tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post7851595957361658351..comments2024-03-15T04:14:04.408+05:30Comments on मानसिक हलचल: गौरी विसर्जन और पर्यावरणGyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger30125tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-70770820852334560952009-09-01T06:36:56.079+05:302009-09-01T06:36:56.079+05:30भारतीय जनता की एक ख़ास आदत है -
- ना सरकार जनता की...भारतीय जनता की एक ख़ास आदत है -<br />- ना सरकार जनता की बात ही मानती है <br />और नाही जनता सरकार की -- <br />प्रदुषण --<br /> सचमुच एक गंभीर मुद्दा है -<br />- इस पर चेतना जागने का समय ,<br /> परसों , बीत गया था -<br />- बहुत देर हो चुकी है ;-(<br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-23833044903750982632009-08-29T23:29:41.111+05:302009-08-29T23:29:41.111+05:30कई पंडित आदि भी लोगों को सलाह देते हैं कि विसर्जन ...कई पंडित आदि भी लोगों को सलाह देते हैं कि विसर्जन वगैरह करो तो साथ में कुछ वापस न लाओ, यानि कि थैली में ले गए हो तो उसको भी नहीं। अब लोग समझते हैं कि नदी ही तो है, डाल दो सभी कुछ उसमें, क्या फर्क पड़ता है। इतना नहीं सोचते कि थैली को कूड़ेदान में डाल दें यदि वापस नहीं ले जानी तो।<br /><br />लेकिन विसर्जन ही को क्यों, यह किस्सा तो आम है, मैं रोज़ाना ही देखता हूँ। कूड़ेदान दो कदम ही दूर होगा लेकिन संभ्रांत दिखने वाले पढ़े लिखे लोग भी कचरे को ऐसे ही साइड में फेंक देते हैं जैसे कि मानो दो कदम चल के कूड़ेदान में डाल देंगे तो कुछ घिस जाएगा!!amithttps://www.blogger.com/profile/03372488870536392202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-56027894375762197532009-08-27T11:27:36.154+05:302009-08-27T11:27:36.154+05:30पर्यावरण पर तो बाकायदा मुहिम की जरुरत है और जल्दी ...पर्यावरण पर तो बाकायदा मुहिम की जरुरत है और जल्दी ही। वैसे आपके ब्लाग में गंगा पर कई महत्वपूर्ण जानकारियां हैं। यह भी रेफरेंस केंद्र बन रहा है गंगा का।ALOK PURANIKhttps://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-52066302373173666332009-08-26T23:53:03.929+05:302009-08-26T23:53:03.929+05:30बहुत ही सही कहा आपने..यह स्थिति मुझे भी बहुत क्षुब...बहुत ही सही कहा आपने..यह स्थिति मुझे भी बहुत क्षुब्ध करती है और साथ ही चिंतित भी करती है कि आज जिस प्रकार से हम प्रकृति के प्रति निष्ठुर हैं,ये भी प्राणियों के प्रति निष्ठुरता धारण करेंगी तो हमारा क्या होगा.......रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-32612649133819693842009-08-26T20:31:45.943+05:302009-08-26T20:31:45.943+05:30सुरेश चिपलूनकर जी ने सही उपाय बताया है. इसे आजमाते...सुरेश चिपलूनकर जी ने सही उपाय बताया है. इसे आजमाते हैं. वीएचपी आदि ऑफ़ फ़ोकस ज्यादा रहते हैं, प्रतिक्रियावादी संगठन होने के नुक्सान ज्यादा हैं.Ghost Busterhttps://www.blogger.com/profile/02298445921360730184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-3221445529652441852009-08-26T17:44:54.907+05:302009-08-26T17:44:54.907+05:30मैं तो धन्यवाद दूंगा विश्व हिन्दू परिषद वालों को इ...मैं तो धन्यवाद दूंगा विश्व हिन्दू परिषद वालों को इस बात के लिए कि उन्होंने इस भाषण नहीं दिया. देते तो ध्वनि प्रदूषण ही थोड़ा और बढ़ता, इसके अलावा और क्या होता! हमें गौरी-गणेश के विसर्जन या पूजन और उससे सांसारिक पुण्यलाभ की चिंता भले हो, पर अपने पर्यावरण की चिंता किसे है?इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-71950186073319076672009-08-26T17:21:05.368+05:302009-08-26T17:21:05.368+05:30गत कुछ वर्षों से गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन घर म...गत कुछ वर्षों से गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन घर में ही बाल्टी में कर लेते हैं, जब 2-4 दिनों में पूरी तरह घुल जाये तब उसे पेड़ों में विसर्जित कर देते हैं…। नदियों को तकलीफ़ देने की क्या आवश्यकता है… :)Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-76449787090391268802009-08-26T16:25:55.123+05:302009-08-26T16:25:55.123+05:30Kaash log aapki tarah sochte.
