है!"
यह तो हुई खबर की बात। अब मेरे घर और घर के आसपास जो हुआ वह मेरी पत्नीजी की कलम से:
ट्यूब खाली हो रही हो या नहीं, पत्नीजी चाहती हैं ब्लॉग पर गतिविधि रहे। लिहाजा मेरे दफ्तर से घर आने के पहले उन्होंने यह लिख कर रखा था कि मैं पोस्ट बनाने से न बच सकूं?!
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बस! कुछ मनचले वैज्ञानिक न्यूट्रान-प्लूटान-सूटान-अपट्रान जैसे परमाणविक भागों को विस्फोट करा ऐसा धमाका करेंगे कि धरती रसातल में चली जायेगी! सब पानी-पानी हो जायेगा।
ReplyDeleteबहुत खूब!
अरे रे ..ये तो बहुत बुरा हुआ ! ;-(
ReplyDeleteआप को चोट तो नहीँ आई ना रीटा भाभी जी ?
और प्रलय की खबर
पहले भी कई बार आ चुकी है !
Nothing will happen just yet ..
so relax !
भरतलाल के इरादे बुलँद हैँ !
आज से उन्हेँ मनुलाल पुकारेँ का ? :-)
चलो, मीडीयावालोँ को काम मिला !
- लावण्या
चलिए जनाब ब्लागिंग में बनाए रखने के इस से बेहतर जीवन संगिनी कहाँ मिलेंगी। भाभी को ब्लागिंग प्रेरित महिला का प्रथम पुरस्कार दे दिया जाना चाहिए। पाठकों आप की क्या राय है इस मामले में? जरा मतदान कर डालिए।
ReplyDeleteशनिवार को आइक नामक चक्रवात हमारे शहर में आने की संभावना है, उसका भी स्वागत है | उससे पहले बिग बैंग हो गया तो ईश्वर की इच्छा :-)
ReplyDeleteनीरज
जमाये रहियेजी। इस दुनिया में इत्ता कुछ हो रहा है, ब्लागर को विषय की कमी ना होगी। बस विषय वासना होनी चाहिए। फिर अब तो आपने वह असंभव कार्य कर दिखाया है कि पत्नी ब्लागिंग में सिर्फ प्रेरक नही है, बल्कि सक्रिय सहयोगिनी की भूमिका में भी है। येसा कमाल कम ही होता है।
ReplyDeletesatya wachan maharaj,puraskar ka naam blog ratna ho to kaisa rahega?bhaiya ke sath-sath bhabhiji ko bhi pranam
ReplyDeleteReeta jee !
ReplyDeleteकिसे ज्यादा घबराहट जो रही है ज्ञान जी को या आपको -आप एक दोनों का ढांढस बंधाएं !
Bhabhiji se kahiye ki prabhu se prarthana karen ki pralay jab aaye uske pahle uska experiment channel par karen.
ReplyDeleteकल प्रलय नहीं आएगा, यह तय है और यह इण्डिया टीवी वाले भी जानते है.
ReplyDeleteभाभीजी को चोट नहीं लगी होगी. ऐसी प्रोत्साहित करने वाली बीवी नसीब वालो को ही मिलती है :) बधाई.
.
ReplyDeleteआज तो भाई, बिना पोस्ट पढ़े ही टीप रहा हूँ,
ताकि सनद रहे और वक़्त ए ज़रूरत काम आवे, पोस्ट यहाँ है, क्योंकि
मेरी प्रेरणास्पद भाभीं वहाँ हैं । गुरुवर, अब आपको यह बताने की कोई
ज़रूरत ही ना रही कि ट्यूब कहाँ , कैसे और किससे भरवायें ।
कवि की प्रेरणा एक अदद प्रेमिका होती है, हम नहीं ’ अज्ञेय ’ बोले रहें ।
कथाकार उसमें पत्नी की साठगाँठ भी जोर ले, यह ’ रेणु ’ कह गये ,
और ब्लागर इसमें मोहल्ला समाज को भी न्यौत ले, विषय का टोटा
कहाँ है ? भगवान ऎसी भाभी ( आप एक्ज़े्म्टेड हो ) सबको दे ।
यहाँ पंडिताइन ट्यूब पंचर किये रहती हैं, विषय इतने हैं.. कि सबको
कान पकड़ कर एक कोने RAC में डाल रखा है , और आप ट्यूब लिये
डोल रहे हो.. भाभी से पूछ कर आराम आराम से लिखो, हलचल का
चक्रवात न बनाओ .. बस इतमिनान बना रहे कि ब्लागिंग चालू आहे !
ऐसी ही अफ़वाह '96 में भी उड़ी थी कि उस साल भारत-पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध के कारण धरती नष्ट हो जाएगी। इसका आधार नास्त्रेदामस की भविष्यवाणियाँ थीं। कालेज का दौर था तो मैं सोचा करता था कि क्लास की किस लड़की को बचाने के लिये भागूँगा। मगर हाय रे किस्मत, ऐसा कुछ हुआ ही नहीं।
ReplyDeleteयह मेरा क्षेत्र है -- हाई एनर्जी पार्टिक फिजिक्स. ये प्रयोग पिछले 50 साल से होत आये हैं, एवं अगले 50 साल और होते रहेंगे. किसी का कुछ नहीं बिगडेगा.
