tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post3265825630469197534..comments2024-03-15T04:14:04.408+05:30Comments on मानसिक हलचल: सरकारी नौकरी महात्म्यGyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger41125tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-15906754432262943152009-04-14T15:41:00.000+05:302009-04-14T15:41:00.000+05:30अब तो मैं सोच रहा हूँ की दरोगा ही बन जाऊं ! एक तो ...अब तो मैं सोच रहा हूँ की दरोगा ही बन जाऊं ! एक तो क्या करता हूँ किसी को समझ में नहीं आता है. स्विस बैंक सुन कर लोग ऐसे ही भड़कते हैं जैसे चोरी करने वाला आ गया हो. ऊपर से ये यूपोरियन लोग मुंह बना कर पूछ लेते हैं... 'है तो प्राइवेट ही ना?' अपने से ज्यादा भाव एक सरकारी चपरासी का हैं अपने गाँव में !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-43487656508285526292009-04-06T15:46:00.000+05:302009-04-06T15:46:00.000+05:30अच्छी लेखनी....पड़कर बहुत खुशी हुई / हिन्दी मे टाइ...अच्छी लेखनी....पड़कर बहुत खुशी हुई / हिन्दी मे टाइप करनेकेलिए आप कौनसी टूल यूज़ करते हे / रीसेंट्ली मे एक यूज़र फ्रेंड्ली इंडियन लॅंग्वेज टाइपिंग टूल केलिय सर्च कर रहा ता, तो मूज़े मिला " क्विलपॅड " / आप भी इसीका इस्तीमाल करते हे क्या ?<BR/><BR/>सुना हे की "क्विलपॅड ", गूगलेस भी अच्छी टाइपिंग टूल हे ? इसमे तो 9 इंडियन भाषा और रिच टेक्स्ट एडिटर भी हे / क्या मूज़े ये बताएँगे की इन दोनो मे कौनसी हे यूज़र फ्रेंड्ली....?<BR/><BR/>मे ये जान ना चाहता हू कीUnknownhttps://www.blogger.com/profile/12669251367624101859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-65008389781142259012009-04-05T10:40:00.000+05:302009-04-05T10:40:00.000+05:30रीता जी प्रणाम,दो दिन बाद आज आप के ब्लॉग ने मुझ पर...रीता जी प्रणाम,<BR/>दो दिन बाद आज आप के ब्लॉग ने मुझ पर दया की है..नहीं तो पेज पर यही आता था की server not found!<BR/>उन महान महिला के दर्शन हमें भी करा दिए..<BR/>धन्यवाद..<BR/>आप ने लिखा--<BR/>'भगवान की कृपा से उनके अनेक हीरे हैं। प्रत्येक को तलाशते कई मोतियों के अभिभावक दहेज नामक मैल की थैलियां लिये घूम रहे हैं। उनकी समस्या है कि किस मोती और कितने मैल को स्वीकार करें। 'और सरकारी नौकरी की महिमा गान भी सुनवाया..<BR/>****आप ने इतना महत्वपूर्ण ज्ञान फैलाया ..धन्यवाद..<BR/>बात में दम तो है..<BR/>सरकारी नौकरी वाले कैसे निफराम और निश्चिंत होते हैं..वह टी वी पर एक नाटक--'ऑफिस ऑफिस 'में [मुसद्दी लाल]खूब दिखाया जाता है.<BR/>[मैं ने सुना तो यह भी है..पैसा तो प्राइवेट में आज कल ज्यादा है -मगर आराम नहीं.]Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-50145388929183801672009-04-05T00:57:00.000+05:302009-04-05T00:57:00.000+05:30अवश्य पढें और मीडिया का दूसरा पहलू भी देखें... htt...अवश्य पढें और मीडिया का दूसरा पहलू भी देखें... http://vikshiptpathak.blogspot.com/Vikshipt Pathakhttps://www.blogger.com/profile/08507443938407980294noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-31347760670812975002009-04-04T22:06:00.000+05:302009-04-04T22:06:00.000+05:30बिन मारे दुसमन मरे, खड़ी ऊंख बिकाय।बिन ब्याही कन्या...बिन मारे दुसमन मरे, खड़ी ऊंख बिकाय।<BR/>बिन ब्याही कन्या मरे, यह खुशी कहां समाय॥<BR/>यह हमारी धर्मनिष्टता का यथार्थ है. इसीलिए संसार में नास्तिकों की संख्या बड़ रही है और बढ़नी ही चाहिए.इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-3209442341830286082009-04-04T19:14:00.000+05:302009-04-04T19:14:00.000+05:30@भगवान की कृपा से उनके अनेक हीरे हैं। प्रत्येक को ...@भगवान की कृपा से उनके अनेक हीरे हैं। प्रत्येक को तलाशते कई मोतियों के अभिभावक दहेज नामक मैल की थैलियां लिये घूम रहे हैं। उनकी समस्या है कि किस मोती और कितने मैल को स्वीकार करें। वे बात बात में एक दूसरी महिला को ज्ञान बांटती हैं – “अरे अब तुम्हारे पति की सरकारी नौकरी लग गयी है, अब एक बच्चे पर क्यों रुक रही हो। अब तो इत्मीनान से पैदा करो।”<BR/><BR/>आपने समाजिक पहलु के उस हिस्से के दर्शन करवाऐ जो अमुमन पढी-लिखी भारतीय फैमेलियो मे छोटे शहरो के सरकारी मैह्कमो मे कार्यरत है। दुख तो ईस बात का है एक नारी ही दहेजनुमा दानव को अपनी गोद मे पाल रही है। यह कैसी विडम्बना है कि नारी चाहती है बेटा हो- नारी चाहती है मेरे बेटे का ससुराल से भरभुर दहेज आऐ। पुजा पाठ करने का यह मकसद है तो फिर यह स्थिति हमारी बेटियो को लिल लेगी।<BR/><BR/>ज्ञानजी!!!! आप ने भरतलाल कि शादी मे जो ख्याल अपने मस्तिषक से जेहन मे उतारे, एवम ऐसी सामाजिक परम्पराओ एवम विचारधाराओ वाले गरीब लोगो के चेहरे पर जोर से तमाचा है, इसकेलिऐ आपका आभार।हें प्रभु यह तेरापंथhttps://www.blogger.com/profile/12518864074743366000noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-24687957561174139052009-04-04T14:57:00.000+05:302009-04-04T14:57:00.000+05:301000:957 this is the ration of men vs women in ind...1000:957 this is the ration of men vs women in india,<BR/>amd still decreasing.दर्पण साहhttps://www.blogger.com/profile/14814812908956777870noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-67785374500787458702009-04-04T12:30:00.000+05:302009-04-04T12:30:00.000+05:30भारतीय स्त्री की विडम्बनाओं का यर्थाथ् लेखाजोखा...भारतीय स्त्री की विडम्बनाओं का यर्थाथ् लेखाजोखा।जितेन्द़ भगतhttps://www.blogger.com/profile/05422231552073966726noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-23072395621209851232009-04-04T11:40:00.000+05:302009-04-04T11:40:00.000+05:30निम्न-मध्यवर्गीय यूपोरियन (उत्तरप्रदेशीय) माहौल मे...निम्न-मध्यवर्गीय यूपोरियन (उत्तरप्रदेशीय) माहौल में सरकारी नौकरी का महत्व को आपने बिलकुल बेबाकी से प्रस्तुत किया है ....यही तस्वीर है और इससे भी भयानक ....अनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-36017720671946025492009-04-03T22:42:00.000+05:302009-04-03T22:42:00.000+05:30यूपोरियन ! वाह !! क्या खोज की है ।भरतलाल को शादी ...यूपोरियन ! <BR/>वाह !!<BR/> क्या खोज की है ।<BR/><BR/>भरतलाल को शादी की बधाई ।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-36674394057543070722009-04-03T21:52:00.000+05:302009-04-03T21:52:00.000+05:30एक महान महिला के दर्शन हुये। अजी आप महान है, ऎसे ऎ...एक महान महिला के दर्शन हुये। अजी आप महान है, ऎसे ऎसे महान लोगो के दर्शन करती है.... चलिये जीवन तर जायेगा, हम ने तो मकान भी ऎसी जगह लिया जहा कोई आसपडोस भी नही, ओर बीबी सारा दिन घर के कामो मे मगन तो हम पेसा कमाने मै मगन, इस कारण दर्शन का समय ही नही मिलता, वेसे ऎसी महान आत्माये हर जगह मोजूद होती है... वेसे भी मुझे इन माताओ से ऎलर्जी है, देखते ही झिंके आनी शुरु हो जाती है...