tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post6006053247011987349..comments2024-03-15T04:14:04.408+05:30Comments on मानसिक हलचल: हटु रे, नाहीं त तोरे…Gyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger30125tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-13214768879722024772009-08-09T16:07:32.011+05:302009-08-09T16:07:32.011+05:30बहुत सुंदर \ बकरी के गया में बीडी ??बहुत सुंदर \ बकरी के गया में बीडी ??Murari Pareekhttps://www.blogger.com/profile/16625386303622227470noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-62121267332041603662009-08-08T10:29:20.506+05:302009-08-08T10:29:20.506+05:30हा हा ! पोस्ट पर देर से आने का अपना फायदा है.
टिप...हा हा ! पोस्ट पर देर से आने का अपना फायदा है. <br />टिपण्णी भी रोचक पढने को मिलती है. एक लाइना भी मिल गया.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-18890309381481101802009-08-07T23:19:50.101+05:302009-08-07T23:19:50.101+05:30सभी हिन्दी ब्लोगर भाइयों/बहनों से अनुरोध है की यहा...सभी हिन्दी ब्लोगर भाइयों/बहनों से अनुरोध है की यहाँ मैं एक प्रस्ताव रख रहा हूँ कृपया इस पर अपनी सहमति देने की कृपा करें। ब्लोगर भाइयों के आपसी प्यार को देखते हुए मेरी हार्दिक इच्छा है की एक हिन्दी ब्लोगर संघ की स्थापना की जाए और (वैसे तो सभी इन्टरनेट पर मिलते ही हैं) साल में एक बार कहीं मीटिंग आयोजित की जाए. इंटरनेट पर ही अध्यक्ष, सचिव, इत्यादि के चुनाव हो जायें। मेरे इस सुझाव पर गौर करें। हिन्दी ब्लोगर संघ को मजबूती प्रदान करें। ज्ञानदत्त पाण्डेय जी से मेरी प्रार्थना है की इस कम में रूचि दिखाते हुए.सहयोग दें. ब्लोगर संघ के उद्देश्य, नियम, चुनाव प्रक्रिया के बारे में आगली पोस्ट में बताऊंगा.स्तरीय ब्लॉग लेखकों को सक्रियता के आधार पर चयनित किया जाये.बेरोजगारhttps://www.blogger.com/profile/10115308300075877382noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-40549949840026679962009-08-07T15:54:28.654+05:302009-08-07T15:54:28.654+05:30gyaan dutt ji bahut acchi , halki fulki post , ma...gyaan dutt ji bahut acchi , halki fulki post , man ko aannd praapt hua ...aap kaise hai . <br /><br /><br />regards<br /><br />vijay <br />please read my new poem " झील" on www.poemsofvijay.blogspot.comvijay kumar sappattihttps://www.blogger.com/profile/06924893340980797554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-78169196381864847212009-08-07T14:16:25.942+05:302009-08-07T14:16:25.942+05:30काका, रागदरबारी में सनीचर उर्फ मंगलदास को सिर्फ पढ़...काका, रागदरबारी में सनीचर उर्फ मंगलदास को सिर्फ पढ़ा था । आज आपने दर्शन भी करवा दिये ।कृष्ण मोहन मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/14783932323882463991noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-55184113756259971392009-08-07T14:15:38.654+05:302009-08-07T14:15:38.654+05:30काका, रागदरबारी में सनीचर उर्फ मंगलदास को सिर्फ पढ़...काका, रागदरबारी में सनीचर उर्फ मंगलदास को सिर्फ पढ़ा था । आज आपने दर्शन भी करवा दिये ।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-83482778346698793402009-08-07T10:38:17.181+05:302009-08-07T10:38:17.181+05:30एक नयी तरह की मानसिक हलचल . हमारे यहाँ तो शरीर के...एक नयी तरह की मानसिक हलचल . हमारे यहाँ तो शरीर के विशिष्ट भागो के उच्चारण के बिना काम ही नहीं चलता .dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-288800629380159402009-08-07T08:43:56.542+05:302009-08-07T08:43:56.542+05:30इस्लाम के विषय में ज्ञानदान करने वाले ब्लॉगरगणों क...<i>इस्लाम के विषय में ज्ञानदान करने वाले ब्लॉगरगणों</i> का पता जानना चाहता हूँ। कुछ विशिष्ट ज्ञान झटक लेने की तीव्र उत्कंठा व्याप्त हो गयी है। कृपया मेरी मदद करें।