हर एक ब्लॉगर अपना घर का स्टडी टेबल और कम्प्यूटर सिस्टम जमाता होगा। मेरा अध्ययन तो सामान्यत: बिस्तर पर होता है। पर कम्प्यूटर और संचार (कम्यूनिकेशन) का सिस्टम मेज कुर्सी पर काफ़ी सीमा तक मेरी व्यक्तिगत और सरकारी आवश्यकताओं को ध्यान में रख कर बना है।
इस लेख को अंश में मैं पहले इस पोस्ट पर प्रस्तुत कर चुका हूं। अनुगूंज - २३ के लिये इसे संशोधित और परिवर्धित कर पुन: प्रस्तुत कर रहा हूं| अनुगूंज-२३ के विषय में मुझे ख्याल नहीं था। आलोक ९२११ जी ने याद दिलाया; उसके लिये अतिशय धन्यवाद। |
पहले पहल मैं आपको अपने कम्प्यूटर और संचार व्यवस्था का वास्तविक घरेलू परिदृश्य दिखाता हूं। यह घर के फर्नीचर सेट-अप का हिस्सा है और सामान्यत इसे आप मेरा अभयारण्य कह सकते हैं। घर में कोई गतिविधि चल रही हो; अगर मैं इन चित्रों में दिखाई गयी कुर्सियों में से एक पर बैठा होऊ तो मुझे व्यस्त मान कर बक्श दिया जाता है:
उक्त दोनो सिस्टम अलग अलग और अलग कमरों में होते हुये भी संचार नेटवर्क से जुड़े हैं। मैं उसका विवरण नीचे देता हूं।
मेरा (पिताजी का) मकान रेलवे दफ़्तर से १४ किलोमीटर दूर है। दफ़्तर इतनी अधिक लिखित पोजीशन दिन में बार-बार जेनरेट करता है कि मुझे फ़ैक्स पर निर्भर रहना पड़ता है - जो सस्ता उपाय है लिखित सूचना को प्राप्त करने का। और फैक्स भी मैं सीधे कम्प्यूटर में लेता हूं जिससे व्यर्थ कागज बरबाद न करना पड़े। केवल बहुत जरूरी पन्नों की हार्ड कॉपी लेता हूं।
मुझे रेलवे ने बात करने और डाटा ट्रांसफर के लिये एक बीएसएनएल फोन दे रखा है। उसी फोन के माध्यम से मैं अपने दफ्तर के रेलवे और बीएसएनएल नेटवर्क को एक्सेस करता हूं। बचा काम मैं रेलवे द्वारा दिये गये मोबाइल फोन से या घर पर उपलब्ध व्यक्तिगत (पिताजी के नाम) बीएसएनएल फोन से पूरा करता हूं।
मेरा घर का कम्प्यूटर और संचार नेटवर्क इस प्रकार का है:
इस ऊपर वाला तन्त्र में मेरा लैपटॉप दो ब्रॉडबैण्ड सूत्रों से और डेस्कटॉप एक से जुड़ा है। डेस्कटॉप से फैक्स-प्रिण्टर-स्कैनर युक्त है। फोन करने की सुविधा दोनो ’केन्द्रों’ पर है। मैं लगभग १५-१८ पेज प्रति दिन फैक्स के रिसीव करता हूं। इण्टरनेट का प्रयोग लगभग ८ घण्टे प्रतिदिन होता है।
मैं जब अपने कम्प्यूटर और संचार नेटवर्क को देखता हूं तो पाता हूं कि इसे स्थापित करने में बहुत कुछ मेरा खुद का योगदान है। मैने एक "नेटगीयर" वायरलेस मॉडम भी लगा रखा है जो बीएसएनएल डाटालिंक को बिना तार के पूरे घर भर की रेंज में लैपटॉप से जोड़ देता है। यह लगभग रुपये २०००/- का मिला है। पूरा सिस्टम शायद यह बीएसएनएल के सामान्य कॉनफीग्यूरेशन के अनुकूल न भी हो। पर वह काम कर रहा है!