धन्यवाद, ग्याण जी को राम रामराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-56660714869075680132009-04-03T19:31:00.001+05:302009-04-03T19:31:00.001+05:30रीताजी की यह पैनी पोस्ट पढने के बाद, सचमुच में 'ब...रीताजी की यह पैनी पोस्ट पढने के बाद, सचमुच में 'बिना विचारे' मन में आया पहला विचार - आप कुछ दिन विश्राम कर लें और आपके ब्लाग को रीताजी के जिम्मे छोड दें। वैसे भी ग्रीष्मावकाश में रेल का ट्रेफिक बढ जाता है।<BR/>क्या खयाल है?विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-56232117411370726462009-04-03T18:31:00.000+05:302009-04-03T18:31:00.000+05:30बहुत बढ़िया . बधाई.बहुत बढ़िया . बधाई.समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-18508633986044448132009-04-03T17:10:00.000+05:302009-04-03T17:10:00.000+05:30निंदनीय! घोर निंदनीयनिंदनीय! घोर निंदनीयकुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-10358330858988655012009-04-03T16:08:00.000+05:302009-04-03T16:08:00.000+05:30बिन ब्याही कन्या मरे, यह खुशी कहां समाय॥इसके आगे क...बिन ब्याही कन्या मरे, यह खुशी कहां समाय॥<BR/><BR/>इसके आगे कहने को कुछ बचता ही नही है.<BR/><BR/>रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-5948403218066858682009-04-03T15:36:00.000+05:302009-04-03T15:36:00.000+05:30अच्छा हुआ हमने सरकारी नौकरी नहीं की... एक ही ज्याद...अच्छा हुआ हमने सरकारी नौकरी नहीं की... एक ही ज्यादा हो रहा है..महेनhttps://www.blogger.com/profile/00474480414706649387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-11368958224596954852009-04-03T14:29:00.000+05:302009-04-03T14:29:00.000+05:30"भरतलाल की शादी होने जा रही है। उसकी पत्नी के लिये..."भरतलाल की शादी होने जा रही है। उसकी पत्नी के लिये साड़ी ....."<BR/>ये क्या भाभीजी, शादी के पहले ही पत्नी बना दिया, पहले दहेज जुटाइये, सात फेरे होने दीजिए...फिर दुल्हन से पत्नी बनेगी ना। वो क्या है कि अंग्रेज़ी में एक कहावत है- THERE ARE MANY A SLIP BETWEEN THE CUP AND THE LIP.चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-444601626506315822009-04-03T13:44:00.000+05:302009-04-03T13:44:00.000+05:30यूरोपियन की तर्ज पर यूपोरियन शब्द अच्छा गढ़ा है.यूरोपियन की तर्ज पर यूपोरियन शब्द अच्छा गढ़ा है.hem pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08880733877178535586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-8785403933492204502009-04-03T13:43:00.000+05:302009-04-03T13:43:00.000+05:30क्या कहने क्या कहने। उत्तर भारत में पुत्र मोह घणा ...क्या कहने क्या कहने। <BR/>उत्तर भारत में पुत्र मोह घणा ही ज्यादा है। <BR/>वैसे मंदी में सरकारी नौकरियों का महत्व इधर बढ़ गया है। ऐसी बालिकाएं जो सरकारी नौकरों को चिरकुट मानती थीं, अब कहने लगीं है कि पब्लिक सेक्टर एक्जीक्यूटिव प्रीफर्ड। मंदी ने सरकारी नौकरियों की महत्ता एक बार फिर स्थापित कर दी है। <BR/>भरतलालजी को बधाई दें विवाह की और सफल विवाह का गुरुमंत्र दें कि सफल विवाह की नींव मजबूत झूठों पर टिकी होती है। <BR/>जमाये रहिये।ALOK PURANIKhttps://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-38430228645818748582009-04-03T12:53:00.000+05:302009-04-03T12:53:00.000+05:30Among such, "Heere, Moti, Mail and sarkari naukari...Among such, "Heere, Moti, Mail and sarkari naukari' its nice to being 'Shudra'. 