tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post7489685113202558996..comments2024-03-15T04:14:04.408+05:30Comments on मानसिक हलचल: पशुओं के सानिध्य मेंGyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-58808621593589757962008-02-14T17:49:00.000+05:302008-02-14T17:49:00.000+05:30ज्ञान जी ,मनुष्य नाम के प्राणी से जी उब रहा है क्य...ज्ञान जी ,मनुष्य नाम के प्राणी से जी उब रहा है क्या ?मैं प्राणी शास्त्र का विद्यार्थी रहा हूँ ,मनुष्य को प्राणी की ही तरह ट्रीट करता हूँ .हाँ वह एक अलग किस्म का प्राणी है -सांस्कृतिक प्राणी जो बिना भूख के खाना खाता है और बिना प्यास के पानी पीता है और भी अन्यान्य कार्य बिना जरूरत के ही चरितार्थ करता है -भला इतना मजेदार रो्मांचित करने वाला दूसरा कोई जंतु है ?Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-92193536665823510212008-01-08T07:00:00.000+05:302008-01-08T07:00:00.000+05:30Gyan bhai sahab,Aapki lekhan shaili sahaj, swabhav...Gyan bhai sahab,<BR/>Aapki lekhan shaili sahaj, swabhavik aur ek thahraav liye hai jo sochne per majboor kerti hai -- <BR/>Eesi tarah likhte rhiyega.<BR/>Shubh kaamna sahit,<BR/>Lलावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-37468298877098203522008-01-06T00:07:00.000+05:302008-01-06T00:07:00.000+05:30कुत्तों का प्रयोग कई प्रकार की मानसिक बिमारियों को...कुत्तों का प्रयोग कई प्रकार की मानसिक बिमारियों को दूर करने के लिए भी होता है, जानते ही होगें।<BR/>संजीत के बाद मेरी भी बधाई स्वीकारें और आलोक जी की बात सही है।Anita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-28115938927479948382008-01-05T15:30:00.000+05:302008-01-05T15:30:00.000+05:30आपके ब्लॉग पर तो विविधता बढ़ती ही जा रही है। इसके ...आपके ब्लॉग पर तो विविधता बढ़ती ही जा रही है। इसके लिए बधाई।<BR/><BR/>हमारे पास भी careey (boxer dog)है।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-50095827502564530452008-01-05T14:16:00.000+05:302008-01-05T14:16:00.000+05:30सबसे पहले दिनेश राय जी की बात पे समर्थन, आप ब्लॉग ...सबसे पहले दिनेश राय जी की बात पे समर्थन, आप ब्लॉग जगत की निधि हो चुके हैं! एडवांस में बधाई स्वीकार कर लें!! बाकी लोग बाद में देंगे। ;)<BR/><BR/>उसके बाद आलोक जी की बात से सहमत हूं, आप चाहें तो एक से एक वेराईटी ला सकते हैं।Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-25248305320013904112008-01-05T13:36:00.000+05:302008-01-05T13:36:00.000+05:30कीडे-मकौडो पर कुछ जानकारी की जरूरत हो तो बताइयेगा।...कीडे-मकौडो पर कुछ जानकारी की जरूरत हो तो बताइयेगा। मैने उनकी हजारो तस्वीरे उतारी है और बहुतो को पहचानता भी हूँ। पालतू पशुओ की तुलना मे फालतू कहे जाने वाले पशुओ मे ज्यादा रूचि है। आपने नील गाय पर जो पोस्ट लिखी थी वह बहुत बढिया थी। यदि आप ही एक दिन पशुओ पर लिखे तो यह गलत नही होगा।Pankaj Oudhiahttps://www.blogger.com/profile/06607743834954038331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-47850045264822921952008-01-05T13:10:00.000+05:302008-01-05T13:10:00.000+05:30AAPKI POST NE VO VAAKYA YAAD DILA DIYA JAB MEREY P...AAPKI POST NE VO VAAKYA YAAD DILA DIYA JAB MEREY PADOSI GHAR KI CHABI DE GAYE THE AUR UNKEY PLANTS KO SUUKHTA DEKH KAR MAI SICHAAYI VAALEY PIPE KI JAGAH SHAAM KE DHUDHANLKEY ME" dhaamin saanp" pe haath rakh baithii thii...AAPKEY NAYE TOPIC KA INTZAAR RAHEGAपारुल "पुखराज"https://www.blogger.com/profile/05288809810207602336noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-26540115599014482322008-01-05T13:03:00.000+05:302008-01-05T13:03:00.000+05:30"मित्रों, सद्व्यवहार केवल मानव की बपौती नहीं है।"क..."मित्रों, सद्व्यवहार केवल मानव की बपौती नहीं है।"<BR/>कितनी सटीक सच्ची बात वाह....आप के गोलू की तरह हमारे पास भी टैरी था जो अब नहीं है मैं भी उसके साथ बिताये लम्हे बांटने में सक्षम नहीं हूँ क्यों की उसके लिए बहुत बड़ा जिगर चाहिए.<BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-91433401701835768842008-01-05T11:14:00.000+05:302008-01-05T11:14:00.000+05:30सचमुच, सद़व्यवहार केवल मानव की बपौती नहीं है। बल्...