tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post4163234975188146182..comments2024-03-15T04:14:04.408+05:30Comments on मानसिक हलचल: नागपंचमीGyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger37125tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-31548078795468895062009-07-28T02:32:44.882+05:302009-07-28T02:32:44.882+05:30ग्रहण पर पण्डे तक ही रह गयी बात? लगता है आपने ग्रह...ग्रहण पर पण्डे तक ही रह गयी बात? लगता है आपने ग्रहण देखा नहीं !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-35033758009612596422009-07-27T17:57:44.565+05:302009-07-27T17:57:44.565+05:30नागपंचमी की शुभकामनायें ।नागपंचमी की शुभकामनायें ।Science Bloggers Associationhttps://www.blogger.com/profile/11209193571602615574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-34390955202387375792009-07-27T17:33:10.673+05:302009-07-27T17:33:10.673+05:30नाग पंचमी मुबारक हो ।
आप मेरे ब्लोग पर आये और नजरे...नाग पंचमी मुबारक हो ।<br />आप मेरे ब्लोग पर आये और नजरे इनायत की ये मेरा सौभाग्य है, मै अभी बहुत छोटा हु ब्लोग पर आप से गुजारिश है नजरे इनातय किये रहे । <br />धन्यवाद ।IMAGE PHOTOGRAPHYhttps://www.blogger.com/profile/07648170539684419518noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-76954633772801052642009-07-27T14:57:21.043+05:302009-07-27T14:57:21.043+05:30"एक घोड़ा भी गंगा के कछार में हिनहिनाता घूम रह..."एक घोड़ा भी गंगा के कछार में हिनहिनाता घूम रहा था। जब बकरे के रूप में दक्ष तर सकते हैं तो यह तो विकासवाद की हाइरार्की में आगे है – जरूर तरेगा!" -बहुत तीखा और सटीक बार किया है आपने. <br /><br />मैं भी "भुतनाथ मंदिर गया था" और इसी तरह के कुछ दृश्य मेरे सामने भी थे. मैंने नागों की दुर्दशा और विशेष पुण्य के लालच में दान भी कर दिया है. आपका पोस्ट बहुत अच्छा था.संजय सिंहhttps://www.blogger.com/profile/02047632624034296801noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-78439696955660874482009-07-27T12:56:37.637+05:302009-07-27T12:56:37.637+05:30मेनका गांधी जी नजर पड़े तो इन सांपो का भी भला हो जा...मेनका गांधी जी नजर पड़े तो इन सांपो का भी भला हो जाए ....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-31230101970756499272009-07-27T12:51:04.476+05:302009-07-27T12:51:04.476+05:30आदरणीय ज्ञानदत्त जी,
इहाँ इन्दौर में गुड़ियन के मा...आदरणीय ज्ञानदत्त जी,<br /><br />इहाँ इन्दौर में गुड़ियन के मारे ना मिलत है, फिरौं गेहूँ, चना का घुघरी खाय के मनाय लिहिन नागपंचमी। दंगलन के फेर में पड़ेय की उमर ना रही अब । नाग बाबा के दर्शन जरूर किये हौं ।<br /><br />बहुत सुन्दर वर्णन किया है गंगा तट का।<br /><br />सादर,<br /><br />मुकेश कुमार तिवारीमुकेश कुमार तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04868053728201470542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-34742730228725609272009-07-27T06:30:53.183+05:302009-07-27T06:30:53.183+05:30नागपंचमी के बहाने बेचारे नागों की शामत आ जाती है. ...नागपंचमी के बहाने बेचारे नागों की शामत आ जाती है. दुढ पीये या ना पीयें..उनको लेकर घूमने वाले तो चंद दिनों की रोटी का जुगाड कर ही लेते होंगे?<br /><br />बहुत शुभकामनाएं.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-70878126034914326162009-07-27T06:07:28.834+05:302009-07-27T06:07:28.834+05:30गंगातट का अच्छा वर्णन मिलता है आपके ब्लॉग पर !!गंगातट का अच्छा वर्णन मिलता है आपके ब्लॉग पर !!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-27966225451054414422009-07-27T01:28:29.452+05:302009-07-27T01:28:29.452+05:30भला, नागपंचमी ने सिस्टम ठीक कर दिया। कल ये आयेंगे?...<i>भला, नागपंचमी ने सिस्टम ठीक कर दिया। कल ये आयेंगे? कह नहीं सकते।