-Zakir Ali ‘Rajnish’...Kaash log aapki tarah sochte.<br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">-Zakir Ali ‘Rajnish’</a> <br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">{ Secretary-TSALIIM </a><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">& SBAI }</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-36836114881898557082009-08-26T15:35:35.947+05:302009-08-26T15:35:35.947+05:30"गौरी-गणेश की प्रतिमा छोटी और मिट्टी-रेत की ह..."गौरी-गणेश की प्रतिमा छोटी और मिट्टी-रेत की होती है। कोई रंग भी उसपर नहीं लगाया होता। लिहाजा उसके गंगाजी में विसर्जित करने पर अनुचित कुछ नहीं है। अनुचित होता है उसके साथ प्लास्टिक की पन्नियों को फैंकने से है।"<br /><br /><br />अपील तो सभी कर रहे हैं कि मिट्टी-रेत की मूर्ति बनाएं और सिंथेटिक रंगों का प्रयोग न करें... पर सुनने वाला कौन है? ४५-५०फ़ीट की प्रतिमांएं बनाई जाती है और फिर हथौडे़ मार मार कर विसर्जित की जाती हैं। लगता है यह भक्तों के दसे दिन की श्रद्धा-पूजा का अपमान हो रहा है।<br /><br />इस बहाने एक चिंतनपरक लेख के लिए आभार।चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-88818962862712557602009-08-26T15:14:41.640+05:302009-08-26T15:14:41.640+05:30बात बहुत सही कही है आपने...अगर लोग मानें तो...यहाँ...बात बहुत सही कही है आपने...अगर लोग मानें तो...यहाँ महारास्ट्र में सरकार विनती कर कर थक गयी है की गणेशजी की प्रतिमा छोटी और मिटटी कुट्टी की बनाईये...लेकिन सुनता कौन है वो ही विशालकाय मूर्तियाँ रंग बिरंगी हर जगह विद्ध्य्मान हैं...<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-83376445457038733532009-08-26T14:42:47.372+05:302009-08-26T14:42:47.372+05:30विसर्जनानुशासन की चर्चा भी की जानी चाहिए चाहे वह क...विसर्जनानुशासन की चर्चा भी की जानी चाहिए चाहे वह कोई भी पर्व हो . यह भी एक मुद्दा है . विसर्जन के पश्चात मूर्तियो आदि की क्या स्थिति होती है इस पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए . विसर्जन के पश्चात आस्था के कितने रूप देखने में आते है इस पर भी द्रष्टिपात किया जाना चाहिए. मुंबई में गणेश विसर्जन के बाद हजारो बड़ी छोटी गणेश मूर्तियाँ यहाँ वहां बिखरी पड़ी रहती है जिन पर कोई ध्यान भी नहीं देता है उन्हें देखकर प्रतीत होता है किस जैसे आस्था पर्वो के बाद खो जाती है . सराहनीय आलेख के लिए आभार.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-80176622623804811952009-08-26T14:19:24.264+05:302009-08-26T14:19:24.264+05:30समीर जी ओर कुश के विचार उत्तम है .गुजरात में विसर्...समीर जी ओर कुश के विचार उत्तम है .गुजरात में विसर्जन के दौरान प्रदुषण को खूब देखा है ....कोई ऐसा कानून महाराष्ट्र में भी बनना चाहिए ..भावनाये ही यदि कुदरत को हानि पहुचाये तो उन भावनाओं का क्या ?डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-15071180164654958172009-08-26T13:58:07.930+05:302009-08-26T13:58:07.930+05:30धरम-करम का मामला है, क्या कहा जाए इस पर।धरम-करम का मामला है, क्या कहा जाए इस पर।