tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post5998428635028395160..comments2024-03-15T04:14:04.408+05:30Comments on मानसिक हलचल: घना कुहासा - एक सूचनाGyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-22444943646802450102007-12-02T11:13:00.000+05:302007-12-02T11:13:00.000+05:30ज्ञान जी नमस्कार्…एक लंबे अंतराल के बाद हम लौट आये...ज्ञान जी नमस्कार्…<BR/>एक लंबे अंतराल के बाद हम लौट आये हैं, आ कर देख रहे हैं तो आप की पोस्ट के तो रंग रूप ही बदल गये हैं अच्छा लगा ये बदलाव्। कोहरा आ गया, वाह, हम तो अब ऐसी सर्दियां सिर्फ़ फ़िल्मों में देख पाते हैं, पर मिस जरुर करते हैं आज भी।Anita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-6458444626296275432007-12-01T23:31:00.000+05:302007-12-01T23:31:00.000+05:30कुहासा दस दिन पहले आ गया। उसको भी चस्का लग गया है ...कुहासा दस दिन पहले आ गया। उसको भी चस्का लग गया है आपका ब्लाग पढ़ने का!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-39210051095287107192007-12-01T22:36:00.000+05:302007-12-01T22:36:00.000+05:30शास्त्री जी का सुझाव गौरतलब है.शास्त्री जी का सुझाव गौरतलब है.इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-75305693324981815712007-12-01T17:54:00.000+05:302007-12-01T17:54:00.000+05:30ज्ञानदत्त जी, अब तो इलेक्ट्रानिक तकनीक इतना विकास ...ज्ञानदत्त जी, अब तो इलेक्ट्रानिक तकनीक इतना विकास कर चुका है कि कुहरे में भी "देखा" जा सकता है. ऐसे उपकरण काफी महंगे है, लेकिन उनकी जरूरत भारत में सिफ कुछ जगह है. इन स्थानों पर इनके उपयोग से दक्षता में जो सुधार होगा, उसके द्वारा यह कीमत एक साल में ही वसूल हो जायगी. क्यों ना यह सुझाव आप आगे बढा देंShastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-82665394527710510912007-12-01T14:59:00.000+05:302007-12-01T14:59:00.000+05:30कल कि आराम वाली बात शायद आपने अबतक दिल से नही निकल...कल कि आराम वाली बात शायद आपने अबतक दिल से नही निकली लगता है. तभी तो दो दो पोस्ट ठेली है आज. खैर आपकी पोस्ट पढ़कर सुबह सुबह कि ताजगी महसूस हो रही है. रही बात जानकारी कि तो पटाखे वाली जानकारी वाकई नई और अनोखी है.Kirtish Bhatthttps://www.blogger.com/profile/10695042291155160289noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-61222959575964435412007-12-01T13:42:00.000+05:302007-12-01T13:42:00.000+05:30कोहरे की बात समझ में आ गयी , सही है सुंदर है !आपकी...कोहरे की बात समझ में आ गयी , सही है सुंदर है !आपकी लेट ट्रेनों पर भी पोस्ट बढिया है और राइट टाइम पर भी , अछा लगा !रवीन्द्र प्रभातhttps://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-31297572283329118132007-12-01T12:35:00.001+05:302007-12-01T12:35:00.001+05:30शुक्रिया पटाखों वाली जानकारी के लिए!!>>>> प्रभो, ब...शुक्रिया पटाखों वाली जानकारी के लिए!!<BR/><BR/><BR/>>>>> प्रभो, बाह्य कुहरा तो देर सबेर छंट ही जाता है पर मानव मन पर छाए कुहरे का क्या, वह तो "ज्ञान" रुपी प्रकाश पाने के बाद भी छंट जाने से इनकार करता ही रहता है।Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-17683120661238303212007-12-01T12:35:00.000+05:302007-12-01T12:35:00.000+05:30बचपन मे खिलौना ट्रेन जब चक्कर लगाती थी तो सुमधुर ध...बचपन मे खिलौना ट्रेन जब चक्कर लगाती थी तो सुमधुर ध्वनि पटरी पर लगी रंगीन प्लेटो से टकराने से पैदा होती थी। क्या यह सम्भव है कि स्टेशन के पास ऐसी प्लेटे लगायी जाये जो विशेष आवाज करे ताकि चालक समेत सभी को बताये कि गाडी आ रही है। यह आप्शनल हो ताकि बाकी मौसम मे यह अनावश्यक शोर न करे।Pankaj Oudhiahttps://www.blogger.com/profile/06607743834954038331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-16327674102153427262007-12-01T12:18:00.000+05:302007-12-01T12:18:00.000+05:30पटाखों के बारे में मैने भी कई बार सुना था।पटाखों के बारे में मैने भी कई बार सुना था।Pramendra Pratap Singhhttps://www.blogger.com/profile/17276636873316507159noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-78909204902820431912007-12-01T11:02:00.000+05:302007-12-01T11:02:00.000+05:30संजय बेंगानी > कुहासे में ड्राइवर देख सके वैसी कोई...<B>संजय बेंगानी > कुहासे में ड्राइवर देख सके वैसी कोई प्रणाली विश्व में कहीं है?</B><BR/>हां जब मैं मुख्य सेफ्टी ऑफीसर था पूर्वोत्तर रेलवे में तो सेना द्वारा प्रयोग किये जाने वाले इन्फ्रा-रेड चश्मों के बारे में हम सोच रहे थे। पर बात बहुत आगे नहीं बढ़ी। उससे कुहासे में देखा जा सकता है।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-51226932684018685202007-12-01T10:52:00.000+05:302007-12-01T10:52:00.000+05:30पटाखों वाली नई बात पता चली. कुहासे में ड्राइवर देख...पटाखों वाली नई बात पता चली. <BR/><BR/>कुहासे में ड्राइवर देख सके वैसी कोई प्रणाली विश्व में कहीं है?संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-15684852401099497582007-12-01T10:03:00.000+05:302007-12-01T10:03:00.000+05:30ध्यान दे आज माडरेशन लेट हो रहा है ..इसमे कोहरे का ...ध्यान दे आज माडरेशन लेट हो रहा है ..इसमे कोहरे का असर पर सफ़ाई दे...:)Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.com