tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post6535435317631972433..comments2024-03-15T04:14:04.408+05:30Comments on मानसिक हलचल: मंघाराम एण्ड संस के असॉर्टेड बिस्कुट कहाँ गये?Gyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-70887066186226369022008-09-16T04:45:00.000+05:302008-09-16T04:45:00.000+05:30धन्यवाद ज्ञानजी इस पोस्ट को पढाने के लिये । बाकई म...धन्यवाद ज्ञानजी इस पोस्ट को पढाने के लिये । बाकई मंघाराम के बिस्कुट कभी कभी मिलने वाली ट्रीट हीथे पर फेक्टरी हमने देखी थी और तब मुफ्त बिस्कुट भी खाये थे । इनकी एक जिंगल भी होती थी,<BR/>आओ बच्चों खाओ बिस्कुट जेबी मंघाराम के<BR/>देवे ताकत,उमर बढाये हैं ये बडे काम के<BR/>एनर्जी फूड विस्कुट,एनर्जी फू़ड बिस्कुट<BR/>छोटे बच्चों के लिये ये ताकत की खुराक है<BR/>दूध मलाई और शकर से बैठी इसकी धाक है<BR/>करारे, कुरकुरे और बडे रसीले<BR/>टाय पिओ और बिस्कुट खाओ <BR/>जेबी मंघाराम के<BR/>देवे ताकत,उमर बढाये हैं ये बडे काम के<BR/>एनर्जी फूड विस्कुट,एनर्जी फू़ड बिस्कुटAsha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-35896328532312917042007-11-13T19:58:00.000+05:302007-11-13T19:58:00.000+05:30प्रिय हेमंत,कृपया webmaster@sarathi.info पर मुझ से...प्रिय हेमंत,<BR/><BR/>कृपया webmaster@sarathi.info पर मुझ से संपर्क करें, क्योंकि टिप्पणी में आपका ईपता नहीं है -- शास्त्री फिलिपShastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-77786255537653738912007-11-13T18:49:00.000+05:302007-11-13T18:49:00.000+05:30भई वाह, इधर कई दिनों बाद कुछ अच्छा पढ़ने को मिला.....भई वाह, इधर कई दिनों बाद कुछ अच्छा पढ़ने को मिला...लिखते रहिए। फ़िलिप को याद होगा हम लोग एक हू स्कूल में पढ़े हैं....Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-46235890116543035302007-11-12T19:38:00.000+05:302007-11-12T19:38:00.000+05:30अजी आजकल तो आप किसी भी बड़े शोप्पिंग मॉल में जाकर ...अजी आजकल तो आप किसी भी बड़े शोप्पिंग मॉल में जाकर देखीये, ब्रिटानिया और पारले के साथ साथ कुछ अरबी और फारसी मे लिखे रैपर्स वाली कुकीस भी मिलती हैं. गिफ्ट के तौर पर उन्ही का इस्तेमाल किया जाता है. जो सब कोई पध्ले उसमे नया पं कैसा.. फारसी लिखे हुए बिस्कुट देने में कुछ नया सा लगता है..पुनीत ओमरhttps://www.blogger.com/profile/09917620686180796252noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-24999735086635587122007-11-12T17:10:00.000+05:302007-11-12T17:10:00.000+05:30@ आलोक - धन्यवाद। परिवर्तन कर दिया है।@ आलोक - धन्यवाद। परिवर्तन कर दिया है।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-56804018968903751382007-11-12T16:57:00.000+05:302007-11-12T16:57:00.000+05:30c/गांघीवादी/गांधीवादीc/गांघीवादी/गांधीवादीआलोकhttps://www.blogger.com/profile/03688535050126301425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-31298898125459461872007-11-10T22:57:00.000+05:302007-11-10T22:57:00.000+05:30सब कुछ अच्छा लगा। लेख भी और टिप्पणियां भी। आलोक पु...सब कुछ अच्छा लगा। लेख भी और टिप्पणियां भी। आलोक पुराणिक की सलाह पर कुछ तव्व्जो दीजिये। :)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-28654337468314158152007-11-10T18:35:00.000+05:302007-11-10T18:35:00.000+05:30हमारे पिताजी भी इसे याद करते है। हम लोगो ने भी बचप...हमारे पिताजी भी इसे याद करते है। हम लोगो ने भी बचपन मे इसे खाया है।<BR/><BR/>शास्त्री जी गजक तो लाये पर हम लोगो को क्यो भूल गये भाई। यह सरासर नाइंसाफी है। वैसे भी इस पोस्ट ने चम्बल वालो को फिर से मिला दिया। <BR/><BR/>अब तो यही उम्मीद की जा सकती है कि ग्वालियर वाले अगली बार जब मिलेंगे तो गजक या बिस्किट जरूर लायेंगे।