tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post9074036687868042979..comments2024-03-15T04:14:04.408+05:30Comments on मानसिक हलचल: "भगवान की बुढ़िया" खतम होने के कगार परGyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-47554922710999761542012-09-15T07:12:16.097+05:302012-09-15T07:12:16.097+05:30बहुत सुन्दर आलेख! इस अनोखे कीट के बारे में जानना ब...बहुत सुन्दर आलेख! इस अनोखे कीट के बारे में जानना बहुत अच्छा लगा। काश, भगवान की बुढिया को बचाया जा सके।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-44711304113428780272012-09-15T07:11:42.947+05:302012-09-15T07:11:42.947+05:30बहुत सुन्दर आलेख! इस अनोखे कीट के बारे में जानना ब...बहुत सुन्दर आलेख! इस अनोखे कीट के बारे में जानना बहुत अच्छा लगा। काश, भगवान की बुढिया को बचाया जा सके।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-39470281134672918392012-08-08T10:31:07.442+05:302012-08-08T10:31:07.442+05:30mujhe अनुराग शर्मा जी ने ये लिन्क भेजा है। पढ कर ...mujhe अनुराग शर्मा जी ने ये लिन्क भेजा है। पढ कर बहुत खुशी हुयी इसी वीरबहुटी से प्रभावित हो कर मैने एक कहानी लिखी थी उसी पर अपनी पुस्तक का नाम वीरबहुटी रखा था और उसी पर ब्लाग का नाम। ये वीर्बहुटी एक बिम्ब था जिस औरत के बारे मे लिखा गया था वो इस वीरबहुटी की तरह सुन्दर नाज़ुक थी जिसे कुछल दिया गया। बचपन से इसे देखते आ रहे हैं। धन्यवाद इस जानकारी के लिये। समय मिले तो मेरे ब्लाग पर इस कहानी को पढ सकते हैं।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-90043920445540152772012-08-02T23:39:35.343+05:302012-08-02T23:39:35.343+05:30हमारी तरफ इसे "मेह का मामा" कहा जाता है,...हमारी तरफ इसे "मेह का मामा" कहा जाता है, बचपन में देखे है, यहां एकत्रीकरण नहीं होता। मनुष्य अपने तुच्छ स्वार्थ की खातिर इस जीव के वंश को ही खत्म करने पर तुला है, यह जानकर बडा दुख हुआ।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-82204536876549847572008-05-28T21:48:00.000+05:302008-05-28T21:48:00.000+05:30जानकारी के लिए शुक्रिया। लाल तो नहीं, लेकिन ठीक इस...जानकारी के लिए शुक्रिया। लाल तो नहीं, लेकिन ठीक इसी तरह के काले जीव देखे हैं अपने गांव में।Pratik Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/02460951237076464140noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-71038645860597929052008-05-28T20:08:00.000+05:302008-05-28T20:08:00.000+05:30आप सभी की टिप्पणियो के लिये आभार। टिप्पणियो मे ही ...आप सभी की टिप्पणियो के लिये आभार। टिप्पणियो मे ही इतनी सारी नयी जानकारियाँ है कि एक नयी पोस्ट बन सकती है। आज यह आभास हुआ कि ब्लागिंग टू वे प्रोसेस है। <BR/><BR/>शास्त्री जी, आपके यहाँ यह मकोडा पाया जाता होगा। आप इसे उत्तर से लाकर यहाँ छोडने की बजाय दवा दुकानो मे पता करे। इससे आपको इसके व्यापार का पता चलेगा। फिर इसे रोकने के लिये कदम उठाये, तो बहुत बडी मदद हो जायेगी। आपने सही कहा कि हेबीटेट के नष्ट होने के कारण भी ये कम हो रहे है।Pankaj Oudhiahttps://www.blogger.com/profile/06607743834954038331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-52924273500879872972008-05-28T16:46:00.000+05:302008-05-28T16:46:00.000+05:30इस का संस्कृत नाम इंन्द्रगोप है। हमारे यहाँ सावण क...