tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post5123866529211260077..comments2024-03-15T04:14:04.408+05:30Comments on मानसिक हलचल: एक घायल पिल्ले की पांय-पांयGyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-29450031651220313402007-07-23T03:26:00.000+05:302007-07-23T03:26:00.000+05:30ऐसी आपबीती लिखते रहिए ताकि हम अपने मनुष्य होने को...ऐसी आपबीती लिखते रहिए ताकि हम अपने मनुष्य होने को याद करते रह सकें । हममें से हर कोई, जल्दी से जल्दी भूल जाना चाहता है कि वह मनुष्य है । 'एलपीजी' ने हमें यन्त्र बना ही दिया है ।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-1277046079857090332007-07-23T01:43:00.000+05:302007-07-23T01:43:00.000+05:30दुनिया भी क्या अजीब चीज है. जिन्हे मार दिया जाना च...दुनिया भी क्या अजीब चीज है. जिन्हे मार दिया जाना चाहिए छूटते घूम रहे हैं. और निर्दोष बेवजह मारे जाते हैं. हम हर दूसरे-तीसरे दिन ऎसी हृदयविदारक घटनाएँ देखते हैं. दुःखी होते हैं. अफ़सोस यह कि कर कुछ नहीं पाते.इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-33802167322409501122007-07-22T19:21:00.000+05:302007-07-22T19:21:00.000+05:30@ अनूप शुक्ल - जब गाड़ियों की गति >१५० कि.मी.प्र.घ....@ अनूप शुक्ल - <BR/>जब गाड़ियों की गति >१५० कि.मी.प्र.घ. से अधिक होने लगेगी तब बिना ट्रैक को सुरक्षित किये यह सम्भव नहीं हो सकेगा.Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-13069237003930997152007-07-22T18:37:00.000+05:302007-07-22T18:37:00.000+05:30बहुत सही, खासतौर से अंतिम पंक्तियां, अक्सर ऐसे दृश...बहुत सही, खासतौर से अंतिम पंक्तियां, अक्सर ऐसे दृश्य देखने के बाद यही होता है!!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-63518113399854917102007-07-22T18:15:00.000+05:302007-07-22T18:15:00.000+05:30आपकी संवेदनशीलता आपसे ऐसी बातें सोचवाती है। क्या स...आपकी संवेदनशीलता आपसे ऐसी बातें सोचवाती है। क्या सही में रेलवे लाइन के किनारे बाड़् लगाने की योजना प्रस्तावित है!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-67591325398315849712007-07-22T13:10:00.000+05:302007-07-22T13:10:00.000+05:30संवेदनशीलसंवेदनशीलRajesh Roshanhttps://www.blogger.com/profile/14363549887899886585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-52904775192432000742007-07-22T08:37:00.000+05:302007-07-22T08:37:00.000+05:30दुखद, सच में यह डाइमेंशन दिमाग से निकल जाता है। सर...दुखद, सच में यह डाइमेंशन दिमाग से निकल जाता है। सरवाइवल फार दि फिटेस्ट का फंडा है सारे इंसान भी कहां बच पाते हैं। सलमान या दिल्ली में हथियारों के कारोबारी नंदाजी की बीएमडब्लू के नीचे इंसान कुचले जाते हैं। मारने वाले बच जाते हैं। बैड, सैड।ALOK PURANIKhttps://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-7372242667990075912007-07-22T07:01:00.000+05:302007-07-22T07:01:00.000+05:30यह लेख आपके अति संवेदनशील और भावुक हृदय की भावनाओं...यह लेख आपके अति संवेदनशील और भावुक हृदय की भावनाओं को दिखाता है. पिल्ले की पांय-पांय की आवाज अभी भी मन में गूंज रही है. कोई और दुख या सुख जब तक उसका स्थान नहीं ले लेता, तब तक गूंजेगी.<BR/><BR/>-सच है, समय हर घाव भर देता है, यह भी समय के साथ ही भरेगा.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-72540598150102368452007-07-22T05:48:00.000+05:302007-07-22T05:48:00.000+05:30"जहां आदमी जीने को जद्दोजहद करता हो, जानवर को कौन ..."जहां आदमी जीने को जद्दोजहद करता हो, जानवर को कौन पूछे? पिल्ले की पांय-पांय की आवाज अभी भी मन में गूंज रही है. कोई और दुख या सुख जब तक उसका स्थान नहीं ले लेता, तब तक गूंजेगी."नाम में क्या रखा है?https://www.blogger.com/profile/09270876909074865056noreply@blogger.com