tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post8128561067174657705..comments2024-03-15T04:14:04.408+05:30Comments on मानसिक हलचल: नत्तू "भागीरथ" पांड़ेGyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger29125tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-75147361680217026782009-12-12T20:52:48.187+05:302009-12-12T20:52:48.187+05:30हमने गंगा से अंटार्कटिक तक कुछ नहीं बख़्शा. सब
जी ...हमने गंगा से अंटार्कटिक तक कुछ नहीं बख़्शा. सब<br />जी भर कर रौंदा और ज़िद भी किए बैठे हैं कि क्योतों और कोपेहेगनों को किसी भी हाल में कामयाब भी नहीं होने देंगे..चाहे कुछ भी हो जाए.. <br />लम्हों ने ख़ता की थी सदियों ने सज़ा पाई.<br />मेरी अपराधों की सज़ा के लिए तैयार रहें बेचारे निरीह नत्तू पाण्डे.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-89712983345088390472009-12-11T18:58:55.360+05:302009-12-11T18:58:55.360+05:30" जीवन में अश्वथ, शमी, यज्ञ, वन, गौ, आयुर्वेद..." जीवन में अश्वथ, शमी, यज्ञ, वन, गौ, आयुर्वेद, अथर्वण, उद्योग, अरण्य, कृषि और न जाने कितने प्रतीकों को नये सन्दर्भों में स्थापित करना होगा"<br />बहुत ही प्रेरक और विचारणीय विचार .मास्टर नत्तू पाण्डे जी की फोटो बहुत बढ़िया लगी .... आभारसमयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-86303979727687319552009-12-11T06:55:40.495+05:302009-12-11T06:55:40.495+05:30प्राचीन काल के भागीरथ प्रयत्न से कहीं अधिक कठिन प्...प्राचीन काल के भागीरथ प्रयत्न से कहीं अधिक कठिन प्रयास की दरकार होगी। भागीरथ को चुनौतियां केवल भौगोलिक थीं। अब चुनौतियां अत्यधिक बुद्धिनिर्भर मानव की भोग लिप्सा से पार पाने की हैं। वह कहीं ज्यादा दुरुह काम है। <br />--आपने सही कहा अब चुनौतियाँ और भी कठिन हैं अब तो घर-घर में एक नत्तू पाण्डे की आवश्यकता होगी।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-75064104783925907492009-12-10T20:30:56.105+05:302009-12-10T20:30:56.105+05:30भागीरथ के पास चुनौतियां कम थी तो रिसोर्सेस भी कम थ...भागीरथ के पास चुनौतियां कम थी तो रिसोर्सेस भी कम थे. अब दोनों बढे हैं साथ-साथ अन्योन्याश्रित सम्बन्ध दीखता है इनका. बाकी नत्तू पण्डे कि तस्वीर देखकर ही निहाल हो लिए हम तो.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-71548642527457406272009-12-10T03:09:48.282+05:302009-12-10T03:09:48.282+05:30प्राचीन से अर्वाचीन जहां जुड़ते हैं, वहां भविष्य का...प्राचीन से अर्वाचीन जहां जुड़ते हैं, वहां भविष्य का भारत जन्म लेता है। वहीं भविष्य के सभी समाधान भी रहते हैं! <br />~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~<br />Sarthak -- Lekhan -- <br />~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~<br />Nattoo " Bhageerath " Pande ko mere dhron ashish va bahut sneh :)<br />Kitta pyara Laal hai ...Jug Jug jiye ...Sub ki ashaon ko poora kare<br /> ashish sahit,<br />- Lavanyaलावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-47934448250417186732009-12-09T19:45:58.120+05:302009-12-09T19:45:58.120+05:30SMS Comment from Shri Manoj Dube:
Sir, read your...<b>SMS Comment from Shri Manoj Dube: </b><br /><br />Sir, read your Nattu Bhagirath Pandey blog ... it was so apt... he is blessed to have academic and political input from nana and baba ...let us see he becomes laser like and searchlight like ... am sure you are having best of time with him ... regards, manoj.Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-52748994896042333702009-12-09T12:48:37.296+05:302009-12-09T12:48:37.296+05:30देव !
बुखार है सो इन दिनों निष्क्रिय सा हूँ..
