tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post5828457539354131600..comments2024-03-15T04:14:04.408+05:30Comments on मानसिक हलचल: लस्तवइ भुलाइ गये!Gyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger37125tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-28332014771682236392009-02-12T19:44:00.000+05:302009-02-12T19:44:00.000+05:30Aapne bilkul saki kaha....“लड़कियां ही तो आगे बढ़ रह...Aapne bilkul saki kaha....<BR/>“लड़कियां ही तो आगे बढ़ रही हैं। लड़के तो बस अपने को लड़का मान कर खुश हैं।”Devhttps://www.blogger.com/profile/07812679922792587696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-87359298135374599272009-02-12T00:01:00.000+05:302009-02-12T00:01:00.000+05:30Humhu lastwa bhula gayeel rahni, dikhaye khatir dh...Humhu lastwa bhula gayeel rahni, dikhaye khatir dhanywaad!!<BR/><BR/>Banaras ke ghaat humein bhi achhe lagte hain bas mann hota hai wahi baithe rahen shaam ko aur BHU ke fine art students se apni pictures banwate rahen :)<BR/><BR/>padhkar anand aaya..Pankaj Upadhyay (पंकज उपाध्याय)https://www.blogger.com/profile/01559824889850765136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-87741929048500219842009-02-10T21:54:00.000+05:302009-02-10T21:54:00.000+05:30“लड़कियां ही तो आगे बढ़ रही हैं। लड़के तो बस अपने को ...“लड़कियां ही तो आगे बढ़ रही हैं। लड़के तो बस अपने को लड़का मान कर खुश हैं।” <BR/>sach hae .dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-51079198865952809452009-02-10T20:23:00.000+05:302009-02-10T20:23:00.000+05:30dekh kar aachha laga ki aadami loog insecure nahi ...dekh kar aachha laga ki aadami loog insecure nahi hai ki girls aaga aa rahi hai.Vani Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/02535707325844598553noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-7709232277885030712009-02-10T19:36:00.000+05:302009-02-10T19:36:00.000+05:30लड़के अपने को लड़का समझ कर खुश हैं .......सत्य वचन ...लड़के अपने को लड़का समझ कर खुश हैं .......सत्य वचन . आप रास्ता न भूलिए सरकार ....याद रखिये ...अरे अभी तो मीलों मुझको ...मीलों मुझको चलना है .Doobe jihttps://www.blogger.com/profile/16439754195757703308noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-89337369645245538882009-02-10T11:14:00.000+05:302009-02-10T11:14:00.000+05:30रास्ता मत भूलिए हुजूर, आपको तो बहुतों को राह दिखा...रास्ता मत भूलिए हुजूर, आपको तो बहुतों को राह दिखानी है।Science Bloggers Associationhttps://www.blogger.com/profile/11209193571602615574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-37721171003067531032009-02-10T10:36:00.000+05:302009-02-10T10:36:00.000+05:30“अले हम त लस्तवइ भुलाइ गये.” बहुत मासूम कथन. पढ़ते...“अले हम त लस्तवइ भुलाइ गये.” बहुत मासूम कथन. पढ़ते ही चेहरे पर स्वतः मुस्कान आ गयी.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-28506073648083672322009-02-10T00:09:00.000+05:302009-02-10T00:09:00.000+05:30रोचक पोस्ट।एक ठो बात बताइये।आप मोबाइल साथ ले नहीं ...रोचक पोस्ट।<BR/>एक ठो बात बताइये।<BR/>आप मोबाइल साथ ले नहीं गये। फ़िर फोटो कैसे लिये? क्या दूसरा कैमरा ले लिये?अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-46912571526369893672009-02-09T23:06:00.000+05:302009-02-09T23:06:00.000+05:30जेके देखअ, उहई लस्तवा भूला रहा। अजी मेरा भारत ही ...जेके देखअ, उहई लस्तवा भूला रहा। अजी मेरा भारत ही सारा रास्ता भूल गया है....... अपने संस्कारो से, अपनी जडो से, अपना घर ही खो बेठा है, बस दुसरो के घर को ही अपना मान बेठा है, कोन इसे सही रास्ता दिखाये???