tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post189632649997815665..comments2024-03-15T04:14:04.408+05:30Comments on मानसिक हलचल: मंगल सिंह का शहरीकरणGyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger25125tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-79354806693201381382009-04-14T19:50:00.000+05:302009-04-14T19:50:00.000+05:30वास्तव में मंगल सिंह का शहरीकरण हो गया जो उचित नह...वास्तव में मंगल सिंह का शहरीकरण हो गया जो उचित नहीं है .<br />जो मजा गाँव में पांत में बैठ कर खाने का है वो मजा कुर्सी-मेज और बफर सिस्टम में नहीं है .आलोक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/00082633138533183604noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-83000393698763346742008-05-17T11:13:00.000+05:302008-05-17T11:13:00.000+05:30श्री विश्वनाथ गोपीकृष्ण जी की ई-मेल से प्राप्त टिप...श्री विश्वनाथ गोपीकृष्ण जी की ई-मेल से प्राप्त टिप्पणी - <BR/>मंगलसिंह का शहरीकरण तो बस शुरू हुआ है।<BR/>अभी रास्ता लम्बा है।<BR/>अगले कदम:<BR/>बीडी पीना छोड़कर सिगरेट अपनाना<BR/>धोती कुर्ता त्यागकर पैंट और शर्ट पहनना<BR/>चप्पल त्यागकर जूते पहनना<BR/>पान छोड़कर chewing gum अपनाना<BR/>दातून त्यागकर tooth brush और paste का प्रयोग करना<BR/>कबड्डी छोड़कर क्रिकेट खेलना<BR/>शर्बत छोड़कर Coca Cola / Pepsi पीना<BR/>कन्धे पर थैला त्यागकर briefcase उठाना<BR/>नाश्ते पर पूरी-परांठे के बदले bread -butter-jam खाना<BR/>Railway platform पर उक्कडू न बैठकर bench पर बैठना<BR/>"नमस्कार" के बदले "Good Morning" कहना<BR/><BR/>यह सूची भी तो कितनी अधूरी है।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-57690100701519917642008-05-14T04:03:00.000+05:302008-05-14T04:03:00.000+05:30गुरु जी,यह शहरीकरण नहीं, बल्कि शहरियों काअनुकरण है...गुरु जी,<BR/>यह शहरीकरण नहीं, बल्कि शहरियों का<BR/>अनुकरण है । पता लगायें, अवश्य उनको<BR/>हिदायत देकर मेज़ कुर्सी पर बैठाया गया है ।डा. अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/12658655094359638147noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-44190993546962959502008-05-14T02:47:00.000+05:302008-05-14T02:47:00.000+05:30शांत झील की अपनी सुन्दरता है तो बहते झरने की , चलत...शांत झील की अपनी सुन्दरता है तो बहते झरने की , चलती नदिया की निर्मल धारा की बात ही अलग है. बदलाव भी समाज को नया रूप देता है.मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-35133478882131951862008-05-14T02:31:00.000+05:302008-05-14T02:31:00.000+05:30Abhi to mangal singhji blog par nahi aate hain sha...Abhi to mangal singhji blog par nahi aate hain shayad,par ho sakta hai agli bar tak churi kaante,chammach se khane bhi lagen aur blog par aane bhi lagen,to fir apne is fotu ko lekar bahut tanta karenge.To mera sujhaaw yah hai ki chehre ko jara dhundhla kar diya jaye to naam par mukra bhi ja sakta hai.Nahi to laathi lalten wale kab bidak kar gareeb rath par sawar hisaab kitaab karne pahunch jayen kahna mushkil hai.रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-20454328293501450512008-05-13T22:37:00.000+05:302008-05-13T22:37:00.000+05:30मंगलसिंह जी के दर्शन दुबारा हुये। आज मंगलवार है न!...मंगलसिंह जी के दर्शन दुबारा हुये। आज मंगलवार है न!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-77539157471619955502008-05-13T22:03:00.000+05:302008-05-13T22:03:00.000+05:30ईश्वर करे कि ये मेरा वहम ही हो, लेकिन कहीं कुछ गडब...