Satyendra PShttps://www.blogger.com/profile/06700215658741890531noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-53713951620010623562009-08-26T12:26:39.969+05:302009-08-26T12:26:39.969+05:30'इसे नारी के विरोध में न माना जाये। पुरुष कोई ...<b>'इसे नारी के विरोध में न माना जाये। पुरुष कोई बहुत साभ्रांत व्यवहार नहीं करते!'</b><br /><br />ईश्वर न करे, यदि पुरुष बहुत सभ्रांत व्यवहार करने लगें तो शायद आपका यह कथन नारी-विरोधी हो जाएगा :)विवेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-62317219725321815182009-08-26T10:57:15.974+05:302009-08-26T10:57:15.974+05:30"ढाई घण्टा लाउड स्पीकर पर भाषण ठेल रहे थे। उस..."ढाई घण्टा लाउड स्पीकर पर भाषण ठेल रहे थे। उसमें जरा इस विसर्जनानुशासन की भी चर्चा का देते तो सुन्दर होता।"<br /><br />बिलकुल सही कहा. इसके अलावा साधूओं की एक बहुत बड़ी फौज भी है. अच्छा हो वे भी इस तरह का प्रचार करे.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-26710694045423489892009-08-26T09:41:20.503+05:302009-08-26T09:41:20.503+05:30मैं तो गणपति विसर्जन के समय होने वाली लापरवाही से ...मैं तो गणपति विसर्जन के समय होने वाली लापरवाही से इस कदर खौफ में हूँ की परसों रात मुझे सपना आया की गणपति बप्पा का विसर्जन हो रहा हैं और उन्हें बहुत बुरी तरह से पटक विसर्जित किया जा रहा हैं . वे चीख रहे हैं मुझे बचाओ . दचक कर मैं उठी .. मैंने तो गणपति का विसर्जन करना बंद कर दिया हैं ,हम गणपति के मूर्ति के समक्ष एक सुपारी का गणपति मान कर पूजन करते हैं ,माटी की मूर्ति संभाल कर रखते हैं और सुपारी का विसर्जन करते हैं .गौरी का विसर्जन भी अभी तक नहीं किया हैं की खुद जाकर कही व्यवस्थित तरीके से करना चाहती हूँ .RADHIKAhttps://www.blogger.com/profile/00417975651003884913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-10188158090519562522009-08-26T08:38:46.014+05:302009-08-26T08:38:46.014+05:30"हनुमान जी के मंदिर पर विश्व हिन्दू परिषद वाल..."हनुमान जी के मंदिर पर विश्व हिन्दू परिषद वाले ढाई घण्टा लाउड स्पीकर पर भाषण ठेल रहे थे। उसमें जरा इस विसर्जनानुशासन की भी चर्चा का देते तो सुन्दर होता।"<br /><br />भइया,<br />भाषण देना और लोगों को बरगलाना लगता है आज के युग में एक बात हो गई है.<br />सही बात का प्रचार करने की जुर्रत करो, तो "सठिया गया है" जैसे जुमले सुनने को मिलते हैं,<br />खुदा न खास्ता आचरण कर भी दिखाओ, तो "पगला" तक सुनाने को मिल जाता है, कुल मिला कर दुनिया उन्ही की हुई जा रही है, जो गलत है और भोगना उनकी आने वाली पीढियों को ही पड़ेगा.............<br /><br />"शाम के समय गंगाजी की हाजिरी में देखा कि वे और वेग से बढ़ रही थीं। हहराने की आवाज आ रही थी। पानी तट को धक्का मारता जा रहा था। मेरे देखते देखते मुझे दूसरी ओर से भी घेरने लगीं वे। वापस आने के लिये छलांग मार कर बाहर आना पड़ा! दस मिनट में टापू बनते देखा।"<br /><br />शुभ समाचार का आभार.Mumukshh Ki Rachanainhttps://www.blogger.com/profile/11100744427595711291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-66185873614749961502009-08-26T08:16:10.488+05:302009-08-26T08:16:10.488+05:30जय हो गंगा मइया की!
