tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post157341767305524801..comments2024-03-15T04:14:04.408+05:30Comments on मानसिक हलचल: सन 2097 की पांच घटनायें (अनुगूँज 22)Gyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-54497780724570872222007-08-06T00:15:00.000+05:302007-08-06T00:15:00.000+05:30ज्ञानदत जी, बहुत बड़िया लिखा है.काफी दूर की सोची ह...ज्ञानदत जी, बहुत बड़िया लिखा है.काफी दूर की सोची है. बधाईAnita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-971459242922935512007-08-05T20:44:00.000+05:302007-08-05T20:44:00.000+05:30ज्ञान दद्दा, मैदान मार लिया आपने तो!!ज्ञान दद्दा, मैदान मार लिया आपने तो!!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-81495200799807146762007-08-05T14:20:00.000+05:302007-08-05T14:20:00.000+05:30वाह जी वाह, फ्यूचरिस्टिक पोस्ट है, मज़ा आया!! :)वाह जी वाह, फ्यूचरिस्टिक पोस्ट है, मज़ा आया!! :)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-68114644543088414452007-08-05T13:06:00.000+05:302007-08-05T13:06:00.000+05:30बाप-रे आप तो कमाल का लिखे है।बाप-रे आप तो कमाल का लिखे है।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-91691507675571734402007-08-05T12:25:00.000+05:302007-08-05T12:25:00.000+05:30ज्ञानदत्तजी,आपने तो फ़ंतासी लेखन में भी किला फ़तेह क...ज्ञानदत्तजी,<BR/>आपने तो फ़ंतासी लेखन में भी किला फ़तेह कर लिया । अब मेरी राय में एडसेंस के भरोसे न रहकर कोई अपने लेखन को छपवाकर माल कमाने के बारे में विचार करें ।<BR/><BR/>लोगों के नाम बडे अच्छे चुने आपने, एक बार तो ऐसे लगा जैसे चंपक फ़िर से पढ रहे हों ।Neeraj Rohillahttps://www.blogger.com/profile/09102995063546810043noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-63379010476636980592007-08-05T10:30:00.000+05:302007-08-05T10:30:00.000+05:30ये सब क्या हो रहा है...? हम जरा आजकल व्यस्त चल रहे...ये सब क्या हो रहा है...? हम जरा आजकल व्यस्त चल रहे है तो हमारा पूरा का पूरा पंगे लेने का ठेका ही जड से उखाड दिये है ज्ञान जी और आलोक जी ..भाइ अब ऐसा भी मत करो की हमे वापसी की जरुरत ही ना महसूस हो..:)<BR/>खुब मजा लगा दिया जी ...:)Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-19716370232168089622007-08-05T10:19:00.000+05:302007-08-05T10:19:00.000+05:30गजब, ऐसा धो धो कर मारा है कि क्या बताएं।बहुत सही, ...गजब, ऐसा धो धो कर मारा है कि क्या बताएं।<BR/>बहुत सही, झकास, मजा आ गया।<BR/><BR/>वैसे इसका सिक्वल होना मांगता।Jitendra Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/09573786385391773022noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-68256524243386657192007-08-05T10:02:00.000+05:302007-08-05T10:02:00.000+05:30ज्ञानदत्त जी,बहुत मजेदार। एक दम जम कर चिकाई की गई ...ज्ञानदत्त जी,<BR/><BR/>बहुत मजेदार। एक दम जम कर चिकाई की गई है। <BR/><BR/>पंकजमिर्ची सेठhttps://www.blogger.com/profile/11680187727394305360noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-82305276831994844702007-08-05T09:39:00.000+05:302007-08-05T09:39:00.000+05:30धांसू पोस्ट और उस पर आलोक जी की धांसू टिप्पणी।धांसू पोस्ट और उस पर आलोक जी की धांसू <BR/>टिप्पणी।ePandithttps://www.blogger.com/profile/15264688244278112743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-22325463613586405492007-08-05T09:23:00.000+05:302007-08-05T09:23:00.000+05:30सही है ..मजा आ गया.सही है ..मजा आ गया.काकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-44629100103933198202007-08-05T09:15:00.000+05:302007-08-05T09:15:00.000+05:30Gyandutt Pandey ye bhut hi badiya vichar hai aapke...Gyandutt Pandey ye bhut hi badiya vichar hai aapke pr aap bhart ko america banane par kyo tule ho.<BR/><BR/><BR/><BR/><BR/>www.kaalchakraa.blogspot.comAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-54351433769560436272007-08-05T07:56:00.000+05:302007-08-05T07:56:00.000+05:30जबरदस्त उड़ान, बहुत बढ़िया. इसी का इन्तजार था.जबरदस्त उड़ान, बहुत बढ़िया. इसी का इन्तजार था.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-59771854886102377992007-08-05T06:48:00.000+05:302007-08-05T06:48:00.000+05:30बहुत धांसू परिकल्पना है। अनुगूंज में सबसे माडर्न प...बहुत धांसू परिकल्पना है। अनुगूंज में सबसे माडर्न पोस्ट। मसिजीवी के कष्ट देखेंगे तो उनको सच में कष्ट होगा। :)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-36216327517839643082007-08-05T06:45:00.000+05:302007-08-05T06:45:00.000+05:301-2577 में ज्ञानदत्तजी, जो लैस कोलस्ट्रोल और मोर म...1-2577 में ज्ञानदत्तजी, जो लैस कोलस्ट्रोल और मोर मार्निंग स्ट्रोल के बूते स्वस्थ हैं और करीब पांच सौ साल के हो लिये हैं, अमेरिका में यह कहते पाये जाते हैं कि इंगलिश भारतीय भाषा है। <BR/>2-ज्ञानदत्तजी इंगलिशियों के सामने हिंदी ठेल रहे हैं और डांट रहे हैं कि हिंदी इज वर्ल्ड लेंगवेज और हिंदी वालों को हड़का रहे हैं कि अंग्रेजी सीखो। जब दोनों भाषाओँ के जानकार लोग सामने हों, तो ज्ञानजी कह रहे हैं कि रेल में अब आंखखुरानी हो रही है, एक मुसाफिर आंख से देखकर दूसरे मुसाफिर को बेहोश कर देता है। परदेसियों से ना अंखियां लड़ाना-टाइप कुछ सुझाव दे रहे हैं।<BR/>3-शिरीषजी आलोक पुराणिक को फोन पर बता रहे हैं कि आप खुद को मैन-कंप्यू साफ्टवेयर के जरिये कंप्यूटर फाइल में कनवर्ट कर लो और चाहे तो मल्लिका सहरावत सप्तम के लैपटाप पर ईमेल हो जाओ या वैजयंती माला एकादश के। आलोक पुराणिक की इस शंका का समाधान करने में शिरीषजी असमर्थ हैं कि मल्लिका सहरावत सप्तम अगर कंप्यूटर पर आलोक.मैन.कंप्यू फाइल को बिना डाउनलोड किये उड़ा देगी, तो क्या होगा। और वैजयंती माला एकादश लैपटाप और रेडियो का अंतर पूछेंगी तो कौन जवाब देगा। <BR/>4-मनीषेक (अभिषेक बच्चन की पांचवी पीढ़ी के सुयोग्य पुत्र)पूछेंगे कि परदादा के दादा यानी अमिताभ बच्चन जी ने सारे एड किये,बस लिपस्टिक और डाइपर को छोड़कर, क्यों। क्या उस जमाने में लिपस्टिक और डाइपर नहीं बिकते थे क्या।ALOK PURANIKhttps://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.com