अपने सोने को तो मिट्टी बता रहा है, दुसरो की मिट्टी को सोना...<BR/>धन्यवाद आप का गंगा किनारा बहुत सुंदर लगा.राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-76007852837056087002009-02-09T20:30:00.000+05:302009-02-09T20:30:00.000+05:30लड़कियां ही तो आगे बढ़ रही हैं। लड़के तो बस अपने को ल...लड़कियां ही तो आगे बढ़ रही हैं। लड़के तो बस अपने को लड़का मान कर खुश हैं।” <BR/><BR/>अजहर हाशमी की पंक्तियों को फ़िर दोहराउंगा,जिन्हें पहले भी कई बार टिपिया चुका हूँ. -<BR/><BR/>दुर्दिनों के दौर में देखा <BR/>बेटियाँ संवेदनाएं हैं |<BR/>गर्म झोंके बन रहे बेटे<BR/>बेटियाँ ठंडी हवाएं हैं ||hem pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08880733877178535586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-46550431304485398282009-02-09T19:56:00.000+05:302009-02-09T19:56:00.000+05:30निस्सन्देह लडकियां ही आगे बढ रही हैं और लडके समय...निस्सन्देह लडकियां ही आगे बढ रही हैं और लडके समय की घडी उल्टी घुमा कर 18वीं शताब्दी में जा रहे हैं। मैंगलोर में भी उन्होंने यही साबित किया।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-47239107222525468112009-02-09T19:33:00.000+05:302009-02-09T19:33:00.000+05:30“लड़कियां ही तो आगे बढ़ रही हैं। लड़के तो बस अपने को ...“लड़कियां ही तो आगे बढ़ रही हैं। लड़के तो बस अपने को लड़का मान कर खुश हैं।” <BR/><BR/>एकदम सही कहा उसने।<BR/>हमहूं लस्तवा भुलान हई (क्या बताऊं, मैं भी रास्ता भूला हूं)। न केवल कैसे करना चाहता हूं, वरन क्या करना चाहता हूं, यह भी स्पष्ट नहीं है। कौन भाग्यशाली है जो जानता है मुकाम और मार्ग?! <BR/><BR/>सब के मन का सवाल्। इस मनोविज्ञान की क्लास का अपना ही मजा है। आप के इस वाक्य ने मेरे मन में चल रहे कुछ सवालों का जवाब दे दिया, शुक्रिया।Anita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-36334049231171520672009-02-09T18:59:00.000+05:302009-02-09T18:59:00.000+05:30लड़कियां ही तो आगे बढ़ रही हैं। लड़के तो बस अपने को ल...<B>लड़कियां ही तो आगे बढ़ रही हैं। लड़के तो बस अपने को लड़का मान कर खुश हैं।</B><BR/><BR/>..........सच कहा <BR/>जिसे देखो वही रास्ता भूल रहा है .....बहुत गूढ़ और गहरा अर्थ!!!!प्रवीण त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/02126789872105792906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-4936621399132003862009-02-09T18:04:00.000+05:302009-02-09T18:04:00.000+05:30हमहूं लस्तवा भुलान हई (क्या बताऊं, मैं भी रास्ता भ...हमहूं लस्तवा भुलान हई (क्या बताऊं, मैं भी रास्ता भूला हूं)। न केवल कैसे करना चाहता हूं, वरन क्या करना चाहता हूं, यह भी स्पष्ट नहीं है। कौन भाग्यशाली है जो जानता है मुकाम और मार्ग?! <BR/><BR/>...........<BR/><BR/>कितनी गूढ़ बात कही आपने......बहुत अपने से लगे ये वाक्य...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-83296992040832603422009-02-09T16:19:00.000+05:302009-02-09T16:19:00.000+05:30अन्वाईंड करने के लिए गंगा के किनारे के अलावा आप और...अन्वाईंड करने के लिए गंगा के किनारे के अलावा आप और कहीं क्यूँ नहीं जाते...ठीक समझे हमारा इशारा खोपोली ही है... शिव से पूछिए वो ऐसे अन्वाईंड हुए हैं यहाँ आ कर की की वापस कलकत्ता जा कर रिवाईंड ही नहीं हो पा रहे...<BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-66184902378463161452009-02-09T15:42:00.000+05:302009-02-09T15:42:00.000+05:30छही लस्तवा कहवाँ हव भइया....छही लस्तवा कहवाँ हव भइया....अनामदासhttps://www.blogger.com/profile/06852915599562928728noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-9636752995541622932009-02-09T14:58:00.000+05:302009-02-09T14:58:00.000+05:30ऐसे लस्तवा भुलाई के भटकने का भी अपना मजा है ! ज्ञा...