tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post1701295796746954952..comments2024-03-15T04:14:04.408+05:30Comments on मानसिक हलचल: साइकिल पे आइये तब कुछ जानकारी मिल पायेगी!Gyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger33125tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-35674254614215096352008-08-08T04:55:00.000+05:302008-08-08T04:55:00.000+05:30आप रीयल नहीं इमाजिनरी अफसर हैं ये आज पता चला :-)आप रीयल नहीं इमाजिनरी अफसर हैं ये आज पता चला :-)Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-35394342394522831812008-08-07T06:06:00.000+05:302008-08-07T06:06:00.000+05:30बहुत अच्छे! अरे अभय ने कुछ लिखा तो आपके ब्लॉग पर -...बहुत अच्छे! अरे अभय ने कुछ लिखा तो आपके ब्लॉग पर - हमसे तो ऐसे रूठे हैं की आना-जाना ही छोड़ दिया - अभी तो ठीक तरह से जान-पहचान भी नहीं हो पायी थी. शिव कुमार मिश्र जी की सलाह पर ध्यान देकर देखिये - कई सारे "एंग्री यंग मैन" हाथों हाथ ले लेंगे. <BR/><BR/>अफसरी के बारे में अच्छा कहा. इस नियामत को निभाना भी आप जैसों के ही बस में ही है.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-21479809669291683422008-08-05T01:09:00.000+05:302008-08-05T01:09:00.000+05:30भाईयो हमे तो किसी के कहा था अफ़्सर की अगाडी ओर गधे ...भाईयो हमे तो किसी के कहा था अफ़्सर की अगाडी ओर गधे की पिछबाडी कभी मत जाना, लेकिन् समीर जी ने तो सारा भेद ही खोल दिया, इस लिये ग्यान जी हम तो जरुर आये गे आप की साईकल पे,<BR/>आप का धन्यवाद, आप लोगो के बांल्ग पर आ कर ऎसा लगता हे जेसे सभी बेठ कर मजे दार बाते कर रहे हो,ओर कुछ्पलो के लिये भारत मे पहुच जाते हे,अगर कभी कोई बात अच्छी ना लगे तो जरुर कह दे, हम माफ़ी पहले से मागं लेगे.राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-9515297252282054162008-08-05T00:08:00.000+05:302008-08-05T00:08:00.000+05:30अब ये क्या हुआ ? आप लिखते रहिये...बिना चिँता किये ...अब ये क्या हुआ ? <BR/>आप लिखते रहिये...<BR/>बिना चिँता किये ...<BR/>यही कहूँगी !<BR/>-लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-40864426652669361152008-08-04T22:28:00.000+05:302008-08-04T22:28:00.000+05:30इस मौजूं मैच का मैच पोइंट अनूप जी के पाले में जाता...इस मौजूं मैच का मैच पोइंट अनूप जी के पाले में जाता है स्कोर हो गया ज्ञान जी 4 अनूप जी 8 मैच जारी रहे…।:)<BR/>ज्ञान जी जोर लगाइए कुछ मौज हो जाए यूँ हाफ़ने से काम नहीं चलेगाAnita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-1294618584867583492008-08-04T19:20:00.000+05:302008-08-04T19:20:00.000+05:30afsari apni jagah, bloggery apni jagah. ... jisko ...afsari apni jagah, bloggery apni jagah. ... jisko jo tippani kani hogi wo to karenge hi! why to think that much?pallavi trivedihttps://www.blogger.com/profile/13303235514780334791noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-18711157478878018552008-08-04T19:18:00.000+05:302008-08-04T19:18:00.000+05:30saadr naman cycle achchi haisaadr naman <BR/>cycle achchi haiG M Rajeshhttps://www.blogger.com/profile/03964085330432048085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-2296602303222884022008-08-04T19:03:00.000+05:302008-08-04T19:03:00.000+05:30हम जब तक कुछ कहने आते हैं, कुछ कहने के लिये बचता ह...हम जब तक कुछ कहने आते हैं, कुछ कहने के लिये बचता ही नहीं। खैर .. लेट लतीफों के लिये यही सजा है।सागर नाहरhttps://www.blogger.com/profile/16373337058059710391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-78285254851570687492008-08-04T15:20:00.000+05:302008-08-04T15:20:00.000+05:30हम चुप रहेंगे और चुप रहकर भी टिपियाएंगे।हम चुप रहेंगे और चुप रहकर भी टिपियाएंगे।महेनhttps://www.blogger.com/profile/00474480414706649387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-2659567521431578212008-08-04T15:14:00.001+05:302008-08-04T15:14:00.001+05:30ज्ञान दा, आप मानें या न मानें, अफसर तो हैं ही:) जो...