tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post319998376048825305..comments2024-03-15T04:14:04.408+05:30Comments on मानसिक हलचल: रेलगाड़ी का इन्तजारGyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger32125tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-40610177312429017722009-08-05T00:08:34.084+05:302009-08-05T00:08:34.084+05:30नाग भी देख लिया और बीन्वाला भी और फाफामऊ का पुल भ...नाग भी देख लिया और बीन्वाला भी और फाफामऊ का पुल भी :-)<br />ये ब्लोगींग के मज़े हैं <br /><br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-47786836564265380992009-08-04T23:27:39.602+05:302009-08-04T23:27:39.602+05:30वाह!वाह!सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-32405401602263180492009-08-04T19:19:18.101+05:302009-08-04T19:19:18.101+05:30शुक्र है अरविन्द मिश्र जी कही तो दो शब्दों से ...शुक्र है अरविन्द मिश्र जी कही तो दो शब्दों से ज्यादा टिपियाते है वरना तो अक्सर दो शब्द कह कर निबटा देते है...वैसे भी हमने सबसे संशिप्त टिपण्णी का अवार्ड में उनके नाम की प्रस्तावना भेज दी है .....रेल गाडियों पे आपसे आलेख में कुछ ओर उम्मीद है सर जी...वैसे वाकई उब से बचे रहना कठिन कार्य हैडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-59540726647521503072009-08-04T09:30:28.731+05:302009-08-04T09:30:28.731+05:30आदरणीय ज्ञानदत्त जी,
काबिल-ए-तारीफ है आपका वीडियो...आदरणीय ज्ञानदत्त जी,<br /><br />काबिल-ए-तारीफ है आपका वीडियो शूटिंग करना बिल्कुल सधा हुआ हाथ जो भी थोड़ी हलचल हुई है वह तो स्वाभाविक है कि पास में आदरणीया भाभी साहब हों और हाथ ना कांपे? <br /><br />फाफामऊ के पुल से गुजरते हुये यही कहा है, जय गंगा मईया!!!<br /><br />सादर,<br /><br />मुकेश कुमार तिवारीमुकेश कुमार तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04868053728201470542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-57304544878312631352009-08-04T08:44:46.464+05:302009-08-04T08:44:46.464+05:30गाडी के डब्बे गिनने और हवाई जहाज की आवाज सुनकर नजर...गाडी के डब्बे गिनने और हवाई जहाज की आवाज सुनकर नजर उठ जाना तो बचपन की आदत है. पर आप रोज गिनकर भी बोर नहीं हुए ये अलग है :)<br />पह्के विडियो में टिटहरी की बोली सुने दी, बाकी थोडी कमेंटरी होती तो और मजा आता. सपेरे वाले में थी एकदम झन्नाटेदार आवाज.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-69647197222644601572009-08-04T07:39:12.418+05:302009-08-04T07:39:12.418+05:30गाड़ी बुला रही है सीटी बजा रही है। पांच बजे से दस ब...गाड़ी बुला रही है सीटी बजा रही है। पांच बजे से दस बजे रात तक गाड़ी गिनने की बात से कौनौ सरकारी अफ़सर का इमेज चमक जायेगा का जी?अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-79802806704703847762009-08-04T05:36:54.319+05:302009-08-04T05:36:54.319+05:30@ अमित जी - फाफामऊ; इलाहाबाद-लखनऊ लाइन पर पहला स्ट...@ अमित जी - <b>फाफामऊ</b>; इलाहाबाद-लखनऊ लाइन पर पहला स्टेशन है गंगा पार करते। भारतीय नाम तो बस यूं ही बन जाते हैं! :)Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-34432725075049042009-08-04T02:25:14.636+05:302009-08-04T02:25:14.636+05:30सबसे ऊपर लगी पुल की फोटू बहुत बढ़िया लग रही है। ट्र...सबसे ऊपर लगी पुल की फोटू बहुत बढ़िया लग रही है। ट्रेन का मज़ा पूरा तभी आता है जब उसकी आवाज़ भी साथ हो, तभी एहसास होता है कि यह रेलगाड़ी है। :)<br /><br /><br />बाकी यह बताएँ कि यह "फाफामाऊ" पुल क्या है? नाम कुछ अजीब सा लग रहा है, यदि इसके संदर्भ में बता सकें कि इसका क्या अर्थ है या कैसे पड़ा तो ज्ञानवर्धन होगा, अग्रिम आभार ले लें उसके लिए। :)amithttps://www.blogger.com/profile/03372488870536392202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-68683785000107915502009-08-04T01:05:17.383+05:302009-08-04T01:05:17.383+05:30अच्छी फोटो ,विवरण भी ।बचपन में माँ से कहती थी कि ...अच्छी फोटो ,विवरण भी ।बचपन में माँ से कहती थी कि माँ ट्रेन को ही घर बना कर रहा जाए तो कितना अच्छा होता... .आभाhttps://www.blogger.com/profile/04091354126938228487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-89973799482774236962009-08-03T21:58:03.877+05:302009-08-03T21:58:03.877+05:30Kya Baat hai Kaka.