ईश्वर करे कि ये मेरा वहम ही हो, लेकिन कहीं कुछ गडबड सा लग रहा है । <BR/><BR/>दूसरे चित्र में देखें तो मंगलसिंहजी मुदित भाव से भोजन कर रहे हैं । उनके चेहरे पर प्रसन्नता के भाव हैं । <BR/><BR/>इस बार के चित्र में वो भाव गायब हैं, ईश्वर न करे कि मंगलसिंह जी को कोई शारीरिक/मानसिक कष्ट हो । कुल मिलाकर मंगलसिंह जी की बाडी लैंग्वेज कुछ अलग कह रही है उनके उस स्वभाव से जिसका आपने वर्णन किया है । कल से इस चित्र को कई बार देख चुका हूँ और इस टिप्पणी को लिखने से बच रहा था ।Neeraj Rohillahttps://www.blogger.com/profile/09102995063546810043noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-19273786199640210422008-05-13T21:46:00.000+05:302008-05-13T21:46:00.000+05:30Kya baat hai gyan ji, Mangal singh se pahli mulaqa...Kya baat hai gyan ji, Mangal singh se pahli mulaqat Mangalwar ko. anand aaya. yun hi ghumte ghamte pahunch gaya tha par ab lagta hai roz hi aana padega, Babhaiiiiiiiयोगेन्द्र मौदगिलhttps://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-1248724136739904732008-05-13T18:12:00.000+05:302008-05-13T18:12:00.000+05:30कुछ ही दिनों में मंगल जी 'व्यक्ति' से 'अनुव्यक्ति...कुछ ही दिनों में मंगल जी 'व्यक्ति' से 'अनुव्यक्ति' हो जाएंगे -- ट्रांस्लेटेड पर्सनैलिटी. और विकलांग अंग्रेज़ी बूंका करेंगे . बस आप नोट करते जाइए .Priyankarhttps://www.blogger.com/profile/13984252244243621337noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-7342654457264226462008-05-13T13:36:00.000+05:302008-05-13T13:36:00.000+05:30देश व काल के अनुरूप बदलाव होने ही चाहिए.देश व काल के अनुरूप बदलाव होने ही चाहिए.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-40160006841480605862008-05-13T13:31:00.000+05:302008-05-13T13:31:00.000+05:30अभी तो शुरुआत है, आगे-आगे देखिये क्या होता है !अभी तो शुरुआत है, आगे-आगे देखिये क्या होता है !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-68251726103484382002008-05-13T12:45:00.000+05:302008-05-13T12:45:00.000+05:30इस बदलाव का कुछ सार्थक उपयोग भी हो। उन्हे हिन्दी ब...इस बदलाव का कुछ सार्थक उपयोग भी हो। उन्हे हिन्दी ब्लागिंग के लिये प्रेरित किया जाये तो कुछ जमीन से जुडी बाते भी पता चलेंगी हम सब को। :)Pankaj Oudhiahttps://www.blogger.com/profile/06607743834954038331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-90274518974083199022008-05-13T12:13:00.000+05:302008-05-13T12:13:00.000+05:30जब लालू खुदई को बदल रै है इत्ता तो समर्थक तो बदलें...जब लालू खुदई को बदल रै है इत्ता तो समर्थक तो बदलेंगे ही न अपने को!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-83670065236881347682008-05-13T12:10:00.000+05:302008-05-13T12:10:00.000+05:30शहरिकरण तो कमोबेश सबका इसी तरह से होता है, जब हम भ...शहरिकरण तो कमोबेश सबका इसी तरह से होता है, जब हम भी पहली बार गाँव से बाहर निकले चम्मच से सही तरीके से नहीं खा पाते थे( किस उम्र में यह मत पूछियेगा)<BR/>काँटे - छुरी और चाईनीज नूडल्स खाने की स्टिक से खाना तो अब भी नहीं आता। नूडल्स सादे चम्मच या हाथ से ही खा लेते हैं, शायद अभी शहरिकरण पूरी तौर से नहीं हुआ। :)सागर नाहरhttps://www.blogger.com/profile/16373337058059710391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-25835413470635635122008-05-13T11:25:00.000+05:302008-05-13T11:25:00.000+05:30जब लालूजी ने रेलवे का आधुनिकीकरण कर दिया तो श्रीमा...जब लालूजी ने रेलवे का आधुनिकीकरण कर दिया तो श्रीमान मंगल सिंह कैसे और कब तक अछूते रहेंगे.वेषभूषा ना लालूजी ने बदली न हीमंगल सिंहजी को बदलनी होगी.<BR/>बेमिसाल कम्पैरिसन, तब से अब तक.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-83351873318826183932008-05-13T11:19:00.000+05:302008-05-13T11:19:00.000+05:30Change is always constant..are ham bhi badal gaye ...Change is always constant..