ज्ञान दा, आप मानें या न मानें, अफसर तो हैं ही:) जो बात दिहाड़ी मजदूरों से दस मिनट बात कर पता की जा सकती थी, उसकी पड़ताल में आपने सारे ब्लॉगरों को लगा दिया:) अफसर यही तो करते हैं। जो बात नंगी आंखों से नजर आती है, उसमें भी जांच कमेटी बैठा देते हैं :)Ashok Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/14682867703262882429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-5333627226165472142008-08-04T15:14:00.000+05:302008-08-04T15:14:00.000+05:30अफसरी न तो जीवन शैली होती है न ही व्यवहार । अफसरी...अफसरी न तो जीवन शैली होती है न ही व्यवहार । अफसरी तो 'मिजाज' होती है । कई 'चतुर्थ वर्ग कर्मचारी' अफसरी करते मिलते हैं तो कई 'अफसर', चतर्थ वर्ग कमर्कचारी की तरह । जिसे जो समझना हो, समझने दीजिए । आप तो लिखते रहिए । हां,<BR/>बिवाई फटना अनुभव करने के बाद पीडा व्यक्त करेंगे तो वह बिना शब्दों के भी हम तक पहुचेंगी ।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-60217705357918950982008-08-04T15:10:00.000+05:302008-08-04T15:10:00.000+05:30अरे ज्ञान भाई, आप तो सेन्टी हो गए.. चलिए हम खुद ही...अरे ज्ञान भाई, आप तो सेन्टी हो गए.. चलिए हम खुद ही अपनी बात की मज़म्मत-मलामत, आलोचना-निन्दा आदि सब कर देते हैं.. किया गया माना जाय!अभय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-61793447131843444772008-08-04T14:39:00.000+05:302008-08-04T14:39:00.000+05:30हम किसी और के पंगे मे नही पडते जी :)हम किसी और के पंगे मे नही पडते जी :)Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-87630800135187193212008-08-04T12:00:00.000+05:302008-08-04T12:00:00.000+05:30यही देखने आये थे कि सब ठीकई ठाक होगा । चिट्ठाचर्चा...यही देखने आये थे कि सब ठीकई ठाक होगा । चिट्ठाचर्चा पर अनूपजी ने चैक-मेट कर दी है पुराना रेफ़रेंस देकर :-)<BR/><BR/>बढिया रहा, मौज मस्ती चलती रहे हमारे लिये, सीरियसली जिसे लेना है लेते रहें :-)Neeraj Rohillahttps://www.blogger.com/profile/09102995063546810043noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-35761446602011555452008-08-04T11:59:00.000+05:302008-08-04T11:59:00.000+05:30सामान की लिस्ट शिवजी दे चुके हैं.और बाकी बचा एक बड...सामान की लिस्ट शिवजी दे चुके हैं.<BR/>और बाकी बचा एक बड़े डंडे में लगा एक लाल झंडा. वो मैं बन्द्पोबस्त कर देता हूँ.<BR/>ये घोस्ट बस्तर जी ने अभय तिवारी जी को चिकोटी क्यों काटी.<BR/>जवाब चाई जवाब दाओ.<BR/>चोलबे ना चोलबे ना.<BR/>और हाँ फुरसतिया जी से पूर्ण सहमती.बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-83853263081855333072008-08-04T11:58:00.000+05:302008-08-04T11:58:00.000+05:30जमाये रहियेअफसरी भी, ब्लागरी भीजमाये रहिये<BR/>अफसरी भी, ब्लागरी भीALOK PURANIKhttps://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-4458168291197493412008-08-04T11:19:00.000+05:302008-08-04T11:19:00.000+05:30हमे पढ़ने का शौक है और हम लेखनी की इज़्ज़त करते है...हमे पढ़ने का शौक है और हम लेखनी की इज़्ज़त करते है। अब वो लिखा किसने है ये हमें मैटर नहीं करता। अफसर लिखे या चपरासी । लिखा अच्छा है तो वाह(और मेरे शब्द, सुंदर..अति उत्तम)पाने का अधिकारी जरूर हैं। हम कलम और उस से निकले शब्दों की इज्जत करना जानते हैं और लेखक की इज्जत उससे ही हो जाती है।Nitish Rajhttps://www.blogger.com/profile/05813641673802167463noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-59644694542806865022008-08-04T10:05:00.000+05:302008-08-04T10:05:00.000+05:30इस अफसरी वाली टिपण्णी से निजात पाना ज़रूरी नहीं है...इस अफसरी वाली टिपण्णी से निजात पाना ज़रूरी नहीं है. लेकिन अगर आपको लगता है कि ज़रूरी है तो मेरा एक सुझाव है. मैं कलकत्ते से कम्यूनिष्ट बनने के कुछ उपकरण कुरिएर कर देता हूँ. एक ठो शांतिनिकेतनी झोला, एक गहरे लाल रंग का कुरता का कपड़ा, एक ठो जींस और एक जोड़ी कोल्हापुरी चप्पल. <BR/><BR/>हाँ, एक काम आपको ख़ुद करना पड़ेगा. और वो है दाढ़ी रखने का महान कम्यूनिष्टी काम. राजी हैं तो एक बार फोन कर दीजियेगा. ऐसा भी कर के देख लीजिये. सुनते हैं ये लोग जनता के सबसे ज्यादा करीब हैं.