tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post6300538953969845563..comments2024-03-15T04:14:04.408+05:30Comments on मानसिक हलचल: वाणी का पर्सGyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-46676893732208501942008-01-25T22:09:00.000+05:302008-01-25T22:09:00.000+05:30"यही तो है ब्लॉगिंग में लहराते परसनल केमेस्ट्री के..."यही तो है ब्लॉगिंग में लहराते परसनल केमेस्ट्री के स्वर। यह कहीं से भी आत्मवंचना नहीं है।"<BR/>"ब्लॉग तो है ही पर्सनल कैमिस्ट्री को स्वर देने के लिए."<BR/>.... पर कितनों के पोस्ट में वो बात दिखती है? यहाँ तो सब ठेलने, पेलने, ... करने, और न जाने क्या क्या करने पर लगे हैं.<BR/>पोस्ट के लिए धन्यवाद.डॉ. अजीत कुमारhttps://www.blogger.com/profile/10047691305665129243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-55518942128975663052008-01-25T20:35:00.000+05:302008-01-25T20:35:00.000+05:30ब्लॉगस्पॉट टिप्पणियां नहीं ले रहा है। अत मेल से नि...ब्लॉगस्पॉट टिप्पणियां नहीं ले रहा है। अत मेल से निम्न दो टिप्पणियां मिली हैं: <BR/>१. नीरज गोस्वामीजी -<BR/>भईया<BR/>आप की ये लाजवाब पोस्ट मेरी नज़रों से नहीं गुजरी इसका अफ़सोस हुआ. चलिए देर आए दुरुस्त आए...जिस वाणी बिटिया का पर्स इतना सुंदर है वो ख़ुद कैसी होगी इसका अनुमान लगाना मुश्किल नहीं है. बेटियाँ वैसे भी इश्वर का सबसे सुंदर उपहार होती हैं. इश्वर उसे सदा खुश रखे. मुझे यकीन है शिव चाचा को अपना पर्स खाली करने में बहुत आनंद आया होगा. मुझे पता नहीं आप कब ये अवसर उपलब्ध कराएँगे?<BR/>विवेक के बारे में आप की टिपण्णी पढ़ के की " बिजनेस मैनेजमेण्ट की स्नातकोत्तर डिग्री लिये है पर व्रत-उपवास-कर्मकाण्ड में पी.एच.डी. कर रखी है " अभी तक हंस रहा हूँ. ऐसे युवक बहुत किस्मत से मिलते हैं. आप उन दोनों का एक चित्र भी दे देते तो सोने में सुहागे वाली बात हो जाती...चलिए अगली बार सही. इंतज़ार रहेगा.<BR/>नीरज<BR/>----<BR/>२. अनीता कुमार जी - <BR/>हम कुत्तेबाजी करें या न करें वो ऊपर वाला पर्स हमें इनाम में मिल जाना चाहिए, आज कल ऐसे पर्स का फ़ैशन चल रहा है क्या? ज्यादा भारी भरकम पोस्ट तो जी अपने पल्ले भी नहीं पढ़ती, सर के ऊपर से निकल जाती है, हमें तो पोस्ट बहुत पसंद आयी, वो नया क्या बताया आप ने राइटर अपुन भी ट्राई करेंगे। नीरज जी के मोबाइल वाली पोस्ट का इंतजार रहेगा, फ़िर मन ललचाया तो मोबाइल बदल डालेंगें।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-31787916148735685872008-01-24T23:01:00.000+05:302008-01-24T23:01:00.000+05:30क्षमा करे आज जंगल चला गया था इसलिये देर से आ पाया।...क्षमा करे आज जंगल चला गया था इसलिये देर से आ पाया। आप अपने परिवार को ब्लाग परिवार के साथ जोडकर एक बडे परिवार की रचना कर रहे है जो मन को छूने वाला प्रयास तो है ही साथ ही हमे गर्वांवित भी करता है कि आप हमे इस लायक समझते है।Pankaj Oudhiahttps://www.blogger.com/profile/06607743834954038331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-50209441903745484382008-01-24T22:43:00.000+05:302008-01-24T22:43:00.000+05:30इसी बात के तो हम आपके मुरीद हैं जब चाहे जिस विषय क...