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-41912280339191872009-08-07T01:33:01.167+05:302009-08-07T01:33:01.167+05:30Some times I wonder, how Life treats these Folks w...Some times I wonder, how Life treats these Folks who pass every day so nonchalantly ........<br />& <br />then i think of those<br /> "scholars " who <br />are so hell bent on finding the lost causes of ancient Hindu Faith ;-)<br />Good post , as usual, makes the neighbrhood ,<br /> come alive in Eastman colors --<br />warm rgds,<br />- Lavanyaलावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-8987075826770053222009-08-07T01:17:09.423+05:302009-08-07T01:17:09.423+05:30बकरिया हटाने के बजाये दुधवा दुहवा देते त मुनाफा ज्...बकरिया हटाने के बजाये दुधवा दुहवा देते त मुनाफा ज्यादा होता बाबा को....बड़ी टेप लिखे हैं महाराज..कमेंटवा भेज रहे हैं...गौर फरमा दीजियेगा...तनी रोडी..अबीर लगा लीजिये..स्मार्ट लगेंगे..पंडी जी की तरहसौरभ के.स्वतंत्रhttps://www.blogger.com/profile/04073026318125873715noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-45927298338106290712009-08-07T00:52:56.164+05:302009-08-07T00:52:56.164+05:30"अभी मेरी मम्मी बोली कि कल सुबह सुबह मटन लेते..."अभी मेरी मम्मी बोली कि कल सुबह सुबह मटन लेते आना.. और साथ में चिंता भी जताई कि कल तो बहुत भीड़ होगी, क्योंकि सावन ख़त्म होने के बाद मंगल को भी कोई नहीं खाया होगा.. फिर बुध को कोई पूर्णिमा था.. फिर गुरूवार.. अब कल ही उन्हें खाने का मौका मिलेगा सो सभी पहुँच जायेंगे.." यह सुन कर मैं और मेरे पापा, दोनों के मुंह से एक साथ एक ही वाक्य निकला.. "ढोंगियों कि भीड़.."<br /><br />आज सवेरे का अपडेट पर..PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-12461091303874434302009-08-06T19:57:27.340+05:302009-08-06T19:57:27.340+05:30हटरी बकरी नाही तो तोहरे विशिष्ट स्थान पे बीडी लगाऊ...हटरी बकरी नाही तो तोहरे विशिष्ट स्थान पे बीडी लगाऊ देव . हा हा हा सर जी पढ़कर आनंद आ गया . आभारमहेन्द्र मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/00466530125214639404noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-79395139271084283172009-08-06T18:57:22.350+05:302009-08-06T18:57:22.350+05:30"अगर फिल्म बनायें तो क्या होगा वह? समान्तर सि..."अगर फिल्म बनायें तो क्या होगा वह? समान्तर सिनेमा? " नहीं जी, गे फिल्ल्लम:)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-43721938417677015402009-08-06T16:24:17.491+05:302009-08-06T16:24:17.491+05:30बढिया है जी फिल्मी गीतों का प्रभाव भी दर्शा दिया.....बढिया है जी फिल्मी गीतों का प्रभाव भी दर्शा दिया.....और आजकल के शोधकर्ताओ की ओर इशारा भी कर दिया.......बहुत बढिया!परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-69550746755213362262009-08-06T13:40:23.724+05:302009-08-06T13:40:23.724+05:30मजा सा आ लिया, क्या सीन खेंचा है। सरजी रिटायरमेंट ...मजा सा आ लिया, क्या सीन खेंचा है। सरजी रिटायरमेंट के बाद आप तो इसी सबको लिखने में लग लेना, कसम से बड़ों बड़ों की छुट्टी हो लेगी।ALOK PURANIKhttps://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-82692591039344760682009-08-06T13:26:26.057+05:302009-08-06T13:26:26.057+05:30हमेशा की तरह शानदार.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secre...हमेशा की तरह शानदार.<br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">-Zakir Ali ‘Rajnish’</a> <br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">{ Secretary-TSALIIM </a><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">& SBAI }</a>Science Bloggers Associationhttps://www.blogger.com/profile/11209193571602615574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-86589880353935947322009-08-06T12:22:35.733+05:302009-08-06T12:22:35.733+05:30हल्का फुल्का मजेदार..