इस का संस्कृत नाम इंन्द्रगोप है। हमारे यहाँ सावण की डोकरी कहते हैं। इस का चिकित्सकीय महत्व बहुत होने के कारण इस का नाश हो रहा है। प्रोस्टेट की आयुर्वेदिक दवा का मुख्य तत्व है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-55065940431402733102008-05-28T15:49:00.000+05:302008-05-28T15:49:00.000+05:30जमाये रहियेजीजमाये रहियेजीALOK PURANIKhttps://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-81032385597949662942008-05-28T13:19:00.000+05:302008-05-28T13:19:00.000+05:30पंकज जी आप वाकई उन चीजो से अवगत कराते है जो शायद आ...पंकज जी आप वाकई उन चीजो से अवगत कराते है जो शायद आस पास है पर हम उन्हें देख नही पातेडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-21103832576485643972008-05-28T12:20:00.000+05:302008-05-28T12:20:00.000+05:30रोचक जानकारी.धन्यवाद.रोचक जानकारी.<BR/>धन्यवाद.बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-58646800833334469872008-05-28T12:00:00.000+05:302008-05-28T12:00:00.000+05:30धर्मवीर भारती जी की 'सूरज का सातवाँ घोड़ा' में 'बीर...धर्मवीर भारती जी की 'सूरज का सातवाँ घोड़ा' में 'बीरबहूटी' नामक कीट का जिक्र है (चौथी दोपहर की कहानी में). हमें बिल्कुल पल्ले नहीं पड़ा था कि क्या बला है. अब जाना. जानकारीपूर्ण आलेख है.<BR/><BR/>विभिन्न लाइफ फॉर्म्स का इस तरह नष्ट होते जाना बेहद अफसोसजनक है.Ghost Busterhttps://www.blogger.com/profile/02298445921360730184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-51450280440973106532008-05-28T11:50:00.000+05:302008-05-28T11:50:00.000+05:30जानकर आघात लगा की इस जीव से तेल निकाला जाता है.बचप...जानकर आघात लगा की इस जीव से तेल निकाला जाता है.<BR/><BR/>बचपन में देखा है, बड़े मासूम जीव हैं.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-72430241889552770372008-05-28T11:32:00.000+05:302008-05-28T11:32:00.000+05:30हम लोग इसे लाल बिलौटी कहते थे और बारिश मे इन्हे खू...हम लोग इसे लाल बिलौटी कहते थे और बारिश मे इन्हे खूब पकड़ते थे। ये छूने मे बहुत ही मुलायम होती है।<BR/>पर इसके बारे मे दी गई जानकारी एकदम नई है। <BR/><BR/>और जब ये अपने पंजे बंद कर लेती थी तो हम लोग ये २ लाईने बोलते थे<BR/>लाल बिलौटी पंजा खोल<BR/>तेरी बग्घी आती होगी।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-52923133343485201452008-05-28T11:25:00.000+05:302008-05-28T11:25:00.000+05:30पहली बार देखा... पर चित्र में तो बहुत खूबसूरत है.....पहली बार देखा... पर चित्र में तो बहुत खूबसूरत है... मखमली होने का अनुमान चित्र देखकर ही लगा लिया... कई सारे पक्षी और जानवरों की तरह बुधिया पर भी संकट :(Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-51207025451451397142008-05-28T10:27:00.000+05:302008-05-28T10:27:00.000+05:30"मै 1990 से इस पर नजर गडाये हूँ। मै इसकी घटती संख्..."मै 1990 से इस पर नजर गडाये हूँ। मै इसकी घटती संख्या से चिंतित हूँ। एक दशक मे इसकी संख्या बहुत तेजी से घटी है। मैने इस मकोडे को विशेष गुणों से परिपूर्ण पाया है।"<BR/><BR/>बचपन में ग्वालियर में हम इन से बहुत खेला करते थे. पिछले 3 सालों की अनुसंधान-यात्राओं के दौरान मैं ने ग्वालियर में इनको बहुत ढूढा, लेकिन ये न दिखे.<BR/><BR/>वहां इनका 'हेबिटेट' पर मकान बन गये हैं.<BR/><BR/>यदि दक्षिण की आबोहवा में ये फैल सकते हैं तो यहां पर कुछ लाकर छोडना चाहूँगा. आप क्या कहते हैं पंकज जी?Shastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-35483289615808804432008-05-28T09:02:00.000+05:302008-05-28T09:02:00.000+05:30मेरे लिए एकदम नई जानकारी। बड़े ज्ञानी हैं, पंकज जी...