Ek post mein do do filmon
ka pr...Kya Baat hai Kaka.<br />Ek post mein do do filmon<br />ka premier kar diya. "Pul par Rail" Aur "Nag, Nagin ka Dance". Khenchak aap aur Darshak Hum. Mugdh Ho gaye Train aur Naag dekh kar . Mere to dono hi favourite hein.कृष्ण मोहन मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/14783932323882463991noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-86096573565581656402009-08-03T21:33:37.451+05:302009-08-03T21:33:37.451+05:30फोटू अउर विचार दोनों ही मस्त हैं.फोटू अउर विचार दोनों ही मस्त हैं.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-6665315640419706412009-08-03T21:32:59.376+05:302009-08-03T21:32:59.376+05:30आशा है आपने कैमरे को ज़ूम करने के बाद नाग-नागिन क...आशा है आपने कैमरे को ज़ूम करने के बाद नाग-नागिन का विडियो बनाया होगा:)<br /><br />बहुत दिनों के बाद बीन की धुन सुनी, अच्छा लगा।<br />( एक-दो बार से टिप्पणी करने में असुविधा हो रही है, बॉक्स नजर नहीं आता)जितेन्द़ भगतhttps://www.blogger.com/profile/05422231552073966726noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-3886643857044797302009-08-03T19:46:47.356+05:302009-08-03T19:46:47.356+05:30श्री अरविन्द मिश्र जी की टिप्पणी -
पूरा पेज ही नह...<b>श्री अरविन्द मिश्र जी की टिप्पणी - </b><br />पूरा पेज ही नहीं खुल रहा मानसिक हलचल का -कृपया यह टिप्पणी स्वीकारें<br />वाह ज्ञान जी छोटे छोटे गदेलों को भी मात करते हैं आप -गाडी बुला रही है को बढियां दिखाया है आपने<br />और हाँ नाग नागिन भी बेजोड़ हैं -मगर वन्य जीव अधिनियम १९७२ में नाग का पकड़ना और (फोटो खीचना -मजाक ) इस के प्रदर्शन पर रोक है !<br />सादर<br />अरविन्द मिश्रGyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-47164802901091305452009-08-03T19:24:46.024+05:302009-08-03T19:24:46.024+05:30रेल तो सभी को अपनी ओर आकर्षित करती है . रोचक अभिव्...रेल तो सभी को अपनी ओर आकर्षित करती है . रोचक अभिव्यक्ति आभार.महेन्द्र मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/00466530125214639404noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-2884718646487533652009-08-03T17:26:27.671+05:302009-08-03T17:26:27.671+05:30आप इस पैसंजर गाडी का इन्तज़ार करते हैं।
हम, बेंगळूर...आप इस पैसंजर गाडी का इन्तज़ार करते हैं।<br />हम, बेंगळूरु में, मेट्रो रेल का इन्तज़ार कर रहे हैं।<br /><br />हाँ, देश में पहले बुल्लेट ट्रेन का भी इन्तज़ार है।G Vishwanathhttps://www.blogger.com/profile/13678760877531272232noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-88209265274403549022009-08-03T17:09:36.124+05:302009-08-03T17:09:36.124+05:30ना जाने कब से रेलगाड़ी को देख रहे हैं और ना जाने क...ना जाने कब से रेलगाड़ी को देख रहे हैं और ना जाने कब तक देखते रहे हैं। रेल तो जीवन का अंग है जी। आपके तो क्या कहने, आपका तो जीवन ही रेल का अंग है जी।ALOK PURANIKhttps://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-70215607944670272392009-08-03T15:42:12.755+05:302009-08-03T15:42:12.755+05:30गाड़ी बुला रही है, सीटी बजा रही है....आज भी दिन-रा...गाड़ी बुला रही है, सीटी बजा रही है....आज भी दिन-रात सीटी की आवाज़ कानों में पड़ती रहती है- स्टेशन जो पास है:)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-43135911975165314412009-08-03T15:33:30.399+05:302009-08-03T15:33:30.399+05:30डिब्बे गिनने में तो हमें भी मजा आता है.. मालगाड़ी ...