'UPorian' is hilarious. You both are great craftpersons of lingo. <BR/><BR/>In my side of North, Corporates have taken over sarkari naukri. The only reason, More of 'Mail'. <BR/><BR/>Nice Post as always on this blog.Praney !https://www.blogger.com/profile/16142299540638658215noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-63961151449482960142009-04-03T12:45:00.000+05:302009-04-03T12:45:00.000+05:30एक ऐसे ही सज्जन से मैं मिल चुका हूँ। करीब १० साल प...एक ऐसे ही सज्जन से मैं मिल चुका हूँ। करीब १० साल पहले दिल्ली में। मर्चैंट नेवी में काम करते हैं वे। कहने को सरकारी नौकरी है, लेकिन उनके घर में कई दुकानें पहले से ही खुली हुयी थीं - किसी में खिलौने बिक रहे थे, किसी में दारू। और एक मंदिर भी था, जिसमें मूर्ति से बड़ा दानपात्र था। उनका घर किसी ताजमहल से कम नहीं। सारी दुनिया जब जून में लू से मरती है तब भी उनके घर के सभी ग्यारह कमरों में एसी की शीतल पवन बहती है। <BR/><BR/>अलबत्ता उनकी पत्नी बीमार थी, सो डागदर होने के नाते मैं वहाँ उन्हें देखने गया था। जाते-जाते उनकी पत्नीसाहिबा ने मेरे हाथ में अपना कार्ड थमाकर एक "फंक्शन" का न्यौता दे मारा था। मैं उस समय मात्र २० वर्ष का था, न्यौते को ठुकरा न पाया। "फंक्शन" में जाकर पता चला कि कुछ "MLM" का मामला है। और हमारे सज्जन साहब जब मंच पर चढ़े, तालियों के अंबार लग गये - वे उस संस्था के सबसे बड़े अधिकारी थे। उनकी पत्नीसाहिबा बाकी सब अनजान मर्दों के साथ ठहाके लगा-लगाकर हंस रहीं थीं। उन सभी ने भी वही कार्ड पाया जो मेरी हथेली में थमाया गया था।<BR/><BR/>बस यही कह सकता हूँ, "जय हो सरकारी नौकरी और उसका महातम्य!"Anil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/06680189239008360541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-84671295645419667402009-04-03T12:15:00.000+05:302009-04-03T12:15:00.000+05:30ऐसी धार्मिकता से बचाए भगवान.ऐसी धार्मिकता से बचाए भगवान.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-89728678679312699432009-04-03T12:01:00.000+05:302009-04-03T12:01:00.000+05:30विडम्बना यह है कि इस यूपोरियन भद्रसमाज में यदि इस ...विडम्बना यह है कि इस यूपोरियन भद्रसमाज में यदि इस बुराई की चर्चा करिए तो ये लोग आपको ऐसे देखेंगे जैसे आप कितने बड़े मूर्ख हैं। दाँत निपोर कर अपनी उपलब्धि के नाम पर इन मोतियों को ही दिखाते रहेंगे भले ही वे मिट्टी के माधो हों।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-56986215462764247432009-04-03T11:51:00.000+05:302009-04-03T11:51:00.000+05:30काश हमारे विचार आपकी "महान महिला" के विचार जैसे जै...काश हमारे विचार आपकी "महान महिला" के विचार जैसे जैसे ही होते तो आज परेशान नहीं रहते।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-26770479377499405852009-04-03T10:57:00.000+05:302009-04-03T10:57:00.000+05:30बहुत अच्छा संदेश "भारत के नव युवक-युवतियों उठो, सर...बहुत अच्छा संदेश <BR/>"भारत के नव युवक-युवतियों उठो, सरकारी नौकरी पर कब्जा करो और हिन्दुस्तान की धरती को पुत्र रत्नों से भर दो। भविष्य तुम्हारा और तुम्हारे पुत्रों का है। उनके माध्यम से सब संपदा तुम्हारी होगी!"<BR/>जय हो !!!!!आलोक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/00082633138533183604noreply@blogger.com