:)Pankaj Oudhiahttps://www.blogger.com/profile/06607743834954038331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-53956860038631059922007-11-10T16:24:00.000+05:302007-11-10T16:24:00.000+05:30ये कम्पनी आज ब्रिटैनिया की रीढ् बनी हुई है और वेफ़र...ये कम्पनी आज ब्रिटैनिया की रीढ् बनी हुई है और वेफ़र्स आज पूरे भारत में उनकी सहयोगी कम्पनी हैदराबाद में ही बनाती हैं जो पूरे भारत में एकमात्र हैkamlesh madaanhttps://www.blogger.com/profile/14947827548102778374noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-26002948434653807312007-11-10T13:36:00.001+05:302007-11-10T13:36:00.001+05:30अपन ने भी नई सुने इन कंपनियों के नाम!!दर-असल हम नए...अपन ने भी नई सुने इन कंपनियों के नाम!!<BR/><BR/>दर-असल हम नए जमाने के चिल्हर है, तो पुराने जमाने के थोक लोग ही जानेंगे इनके नाम जिन्होने अपने बचपन में उपयोग किए होंगे ये उत्पाद!!<BR/><BR/><BR/>वैसे ज्ञान दद्दा, क्यों बुढ़ापे की ओर सरक रहे हो , ये बुढ़ापे की निशानी है, पुराने दिन और पुराने उत्पादों को याद करके नए जमाने और नए उत्पादों को कोसना, हालांकि आपने कोसा तो नही!! ;)Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-26500366979833437272007-11-10T13:36:00.000+05:302007-11-10T13:36:00.000+05:30"इसी तरह जब सर्दियों मे लौटते तो मुरेना वाली गज़क"ग..."इसी तरह जब सर्दियों मे लौटते तो मुरेना वाली गज़क"<BR/><BR/>गजक अभी भी जिंदा है. इसी हफ्ते 6 पैकेट मेरे साथ ग्वालियर से आये हैं. <BR/><BR/>आपके ननिहाल के लोगों का सरनेम क्या है? शायद उस परिवार में मेरा कोई क्लासमेट निकल आये. मैं मिस हिल स्कूल में पढा था -- शास्त्री <BR/><BR/>हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है.<BR/>इस काम के लिये मेरा और आपका योगदान कितना है?Shastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-2674810591208673862007-11-10T11:23:00.000+05:302007-11-10T11:23:00.000+05:30जे बी मंघाराम बैंगलौर की कम्पनी थी, मंघाराम ने बहु...जे बी मंघाराम बैंगलौर की कम्पनी थी, मंघाराम ने बहुत मेहनत से इस कम्पनी को घड़ा किया था। इन्होने ने ही अपने जीते जी, जे बी मंघाराम एंड संस करके एक कम्पनी ग्वालियर मे खोली थी, उनके प्रोडक्ट टिन के डब्बे मे आते थे, जैसे चैना राम हलवाई के आते है। इन्होने कंफ़ेक्शनरी मे भी हाथ आजमाया था, बाद मे कम्पनी कर्जे मे डूब गयी, और धीरे धीरे इनके प्रोडक्ट मार्केट से गायब हो गए। आज मंघाराम की फैक्ट्री तो है, लेकिन ये लोग शायद आउटसोर्सिंग कर रहे है, अब ये ब्रिटेनिया के लिए या किसी और कम्पनी के लिए इसका पक्का विश्वास नही। लेकिन ये बात तो मानने वाली है कि मंघाराम के प्रोडक्ट मेरे बचपन का जबरदस्त हिस्सा थे, क्यों? अमां मेरा ननिहाल ग्वालियर मे ही था, हम जब गर्मियों की छुट्टियों से लौटते तो, बिस्कुट के डब्बे साथ मे लदे रहते थे। इसी तरह जब सर्दियों मे लौटते तो मुरेना वाली गज़क।Jitendra Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/09573786385391773022noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-67803600663800039152007-11-10T11:10:00.000+05:302007-11-10T11:10:00.000+05:30बहुत सही कहा है आपने, यूं भी मुल्टी नेशनल कम्पनिया...बहुत सही कहा है आपने, यूं भी मुल्टी नेशनल कम्पनियाँ बहुत सी देसी कंपनियों को निगल गयी हैंSajeevhttps://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-2379222335882839542007-11-10T10:59:00.000+05:302007-11-10T10:59:00.000+05:30जी हमने इस कंपनी का नाम नहीं सुना था. शायद नये जमा...जी हमने इस कंपनी का नाम नहीं सुना था. शायद नये जमाने के हैं या फिर बचपन में रोटी का जुगाड़ करना ही मुश्किल था बिस्कुट कहाँ से खाते.काकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-67259971049961988082007-11-10T10:28:00.000+05:302007-11-10T10:28:00.000+05:30बहुत कुछ है जो गायब हो गया है। अफगान स्नो नामक ब्य...