इसी बात के तो हम आपके मुरीद हैं जब चाहे जिस विषय को इतनी सहजता से कह जाते हैं. वैसे आपके मिश्राजी भी कम नहीं हैं. सच्ची ब्लाग जगत का सारा ट्रेफिक तो आपकी पटरी पर ही जा रहा है...बाकी मार्ग तो सूने पड़े हैं.bhuvnesh sharmahttps://www.blogger.com/profile/01870958874140680020noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-63854269632204907222008-01-24T20:01:00.000+05:302008-01-24T20:01:00.000+05:30बच्चों के लिये ईश्वर का शुक्र हो. इन के कारण जीवन ...बच्चों के लिये ईश्वर का शुक्र हो. इन के कारण जीवन बहुत आनंदमय हो जाता है.<BR/><BR/>ज़ोहो को आज ही देखते हैं !!Shastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-13803476084078001172008-01-24T19:24:00.000+05:302008-01-24T19:24:00.000+05:30मुझे हेरानी हे कि आप ब्रंच टू डिनर व्रत कैसे निबाह...मुझे हेरानी हे कि आप ब्रंच टू डिनर व्रत कैसे निबाह ले गए...हमसे तो इतना भी न होता भई...और अगर ये जोड़ बिठाने की कैमिस्ट्री ऐसे ही चलती है कि दिन भर के उपवासी को नवरात्र उपवासी संबंधी मिलते हैं तब तो हमारा क्या होगा...मसिजीवीhttps://www.blogger.com/profile/07021246043298418662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-69428567373998366162008-01-24T19:12:00.000+05:302008-01-24T19:12:00.000+05:30ज्ञान जी आप कहाँ सुभ चिन्तक जी की बात को गले लगा ब...ज्ञान जी आप कहाँ सुभ चिन्तक जी की बात को गले लगा बैठे. <BR/>जहाँ तक आपके ब्लौग लेखन का सवाल है तो मुझे लगता है मनो आप हमारे या हमारे घर से जुड़ी बात ही कर रहे हैं. हर पढ़ने वाले को कभी न कभी किसी न किसी पोस्ट में ये एहसास जरूर होता होगा की " ऐसा तो हमारे साथ भी होता है या हमारे यहाँ भी होता है.". <BR/>आपकी विविधता भरी पोस्टों का स्वागत है.Kirtish Bhatthttps://www.blogger.com/profile/10695042291155160289noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-65245413213651145722008-01-24T17:35:00.000+05:302008-01-24T17:35:00.000+05:30बच्चों की बात ही और है - ब्लॉग आपकी ज़िंदगी से हमा...बच्चों की बात ही और है - ब्लॉग आपकी ज़िंदगी से हमारी ज़िंदगी के बीच की खिड़की है - ताजी हवा आती जाती है - किसी के कहने न कहने की चिंता न करें - आप लिखें सब पढ़ें - सादर -मनीषAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/08624620626295874696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-66499475901197831662008-01-24T15:49:00.000+05:302008-01-24T15:49:00.000+05:30यही सच्ची चिट्ठापोस्ट है. बहुत सही, दिल को छूती सी...यही सच्ची चिट्ठापोस्ट है. बहुत सही, दिल को छूती सी लगी.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-67599836648758195992008-01-24T14:41:00.000+05:302008-01-24T14:41:00.000+05:30भई ऐसा है कि वाणी खुद भले ही नाती पोतों वाली हो ज...भई ऐसा है कि वाणी खुद भले ही नाती पोतों वाली हो जाएं आपको तो बच्ची ही लगेंगी वह हमेशा।