ReplyDelete-- शास्त्री जे सी फिलिप
-- बूंद बूंद से घट भरे. आज आपकी एक छोटी सी टिप्पणी, एक छोटा सा प्रोत्साहन, कल हिन्दीजगत को एक बडा सागर बना सकता है. आईये, आज कम से कम दस चिट्ठों पर टिप्पणी देकर उनको प्रोत्साहित करें!!
अनिल जी के ब्लाग मे आपकी टिप्पणी पढी (मिशनरी स्कुलो के बारे में)पढ कर लगा कि आप किसी चिज के विश्ल्लेषण की जिम्मेदारी लेते है औरो की तरह बस हा हा नही करते । सो वही लिंक टटोलता यहा चला आया यहा आकर पता चला कि यहा प्रलय आया है ।
ReplyDeleteबढ़िया पोस्ट है. आपने कुछ गंभीर वैज्ञानिक जानकारी भी दी और आस-पास का वर्णन भी कुशलता से किया.
ReplyDeleteलेकिन इस विषय पर न्यूज चेनल्स को कोसने वाली कुछ पोस्टें दिखने के बावजूद वैज्ञानिक दृष्टिकोण से लिखी गयी कोई गंभीर पोस्ट किसी हिन्दी ब्लॉग पर पढने को नहीं मिली जो पूरी जानकारी लोगों को मुहैया करा सकती. हिन्दी ब्लॉग जगत अभी सियासी स्तर की नारेबाजी और शोशेबाजी में ही ज्यादा उलझा हुआ है. तर्कहीन और भावना भड़काऊ लेखन ही लोगों की पसंद बना हुआ है. तथ्यपरक और खोजपूर्ण आलेखों का काफी हद तक अभाव ही दिखता है. आशा है स्थिति में बदलाव आएगा.
reeta di., beti bokaro me ?? aur hamey pata bhi nahi?? :(
ReplyDeleteसर्न (सी ई आर एन ) प्रयोगशाला नी जानबूझकर इस विवाद की डिजाइन की है। वैसे उनका यह त्वरक बहुत बड़ा और बहुत शक्तिशाली है, इसमें कोई सन्देह नहीं है। मुझे लगता है कि यदि यह प्रयोग बिना किसी विवाद के शान्तिपूर्वक किया जाता तो दुनिया सर्न को उतना नहीं जान्पाती और उसे उतना महत्व नहीं मिलता । इसलिये यह "बदनामी", प्रचार का एक तरीका हो सकती है।
ReplyDeleteवाणी जी ने एडवांस में बुड्डी कह दिया तो उसमे बुरा मानाने की जरुरत ही क्या है आखिर एक दिन सभी को बुड्डी/बुड्डा होना ही है . महाप्रलय के बारे में सभी चैनल बुरी तरह से सभी को डरा रहे है . कल एक चैनल लाइव इंडिया में एक वैज्ञानिक जी बता रहे थे कि कुछ नही होगा और चैनल वाले सभी को डरा रहे है .
ReplyDeleteहा हा ! आज सुबह ही एक मित्र का फोन आया तो ये कहबर सुने उनहोंने... मैंने कहा चलो यार अच्छा है, सब ख़त्म हो जाए एक साथ तो क्या दिक्कत है... पीछे कोई ऐसा नहीं बचेगा जिसे दुःख होगा !
ReplyDeleteक्या परेशान होना ?
उन्होंने कहा हाँ तुम्हे क्या परेशान होना... परेशान तो वो होता है जिसके पास कोई काम नहीं है :-)
अन्यथा ना लें... पर यही कहा उन्होंने वो अपने पिताजी के सन्दर्भ में बोल रहे थे, उनके घर से फोन आया था.
बड़ा लफड़ा हो जायेगा तब तो. अगर प्रलय आ गई तो हमारा ब्लॉग भी डूब जायेगा इस प्रलय में. हे भगवान जी (या वैज्ञानिक जी), इस प्रलय को रोकें नहीं तो ब्लॉग तो जायेगा ही, साथ में टिप्पणियां भी चल बसेंगी....
ReplyDeleteभाई जी, आप सचमुच बड़े भाग्यवान हैं,जो आपको ऐसी जीवन संगिनी मिली,वरना अक्सर तो लिखने पढने के कामो को पत्नियाँ अपनी सौत के रूप में देखती हैं.पति पत्नी एक दूसरे के सत्कर्म में प्रेरक और सहयोगी हों ,इस से सुखद बात और क्या हो सकती है.