हल्का फुल्का मजेदार..रंजन (Ranjan)https://www.blogger.com/profile/04299961494103397424noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-44651748661918186102009-08-06T11:42:42.148+05:302009-08-06T11:42:42.148+05:30"(हट रे, नहीं तो तेरे विशिष्ट स्थान में बीड़ी ...<b>"(हट रे, नहीं तो तेरे विशिष्ट स्थान में बीड़ी जला दूंगा)!"</b><br /><br />कुछ किलियर नहीं हुआ . शरीर में सभी स्थान अपनी अपनी जगह विशिष्ट हैं ,<br /><br />ऐसा तो नहीं लगता कि केवल एक ही अंग विशिष्ट हो बाकी सब महत्वहीन ! <br /><br />( लगता है स्लॉग ओवरों वाली बैटिंग होने वाली है अब )विवेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-90726856913196839932009-08-06T10:24:16.696+05:302009-08-06T10:24:16.696+05:30आप तो पतरकार हुए जा रहे है.... :)आप तो पतरकार हुए जा रहे है.... :)संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-81171701864578043112009-08-06T09:48:01.743+05:302009-08-06T09:48:01.743+05:30हटु रे, नाहीं त तोरे…: पोस्ट पे कमेंट ठेल देंगे<b>हटु रे, नाहीं त तोरे…</b>: पोस्ट पे कमेंट ठेल देंगेअनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-47089264124815429552009-08-06T08:53:13.495+05:302009-08-06T08:53:13.495+05:30पिछली दो पोस्टों में वर्णित परिवेश को देखने के बाद...पिछली दो पोस्टों में वर्णित परिवेश को देखने के बाद आपसे कोई यह आशा करे कि आपके विचार विशुद्ध प्रबुद्ध हों और पोस्टों पर सुन्दर और सुशील विषय और भाषा उठायी जाये तो वह कदाचित स्वप्नशीलता की पराकाष्ठा होगी । जब आप भी शिव की बारात के नियमित सदस्य हों तो पोस्टों में शिवकुटीय ’टिंज’ आना स्वाभाविक है । यह सब देखने के बाद ’गंगा बहती हो क्यों’ अवश्य सुना करें मन को शान्ति मिलेगी । सदियों से तो हम सारी ’रिसपोन्सिबिलिटी’ गंगा पर ही डालते आ रहे हैं ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-58175113063948735332009-08-06T08:47:59.797+05:302009-08-06T08:47:59.797+05:30सुंदर विवरण! अपना घर छोड़ औरों का बुहारने वाले बहु...सुंदर विवरण! अपना घर छोड़ औरों का बुहारने वाले बहुत हैं। रात तो अपने घर में ही बितानी पड़ती है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-78667913688483414692009-08-06T08:35:39.151+05:302009-08-06T08:35:39.151+05:30'बिल्लो बकरी' - नमवा तो कटरवा से कटिला बा ...'बिल्लो बकरी' - नमवा तो कटरवा से कटिला बा हो!! ई सतीश कहाँ से पा गईलें.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-34816196635973709042009-08-06T08:20:53.739+05:302009-08-06T08:20:53.739+05:30आप तो कुछ इस्लाम के विषय में ज्ञानदान करने वाले ब्...आप तो कुछ इस्लाम के विषय में ज्ञानदान करने वाले ब्लॉगरगणों से पूछें, वे हिन्दू दर्शन पर जबरदस्त शोधकार्य कर रहे हैं!<br /><br />बहुत सही पकडा आपने.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-54112297107316326112009-08-06T07:55:23.801+05:302009-08-06T07:55:23.801+05:30ये रहा 'इलाहाबादावली' का रफ ड्राफ्ट
ज...ये रहा <b> 'इलाहाबादावली' </b> का रफ ड्राफ्ट<br /><br /> जीयालाल उघडे बदन गंगा के तट पर उकडूं बैठे दतुअन चबा रहे हैं, बगल में ही कहीं गुलजार का गीत रेडियो पर बज रहा है -<br /><br />न चक्कुओं की धार<br />न दरांती न कटार<br />ऐसा काटे की दांत का निशान छोड दे<br /><br />और जीयालाल के दतुअन चबाने में अचानक ही विलक्षण तेजी आ जाती है।<br /><br /> तभी कहीं से<b> 'बिल्लो बकरी'</b> चरती हुई उधर ही आ जाती है।<br /><br />शेष अगले अध्याय में....... <br /><br /><br />:)सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.com