<BR/>उपवास के मामले में आप और मै एक ही हैं ;)<BR/>पहला पर्स तो हमें भी पसंद आया।<BR/>पोस्ट तो पसंद आई ही है, सहमत हैं कि ब्लॉग तो है ही पर्सनल कैमिस्ट्री को स्वर देने के लिए!<BR/>आपने आईडिया दे दिया तो अब गूगल जल्द ही खुद का ऑफ़लाईन पोस्ट एडीटर लाएगा ही।Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-84023662847887849402008-01-24T14:03:00.000+05:302008-01-24T14:03:00.000+05:30पोस्ट तो वास्तव मे बहुत ही अच्छी बनी है.वो कहते है...पोस्ट तो वास्तव मे बहुत ही अच्छी बनी है.<BR/>वो कहते है की सरलता और सादगी मे जो सुन्दरता होती है वो कंही नही ये बात आपकी पोस्ट से सिद्ध होती है.<BR/>लेकिन "कलकते मे ब्लोगर्स सभा" का हमारा सपना तो इस बार अधूरा रह गया जी!बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-40634644968646604262008-01-24T13:32:00.000+05:302008-01-24T13:32:00.000+05:30अनूप शुक्ल ठीक कहते हैं ज्ञानजी का जवाब नहीं. आज ह...अनूप शुक्ल ठीक कहते हैं ज्ञानजी का जवाब नहीं. आज ही लिखा है उन्होंने.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-35779665596463666462008-01-24T10:52:00.000+05:302008-01-24T10:52:00.000+05:30मुझे तो आपका ये पोस्ट पिछली सभी पोस्टों से अच्छा ल...मुझे तो आपका ये पोस्ट पिछली सभी पोस्टों से अच्छा लगा..<BR/>ऐसी छोटी-छोटी खुशियों(पर्स जैसा) में भी जीता है आज का युवा वर्ग..PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-16978224590600571952008-01-24T10:49:00.000+05:302008-01-24T10:49:00.000+05:30यह कतई आत्मवंचना नहीं है। पता नहीं, इंटेलेक्चुअल...यह कतई आत्मवंचना नहीं है। पता नहीं, इंटेलेक्चुअल लोग इंटेलेक्चुअल होने का क्या अर्थ लगाते है। जीवन की इन छोटी-छोटी, बारीक बातों को इंटेलेक्चुअल अगर नहीं समझते तो वो ढक्कन हैं। आपने सुंदर लिखा है।मनीषा पांडेhttps://www.blogger.com/profile/01771275949371202944noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-33123397754843612002008-01-24T10:16:00.000+05:302008-01-24T10:16:00.000+05:30आप तो इन सुभ-चिन्तकों की चिन्ता ना कर बस ठेलते रहि...आप तो इन सुभ-चिन्तकों की चिन्ता ना कर बस ठेलते रहिये जी.काकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-48157778111686268292008-01-24T10:10:00.000+05:302008-01-24T10:10:00.000+05:30वाणी के स्वर हमेशा प्रसन्नता वितरित करते रहें, ऐसी...वाणी के स्वर हमेशा प्रसन्नता वितरित करते रहें, ऐसी शुभकामना हैजी।<BR/>और सुपर इंटेलेक्चुएलों से नहीं दुनिया उन भीने भीने ताने बानों से चलती है, जो रिश्ते बुनते हैं। <BR/>बेटियां तो ऊपर वाले का खास वरदान होती हैं। <BR/>जमाये रहिये। <BR/>कुत्ता आफ दि इयर पुरस्कार घोषित किया जाये, जो ब्लागिंग में सबसे ज्यादा कुत्तेबाजी करे, उसे यह पर्स बतौर गिफ्ट दिया जाये।ALOK PURANIKhttps://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-30499016222710706022008-01-24T10:07:00.000+05:302008-01-24T10:07:00.000+05:30"काश भगवान हमें भी (कुछ दिन के लिये ही सही)वाणी बन..."