tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post4145964656475537550..comments2024-03-15T04:14:04.408+05:30Comments on मानसिक हलचल: ट्रैक्टर ट्रॉली का जू-जूGyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-17587025821533290482008-05-21T07:38:00.000+05:302008-05-21T07:38:00.000+05:30गजब का प्रेक्षण रहता है आपका भी -आस पास के वातावरण...गजब का प्रेक्षण रहता है आपका भी -आस पास के वातावरण ,परिवेश का .आप को तो वैज्ञानिक होना हाहिये था ,कहाँ छुक छुक मे फँस गए .Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-19365367756318396162008-05-20T14:16:00.000+05:302008-05-20T14:16:00.000+05:30अजी ग्रामीण इलाके मे तो ये ट्रैक्टर बहुतै काम की च...अजी ग्रामीण इलाके मे तो ये ट्रैक्टर बहुतै काम की चीज है, इनकी हेडलाईट में शादियां तक निपटते देखी है हमनें।<BR/><BR/>बाकी आपके विषय चुनने के तो पहले ही कायल है अपन!!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-47646215515846738472008-05-20T13:44:00.000+05:302008-05-20T13:44:00.000+05:30साल भर विशेषकर गर्मी के दिनो मे बारातियो से लदी ट्...साल भर विशेषकर गर्मी के दिनो मे बारातियो से लदी ट्रेक्टर ट्रालियो के पलटने के हादसे अखबारो मे छपते रहते है। बचपन मे साइकल मे पुली लगी होती थी ताकि संतुलन बिगडने पर चोट न लगे। ट्रेक्टर मे भी ऐसा कोई जुगाड लगाकर उसे काफी हद तक स्टेबल बनाया जा सकता है।Pankaj Oudhiahttps://www.blogger.com/profile/06607743834954038331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-58877870574317001252008-05-20T13:07:00.000+05:302008-05-20T13:07:00.000+05:30फ़ायर्फ़ाक्स के खिंचाव का इलाज हो चुका है और अब फ़...फ़ायर्फ़ाक्स के खिंचाव का इलाज हो चुका है और अब फ़ायर्फ़ाक्स <A HREF="http://devanaagarii.net/hi/alok/blog/2008/02/blog-post_15.html" REL="nofollow">बिल्कुल दुरुस्त है</A>।<BR/>दुरुस्त वाले फ़ायर्फ़ाक्स की नब्ज़ टटोलना चाहें तो <A HREF="http://www.mozilla.com/en-US/firefox/all-beta.html" REL="nofollow">बीटा</A> आजमा सकते हैं, वैसे जून में आपका फ़ायर्फ़ाक्स स्वतः ही फ़ायर्फ़ाक्स ३ में बदल जाएगा।आलोकhttps://www.blogger.com/profile/03688535050126301425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-1119678771902180602008-05-20T12:38:00.000+05:302008-05-20T12:38:00.000+05:30और हाई वे पर तो अक्सर ऐसे ट्रेक्टर और ट्रोली पलट...और हाई वे पर तो अक्सर ऐसे ट्रेक्टर और ट्रोली पलटे नजर आते है।<BR/><BR/>और आपकी मिसालें तो बिल्कुल बेमिसाल है। :)mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-3849269747706597512008-05-20T11:50:00.000+05:302008-05-20T11:50:00.000+05:30हमसे मत पूछिये हम जी टी रोड के मेन मुहाने से कुछ द...हमसे मत पूछिये हम जी टी रोड के मेन मुहाने से कुछ दूर पर एक ऐसे ही जुगाड़ के कारण घंटो जाम पे फंसे रहे थे ....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-82560371562931078742008-05-20T11:28:00.000+05:302008-05-20T11:28:00.000+05:30महाराज इतना बता दें कि यह रोज रोज अनोखे विषय कहाँ ...महाराज इतना बता दें कि यह रोज रोज अनोखे विषय कहाँ से ले आते है, लिखने को...स्रोत सार्वजनिक किया जाय :) चिट्ठाकारों के हित में...संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-43117343927627458652008-05-20T11:10:00.000+05:302008-05-20T11:10:00.000+05:30रेल के जरिये मरना हो तो क्रासिंग पे नहीं मरना चाहि...