आपकी...देव !<br />बुखार है सो इन दिनों निष्क्रिय सा हूँ..<br />आपकी पोस्ट में वर्तमान का भविष्य से बड़ा ख़ूबसूरत <br />संवाद किया गया है , ऐसी स्थिति में अतीत 'बेनीफिटेड'<br />होगा ही ..<br />'' सगरपुत्रों'' को तारने के लिए भगीरथ ने भागीरथ-प्रयास <br />किया , आज तो सब 'सगरपुत्र' की त्रासदी को प्राप्त हो गए <br />है .. 'नत्तू पांड़े' पर आने वाले वक़्त में कितना दबाव होगा , यह <br />सहज अनुमेय है !<br />... क्या हम नत्तू की पीढी को जवाब दे पाएंगे ..Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-81347147996376633292009-12-09T09:15:01.759+05:302009-12-09T09:15:01.759+05:30सार्थक चिंतन को जगाती और अपनी अगली पीढ़ियों के सम्...सार्थक चिंतन को जगाती और अपनी अगली पीढ़ियों के सम्मुख महती किन्तु आवश्यक अपेक्षा को दर्शाती पोस्ट...<br /><br /><br /><br />"प्राचीन से अर्वाचीन जहां जुड़ते हैं, वहां भविष्य का भारत जन्म लेता है। वहीं भविष्य के सभी समाधान भी रहते हैं!" सत्य वचन और उत्तम अपेक्षा <br /><br /><br /><br />साधू! साधू !!Sudhir (सुधीर)https://www.blogger.com/profile/13164970698292132764noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-46066356643112878562009-12-09T07:26:13.991+05:302009-12-09T07:26:13.991+05:30... प्रसंशनीय अभिव्यक्ति !!!!... प्रसंशनीय अभिव्यक्ति !!!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-51523120272806562862009-12-08T23:39:02.947+05:302009-12-08T23:39:02.947+05:30बहुत बढिया पोस्ट !! भागीरथ बनने के लिए भागीरथी कोश...बहुत बढिया पोस्ट !! भागीरथ बनने के लिए भागीरथी कोशिश करने वाला कॊई नजर तो नही आता.....फिर भी उम्मीद पर दुनिया कायम है..परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-15241165051770872632009-12-08T21:47:04.287+05:302009-12-08T21:47:04.287+05:30आजकल आमिर की फिल्म का एक प्रोमो आ रहा है जिसमें बत...आजकल आमिर की फिल्म का एक प्रोमो आ रहा है जिसमें बताया जाता है कि पैदा होते ही पिता ने पालने में देखते हुए कहा मेरा बेटा डॉक्टर बनेगा.....मुझसे किसी ने पूछा ही नहीं कि मैं क्या बनूंगा।<br /> नत्तू पांडे जी भी कहीं कल को न कहें- मेरे नानाजी ने पर्यावरण, मृदा क्षरण और तरह तरह के फिलॉसिफी वाले भारी भरकम बातों को मुझे थमाते गये औऱ मैं थामता गया.... मुझसे पूछा ही नहीं कि मैं क्या करना चाहता हूँ :)सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-42096849362555302182009-12-08T21:27:06.398+05:302009-12-08T21:27:06.398+05:30अभी कल-परसों चालीस समथिंग अखबारों का एक साझा एडिटो...अभी कल-परसों चालीस समथिंग अखबारों का एक साझा एडिटोरियल पढ़ा था, और अब आपकी यह पोस्ट...<br /><br />सच है, आशावादिता की बहुत जरूरत है- हमें और इस सृष्टि को भी।कार्तिकेय मिश्र (Kartikeya Mishra)https://www.blogger.com/profile/03965888144554423390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-63811761803620423662009-12-08T19:46:06.045+05:302009-12-08T19:46:06.045+05:30नत्तू पांडे जिन्दाबाद , नाना का भागीरथ ,बाबा का रा...नत्तू पांडे जिन्दाबाद , नाना का भागीरथ ,बाबा का राजनितिक ,पापा का उध्योगपति सब का सपना पूरा करेगा .dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-79545404133525564252009-12-08T17:55:31.316+05:302009-12-08T17:55:31.316+05:30` पता नहीं अगर भागीरथ बन भी पायेंगे तो कैसे बनेंगे...` पता नहीं अगर भागीरथ बन भी पायेंगे तो कैसे बनेंगे। उसके बाबा तो शायद उससे अपनी राजनैतिक विरासत संभालने की बात करें’<br /><br />चिंता की क्या बात है! आज का हर नेता भागिरथ ही तो है.... तो नत्थू जी राजनीति में आएं तो समझ लो गंगा पार हो गई:)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-62022462507866700202009-12-08T16:16:18.852+05:302009-12-08T16:16:18.852+05:30नन्ही ही जान पर आपने अपेक्षाओं का पहाड़ ही डाल दिया...