ऐसे लस्तवा भुलाई के भटकने का भी अपना मजा है ! ज्ञान तो हर जगह से मिल सकता है... कोई भी गुरु हो सकता है. ये आपकी कई पोस्ट में दीखता है.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-35580339536942740652009-02-09T14:22:00.000+05:302009-02-09T14:22:00.000+05:30सही जगह अनवाइण्ड होते है आप ....शीर्षक खासा दिलचस्...सही जगह अनवाइण्ड होते है आप ....शीर्षक खासा दिलचस्प लगा आपकाडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-11220167512613151772009-02-09T12:40:00.000+05:302009-02-09T12:40:00.000+05:30अक्सर लोग लस्तवइ भुलाइ जाते है... आपकी आज की पोस्ट...अक्सर लोग लस्तवइ भुलाइ जाते है... आपकी आज की पोस्ट रूटीन से हट कर लगी... अच्छा लगा...कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-42819812216532294762009-02-09T11:49:00.000+05:302009-02-09T11:49:00.000+05:30बहुत सरल पर बहुत ही गूढ़ पोस्ट है आपकी ।पूनम की बा...बहुत सरल पर बहुत ही गूढ़ पोस्ट है आपकी ।<BR/>पूनम की बात मे भी सच्चाई है ।<BR/><BR/>आपकी पोस्ट भी लोगों को रास्ता तलाशने मे मदद करेगी ।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-67713754614418822002009-02-09T11:24:00.000+05:302009-02-09T11:24:00.000+05:30मैं तो रास्ता नहीं भूली...बिल्कुल सही ब्लॉग पर पहु...मैं तो रास्ता नहीं भूली...बिल्कुल सही ब्लॉग पर पहुँची हूँ.<BR/><BR/>बेशक !!!!!!!!लड़कियां हर क्षेत्र में ,हर देश में तरक्की कर रही हैं..लड़के भी खूब तरक्की करें .उनके लिए भी शुभकामनाएं.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-39564753767290984092009-02-09T10:57:00.000+05:302009-02-09T10:57:00.000+05:30आलोकजी ने जो किस्सा सुनाया है वह भी पोस्ट को आगे ब...आलोकजी ने जो किस्सा सुनाया है वह भी पोस्ट को आगे बढ़ाने वाला है.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-74652902182701570672009-02-09T10:55:00.000+05:302009-02-09T10:55:00.000+05:30छोरी गंगा किनारे वाली ने बहुत सही बात कह दी कि लड़क...छोरी गंगा किनारे वाली ने बहुत सही बात कह दी कि लड़कियां ही तो आगे बढ़ रही हैं, लड़के तो बस अपने को लड़का मान कर खुश हैं.<BR/><BR/>यही हाल रहा तो ज्यादा समय तक खुश नहीं रह पाएंगे.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-91884145269417410952009-02-09T10:30:00.000+05:302009-02-09T10:30:00.000+05:30“लड़कियां ही तो आगे बढ़ रही हैं। लड़के तो बस अपने को ...“लड़कियां ही तो आगे बढ़ रही हैं। लड़के तो बस अपने को लड़का मान कर खुश हैं।”<BR/>सच में, गूढ़ वचन है यह..PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-66779333116718148322009-02-09T10:12:00.000+05:302009-02-09T10:12:00.000+05:30गंगाजी के किनारे सही जा रहे हैं आप।लड़कियां घणी स्...गंगाजी के किनारे सही जा रहे हैं आप।<BR/>लड़कियां घणी स्पीड से आगे बढ़ रही हैं, इत्ती कि पकड़ में नहीं आ रही हैं। अभी कल ही एक धांसू वाकया हो गया। मेरी एक छात्रा करीब इक्कीस वर्षीय बालिका एक स्कूल में एक पांच साल के बालक के साथ दिखायी दी। मैंने पूछा कैसे यहां,मैं तो यहां अपनी बेटी के लिये आया हूं,उसने बताया कि वह अपने भाई की पेरेट्स टीचर्स मीट के लिए आयी है। फिर मुस्कुराकर बताने लगी कि दोनों भाई बहन में करीब पंद्रह साल का अंतर है। पापा दुबई में हैं, मम्मी टिपीकल हाऊस वाइफ हैं। पूरा घर बाहर का काम वही देख रही है।<BR/>पापाजी ने जिस लड़के की चाहत में पंद्रह साल बाद घर में नयी जिम्मेदारी लाने का काम किया, वह भी अब उस लड़की की जिम्मेदारी है। <BR/>वह लड़का उस बालिका को क्या सपोर्ट करेगा, पूरी जिंदगी वह बालिका ही उसका सपोर्ट बनेगी।ALOK PURANIKhttps://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.com