डिब्बे गिनने में तो हमें भी मजा आता है.. मालगाड़ी हो तो क्या कहने.. ३०-४०....रंजन (Ranjan)https://www.blogger.com/profile/04299961494103397424noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-71236338564098332472009-08-03T11:49:22.408+05:302009-08-03T11:49:22.408+05:30ज्ञान जी,रेल देखने का शोक तो हमे भी बचपन से है.......ज्ञान जी,रेल देखने का शोक तो हमे भी बचपन से है.....जब भी कभी धड़ड़ाती भागती रेल को देखता हूँ मन को सुखानुभूति महसूस होती है।बढिया वीडियो हैं।बधाई।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-16326480310478444792009-08-03T11:11:07.112+05:302009-08-03T11:11:07.112+05:30जोरदार...यही तो ब्लॉगिंग है...मजा आता है पढ़ कर और ...जोरदार...यही तो ब्लॉगिंग है...मजा आता है पढ़ कर और अब तो देख कर भी :)संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-37520292892740507562009-08-03T10:37:25.413+05:302009-08-03T10:37:25.413+05:30आपको इतना ही इँतज़ार अखर गया.. जो लोग प्लेटफ़ार्म पर...<i><br />आपको इतना ही इँतज़ार अखर गया.. जो लोग प्लेटफ़ार्म पर अपने परिजनों को छोड़ने आयें होंगे.. और ट्रेन आने का नाम नहीं ?<br />उनके ऊब की लिखिये कहानी<br />जरा याद उन्हें भी कर लो<br /></i>डा. अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/12658655094359638147noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-24057268110064025092009-08-03T10:09:24.617+05:302009-08-03T10:09:24.617+05:30"पर अनुमान से ज्यादा समय ले रही थी वह आने में..."पर अनुमान से ज्यादा समय ले रही थी वह आने में" । सच है यदि इतने लोग चाल, ढाल और आकार देखने के पीछे पड़े हों तो कोई भी मनौना लेगा आने में ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-28932196747689471612009-08-03T08:59:34.302+05:302009-08-03T08:59:34.302+05:30कल्याणकारी शिव के गले में पहुँचकर नाग किस तरह वंदन...कल्याणकारी शिव के गले में पहुँचकर नाग किस तरह वंदनीय हो जाता है और अपने पालकों का पालक बन जाता है। वीडियो पसंद आए। <br />हम जब पढ़ते थे तो मोटर वाहनों की हेड लाइट और हॉर्न की आवाज से बताने लगे थे कि कौन सा है। कोशिश करने पर इंद्रियाँ बहुत संवेदनशील हो जाती हैं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-51804759348210719172009-08-03T08:55:59.570+05:302009-08-03T08:55:59.570+05:30लगभग तीन घंटे के इंतज़ार के बाद प्रयाग -बरेली एक्स...लगभग तीन घंटे के इंतज़ार के बाद प्रयाग -बरेली एक्सप्रेस में बैठते ही लैपटॉप खोला तो आपका ट्रेंन का इंतज़ार पढने को मिला <br />अजीब है इंतज़ार आपने भी किया हमने भी पर हम इस इंतज़ार से चिढे हुए हैं और आप को तसल्ली मिली है.<br />विवेक जी की बात का समर्थन करने को जी चाहता है और क्या कहेंroushanhttps://www.blogger.com/profile/18259460415716394368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-43513331427528080692009-08-03T07:37:37.321+05:302009-08-03T07:37:37.321+05:30वाह आप तो श्रावण सोमवार को शिवकुटी के कोटेश्वर महा...वाह आप तो श्रावण सोमवार को शिवकुटी के कोटेश्वर महादेव मन्दिर पर दर्श्न भी कर आये, और ट्रेन भी देख आये, वैसे हम तो रोज फ़्लायओवर से लोकल ट्रेन देखकर ही संतुष्ट हो जाते हैं।विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.com