बहुत कुछ है जो गायब हो गया है। <BR/>अफगान स्नो नामक ब्यूटी क्रीम गायब हो गयी है। <BR/>जय नामक साबुन गायब हो गया है। <BR/>पासिंग शो नामक सिगरेट जिसे मैं सात- आठ वर्ष की बाली उम्र में धुआंधार फूंका करता था, गायब हो गयी है। <BR/>ब्लैक एंड व्हाईट सिगरेट भी उस दौर में बहुत फूंकी है, वो भी अब गायब है। <BR/>हाय हाय, क्या याद दिलायी है। <BR/>वैसे ऐसे ऐसे विषय आप लाते हैं, आप रेलवे से वीआरएस लें, और किसी अच्छे अखबार के फीचर संपादक बन लें।ALOK PURANIKhttps://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-78082653567817093912007-11-10T09:57:00.000+05:302007-11-10T09:57:00.000+05:30ज्ञानदत्तजी युनूस भाई सही कह रहे हैं, उस फैक्टर...ज्ञानदत्तजी युनूस भाई सही कह रहे हैं, उस फैक्टरी में अभी भी पहले की भांति उत्पादन हो रहा है जब भी मैं मुरैना से ग्वालियर वाया सड़क के रास्ते से जाता हूं तो फैक्टरी के पास से निकलते ही ना बिस्किट की मीठी मीठी सुगंध वातावरण में फैली होती है। पर आजकल यह कंपनी अपने नाम से उत्पादन नहीं करती शायद। मेरा एक मित्र जिसके पिताजी पुलिस में हैं, ग्वालियर में पदस्थ थे। तब फैक्टरी वाले उसके यहां बिस्किट दे जाया करते थे। ये हाल ही की बात है पर उसने बताया कि ये बिस्किट यहां कहीं नहीं मिलते।bhuvnesh sharmahttps://www.blogger.com/profile/01870958874140680020noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-80044742338926760642007-11-10T08:58:00.000+05:302007-11-10T08:58:00.000+05:30युनुस जी जिस कम्पनी की बात कर रहे हैं वह मूल कम्पन...युनुस जी जिस कम्पनी की बात कर रहे हैं वह मूल कम्पनी नहीं है बल्कि उस नाम से कागज पर जानी जाती है.Shastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-10611187464839653242007-11-10T08:57:00.000+05:302007-11-10T08:57:00.000+05:30ज्ञान जी, आज आप ने मुझे भी बचपन की यादें दिला दी.ज...ज्ञान जी, आज आप ने मुझे भी बचपन की यादें दिला दी.<BR/><BR/>जे बी मंघाराम की जडें भले ही बेंगलूरू मे रही हों, पर निर्माण ग्वालियर में होता था. फेक्टरी से दो किलोमीटर दूर तक महक आती थी. <BR/><BR/>स्कूली बच्चों का स्वागत करते थे एवं अपने अद्यापकों एवं साथियों के साथ फेक्टरी घूमते समय वे छक कर बिस्कुटें खा सकते थे. कोई रोक नहीं थी. सारे हिन्दुस्तान में उनकी तूती बजती थी.<BR/><BR/>अपसोस, लगभ दो दशाब्दी पहले अयोग्यता, आपसी खीचतान आदि के कारण वह कारखाना बन्द हो गया. <BR/><BR/>पिछले हफ्ते अपने ग्वालियर निवास के दौरान मैं ने उस कम्पनी को याद किया था, लेकिन वह जो बन्द हुआ वैसा ही है. सुना है कि ग्वालियर रेयन, सिमको स्टील, जे सी मिल्स आदि भी बन्द हो गये हैं -- शास्त्री <BR/><BR/>हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है.<BR/>इस काम के लिये मेरा और आपका योगदान कितना है?Shastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-14561636768707875772007-11-10T08:49:00.000+05:302007-11-10T08:49:00.000+05:30ज्ञान जी आपको आश्चर्य होगा ये जानकर कि जे बी मंघा...ज्ञान जी आपको आश्चर्य होगा ये जानकर कि जे बी मंघाराम कंपनी है तो वाक़ई ग्वालियर में ही । लेकिन इसके प्रोडक्ट इसलिए नहीं दिख रहे हैं क्योंकि आजकल ये ब्रिटेनिया के लिए आउटसोर्सिंग कर रहे हैं । यानी आप ब्रिटेनिया के जो बिस्किट खा रहे हैं हो सकता है कि वो जे बी मंघाराम से बनकर आये हों । ये जानकारियां मेरे भाई यूसुफ के सौजन्य से ।Yunus Khanhttps://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-12314457283152032212007-11-10T08:29:00.000+05:302007-11-10T08:29:00.000+05:30आपको पढ़ कर कुछ कुछ होने लगा है, अच्छा लगाआपको पढ़ कर कुछ कुछ होने लगा है, अच्छा लगाPramendra Pratap Singhhttps://www.blogger.com/profile/17276636873316507159noreply@blogger.com