tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post5112715176277166957..comments2024-03-15T04:14:04.408+05:30Comments on मानसिक हलचल: हैं कहीं बोधिसत्व!Gyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-20198194240431589452008-04-19T23:48:00.000+05:302008-04-19T23:48:00.000+05:30ज्ञानदत्त बहुत सुन्दर कहानी ओर बहुत कुछ कह भी गई,ह...ज्ञानदत्त बहुत सुन्दर कहानी ओर बहुत कुछ कह भी गई,हम ने यहां आज से १५,१६ साल पहले टी वी पर ऎसा ही प्रोग्राम देखा था ओर उसी दिन से मासं त्याग दिया,अब शुद्ध शाका हारी बन गये ,ध्न्यावादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-89559987082372677232008-04-19T01:38:00.000+05:302008-04-19T01:38:00.000+05:30बहुत अच्छा।बहुत अच्छा।Neeraj Badhwarhttps://www.blogger.com/profile/15197054505521601188noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-40624871138319119872008-04-18T23:03:00.000+05:302008-04-18T23:03:00.000+05:30जब-जब बोधिसत्व के बारे में पढ़ता हूँ...डर जाता हूँ...जब-जब बोधिसत्व के बारे में पढ़ता हूँ...डर जाता हूँ...मैं कुछ भी कर लूँ....बोधिसत्व नहीं हो पाऊँगा.....बोधिसत्वhttps://www.blogger.com/profile/09557000418276190534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-19940805631780698872008-04-18T20:28:00.000+05:302008-04-18T20:28:00.000+05:30अभिषेक का कहना ठीक है ,बचपन मे कई जातक कथाये पढी थ...अभिषेक का कहना ठीक है ,बचपन मे कई जातक कथाये पढी थी ,अभी कुछ दिन पहले आहा जिंदगी मे अचानक एक पन्ने पे कुछ लिखा पड़ लिया कि आप उस जानवर का मांस खाते है जो मरना नही चाहता ....मन थोड़ा विचलित हो गया .....पाण्डेय जी आपकी ये ज्ञान वाणी भी याद रहेगी......डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-28179039907062911602008-04-18T18:52:00.000+05:302008-04-18T18:52:00.000+05:30बुद्ध की करूणा. सारनाथ का नाम मृगदाव मृगपत्तन भी ह...बुद्ध की करूणा. सारनाथ का नाम मृगदाव मृगपत्तन भी है.Manas Pathhttps://www.blogger.com/profile/17662104942306989873noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-39651259044537771852008-04-18T16:04:00.000+05:302008-04-18T16:04:00.000+05:30ज्ञानदत्त जी बचपन में जातक कथाएं खूब पढी हमनें... ...ज्ञानदत्त जी बचपन में जातक कथाएं खूब पढी हमनें... बहुत अच्छा लगता था... <BR/>आज आपने ये कथा लिखी बहुत प्रेरणादायक है. <BR/>और इसका मतलब सिर्फ़ मांसाहार ही तो नहीं है... असली संदेश तो है क्रूरता. <BR/>और वैसे भी अगर सभी मांस खाना छोड़ दें.. तो हम जैसे घास फूस खाने वाले तो भूखो ही मर जायेंगे :-)Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-67467237403971514352008-04-18T13:41:00.000+05:302008-04-18T13:41:00.000+05:30ये भी पढा और READING LIST वाला BECKER-POSNER POST...ये भी पढा और READING LIST वाला BECKER-POSNER POST भी पढ़ा - मुम्बई वालों का हा हा [ :-)] का र [ :-)] भी - हमने तो कोलेस्ट्रोल के चलते बंद कर रखा है - समुंदरी मछली खा लेते हैं कभी कभार - सादर मनीषAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/08624620626295874696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-83597474095157602202008-04-18T13:14:00.000+05:302008-04-18T13:14:00.000+05:30काफी समय बाद राजा को सदबुद्धि आयी। उसे तो पहले ही ...काफी समय बाद राजा को सदबुद्धि आयी। उसे तो पहले ही प्रस्ताव वाली स्टेज पर शरमिन्दा हो जाना चाहिये था।Pankaj Oudhiahttps://www.blogger.com/profile/06607743834954038331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-89498099901049641092008-04-18T12:39:00.000+05:302008-04-18T12:39:00.000+05:30शुक्रियाशुक्रियाSanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-49104224340631163312008-04-18T10:41:00.000+05:302008-04-18T10:41:00.000+05:30प्रेरक बोध कथा.