tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post5408513021967685769..comments2024-03-15T04:14:04.408+05:30Comments on मानसिक हलचल: टूटा मचानGyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-4980720403345358402009-03-18T14:28:00.000+05:302009-03-18T14:28:00.000+05:30मन को फहराते रहें. आभार.मन को फहराते रहें. आभार.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-66740326638295366442009-03-18T10:55:00.000+05:302009-03-18T10:55:00.000+05:30क्या इसे मैं जवाबी हमला कहु.. ?क्या इसे मैं जवाबी हमला कहु.. ?कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-70547271507700030192009-03-17T23:15:00.000+05:302009-03-17T23:15:00.000+05:30हांफ पेंटिया.....चलिये हम तो चले अल्पना जी की गुजि...हांफ पेंटिया.....<BR/>चलिये हम तो चले अल्पना जी की गुजिया खाने हमे यह फ़ुल ओर हांफ पेंटिया दोनो मे कोई फ़र्क नही लगता, सब एक ही लगते है, लेकिन आप की इस प्यारी सी पोस्ट पर वाह वाह वाह वाह जरुर करेगे.<BR/>धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-15869107118994581912009-03-17T21:15:00.000+05:302009-03-17T21:15:00.000+05:30मन ही तो है जो सर्वस्व को समा ले या विष उगल दे :)श...मन ही तो है जो सर्वस्व को समा ले या विष उगल दे :)<BR/><BR/>शिव भाई की टीप्पणी और आपकी प्रविष्टी पढ आज 'वाह' कह दिया <BR/><BR/><BR/>राही मनवा दुख की चिँता<BR/> क्यूँ सताती है,<BR/>दुख तो अपना साथी है <BR/><BR/>स स्नेह,<BR/>- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-21100775754397290602009-03-17T21:06:00.000+05:302009-03-17T21:06:00.000+05:30टूटा मचान भविष्यवाणी करता है - इण्टेलेक्चुअल बनना ...टूटा मचान भविष्यवाणी करता है - इण्टेलेक्चुअल बनना है तो दलितवादी बनो, साम्यवादी बनो। <BR/>आज तक किसी यूनिवर्सिटी ने ‘इण्डेलेक्चुअल’ की डिग्री की ईजाद नहीं की और फिर, ये ‘वादी’ तो अभी तक सत्ता के गलियारों की वादी में ही एक ठो कुर्सी की तलाश में भटक रहे हैं:)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-29501776987519108482009-03-17T18:30:00.000+05:302009-03-17T18:30:00.000+05:30चुनावी बयार में मनवा में हलचल शुरू होई गवा ज्ञान ज...चुनावी बयार में मनवा में हलचल शुरू होई गवा ज्ञान जी के !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-38862957360607933272009-03-17T17:55:00.000+05:302009-03-17T17:55:00.000+05:30"मन को टूटे मचान पर एकाग्र करो मित्र! पंगेबाजी में..."मन को टूटे मचान पर एकाग्र करो मित्र! पंगेबाजी में क्या धरा है!"<BR/><BR/>सत्य वचन भईया...हम इस बात को गाँठ बाँध लिए हैं...पक्का...<BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-6588245967373100542009-03-17T17:53:00.000+05:302009-03-17T17:53:00.000+05:30लगता है कौनो भारी इंटलेक्चुअल कान्फरेन्स हो रहा है...लगता है कौनो भारी इंटलेक्चुअल कान्फरेन्स हो रहा है,कितनाहूँ दीदा फाड़ के आ कान खजुआ के समझने का कोसिस कर रहे हैं,मुदा कुच्छो नहीं बुझा रहा....रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-68562805177838151072009-03-17T15:34:00.000+05:302009-03-17T15:34:00.000+05:30apake favicon par pahli baar dhyan gaya...badhiya ...apake favicon par pahli baar dhyan gaya...badhiya hai :)Puja Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-43195465346333214622009-03-17T15:27:00.000+05:302009-03-17T15:27:00.000+05:30बाप रे! intellectual बातें हो रही हैं, सर पर पैर र...बाप रे! intellectual बातें हो रही हैं, सर पर पैर रख कर भागे हम तो.Puja Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-69447487669502735112009-03-17T15:01:00.000+05:302009-03-17T15:01:00.000+05:30सदरू भगत अगर अनपढ़ हैं तो क्या हुआ? कबीर कौन सा बी...सदरू भगत अगर अनपढ़ हैं तो क्या हुआ? कबीर कौन सा बीए, एम्ए पास किये थे? सुना है एमबीए भी नहीं पास कर पाए थे. कबीर का लिखा पढ़कर न जाने कितने इंटेलेक्चुअल गति को प्राप्त हो गए. ऐसे में सदरू भगत की किताब पढ़कर भी लोग उसी गति को प्राप्त हो सकते हैं. <BR/><BR/>कितान का नाम 'टूटा मचान' भी बढ़िया है. नाम भारतीयता को प्रमोट भी करता है.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-51844957000701779602009-03-17T13:58:00.000+05:302009-03-17T13:58:00.000+05:30@ सतीश पंचम - वास्तव में ब्लॉगिंग में चरित्र रूपान...<B>@ सतीश पंचम - </B><BR/>वास्तव में ब्लॉगिंग में चरित्र रूपान्तण विचित्र है।