काश भगवान हमें भी (कुछ दिन के लिये ही सही)वाणी बना देता!"<BR/>आखिरी वाक्य पोस्ट का परदा गिरते ही दिल में एक हूक सी पैदा कर जाती है। ज्ञान जी, यही तो है ब्लॉगिंग में लहराते परसनल केमेस्ट्री के स्वर। यह कहीं से भी आत्मवंचना नहीं है।अनिल रघुराजhttps://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-84521984567794343642008-01-24T09:06:00.000+05:302008-01-24T09:06:00.000+05:30sir mujhe to isi tarah ki dil se nikali post hi bh...sir mujhe to isi tarah ki dil se nikali post hi bhati hai, intelligency jara kam hai na...Sajeevhttps://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-8721051028405555212008-01-24T07:39:00.000+05:302008-01-24T07:39:00.000+05:30बढि़या है भई । गुलबुल पर्स देखकर हमें भी बड़ा अच्...बढि़या है भई । गुलबुल पर्स देखकर हमें भी बड़ा अच्छा लगा । और ज्ञान जी यही तो पोस्ट है भई, आप भी तो प्रसन्नता विकीरित कर रहे हैं हम सबके लिए ।Yunus Khanhttps://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-88708753990524014982008-01-24T06:31:00.000+05:302008-01-24T06:31:00.000+05:30पांडेय जी, आप की सोच में बहुत गहराई है..हमारे यहां...पांडेय जी, आप की सोच में बहुत गहराई है..हमारे यहां एक कहावत है...<BR/>दिल दरिया समुंदरों डूंघे,<BR/>कौन दिलां दीयां जाने.Dr Parveen Choprahttps://www.blogger.com/profile/17556799444192593257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-63565953231496413632008-01-24T05:58:00.000+05:302008-01-24T05:58:00.000+05:30वाणी बिटिया बड़ी प्यारी होगी -आपकी इस पोस्ट से पता...वाणी बिटिया बड़ी प्यारी होगी -आपकी इस पोस्ट से पता चल रहा है - उसे स स्नेह आशीष -लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-48026329773159441722008-01-24T05:26:00.000+05:302008-01-24T05:26:00.000+05:30पोस्ट पसंद आई। इस तरह की पोस्ट आप को लोगो के नजदीक...पोस्ट पसंद आई। इस तरह की पोस्ट आप को लोगो के नजदीक ले जाती है, अंतरमन तक। आप को अंदाज नहीं होगा, आप कहाँ तक पहुँच चुके हैं?दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-68715344007603152842008-01-24T04:43:00.000+05:302008-01-24T04:43:00.000+05:30बहुत बढिया पोस्ट, मेरी छोटी बहन भी गिफ़्ट खींचने मे...बहुत बढिया पोस्ट, <BR/>मेरी छोटी बहन भी गिफ़्ट खींचने में अव्वल है, घर में सबसे छोटी है सो उसका नखरा अलग से ।<BR/><BR/>इस मामले में आपसे इत्तेफ़ाक रखता हूँ कि ईश्वर चुनकर लोगों को जोडता है । बस कभी कभी उसकी लीला थोडी देर में चमकती है :-)<BR/><BR/>चलो, आपने पर्स पर पोस्ट लिख दी तो हम अपने नये मोबाईल पर लिखेंगे । हम पाषाण काल से एकदम नयी दुनिया में पंहुच गये हैं अपने इस नये मोबाईल के कारण । ईमेल, इंटरनेट, गूगल मैप, लाईव सर्च, ट्रैफ़िक सर्च, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम और पता नहीं क्या क्या है इसमें । अब पक्का इस हफ़्ते के अंत तक ठेल देंगे इस पोस्ट को :-)Neeraj Rohillahttps://www.blogger.com/profile/09102995063546810043noreply@blogger.com