लिहाजा मैं प्रस्तुत कर देता हूं -
आदरणीय सर जी,
हम आप को और आपके परिवार को बहुत मंगलमय नया वर्ष २०१० एडवान्स में कामना भेजते हैं। यह इस लिये, क्यों कि कबीर दास जी ने कहा था:
काल करे हो आज कर, आज करे सो अब्ब।
क्या भरोसा कल नेट फेल हो गया, तो विश करेगा कब्ब।
मैं तो सिर्फ निशात अली जी की सलाह पर चल रहा हूं। इसी से प्रसन्न हो अगर वे तीन चार डीजल इन्जन दे दें तो कृपा होगी (श्री निशात अली जबलपुर में पश्चिम-मध्य रेलवे के मालगाड़ी चलाने के मालिक हैं)!
अपडेट: और उत्तर रेलवे के एम.जी.एम. (माल गाड़ी मालिक) श्री मनोज श्रीवास्तव ने भी नये साल का जल्दी एस.एम.एस. ठेल कर उसका वाजिब तकनीकी कारण बताया -
क्या पता, एस.एम.एस. के जाम में फंस जाये मैसेज! इस लिये पहले ही दे दिवा के छुट्टी पाई हमने तो!
हमसे भी एडवान्स ही लें मंगलकामनाएँ पूरे परिवार के लिए हैं जी..अकेले न गप कर जाईयेगा.
ReplyDeleteहा हा हा । पिछले दसेक दिनों से हमारा नेट बार बार आंख मार रहा है । देखिए ना ज़माना कित्ता अशालीन हो गया है । टैक्नॉलजी भी आंख मारकर आप पर हंसती है ।
ReplyDeleteहमारी शुभकामनाएं लीजिए----
1. नववर्ष में हम टैक्नॉजली के अति-एडिक्शन से बचने की कोशिश करें ।
2. नववर्ष झूठी उम्मीदों और उबाऊ औपचारिकताओं से परे सच्ची भावनाओं का साल हो
3. इस पूरे नए साल में हम 'हाय सब कुछ कित्ता खराब हो रहा है' से हटकर 'जो अच्छा बचा है' उस पर ध्यान देकर खुश रहें
4. आपकी रेलगाडियां, मालगाडियां ठीक से चलें, अपने रस्ते चलें, पटरियों से सड़क पर ना आएं, बस इत्ता ही । समय पर चलने की कामना हम नहीं कर रहे हैं । वो तो कभी ना कभी हो ही जाएगा ।
अब चलते हैं । ज़रा नये साल के जश्न में डान्स पे चान्स-वान्स मार लें एड-वान्स में ।
एक बात रह गयी । आप भी डान्स पे चान्स मारके देखिएगा । मजा आता है बहुत ।
ReplyDeleteनववर्ष पर आप को भी बहुत बहुत शुभकामनाएँ !
ReplyDeleteनिशात अली जी की मनोकामना भी पूरी हो।
हमारी भी काल करे सो अब्ब ।
ReplyDeleteनया साल आपको और आपके परिवार को शुभ हो ।
मेरी भी पहुंचे सभी को बजरिये आपके ज्ञान जी ....और आपको भी !
ReplyDeleteरेल्वे में एडवांस बुकिंग का रिवाज है. कल को जगह मिले न मिले.
ReplyDeleteइसी तर्ज पर ईसा के नये साल की बहुत बहुत बधाई व शुभकामनाएं, एडवांस में...
बात तो सही जी....कहीं नेट धोखा दे गया तो बैठे परेशान होने के सिवा चारा ही क्या बचता है....वैसे संजय जी की बात भी बहुत दमदार है...
ReplyDeleteआप को व आपके परिवार को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये !
चलो, हम भी लाईन में लग जाते हैं, क्या पता कल इन्टरनेट काम करे या न करे?
ReplyDeleteआपको, आपके परिवार के सभी सदस्यों को, और यहाँ के सभी ब्लोग्गर मित्रों को हमारी शुभकामनाएं।
इस साल निजी कारणों से, कई महीनों तक ब्लॉग जगत से दूर रहा था। अब लौटा हूँ और समय मिलने पर एक एक करके पुराने मित्रों के चिट्ठे फ़िरसे पढ़ना आरंभ करना चाहता हूँ। यह भी आशा है कि टिप्पणी करने में फ़िरसे सक्रिय बन जाऊँगा।
जी विश्वनाथ, जे पी नगर, बेंगळूरु
आपकी पोस्ट पढ़ कर मुस्कराते हुए नए साल की शुभकामनायें भेज रहा हूँ !
ReplyDeleteपाण्डे जी-नुतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDelete"क्या पता, एस.एम.एस. के जाम में फंस जाये मैसेज!"
ReplyDeleteक्या पता कल ब्राडबैंड नेरो हो जाय, इसीलिए आज ही दे रहे हैं नववर्ष की शुभकामनाएं :)
ज्ञान जी ,
ReplyDeleteमेरी भी नव वर्ष की अनंत शुभ कामनाएं !
वैसे कबीर को सिर्फ इसी दोहे में अस्वीकार किया है ज़िंदगी भर . इस फलसफे के साथ .....उनकी उल्टी सोच .
आज करे सो काल कर ,काल का हो तो परसों
इतनी जल्दी क्या पडी ,जब जीना है बरसों .
धन्यवाद !
आप को ओर आप के परिवार को नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteआप को, और समस्त परिवार को नव-वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं.
ReplyDeleteमीत
आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये . मां गंगा की क्रपा आप पर हमेशा की तरह बनी रहे
ReplyDeleteहमसे भी एडवांस में नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDelete--------
पुरूषों के श्रेष्ठता के जींस-शंकाएं और जवाब।
साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन के पुरस्कार घोषित।
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ।
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद
ReplyDeleteआपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
जल्द से जल्द पहुंचे मेरी भी शुभकामनाएं.