रेल के जरिये मरना हो तो क्रासिंग पे नहीं मरना चाहिए। <BR/>सुना है उसमें रेलवे कुछ मुआवजा नहीं देती। <BR/>बरसों पहले पांच प्रेमों में विफलता के बाद आगरा में एक क्रासिंग पर लेट गया, तो तब एक रेलवे के परिचित टीटीई बोले-डीयर रेलवे के भरोसे ना रहना। सच्ची में उस दिन सारी गाड़ियां पांच घंटे लेट थीं। <BR/>रेलवे के भरोसे तो कायदे से मरा नहीं जा सकता। इस कहानी से मुझे यह शिक्षा मिली।ALOK PURANIKhttps://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-52962688293077698452008-05-20T07:56:00.000+05:302008-05-20T07:56:00.000+05:30जुगाड़ ब्राण्ड के ट्रैक्टर हमारे यहां तो सबसे ज्...जुगाड़ ब्राण्ड के ट्रैक्टर हमारे यहां तो सबसे ज्यादा चंबल से अवैध रेत लाने के काम आते हैं.<BR/><BR/>और यही यहां की अर्थव्यवस्था है. <BR/>ट्रैक्टर-ट्रॉली पर बढि़या लेखbhuvnesh sharmahttps://www.blogger.com/profile/01870958874140680020noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-82118263031795209402008-05-20T07:17:00.000+05:302008-05-20T07:17:00.000+05:30ट्रैक्टर पर लदे भूसा देखते हैं अक्सर। लगता है सड़क...ट्रैक्टर पर लदे भूसा देखते हैं अक्सर। लगता है सड़क इसके आगे खतम हो गयी है। नये लिखने वाले इसे पढ़ें तो शायद वर्ड वेरीफ़िकेशन हटा दें।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-4300731393253831072008-05-20T07:02:00.000+05:302008-05-20T07:02:00.000+05:30भारत एक देश है, सब से अधिक आबादी वाला, सब से अधिक ...भारत एक देश है, <BR/>सब से अधिक आबादी वाला, <BR/>सब से अधिक सांस्कृतिक विविधताओं वाला, <BR/>सब से अधिक विचित्रताओं वाला, <BR/>सब से अधिक अव्यवस्थाओं वाला..... <BR/>मगर चल रहा है <BR/>एक बहुत बड़े जुगाड़, <BR/>या जुगाड़ों के समूह सा....<BR/>आवश्यकता आविष्कार की जननी है<BR/>व्यवस्था अव्यवस्था में से जन्म लेती है। <BR/>बधाई!<BR/>अव्यवस्थाओं के महासागर में अन्दर झांकने की <BR/>आप तो संजय सा काम कर रहे हैं <BR/>धृतराष्ट्रों के लिए.....दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-73121119770414965262008-05-20T06:01:00.000+05:302008-05-20T06:01:00.000+05:30मैं रोज सोचा करता हूँ कि अब तो विषय का आकाल पड़ गया...मैं रोज सोचा करता हूँ कि अब तो विषय का आकाल पड़ गया होगा ज्ञान जी के पस. आज देखता हूँ क्या लिखते हैं! मगर जिस बखूबी से आप नया विषय लाते हैं, बस दाँतों तले ऊंगली दबा लेता हूँ. साधुवाद आपको और आपकी इस अद्वितीय प्रतिभा को.<BR/><BR/>मानो फॉयरफॉक्स में फुल्ली जस्टीफाइड हिन्दी का लेखन पढ़ रहे हों।---क्या बात कही है.<BR/><BR/>नयी कली सुनिश्चित करती है कि वह कांटों से घिरी रहे!--<B>शायद यह अज्ञानतावश हो रहा है क्योंकि ब्लॉगस्पाट की डिफॉल्ट यही है.</B> हमें उनको बताना होगा और कहना होगा कि अन्यथा हमारे लिए आपको कमेंट देना संभव नहीं होगा.<BR/><BR/>मुझे मालूम है आप मुझसे सहमत होंगे. :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-6276281751167424012008-05-20T05:17:00.000+05:302008-05-20T05:17:00.000+05:30ट्रेक्टर ट्रोली जैसे वाहनोँ को रास्तोँ पे , रेल्वे...ट्रेक्टर ट्रोली<BR/> जैसे वाहनोँ को<BR/> रास्तोँ पे , रेल्वे क्रासिँग पे,<BR/> सावधानी बरतनी ही चाहीये <BR/>..अच्छा आलेख है-<BR/>-लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.com