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-41580769466158637792008-08-04T09:48:00.000+05:302008-08-04T09:48:00.000+05:30saikal par niklenge to ghar se daftar nahi paahun...saikal par niklenge to ghar se daftar nahi paahunch payenge,duniya jitni tezi se aage bhag rahi hai kya aap usi tezi se pichhe laut sakte hai.sab ke gharon me bachhe hain magar ginti ke logo ko chhod diya jay to adhikaansh ne unhe patrata na hote hue bike de rakhi hai sirf samay ke saath daudne ke liye.mai ise jayaj nahi thahraa raha hun magar yehi sach hai ,mazboori hai aur samay ka taqaaja bhi.aap chalte rahiye car me phark nahi padta,dard mehsoos karne waala kar me rahe ya saikil pe kar lega,warnaa paidal bhi chalo to kya hoga.Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-15487384836253812008-08-04T09:23:00.000+05:302008-08-04T09:23:00.000+05:30ब्लॉगर के साथ साथ अफसर भी होना आपका कमजोर पक्ष है ...ब्लॉगर के साथ साथ अफसर भी होना आपका कमजोर पक्ष है जिसका फायदा उठकर अभय जी और अनूप जी आपको ऐसे ही छेड़ते रहेंगे, भले ही आप कितनी ही सफाई पेश करते रहें.<BR/><BR/>अभय जी निश्चित रूप से सज्जन व्यक्ति हैं पर उनके विचार मार्क्सवाद की पाखंडी विचारधारा की चासनी में पगे हैं.Ghost Busterhttps://www.blogger.com/profile/02298445921360730184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-90250128348910033172008-08-04T09:04:00.000+05:302008-08-04T09:04:00.000+05:30@ अनूप शुक्ल (आपके सारे बहाने लचर हैं। दुबारा अच्छ...<B>@ अनूप शुक्ल (आपके सारे बहाने लचर हैं। दुबारा अच्छी तरह से प्रयास करें।)</B><BR/><BR/>इतने प्रयास में हांफ दिये हम। अब और क्या करेंगे। :-)Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-43156416787280944822008-08-04T08:48:00.000+05:302008-08-04T08:48:00.000+05:30अजी हम तो लेखनी की इज़्ज़त करते है.. पढ़ने में हमा...अजी हम तो लेखनी की इज़्ज़त करते है.. पढ़ने में हमारी रूचि है..यदि जो लिखा गया है वो हमे पसंद आए तो हमे कोई गर्क़ नही पड़ता की ये अफ़सर ने लिखा है या किसी रिक्शे वेल ने.. खुद दिहाड़ी मजदूर भी आकर यदि कुछ बढ़िया लिखे तो हम उसे भी चाव से पढ़ेंगे.. हम तो लेखनी की इज़्ज़त करना जनता है.. बची लेखक की इज़्ज़त वो तो लेखनी खुद ही बढ़ा देती है..कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-22784033170445184702008-08-04T08:20:00.000+05:302008-08-04T08:20:00.000+05:30Sahi likhe hain agar afsar hote to aisa nahi na li...Sahi likhe hain agar afsar hote to aisa nahi na likh pate.आशा जोगळेकरhttps://www.blogger.com/profile/14609401024069814020noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-28156801996397455282008-08-04T07:45:00.000+05:302008-08-04T07:45:00.000+05:30आपने खूब लिखा है -- "मित्रों, अगर मैं वास्तव में अ...आपने खूब लिखा है -- "मित्रों, अगर मैं वास्तव में अफसर होता तो नियमित चिठेरा बन ही न पाता।"डॉ. अजीत कुमारhttps://www.blogger.com/profile/10047691305665129243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-90385605604904823082008-08-04T07:39:00.000+05:302008-08-04T07:39:00.000+05:30अरे ज्ञान जी आप भी कहां हतोत्साहित होने लगें इन बे...अरे ज्ञान जी आप भी कहां हतोत्साहित होने लगें इन बेलो द बेल्ट टिप्पणियों से .ये आप की अफसरी से जल भुन रहे हैं .<BR/>अरे इस ज्ञानदत्त को तो देखो मजे से अफ्सरीभी कर रहा है और समान सिद्धहस्तता के साथ ब्लागरी भी .यह ईर्ष्या भाव है सर जी [मैंने पहली बार सर कहा आपको -हम समान धर्मा है !] इसके चक्कर में आत्म दया का भाव बिल्कुल न पालें -यह आपको हतोत्साहित कराने का हथकंडा है .यह आपको स्वयं के हीनता बोध और नाकारापन से उपजे हताशा और ईर्ष्या में की गयी टिप्पणियाँ है -अरे आप अफसर है तो हैं -भारत के योगी मुनि ध्यानस्थ ही माय्याजगत की समस्याएं जान जातेथे ..आप ठाठ से कार में रहें जिसके आप हकदार हैं लोगों की जलन बनी रहे तो रहे .....Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com