ReplyDelete.
ReplyDelete.
.
हा हा हा हा हा...
यह भी खूब रही...
आप को, और समस्त परिवार को नव-वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं.
वर्ष नव-हर्ष नव-उत्कर्ष नव
ReplyDelete-नव वर्ष, २०१० के लिए अभिमंत्रित शुभकामनाओं सहित ,
डॉ मनोज मिश्र
नववर्ष की अनेकानेक शुभकामनाएं.
ReplyDeleteबारह बजे के बाद वाली शुभकामना यह रही :)
ReplyDeleteएसएमएस की विचित्र माया।
ReplyDeleteएक ही मेसेज
अनेकों से पाया
इसीलिए
एसएमएस का रिवाज
मुझे नहीं भाया।
आपको नव वर्ष की बधाइयॉं और शुभ-कामनाऍं।
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये!
ReplyDeleteनव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं॥
ReplyDeleteग्यान जी आप टिप्प्णिया स्वीकार करे या नही, आज मेरी नजर मे आप और ऊपर हो गये है..सिर्फ़ टिप्प्णिया ही हमारा उद्देश्य कबसे हो गयी..चरित्र भी कुछ होता है..
आप ऐसे ही लिखते रहिये, मेरे जैसे नवयुवक हमेशा आपके साथ है..
कोटि कोटि प्रणाम..
(काफ़ी दिनो बाद गूगल रीडर खोला, और लग रहा है गलती कर दी..मेरा मन भी बडा छुब्ध है..आपकी ४-५ पोस्ट्स की सारे टिप्प्णी यही दे रहा हू..approve नही भी करेगे तो चलेगा बस बात आपतक पहुचानी थी..)
हम बाद में ही दे देते हैं :) नव वर्ष की शुभकामनायें !
ReplyDeleteनव वर्ष की शुभकामनाएं शायद हम आपको दे चुके हैं...आज आपकी पिछली पोस्ट्स पढने का बीड़ा उठाया गया है...कबीर से याद आया...अभी दो तारीख़ को मुंबई में शेखर सेन का एकल नाटक 'कबीर' देखा, अगर आपने इसे देखा सुना नहीं है तो समझिये जीवन में बहुत कुछ खो दिया है...कबीर पर इतनी सुन्दर संगीत मय प्रस्तुति किसी करिश्में से कम नहीं है...हो सकता है इसके शो इलाहाबाद में न हुए हों लेकिन इसकी केसेट आप को जरूर मिल जाएगी...गूगल पर शेखर सेन टाईप करिए और जानकारी प्राप्त कीजिये...
ReplyDeleteनीरज
नव वर्ष की शुभकामनाएं शायद हम आपको दे चुके हैं...आज आपकी पिछली पोस्ट्स पढने का बीड़ा उठाया गया है...कबीर से याद आया...अभी दो तारीख़ को मुंबई में शेखर सेन का एकल नाटक 'कबीर' देखा, अगर आपने इसे देखा सुना नहीं है तो समझिये जीवन में बहुत कुछ खो दिया है...कबीर पर इतनी सुन्दर संगीत मय प्रस्तुति किसी करिश्में से कम नहीं है...हो सकता है इसके शो इलाहाबाद में न हुए हों लेकिन इसकी केसेट आप को जरूर मिल जाएगी...गूगल पर शेखर सेन टाईप करिए और जानकारी प्राप्त कीजिये...
ReplyDeleteनीरज
बारह बजे के बाद वाली शुभकामना यह रही :)
ReplyDeleteजल्द से जल्द पहुंचे मेरी भी शुभकामनाएं.
ReplyDeleteपाण्डे जी-नुतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteचलो, हम भी लाईन में लग जाते हैं, क्या पता कल इन्टरनेट काम करे या न करे?
ReplyDeleteआपको, आपके परिवार के सभी सदस्यों को, और यहाँ के सभी ब्लोग्गर मित्रों को हमारी शुभकामनाएं।
इस साल निजी कारणों से, कई महीनों तक ब्लॉग जगत से दूर रहा था। अब लौटा हूँ और समय मिलने पर एक एक करके पुराने मित्रों के चिट्ठे फ़िरसे पढ़ना आरंभ करना चाहता हूँ। यह भी आशा है कि टिप्पणी करने में फ़िरसे सक्रिय बन जाऊँगा।
जी विश्वनाथ, जे पी नगर, बेंगळूरु
हा हा हा । पिछले दसेक दिनों से हमारा नेट बार बार आंख मार रहा है । देखिए ना ज़माना कित्ता अशालीन हो गया है । टैक्नॉलजी भी आंख मारकर आप पर हंसती है ।
ReplyDeleteहमारी शुभकामनाएं लीजिए----
1. नववर्ष में हम टैक्नॉजली के अति-एडिक्शन से बचने की कोशिश करें ।
2. नववर्ष झूठी उम्मीदों और उबाऊ औपचारिकताओं से परे सच्ची भावनाओं का साल हो
3. इस पूरे नए साल में हम 'हाय सब कुछ कित्ता खराब हो रहा है' से हटकर 'जो अच्छा बचा है' उस पर ध्यान देकर खुश रहें
4. आपकी रेलगाडियां, मालगाडियां ठीक से चलें, अपने रस्ते चलें, पटरियों से सड़क पर ना आएं, बस इत्ता ही । समय पर चलने की कामना हम नहीं कर रहे हैं । वो तो कभी ना कभी हो ही जाएगा ।
अब चलते हैं । ज़रा नये साल के जश्न में डान्स पे चान्स-वान्स मार लें एड-वान्स में ।