बहुत बढ़िया लिखा है।
बधाई!जय हो गंगा मइया की!<br />बहुत बढ़िया लिखा है।<br />बधाई!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-18493262007446439922009-08-26T08:05:38.504+05:302009-08-26T08:05:38.504+05:30यह चेतावनी समूह सुने तब?यह चेतावनी समूह सुने तब?दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-80321513639008279312009-08-26T08:04:47.855+05:302009-08-26T08:04:47.855+05:30यूं थैली समेत ही विसर्जित भगवानों को देख कर लगता ह...यूं थैली समेत ही विसर्जित भगवानों को देख कर लगता है कि अपने राम तो नास्तिक ही भले ...कम से कम किसी का अनादर तो नहीं...प्रदूषण की चिंता का सवाल एसों के लिए हास्यापद मात्र ही हो सकता हैKajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-55102104230419954472009-08-26T07:54:07.981+05:302009-08-26T07:54:07.981+05:30आज की शानदार पोस्ट ठेल ही चुके हैं। समय हो तो नास...आज की शानदार पोस्ट ठेल ही चुके हैं। समय हो तो नास्ता करने के पहिले समीरलाल जी की बात पर गौर फ़रमा लीजिये। अच्छा रहेगा। गौर का गौर हो जायेगा और एक पोस्ट निकल आयेगी घाते में!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-59201127512056908042009-08-26T07:43:47.454+05:302009-08-26T07:43:47.454+05:30चार साल पहले हम पंच धातु की एक गणेश प्रतिमा ले आये...चार साल पहले हम पंच धातु की एक गणेश प्रतिमा ले आये थे.. अब हर साल वही स्थापित करते है और उन्हें नहला कर वापस ले आते है.. इस मामले में जोधपुर के लोग जागरूक होते जा रहे है..कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-84049803825316425572009-08-26T07:19:20.601+05:302009-08-26T07:19:20.601+05:30गंगा जी का बढ़ना अब भी शुभ संकेत है.
१० हजार पर्या...गंगा जी का बढ़ना अब भी शुभ संकेत है.<br /><br />१० हजार पर्यावरण चेतना के कागज छपा लिजिये..सस्ते ही छपेंगे और जब घूमने जायें, बांटा करिये कि गंगा जी में प्लास्टिक न फेंके. वहाँ बैठे साधुओं में चेतना जगाईये कि यह गंगा माई की सेवा है कि वो प्लास्टिक न फेकने दें या फैंकी हुई बटोर कर बेच दें.<br /><br />यह आपका पर्यावरण चेतना के जगत में एक अभूतपूर्व योगदान होगा. कुछ बैनर पोस्टर लगवा पायें तो और उत्तम. <br /><br />कुछ चाहें तो मेरी ओर से कर दें और सूचित करें ताकि मैं योगदान कर पाऊँ. गंगा तट पर इस हेतु बैनर्स की दरकार है उचित नारों के साथ.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-25835741786306463142009-08-26T06:51:52.267+05:302009-08-26T06:51:52.267+05:30देख रहा हूँ गंगा जी की बढ़ती हलचल एक बाहर और एक भीत...देख रहा हूँ गंगा जी की बढ़ती हलचल एक बाहर और एक भीतर भी -यथा पिंडे तथा ब्रह्मांडे !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-41533797652307687492009-08-26T06:32:05.544+05:302009-08-26T06:32:05.544+05:30@ हिमांशु > कजिया करना क्या है ?
कजिया = कलह। आ...<b>@ हिमांशु > कजिया करना क्या है ?</b><br />कजिया = कलह। आपस में जोर जोर से देशज भाषा में दूसरे को और उसके परिवार को कोसना इसका प्रमुख अंग है! बिना बात इसे प्रारम्भ होते और कुछ ही समय बाद हंस-बोल कर समय गुजारते भी देखा है महिलाओं को! <br />इसे नारी के विरोध में न माना जाये। पुरुष कोई बहुत साभ्रांत व्यवहार नहीं करते! :-)Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.com