ReplyDeleteजहाँ तक प्रलय का प्रश्न है,देखते हैं..... हाथ कंगन को आरसी क्या........
aaspaas ki baten jyada rochak lagi....baaki to jo hona hoga wo hoga hi! ek baar jab ham bachche the tab skylab girna ki khabar jor se uchhli thi....tab bhi kuch aisa hi mahol tha.
ReplyDeleteबड़ी देर से प्रलय की सूचना दी वरना मैं तो बैंक से लोन लेकर पूरे ऐश के साथ दो चार दिन जिंदगी जी लेना चाहता था लेकिन अब लोन प्रोसेस होते होते ही सबकुछ खत्म।
ReplyDeleteबढिया ज्ञान और अपनी सी पोस्ट !
ReplyDeleteऐसा लग रहा है की घर में बैठ कर
सब लोग आपस में गपिया रहे हैं !
बहुत आनंद आया ! धन्यवाद !
गुरुदेव, आपका सिक्का तो चल निकला। अब आराम से ब्लॉग चटकाइए। घर में ही ‘रिलीवर’ मौजूद हो तो चिन्ता काहे की? क्या कहने...
ReplyDeleteपोस्ट भी उतनी ही ताजगी और रोचकता वाली आ रही है... बधाई।
अरे भाभी आप ठीक तो है न। डॉक्टर को दिखाया या नही।
ReplyDeleteदुनिता ख़त्म हो जायेगी ये तो पिछले एक हफ्ते से टी.वी.वाले दिखा रहे है और कुछ चैनल तो ग्रहों के बारे मे भी बता रहे है। देखें कल क्या होता है।
वैसे अपने ब्लॉगिंग मे भी एक प्रलय आ चुकी है समीर जी के जाने की।
एक दिन ओर बचा है सर जी !भाभी जी की जय हो......
ReplyDeleteअब ज्ञानजी को अपनी ट्यूब की कोई चिंता न होने चाहिये। घर में ही रिफ़ल स्टोर खुल गया है। जहां खाली हुये भरवा लिये। बिटिया ने बुढ्ढी पुरानी मेज के लिये कहा होगा। आपने सुना ही होगा कि लड़कियों को मायके की एक-एक चीज से प्यार होगा है। वे एक-एक चीज के बारे में चिंतित होती हैं। जब आपने गिरने की बात कही तो वो मेज जो कि पुरानी हो गयी है उसको बुढ्ढी बताकर उसके प्रति चिंता जाहिर की होगी। यहां मेज का मानवीकरण हुआ है। बाकी आपकी लेखन शैली इत्ती अच्छी है कि तारीफ़ करने का मन होरहा है। मुझे लगता है कि ज्ञान जी ने जो अच्छी सहज हास्य वाली पोस्टें लिखीं वे आपसे ही लिखवा कर पोस्ट की होंगी। आप लिखतीं रहें। बधाई आपको इत्ता अच्छा लिखने के लिये। :)
ReplyDeleteआप सभी अपने अपने फ़ोन ना० मुझे दे दे, प्रलय सब से पहले मेरे यहा से हो कर गुजरे गी मे उसी समय आप सब को फ़ोन पर बता दुगां ओर सब लोग पलक के बाबा जी के साथ जल्दी से हिमाल्या पर चले जाये , जब प्रलय खतम हो जाये गी फ़िर आप को फ़ोन कर दुंगा फ़िर सभी वापिस आ कर जहा चाहॊ कब्जा कर लेना, लेकिन इस से पहले मुझे सलाह देने ओर मदद देने के लिये सभी लोग जिस इज्स ने बचना हे एक एक लाख pay pal से भेज दे. ओर ग्य्य्न जी आप भाभी जी का धयान रखे , ओर उन का पेर खुब दबाये, फ़िर हिमायल पर भी चढना हे, वेसे आप को फ़्रि मे बता दुगा, बस एक रेल का पास ले देना
ReplyDeleteधन्यवाद सुचना समापत हुयी
कल की दुनिया में क्या होगा किसको पता। जो होगा सबके साथ होगा।
ReplyDeleteफिर भी, इस प्रयोग का सीधा प्रसारण इंटरनेट पर देखा जा सकता है।
आशा है रीटा जी को चोट न आयी होगी। रीटा जी की लेखन शैली बहुत ही रोचक है। लिखती रहें
ReplyDeleteजे हुई न बात, भाभी जी की पोस्ट ने दिल खुश किया, देखो ज्ञान दद्दा आपकी ट्यूब खाली हो रही हो तो अपन को कोई वान्दा नई, भाभी जी जिंदाबाद, ब्लॉग जारी ही रहेगा।
ReplyDeleteअरे इस प्रलय की चर्चा ने भेजा पका डाला था, जिधर जाओ अगला यही सवाल दागे जा रहा था तीन-चार दिन से और अपन कम दिमागी प्राणी समान पलट के सवाल दागते रहे कि भैया जे मामला का है।
असल में अपन टीवी देखते हैं नई तो अपनी ट्यूबलाईट इस मामले मे देर से जली।