नन्ही ही जान पर आपने अपेक्षाओं का पहाड़ ही डाल दिया है. क्या क्या करेंगे बेचारे :)संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-23371857996024604722009-12-08T15:27:49.560+05:302009-12-08T15:27:49.560+05:30भइया, ये तो गड़बड़ हो गई. दूसरी टिप्पणी एक कविता व...भइया, ये तो गड़बड़ हो गई. दूसरी टिप्पणी एक कविता वाली पोस्ट के लिए लिखी थी मैंने. आपकी पोस्ट के लिए अप्रसांगिक है यह टिप्पणी.....वैसे कोई बात नहीं, तमाम पोस्ट पर अप्रासंगिक टिप्पणियां होती रहती हैं. आपकी पोस्ट पर भी सही. वैसे भी आपकी पोस्ट अप्रासंगिक टिप्पणियां कभी दिखाई ही नहीं देतीं. इसलिए इसे रहने ही दीजिये. डिलीट मत कीजिये. पड़ी रहेगी एक कोने में.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-7329971379990419652009-12-08T14:39:04.068+05:302009-12-08T14:39:04.068+05:30बेहतरीन आलेख. एक चुटकी सिन्दूर की कीमत तुम क्या जा...बेहतरीन आलेख. एक चुटकी सिन्दूर की कीमत तुम क्या जानो रमेश बाबू. एक चुटकी सिन्दूर औरत की मांग का गहना होता है. गहना से याद आया कि सोने के दाम आसमान छूने लगे हैं. अब आसमान में सितारों वाली वो रौनक कहाँ? रौनक का क्या कहें, केवल आसमान से ही नहीं, मनुष्य की ज़िंदगी से चली गई है. जैसे-तैसे ज़िंदगी काट रहा है मनुष्य. गंगा के पानी की काट सबसे बड़े प्रशांत महासागर के पानी में भी नहीं मिलेगी. गाने के अनुसार जाएँ तो सबसे से बड़ा महासागर तो हिंद महासागर है क्योंकि कवि प्रदीप ने लिखा था कि "दक्षिण में चरणों को धोता सागर का सम्राट है." सम्राट अशोक की तो क्या कहने? कहने को बहुत कुछ है क्योंकि हमेशा कुछ न कुछ होता रहता है. होने को लेकर कोई पंगा नहीं है. पंगा तो राज ठाकरे ने लिया था अबू आज़मी से. कैफ़ी आज़मी के जिले के ही हैं अबू आज़मी. वही कैफ़ी आज़मी जिनकी सुपुत्री शबाना आज़मी हैं. सुपुत्रियों को लोग-बाग़ जिन्दा ही नहीं रहने दे रहे. जिंदा रहने की बात क्या कही जाय, इंसान कहाँ जिन्दा है अब? किसी शायर ने ठीक ही लिखा था कि; "मौत तो लफ्ज़ बेमानी है, जिसको मारा हयात ने मारा". कहते हैं हयात का मतलब होता है ज़िंदगी. मतलब इसलिए बता दिया कि उर्दू न जानने के कारण आपके ऊपर एक अभियोग लगा था. अभियोग की क्या बात कहें, अभियोग तो चलते रहते हैं और भारतीय अदालतों से अभियोगी छूट ही जाता है. लेकिन नत्तू पाण्डेय के ऊपर भागीरथ प्रयास न करने का अभियोग नहीं लगेगा इस बात का विश्वास है मुझे.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-12955683976638271752009-12-08T14:38:28.850+05:302009-12-08T14:38:28.850+05:30बेहतरीन आलेख.बेहतरीन आलेख.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-53798740739436530802009-12-08T13:24:19.901+05:302009-12-08T13:24:19.901+05:30बड़ी जिम्मेदारी है नत्तु पांडे की.. सोरी.. नत्तु &...बड़ी जिम्मेदारी है नत्तु पांडे की.. सोरी.. नत्तु "भागीरथ" पांडे जी की..रंजन (Ranjan)https://www.blogger.com/profile/04299961494103397424noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-79508961654080857232009-12-08T12:44:08.711+05:302009-12-08T12:44:08.711+05:30आदरणीय पाण्डेय जी,