</i><br /><br />उन्होंने यह थोड़े ही कहा कि कल आएँगे। उन्होंने तो यह कहा कि पहले रोज़ाना आते थे लेकिन अब सिस्टम गड़बड़ा गया है, नागपंचमी है इसलिए आ गए नहीं तो आज भी न आते! :)<br /><br />बाकी तस्वीरें बढ़िया लिए हैं, कैमरे का भरपूर प्रयोग हो रिया है ब्लॉग के लिए! :)amithttps://www.blogger.com/profile/03372488870536392202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-88049066049110844222009-07-26T22:50:10.741+05:302009-07-26T22:50:10.741+05:30आलसी महराज तो अब यू-टर्निया रहे हैं। लंठई ने इनका ...आलसी महराज तो अब यू-टर्निया रहे हैं। लंठई ने इनका बन्टाधार कर दिया तभी तो दंगल के फेर में पड़े हैं। <br />आपकी पोस्ट है बहुत मजेदार।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-60264247424502116332009-07-26T22:11:07.006+05:302009-07-26T22:11:07.006+05:30एक कविता अस्पष्ट सी याद आ रही है-
सांप तुम मनुष्य ...एक कविता अस्पष्ट सी याद आ रही है-<br />सांप तुम मनुष्य तो हुए नहीं <br />शहर में बसना भी तुम्हे नहीं आया <br />फिर कहाँ सीखा डसना<br />विष कहाँ पाया <br />ये बेचारा जीव शहर में आकर सारी हेकडी भूल बैठा है.उसकी प्रतिस्पर्धा यहाँ बड़े बड़े नागराजों से है.sanjay vyashttps://www.blogger.com/profile/12907579198332052765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-59535869669024531792009-07-26T22:09:31.302+05:302009-07-26T22:09:31.302+05:30देखते ही देखते कितने परिवर्तन आ गये हैं त्योहारों ...देखते ही देखते कितने परिवर्तन आ गये हैं त्योहारों में. कभी अल-सुबह से ही "नाग पूज लो" की आवाजें गली में गूजना शुरु हो जाती थीं. और आज सुबह से निपट सन्नाटा रहा. माताजी परेशान कि कैसे काम बने. आखिरकार पूजा घर में शंकर जी की तस्वीर में नाग देवता से काम चलाया गया. हां, पकवानों में वही पुराना रंग जरूर रहा.<br />-------------------<br /><br />यूनुस जी जिस कविता के लिये परेशान हैं, हमारा अंदाजा है कि ये वही है जिसका जिक्र अनिल पुसदकर जी ने किया है. हमने भी पढ़ी थी बचपन में बाल-भारती में (कोर्स में थी कक्षा चौथी या पांचवी में). खूब जोर-जोर से गाया करते थे. मगर अब याद नहीं है.<br /><br />चंदन चाचा के बाड़े में,<br />लड़्ते थे मल्ल अखाड़े में,<br />ये पहलवान अम्बाले का<br />वो पहलवान पटियाले का,<br /><br />फ़िर कई दांव-पेचों का नाम सहित जिक्र था. नॉस्टेल्जिया ने घेर लिया.<br />------------------------<br /><br />बचपन की कविताओं की याद आई तो "कदंब का पेड़" भी याद आई. क्क्षा तीन में थी. किस्मत से नेट पर मिल भी गई. एक बार फ़िर से आनंद लिया. ये रहा लिंक:<br /><a href="http://www.anubhuti-hindi.org/sankalan/phool_kadamb/sk_chauhan.htm" rel="nofollow">http://www.anubhuti-hindi.org/sankalan/phool_kadamb/sk_chauhan.htm</a>Ghost Busterhttps://www.blogger.com/profile/02298445921360730184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-18111749622906255142009-07-26T21:25:33.825+05:302009-07-26T21:25:33.825+05:30गिरिजेश राव दंगलम देहि देहि की रट लगाए हुए हैं -उन...गिरिजेश राव दंगलम देहि देहि की रट लगाए हुए हैं -उनकी तमन्ना पूरी करने का कुछ यत्न करिए -नागपंचमी की शुभ कामनाएं !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-42146928731216724412009-07-26T21:20:55.459+05:302009-07-26T21:20:55.459+05:30कल मेरे फार्म पर एक नागिन को डर कर नौकर ने मार दिय...कल मेरे फार्म पर एक नागिन को डर कर नौकर ने मार दिया उसका नाग वहां चक्कर लगा रहा है . आज नाग पंचमी के दिन उसे जीवनदान दिया गया है कल की पता नहीं .dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-77844331253239245292009-07-26T19:19:40.333+05:302009-07-26T19:19:40.333+05:30नागों की जय हो।