<BR/><BR/>are ham bhi badal gaye kya? angreji me comment karne lag gaye.. :DPDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-59678572840712595972008-05-13T11:11:00.000+05:302008-05-13T11:11:00.000+05:30हर व्यक्ति की अपनी मौलिक शैली होती है ...जिसे अगर ...हर व्यक्ति की अपनी मौलिक शैली होती है ...जिसे अगर वो ना बदले तो ही अच्छा रहता है..पर समय ओर पैसा सब कुछ बदल देता है. <BR/><BR/>chitr behad khoob hai.sateek hai.डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-68613223383923979092008-05-13T09:36:00.000+05:302008-05-13T09:36:00.000+05:30मंगल सिंह का टशन अब जागृत हो चला है -ज़रा सावधान !...मंगल सिंह का टशन अब जागृत हो चला है -ज़रा सावधान !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-47077854090256351042008-05-13T09:26:00.000+05:302008-05-13T09:26:00.000+05:30जय मंगल...जय रेलवे...जय भारत...और अंत में जय बदलाव...जय मंगल...जय रेलवे...जय भारत...<BR/>और अंत में जय बदलाव...बदलाव ही नियम है. और मौलिकता का बदलाव तो कमाल का है.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-64256154950151132262008-05-13T09:20:00.000+05:302008-05-13T09:20:00.000+05:30मंगल सिह जी भी किसी लालू से कम नही दिख रहे है . इन...मंगल सिह जी भी किसी लालू से कम नही दिख रहे है . इनकी वेशभूषा से लग रहा है कि इनका शहरीकरण २२ वी सदी तक हो पायेगा . बढ़िया आलेख प्रस्तुति सुंदर चित्रण सहित के लिए धन्यवादसमयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-3404684580847332442008-05-13T08:13:00.000+05:302008-05-13T08:13:00.000+05:30मंगल सिंह जी एक दम सही जा रहे हैं। विभाग के मंत्री...मंगल सिंह जी एक दम सही जा रहे हैं। विभाग के मंत्री लालूजी ने अपने को कम बदला है क्या? चरवाहा विद्यालय की मास्टरी से शुरू करके आज इन्टरनेशनल मैनेज्मेंट गुरू बन गये। इसका ऊर्ध्व असर तो होना ही था।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-88733200030797909282008-05-13T08:12:00.000+05:302008-05-13T08:12:00.000+05:30ज्ञानजीआपने एक बार चिंता जाहिर की थी किसकी शैली मे...ज्ञानजी<BR/>आपने एक बार चिंता जाहिर की थी किसकी शैली में लिखूं। बस इसी में लिखिए ये है विशुद्ध ज्ञान शैली। कॉपीराइट तो आपका है ही। :)Batangadhttps://www.blogger.com/profile/08704724609304463345noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-45826132088442814072008-05-13T07:49:00.000+05:302008-05-13T07:49:00.000+05:30आपकी पर्सनालिटी ही ऐसी है कि बड़ा व्यापक और मारक अस...आपकी पर्सनालिटी ही ऐसी है कि बड़ा व्यापक और मारक असर करती है फिर मंगल सिंह की क्या बिसात. हम खुद को भी आपसे मिलने के बाद बदला सा महसूस करते हैं. पत्नी ने भी हम में सकारत्मक परिवर्तन का अहसास जताया है मुस्कराते हुए. :)<BR/><BR/>जमाये रहिये अपन प्रभाव.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-7430890697451733242008-05-13T07:14:00.000+05:302008-05-13T07:14:00.000+05:30रेलवे के आधुनिक वातावरण में आने के बाद यह तो हो ही...रेलवे के आधुनिक वातावरण में आने के बाद यह तो हो ही नहीं सकता कि मंगल सिंह में परिवर्तन न हो। वह तो अवश्यंभावी है। अगली बैठक तक अंग्रेजी शब्दों का हिन्दीकरण भी होना ही है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-59819427183382358992008-05-13T06:51:00.000+05:302008-05-13T06:51:00.000+05:30मंगलसिंहजी अपनी मौलिकता खो रहे हैं। ये अच्छी बात न...मंगलसिंहजी अपनी मौलिकता खो रहे हैं। ये अच्छी बात नहीं है। <BR/>आप उन्हे समझाइये। <BR/>जमाये रहियेजी।ALOK PURANIKhttps://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.com