नत्तू जी की तस्वीर ने तो मन मोह...आदरणीय पाण्डेय जी,<br />नत्तू जी की तस्वीर ने तो मन मोह लिया---इस बार इनसे मुलाकात जरूर करूंगा।<br />हेमन्त कुमारडा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03899926393197441540noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-26573619432040024772009-12-08T12:35:57.487+05:302009-12-08T12:35:57.487+05:30यह रचना सामयिक प्रश्नों का उत्तर देने के साथ-साथ ज...यह रचना सामयिक प्रश्नों का उत्तर देने के साथ-साथ जीवन के शाश्वत मूल्यों से भी जुड़ी है। मानव बाह्य जगत से जितना जुड़ा है; उतना ही वह अन्तर्जगत् में भी जी रहा है। बाहरी संसार के नदी, पर्वत, पशु-पक्षी उसके मन से जुड़े हैं ; तो वह मानव होकर भी मानवेतर पात्रों से जुड़ा है। गतिशील होकर भी वह स्थिर,गतिशील मूर्त्त-अमूर्त्त सभी का सगा -संबंधी है। आपने बिल्कुल ठीक कहा है नत्तू पांड़े को इस प्रान्त-प्रान्तर के बारे में बहुत कुछ समझना होगा। आपका आभार।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-23141946109120241712009-12-08T11:49:49.458+05:302009-12-08T11:49:49.458+05:30बेहतरीन आलेख, सम-सामयिक भी और generation-next को ...बेहतरीन आलेख, सम-सामयिक भी और generation-next को संबोधित. एक पीढी पर कितना दबाव होता है अपेक्षाओं का...अपेक्षाओं का भी एक hierarchy है..वैसे इससे प्रत्येक पीढी गुजरे ना गुजरे इस कसौटी पे कसी जरूर जाती है. पर्यावरण की बहस कोई भी हो मुझे गांधी सबसे प्रासंगिक लगते हैं. सिर्फ बाहरी उपाय काफी नहीं होंगे..प्रयासों की उम्र लम्बी हो जिसके सार्थक परिणाम भी हों तो अपने भीतर कुछ परिवर्तन करने होंगे. वस्तुओं का न्यूनतम प्रयोग..मितव्ययी जीवन शैली और एक साफ़-सुथरी आध्यामिकता को भी अपनाना होगा जिससे जो भी समक्ष है जड़-चेतन..उसकी ईज्जत हो मन में. कई बार सोचता हूँ, हर जड़-चेतन में देवत्व देखना कितना ठीक था अपने पर्यावरण के लिए..खैर उचित और श्रेष्ठ के चयन की आवश्यक प्रज्ञा के साथ नत्तू "भागीरथ" पांड़े को अपनी चुनौती स्वीकारनी होगी. इस भागीरथ प्रयास में नत्तू बाबु को अकेले छोड़ना ठीक नहीं होगा. वर्तमान की सारी पीढ़ियों को अपना योग देना होगा. अक्सर आगत पीढी से हम अपेक्षा ज्यादा रखते हैं और उसकी चुनौतियों को हम underestimate करते हैं पर यहाँ इस पोस्ट में दो पीढियां एक-दूसरे की सीमाओं से और क्षमताओं से भली-भांति अवगत लगती हैं..इस शुभ लक्षण के शुभ मायने हैं...आभार इस बेहतरीन पोस्ट के लिए.Dr. Shreesh K. Pathakhttps://www.blogger.com/profile/09759596547813012220noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-21671430773358563682009-12-08T11:13:00.859+05:302009-12-08T11:13:00.859+05:30आदरणीय पाण्डेय जी,
आपने नत्तू जी की बहुत खूबसूरत फ...आदरणीय पाण्डेय जी,<br />आपने नत्तू जी की बहुत खूबसूरत फ़ोटो लगाई है।इस बार इलाहाबाद आऊंगी तो इनसे मिलने जरूर आऊंगी।<br />पूनमपूनम श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09864127183201263925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-54912245775399567032009-12-08T10:41:18.154+05:302009-12-08T10:41:18.154+05:30गिरिजेश राव जी की टिप्पणी:
आप की ताजी पोस्ट पर म...गिरिजेश राव जी की टिप्पणी: <br /><br />आप की ताजी पोस्ट पर मेरी यह टिप्पणी:<br />_______________<br /><br /><b>कोपेनहेगन के होपेनहेगन </b> .. होने की सम्भावना/आशा पर जो टिप्पणी दी थी, यहाँ भी दे रहा हूँ:<br /><br />"हिन्दी ब्लॉगरी में ऐसे लेखों की कमी है। अच्छी पोस्ट।<br />भोगवादी विकास की अवधारणा ने बहुत से ऐसी प्रक्रियाएँ शुरू कर स्थापित कर दी हैं जिनको रिवर्स करने के लिए बहुत ही दृढ़ इच्छाशक्ति और जनता को समझाने की आवश्यकता पड़ेगी। सवाल यह है कि क्या वैश्विक नेतृत्त्व इसमें सक्षम है? क्या वाकई रोकथाम और रिवर्सल के लिए ईमानदार है? <br />आर्थिक विकास और रोजगार के मुद्दे भी इनसे जुड़े हुए हैं। बहुत जटिल सा मामला है। जाने क्यों भूटान जैसे छोटे देश से सीख लेने को मन करता है !"Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-15646679205761969692009-12-08T08:48:04.120+05:302009-12-08T08:48:04.120+05:30नत्तू पांड़े! आय हाय!! कित्ते प्यारे..हम तो उन पर म...नत्तू पांड़े! आय हाय!! कित्ते प्यारे..हम तो उन पर मोहाय बकिया पढ़े ही नहीं...Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com