जमाये रहिये जी।नागों की जय हो। <br />जमाये रहिये जी।ALOK PURANIKhttps://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-28403991389383078732009-07-26T16:52:31.376+05:302009-07-26T16:52:31.376+05:30आज hi आप की पोस्ट पर आई और आप ने नागराज के दर्शन ...आज hi आप की पोस्ट पर आई और आप ने नागराज के दर्शन करा दिए..मुझे तो साँपों से बहुत डर लगता है.नाग पंचमी की शुभकामनयें.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-52920644945774212002009-07-26T14:41:22.553+05:302009-07-26T14:41:22.553+05:30बढ़िया जानकारी दी है आपने... ...... वन्य जीव सरक्ष...बढ़िया जानकारी दी है आपने... ...... वन्य जीव सरक्षण के चलते मदारियों की हालत बहुत खराब हो गई है . सरकारी डंडे से बचते हुए छिपते छिपाते पेट पालने के लिए बेचारे फिर भी लोगो को नागराज के दर्शन करा रहे है .आज मुझे भी दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ .समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-91919208422422906752009-07-26T14:38:38.850+05:302009-07-26T14:38:38.850+05:30तीज-त्यौहार मनाने की सारी ज़िम्मेदारी तो घर कि महि...तीज-त्यौहार मनाने की सारी ज़िम्मेदारी तो घर कि महिलाओं पर होती है। आप का ब्लाग देख रहा था कि पत्नी ने आकर आरती की थाल सामने रख दी। बस...आरती ली और पुजा हो गई:) बेचारी महिलाएँ- चौका, चुल्हा, पूजा,देवता, भक्ति, पति....चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-58733665449573335432009-07-26T13:12:29.855+05:302009-07-26T13:12:29.855+05:30नागपंचमी की शुभकामनाऐं.
समय के साथ सब बदल जाता है...नागपंचमी की शुभकामनाऐं.<br /><br />समय के साथ सब बदल जाता है...परन्तु यदि से भई न रहे तो क्या होगा ?अर्चना तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04130609634674211033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-15702153447516856092009-07-26T12:12:43.451+05:302009-07-26T12:12:43.451+05:30चित्र अच्छे खेंच लाए हैं। हम ने भी देखी नागपंचमी प...चित्र अच्छे खेंच लाए हैं। हम ने भी देखी नागपंचमी पर गंगातट की रौनक।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-31800016776117331932009-07-26T12:00:30.209+05:302009-07-26T12:00:30.209+05:30चलिए हमें भी पता चल गया कि आपने देखा थाचलिए हमें भी पता चल गया कि आपने देखा थाएक पुराना सा म्यूजियमhttps://www.blogger.com/profile/00492160549670867971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-23755320808467481942009-07-26T10:48:56.930+05:302009-07-26T10:48:56.930+05:30पुण्य पाने के लिए हम टिपण्णी दान करते है...पुण्य पाने के लिए हम टिपण्णी दान करते है...कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-16477306691937043562009-07-26T10:25:43.351+05:302009-07-26T10:25:43.351+05:30ज्ञान जी बचपन में बाल-भारती में नाग-पंचमी पर एक कव...ज्ञान जी बचपन में बाल-भारती में नाग-पंचमी पर एक कविता पढ़ाई जाती थी मध्यप्रदेश में । जाने कब से नॉस्टेलजियाए हुए हैं । कविता कहीं मिलती नहीं । बहुत परेशान हो गए । नागपंचमी के बहाने उस कविता का याद आना और फिर ना मिलना परेशान कर रहा है । क्या करें बताएं ।Yunus Khanhttps://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-8685701899242114832009-07-26T10:21:08.166+05:302009-07-26T10:21:08.166+05:30आज तो सांप पूजा की ही धूम है ,आप तो नित्य गंगा स्न...आज तो सांप पूजा की ही धूम है ,आप तो नित्य गंगा स्नान वाले हैं फिर भी दान-पुण्य से बचते हैं.तनु श्रीhttps://www.blogger.com/profile/08137749476720593975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-43539258794538300092009-07-26T10:20:58.549+05:302009-07-26T10:20:58.549+05:30अच्छा किया. कहते है.. सांपों को दुध नहीं पिलाते..अच्छा किया. कहते है.. सांपों को दुध नहीं पिलाते..रंजन (Ranjan)https://www.blogger.com/profile/04299961494103397424noreply@blogger.com