सचमुच, सद़व्यवहार केवल मानव की बपौती नहीं है। बल्कि मनुष्यों में तो यह लुप्त होती जा रही है। पशु, खासकर कुत्ते हमें नि:स्वार्थ प्रेम करना सिखाते हैं। वसीली सुखोमलीन्स्की ने अपनी किताब 'बाल ह़दय की गहराईयां' में लिखा है कि छोटे बच्चों को किसी-न-किसी पशु के सानिध्य में अवश्य रखना चाहिए। यह उन्हें भावनात्मक रूप से उन्नत करता है, प्रेम करना सिखाता है। बिना किसी अपेक्षा, प्रतिदान और नफे-नुकसान के हम प्यार करना सीखते हैं।मनीषा पांडेhttps://www.blogger.com/profile/01771275949371202944noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-61267167605001694462008-01-05T10:57:00.000+05:302008-01-05T10:57:00.000+05:30टिप्पणीयों से लगता है आप से लोगों की अपेक्षाएं बढ़त...टिप्पणीयों से लगता है आप से लोगों की अपेक्षाएं बढ़ती ही जा रही है, देखें दबाव में अपनी शैली को ना खो दें.<BR/><BR/>सही कहा सदास्यता मनुष्य की बपौती नहीं पशू भी वयक्त करते है, समझते है.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-29661601430476516812008-01-05T09:48:00.000+05:302008-01-05T09:48:00.000+05:30आलोक जी के टिप्पणी के समर्थन मे..आलोक जी के टिप्पणी के समर्थन मे..Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-11443506287108580832008-01-05T09:16:00.000+05:302008-01-05T09:16:00.000+05:301-बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ हिंदू बिजनेस लाइन भी पढ़...1-बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ हिंदू बिजनेस लाइन भी पढ़ा कीजिये, धांसू च फांसू अखबार है। खास तौर पर स्टाक बाजार फोकस्ड जानकारी के लिए। <BR/>2-वाकई जीव जंतुओँ की दुनिया बहुत ही इंटरेस्टिंग है। कुत्ते तो वाकई बहुत ही रोचक जंतु हैंं। एक चीज तो मैं कई बार कनफर्म देख चुका हूं कि जब भी कुत्ते रोते हैं, कोई मौत आसपास जरुर होती है।कुत्तों के बारे मेंऔर छापिये पढ़ना अच्छा लगेगा। <BR/>3-वैराइटी बनाये रखिये. एक दिन फिल्मों को भी दीजिये। हम तो खैर राखी सावंत के जमाने के हैं, पर आप वैजयंती माला के टाइम के हैं। राखी सावंत से परहेज हो, तो कुछ वैजयंती माला पर ही छापिये। हाल में एक जीवनी उनकी आयी है। दिनेशजी से कहकर मंगवाइये।<BR/>4-एक दिन सिर्फ सिर्फ अच्छी किताब पर फोकस कीजिये। इत्ती किताबें आपने पढ रखी हैं, उन पर तीन तीन सौ शब्द का सार दीजिये। बहुत ठीक रहेगा।ALOK PURANIKhttps://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-58310045937337080822008-01-05T09:05:00.000+05:302008-01-05T09:05:00.000+05:30आदरणीय पांडे जी, इस प्रकृति के एकएक कतरे से हम इतन...आदरणीय पांडे जी, इस प्रकृति के एकएक कतरे से हम इतना कुछ सीख सकते हैं कि इस से हमारी ज़िंदगी ही बदल जाए। आप की पोस्टिंग में आप के कैमरे से खींची हुई फोटो देख कर अच्छा लगा--यह भी सीख लिया कि ब्लाग में इतनी शिद्दत से भी लिखा जा रहा है। God bless you !!Dr Parveen Choprahttps://www.blogger.com/profile/17556799444192593257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-15330567689368359342008-01-05T08:26:00.000+05:302008-01-05T08:26:00.000+05:30अच्छा है हफ्ते में एक दिन आपकी प्रेक्षक नज़र एक नए...अच्छा है हफ्ते में एक दिन आपकी प्रेक्षक नज़र एक नए पहलू के साथ आएगी। वैसे भी कहा जाता है कि इंसान में हर जीव के अंश मौजूद हैं क्योंकि उनके रूप में जन्म लेने के बाद ही वह मानव योनि तक पहुंचा है। इसीलिए महात्मा बुद्ध कहा करते थे कि हमें सभी प्राणियों से प्रेम करना चाहिए क्योंकि वे किसी न किसी जन्म में अपने रहे हैं।अनिल रघुराजhttps://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-83219009974979438412008-01-05T07:20:00.000+05:302008-01-05T07:20:00.000+05:30एक दिन आप की पोस्ट जीव जगत पर किसी विषय विशेषज्ञ स...एक दिन आप की पोस्ट जीव जगत पर किसी विषय विशेषज्ञ से लिखवाने का विचार उत्तम है, पोस्ट में विविधता आ जाएगी। पर तब आप दो दिनों तक पाठकों के बीच गायब नजर आऐंगे। हमारा ब्लॉगर आप से टिप्पणी चाहता है तो पाठक आप की पोस्ट पढ़ना भी। ऑफिस का नैट भी जल्दी चालू करवाइये, लोगों को निराश मत कीजिए। आप हिन्दी ब्लॉग जगत की निधि हो चुके हैं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com