<BR/>वाल्ट डिज्नी डोनाल्ड डक बनाते हैं और वह वही रहता है। पर आप एक अनपढ़ चरित्र गढ़ें और भाई लोग उसे हार्वर्ड का प्रोफेसर बना डालें - यह सम्भव है!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-52978867999747424872009-03-17T13:35:00.000+05:302009-03-17T13:35:00.000+05:30इण्टेलेक्चुअल ही जानते हैं कि पवन स्थिर है, ध्वजा ...इण्टेलेक्चुअल ही जानते हैं कि पवन स्थिर है, ध्वजा स्थिर है; केवल मन है जो फहर रहा है। <BR/><BR/>मेरी नजर में आप ऐसे इकलौते ब्लॉगर हैं, जो नए नए कोटेशन गढते रहते हैं।adminhttps://www.blogger.com/profile/09054511264112719402noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-29081841115461162452009-03-17T13:17:00.000+05:302009-03-17T13:17:00.000+05:30बात तो घणी चोखी कही जी आपने. अब सदरू भगत और रमदेई ...बात तो घणी चोखी कही जी आपने. अब सदरू भगत और रमदेई भी स्टार हो रहे है.<BR/><BR/>रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-50504943728512527082009-03-17T13:02:00.000+05:302009-03-17T13:02:00.000+05:30इण्टेलेक्चुअल ही जानते हैं कि पवन स्थिर है, ध्वजा ...इण्टेलेक्चुअल ही जानते हैं कि पवन स्थिर है, ध्वजा स्थिर है; केवल मन है जो फहर रहा है। <BR/><BR/>-गहन चिंतन है Sir जी आज!<BR/><BR/>--नीरज जी की बात पर भी ध्यान दिजीयेगा.. अम्मा जी की बनाई गुजिया की तस्वीर ही दिखा देते आप कम से कम!<BR/>यूँ bhi घर की बनी गुजिया खाए /देखे साल हो गया -खुद बनाने में बहुत आलस आता है!:DAlpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-37588049046985778992009-03-17T13:01:00.000+05:302009-03-17T13:01:00.000+05:30कमाल है, सदरू भगत ने किताब कब से लिखना शुरू कर दिय...कमाल है, सदरू भगत ने किताब कब से लिखना शुरू कर दिया जबकि उन्हें मैंने अनपढ ही गढा है। उनकी सदरूआईन यानि रमदेई भी क्या इतनी इसमारट हो गई है कि सिलमडाक तक झाड कर रख दे। <BR/> लगता है सदरू भगत का कोई और Version Develop हो रहा है :)<BR/><BR/>जय हो सदरू भगत की :)सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-82343924938718057362009-03-17T12:59:00.000+05:302009-03-17T12:59:00.000+05:30प्रणामपवन स्थिर है, ध्वजा स्थिर है; केवल मन है जो ...प्रणाम<BR/>पवन स्थिर है, ध्वजा स्थिर है; केवल मन है जो फहर रहा है। <BR/>मन तो चंचल है , उसे चंचल ही रहने दिया जाये , बाकि तो दिमाग का फितूर है चलता ही रहेगा .आलोक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/00082633138533183604noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-66913503797760126632009-03-17T12:31:00.000+05:302009-03-17T12:31:00.000+05:30अरे वाह,ये तो एक नया चैनल चालू कर दिया आपने, :-)वै...अरे वाह,<BR/>ये तो एक नया चैनल चालू कर दिया आपने, :-)<BR/>वैसे आपने होली पर कोई पोस्ट नहीं लिखी, कम से कम घर पर बने पापड/चिप्स/गुंजिया की फ़ोटो ही दिखा देते :-) <BR/><BR/>इलाहाबाद वालों ने आपको जमकर रंग लगाया कि नहीं ?Neeraj Rohillahttps://www.blogger.com/profile/09102995063546810043noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-41022940777653545772009-03-17T12:30:00.000+05:302009-03-17T12:30:00.000+05:30आर एस एस के तीन काम भोजन बैठक और विश्रामआर एस एस के तीन काम <BR/>भोजन बैठक और विश्रामdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-71166339630226411222009-03-17T11:56:00.000+05:302009-03-17T11:56:00.000+05:30जो भी हो सामने तो हो.....ये क्या की बाहर सामाजवादी...जो भी हो सामने तो हो.....ये क्या की बाहर सामाजवादी ओर अन्दर से हांफ पेंटिया ....कम से कम इस मामले में हांफ पेंटिया अच्छे है जो सामने है वाही भीतर है .वैसे भी मुलायम जैसे समाजवादी ओर बंगाल के कोम्मुनिस्तो को देखकर अब किसी वाद से डर लगने लगा है .....अभिव्यक्ति से डर काहे ????डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-66731149717813616902009-03-17T11:55:00.000+05:302009-03-17T11:55:00.000+05:30अरे यहाँ तो कुछ और ही लिखा है । हम शीर्षक देख कर क...अरे यहाँ तो कुछ और ही लिखा है ।<BR/> हम शीर्षक देख कर कुछ और ही समझे थे ।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-28190170287046689922009-03-17T11:33:00.000+05:302009-03-17T11:33:00.000+05:30ठीक है जी, जिसको जो कहना है कहे. मात्र हाफ पेंटिये...ठीक है जी, जिसको जो कहना है कहे. मात्र हाफ पेंटिये कहलाने के डर से चुप काहे रहें? :) <BR/><BR/>चिंतन सही है.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.com