इस कम्प्यूटर और संचार तन्त्र से लाभ यह है कि मैं दो बीएसएनएल फोनों के स्टार्ट-अप ब्रॉडबैण्ड प्लान २५० का प्रयोग सुविधानुसार कर रुपये ५०० प्रति मास में २ जीबी का डाउनलोड सुनिश्चित कर लेता हूं। यह बहुत सस्ता है। अगर यह भी कम पड़ता है तो मैं अपने दफ्तर के फोन के ब्रॉडबैण्ड खाते के यूजरनेम और पासवर्ड का प्रयोग कर उसमें १ जीबी डाउनलोड की बची हुई क्षमता का इस्तेमाल भी कर लेता हूं। कुल मिला कर मैं बीएसएनएल के न्यूनतम टैरिफ रेट पर काम करते हुये महीने में ३ जीबी डाउनलोड का फायदा लेता हूं। और उसमें भी मेरी जेब से खर्च केवल रुपये २५० मात्र है। शेष रुपये ५०० तो रेलवे वहन करती है!
चिट्ठाजगत पर सम्बन्धित: अनुगूँज, anugunj,
यह बहुत रोचक होगा अगर ब्लॉगर लोग अपनी घर की कम्प्यूटर सेटिंग के चित्र प्रस्तुत करें। मेरे लैपटॉप-डेस्कटॉप सेटिंग के चित्र देख कर तो मेरी पत्नी मुंह बिचका कर गयी हैं - "घर की सफाई-डस्टिंग कोई और करे; फोटो दिखाने को तुम चघड़ बने रहते हो!"
नये साल में मेरे बगीचे में नरगिस की कलियां खिल गयीं मित्रों! (जोड़ा - सवेरे ७:२२ पर) |
आपका तकनीक प्रेम गजब का है। प्रेरणा प्रदान करता है
ReplyDeleteलैपटाप को टेबल पर रखने की क्या जरुरत है। अगर टेबल पर ही काम करना है, तो डेस्कटाप काफी है। लैपटाप की सही जगह है कंबल के अंदर, छत के ऊपर, कार में, या फिर किसी पार्क में। वगैरह वगैरह।
ReplyDeleteनये साल में आपका संचार तंत्र कभी ध्वस्त ना हो।
इस शुभकामना के साथ
हालांकि ससुरे लेखक की शुभकामना से होता क्या है, बीएसएनएल वालों की दुआएं चाहिए। वैसे आपके रेलवे का संचार तंत्र अब भी परम चिरकुट और प्रागैतिहासिक काल में चल रहा है। सुबह से यह पता करने के चक्कर में हूं मुंबई से आने वाली राजधानी कितने बजे आयेगी, जो हुआ सो यूं है
-131 पर डायल करो, तो एक प्रीरिकार्डेड स्वर उभरता है इस नंबर सिर्फ ट्रेन के समय और सामान्य जानकारी उपलब्ध है। गाड़ी के आगमन और प्रस्थान की जानकारी के लिए बीएसएनएल और एमटीएनल के उपभोक्ता 139 पर डायल करें। प्लीज बहना ये तो बता दे, जिन पे बीएसएनएल या एमटीएनएल नहीं ना वो गरीब कहां जायें। यह नहीं बताया जाता। धड़ाधड़ वो ये बताये जाती है कि 131 पर सामान्य जानकारी ही उपलब्ध है। अब सामान्य जानकारी भी ना उपलब्ध है। क्योंकि फोन बालिका सिर्फ यही बताये जा रही है कि यहां सामान्य जानकारी उपलब्ध है।
एक नंबर और है रेलवे का 1330 यह तो घणा मजेदार नंबर है। इस पर मिलाओ तो कुछ अगड़म बगड़म के बाद बात मुद्दे पर आती है। इस पर पूछा जाता है कि ट्रेन का नंबर बताइये। अब बताइए इत्ते ही पढ़े लिखे होते कि ट्रेन का नंबर पता होता, तो क्या सिर्फ लेखक होते। नहीं ना। फिर इसमें एक विकल्प होता है कि अच्छा ट्रेन का नाम बताओ मैंने कहा राजधानी। वहां से जवाब आया प्रीरिकार्डेड आपके द्वारा बतायी गयी ट्रेन संपर्क क्रांति शताब्दी एक्सप्रेस, अगर सही है तो 1 दबाइये वरना नो कहिये। नो कहा, फिर राजधानी कहा, अबकी बार बताया गया आपके द्वारा बताया गयी ट्रेन पटना संपर्क क्रांति है यदि है तो एक दबायें या नो कहें। फिर नो कहा, फिर राजधानी कहा, अब की जवाब आया आपके द्वारा बतायी गयी ट्रेन है जम्मू तवी मालवा एक्सप्रेस।
सरजी अब मैं डर गया कि ये तो भारत की सारी ट्रेनों की सामान्य जानकारी बता देगी।
ये रेलवे इत्ता कमा रही है, मुनाफे में भी आ ली है। एक काम क्यूं ना करती कि सौ दौ सौ आपरेटरों वाली लाइनें खोल दें, चौबीस घंटे कुछ बंदे मिलें लाइव. और बता दें कि कौन सी ट्रेन कब आयेगी। मुझे बताया गया कि अभी इसी टाइप का काम यूके की रेलवे ने इंडिया आउटसोर्स किया है। इंडियन रेलवे भी इस काम को आउटसोर्स कर दे। बड़ी राहत हो जायेगी।
@ आलोक पुरणिक - अपका विचार बहुत उत्कृष्ट है। रेलवे के पास अपना ऑप्टीकल फाइबर का दमदार नेटवर्क है। रेलवे एन्क्वाईरी, टिकट बुकिंग, आरक्षण आदि कि सुविधायें बिजनेस प्रॉसेस आउटसोर्स के जरीये मार्केट को थमाई जानी चाहियें। उसके लिये सब प्रकार से प्रॉजेक्ट चल रहे हैं। उदाहरण के लिये इण्टीग्रेटेड कोचिंग इनफ़ार्मेशन सिस्टम शायद चालू हो कर २००८ में ट्रेन रनिंग की सूचनायें देने लगे BPO के माध्यम से!