मेरे लिए एकदम नई जानकारी। बड़े ज्ञानी हैं, पंकज जी। खासतौर पर उनका शुक्रिया।अनिल रघुराजhttps://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-38040536048323311982008-05-28T08:52:00.000+05:302008-05-28T08:52:00.000+05:30वाह!बचपन याद दिला दिया आपने, हम इसे रानी कीड़ा ही क...वाह!<BR/>बचपन याद दिला दिया आपने, हम इसे रानी कीड़ा ही कहते थे। पर यह नही मालूम था कि इसका तेल बनाया जाता है या दवा आदि के रूप में भी उपयोग होता है।<BR/>शुक्रियाSanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-32602573876711435542008-05-28T08:21:00.000+05:302008-05-28T08:21:00.000+05:30बरसों पहले बचपन में बुन्देलखण्ड के एक क़स्बे मौदहा...बरसों पहले बचपन में बुन्देलखण्ड के एक क़स्बे मौदहा में देखा था इसे.. बरसात के बाद.. हज़ारों के झुण्ड में.. बड़ा अविस्मरणीय दृश्य था वह.. उसके बाद से आज यहाँ इसकी तस्वीर देखी.. आनन्द आ गया.. नाम भी नहीं मालूम था इसका.. <BR/>इसका दर्शन और परिचय कराने के लिए अनेको धन्यवाद आप को और ज्ञान भाई को.. इसके सुरक्षित भविष्य की कामना के साथ!अभय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-18301848163653820562008-05-28T07:36:00.000+05:302008-05-28T07:36:00.000+05:30ब्लॉग पर अब बहुत कुछ ऐसा 'ज्ञान ' केंद्रित हो चला ...ब्लॉग पर अब बहुत कुछ ऐसा 'ज्ञान ' केंद्रित हो चला है कि मुझे शुरू मे सुखद आश्चर्य सा लगा कि ज्ञान जी का प्रकृति विज्ञानी सक्रिय हो उठा है मगर जल्दी ही यह भी अहसास हो गया कि नही यह एक प्रोफेसनल पोस्ट है -जी हाँ यह पंकज जी ने आलिखा है और वाकई क्या खूब लिखा है !बहुत ही ज्ञान वर्धक !यह जीव मेरे भी बचपन का 'हाथी मेरे साथी' हुआ करता था -जौनपुर में इसे राम का हाथी कहते हैं अब यह काफी कम दिखने लगा है .इसकी 'खाल ' इतनी मुलायम और मखमली होती है कि चीन के बेहतरीन मखमल भी इसके सामने फेल.प्रकृति ने इस नन्हें सुकोमल जीव के साथ बड़ा अन्याय किया है -इस के पास आत्म रक्षा का कोई साजो सामान नही है -बिल्कुल सीधी गाय है यह -बच्चे खेल खेल मे इसकी सब दुर्गति कर देते हैं .<BR/>इसके औषधीय पक्ष पर पंकज जी का कार्य सराहनीय है -यह कामोत्तेजक है अगर यह कही साबित हो गया तो बिचारे इस जीव पर शामत आ जायेगी .<BR/>इतनी अच्छी पोस्ट पर ज्ञान जी की कोई टिप्पणी न होना भी अखर गया ,लगता है वे अब पंकज जी की पोस्ट को कर्म काण्ड मान कर प्रकाशित कर हर बुध्व्बार को आराम फरमायेंगे ...और एक दिन का अवकाश वे डिजर्व करते हैं .Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-88106843629545158532008-05-28T07:27:00.000+05:302008-05-28T07:27:00.000+05:30चिंता वाजिब है. मैंने बचपन में देखा है अब तो नजर न...चिंता वाजिब है. मैंने बचपन में देखा है अब तो नजर नही आतेRajesh Roshanhttps://www.blogger.com/profile/14363549887899886585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-67855684954632505492008-05-28T07:23:00.000+05:302008-05-28T07:23:00.000+05:30भगवान की बुढिया को बचपन में खूब पकड़ा है. :)आभार इ...भगवान की बुढिया को बचपन में खूब पकड़ा है. :)<BR/><BR/>आभार इस पोस्ट के लिए. कहीं इसे राम का टिड्डा भी कहते हैं, ऐसा सुना था.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-29639376043098279112008-05-28T06:49:00.000+05:302008-05-28T06:49:00.000+05:30अरे, हमने सोचा ये कोई फूल खिले हुए होँ ऐसा दीख रहा...अरे, हमने सोचा ये कोई फूल खिले हुए होँ ऐसा दीख रहा है -<BR/>आज से पहले इसे देखा भी नहीँ था ! <BR/>- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.com