अच्छा लगा पढ़ कर.प्रेरक बोध कथा.<BR/><BR/><BR/>अच्छा लगा पढ़ कर.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-35447069110886047972008-04-18T10:38:00.000+05:302008-04-18T10:38:00.000+05:30विचित्र बात है. आप बोधिसत्व की करुणा की कथा सुना र...विचित्र बात है. आप बोधिसत्व की करुणा की कथा सुना रहे हैं और दलाई लामा की वेबसाईट कहती है कि वे पूर्णतः शाकाहारी नहीं हैं. जरा <A HREF="http://www.dalailama.com/page.52.htm" REL="nofollow">इस लिंक को</A> देखें.<BR/><BR/>Lunch is served from 11.30 a.m. until 12.30 p.m. His Holiness's kitchen in Dharamsala is vegetarian. However, during visits outside of Dharamsala, His Holiness is not necessarily vegetarian.<BR/><BR/>वैसे हमने कहीं उनका ये वक्तव्य भी पढ़ा था जिसमें उन्होंने कहा था कि वे शर्मिंदा हैं कि इतने वर्षों तक माँसाहारी रहे. इससे लगता है कि उन्होंने ये घृणित कार्य छोड़ दिया है.Ghost Busterhttps://www.blogger.com/profile/02298445921360730184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-22702733128829461492008-04-18T10:20:00.000+05:302008-04-18T10:20:00.000+05:30प्रेरक। वर्तमान संदर्भ में ऐसी प्रेरक कहानियों को ...प्रेरक। वर्तमान संदर्भ में ऐसी प्रेरक कहानियों को बार-बार पेश किए जाने की जरूरत हैSatyendra Prasad Srivastavahttps://www.blogger.com/profile/11602898198590454620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-21266385012959166302008-04-18T09:47:00.000+05:302008-04-18T09:47:00.000+05:30पर आज वाले बोधिसत्व नियम से बिना आखेट किये केंटुकी...पर आज वाले बोधिसत्व नियम से बिना आखेट किये केंटुकी से फ़्राईड चिकन मंगा कर खालेते है हत्या का दोष सर पर नही लेते जी बाकी कोशिश यही करते है की प्याज लहसुन का परहेज जितना हो सके करते है :)Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-37318793141873707832008-04-18T09:07:00.000+05:302008-04-18T09:07:00.000+05:30सही कहा सबने । वे हमारे पड़ोस में ही हैं । कभी कभी...सही कहा सबने । वे हमारे पड़ोस में ही हैं । कभी कभी मिल जाते हैं । हंसी ठट्ठा होता है । ये हमारे वाले बोधिसत्व हैं । आपके वाले कौन से हैं सरकारYunus Khanhttps://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-25729019865265958452008-04-18T08:30:00.000+05:302008-04-18T08:30:00.000+05:30अब जो अन्न संकट आ रहा है। वह बोधिसत्व ही है। वही स...अब जो अन्न संकट आ रहा है। वह बोधिसत्व ही है। वही सिखायेगा लोगों को मांस भक्षण के लिए जानवरों का वध रोकना।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-33336015871894732352008-04-18T07:04:00.000+05:302008-04-18T07:04:00.000+05:30बोधिसत्व मुम्बई में हैं।बोधिसत्व मुम्बई में हैं।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-21973944010249443022008-04-18T06:58:00.000+05:302008-04-18T06:58:00.000+05:30सत्य वचन महाराज।बोधिसत्व हैं, बाकायदा हैं, मुंबई म...सत्य वचन महाराज।<BR/>बोधिसत्व हैं, बाकायदा हैं, मुंबई में हैं।<BR/>बढ़िया फिल्में लिख रहे हैं,कविता लिख रहे हैं। कल आपके ब्लाग पर कमेंट भी किया था।ALOK PURANIKhttps://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-57801841662804119912008-04-18T06:51:00.000+05:302008-04-18T06:51:00.000+05:30पुण्योँ का उदय होता जब जब आत्मा मेँ करुणा सौहार्द्...पुण्योँ का उदय होता जब जब <BR/>आत्मा मेँ <BR/>करुणा सौहार्द्र प्रेम की होती मँजुल बरसात !लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.com