ReplyDeleteज्ञानजी
ReplyDeleteये सिस्टम का सचित्र विवरण उपलब्ध कराना सबके बस का नहीं है। वैसे मेरे पास तो, सिर्फ लैपटॉप है और टेबल तो एक भी नहीं है। आपका लैपटॉप के लिए टेबल इस्तेमाल करना लग्जरी है।
अब धूल से अटे कम्प्यूटर का चित्र भेजने मे संकोच हो रहा है। पर कोशिश की जायेगी भेजने की। आपको नव-वर्ष की हार्दिक शुभकामनाए।
ReplyDeleteये नेटवर्किंग का मामला तो अपनी समझ से परे है.
ReplyDeleteबाकी आपको और आपके परिवार को नववर्ष की बहुत बहुत शुभकामनाएं.
बढ़िया जुगाड़ू बंदे हो आप भी!!
ReplyDeleteवैसे आज अपने देश में कौन जुगाड़ू नही है, नेता से अभिनेता और जनता सब जुगाड़ू है सो जोर से बोलो जय जुगाड़!!!
नया साल आपको पहले से और भी बेहतर कुछ दे जाए! नए वर्ष की शुभकामनाएं
आप और आप का तकनिकी "ज्ञान" विलक्षण है.
ReplyDeleteएक अलोक जी ने टिपण्णी पे ही पोस्ट देकर कर, हम टिपण्णी कारों का उड़ाया है मजाक
नीरज
नव वर्ष मंगल मय हो
ReplyDeleteमय से दूर रहे तभी मंगल होगा
नया साल आपके और आपके परिवार के लिए खूब सारी खुशियाँ लेकर आये।
ReplyDelete"यह बहुत रोचक होगा अगर ब्लॉगर लोग अपनी घर की कम्प्यूटर सेटिंग के चित्र प्रस्तुत करें।"
ReplyDeleteआप हम को मरवा देंगे. लोग तो यह समझे बैठे हैं कि शास्त्री तो बहुत ही व्यवस्थित व्यक्तित्व है. अनजाने भी किसी ने मेरे मेज का चित्र किसी चिट्ठे पर दिखा दिया तो मेरे प्रति लोगों का सारा आदर धरा रह जायगा.
अब तो मेरी मेज के पास फटकने वाले हर व्यक्ति की तलाशी लेनी होगी कि कहीं वह कोई फोटोदानी तो छुपाये नहीं है. मेरी मेज को अज्ञात, गुमनाम, एवं जहां-है, जैसा-है के आधार पर छोड दें!!
ज्ञान जी, बहुत बढिया ज्ञान... सबसे ज़्यादा अच्छा लगा नरगिस के फूल खिले हैं आपके यहाँ ...हमारा सबसे पसन्दीदा फूल....
ReplyDeleteनव वर्ष पर शुभकामनाएँ स्वीकार करते हु एक शेर पढिए....
नरगिस तुझमें तीन गुण
रूप रंग और बास
अवगुण तेरा एक है
भ्रमर न बैठे पास !
फिर भी यही हमारा सबसे प्यारा फूल है.
यह पोस्ट देरी से पढ़ पाया। आप के चित्र संभाल कर रखने लायक हैं।
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