tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post1362973207656270567..comments2024-03-15T04:14:04.408+05:30Comments on मानसिक हलचल: उम्रदराज (और जवान) लोगों के लिये व्यायामGyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-45861497778147098412007-09-06T03:58:00.000+05:302007-09-06T03:58:00.000+05:30ऐसा क्यों कि इस पोस्ट पर किसी महिला की टिप्पणी नही...ऐसा क्यों कि इस पोस्ट पर किसी महिला की टिप्पणी नहीं आई । पाण्डे जी इस पर गौर करें । आगे से ऐसे उपाय बताएँ जो महिलाओं को भी पसन्द आएँ । <BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-17483113739169663732007-09-06T02:06:00.000+05:302007-09-06T02:06:00.000+05:30आशा है माइक साहब को आपने भारतीय योग के विषय़ मे बता...आशा है माइक साहब को आपने भारतीय योग के विषय़ मे बता ही दिया होगा। आलू ही चुनने पर मुझे आपत्ति है। वजन वालो को इससे जितना दूर हो सके रहना चाहिये।Pankaj Oudhiahttps://www.blogger.com/profile/06607743834954038331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-20021594533431999652007-09-06T00:18:00.000+05:302007-09-06T00:18:00.000+05:30सही कहा आपने, जिम वगैरह जाने से तो आलू-व्यायाम ही ...सही कहा आपने, जिम वगैरह जाने से तो आलू-व्यायाम ही बेहतर है। <A HREF="http://www.hindiblogs.com/hindiblog/2005/09/my-experiences-in-gym_07.html" REL="nofollow">जिम में मेरे शुरुआती अनुभव</A> अच्छे नहीं रहे हैं।Pratik Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/02460951237076464140noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-88461917798417354762007-09-05T22:15:00.000+05:302007-09-05T22:15:00.000+05:30आलू आसन अच्छा रहेगासोचता हूँ मैं भी शुरू कर दूँ। व...आलू आसन अच्छा रहेगा<BR/>सोचता हूँ मैं भी शुरू कर दूँ। वैसे केवल उछल कूद कर महीने में पने तरीके से 6 किलो कम किया है। आपके आलू व्यायाम या आलू आसन से शायद र फायदा हो। आजमाने में हर्द क्या है। आपने तो आजमाया ही है। महाजनो येन गत: स पंथा ।बोधिसत्वhttps://www.blogger.com/profile/06738378219860270662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-4485263453450254512007-09-05T21:27:00.000+05:302007-09-05T21:27:00.000+05:30जे ठीक है । हमने एटकिन्स डाइट के बारे में सुना है...जे ठीक है । हमने एटकिन्स डाइट के बारे में सुना है जिसके मुताबिक आलू खाने से वजन घटता है<BR/>डाइट फाइट हमें ज्यादा पता नहीं है । श्रीश के बाद दूसरे नंबर है । सुन रहे हो मास्साब । श्रीश मास्साब ।।।Yunus Khanhttps://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-8470232576552646192007-09-05T19:28:00.000+05:302007-09-05T19:28:00.000+05:30ज्ञान भाईबात शायरी की होती तो hum करते भी पर आप तो...ज्ञान भाई<BR/>बात शायरी की होती तो hum करते भी पर आप तो तरकारी पे उतर आए ! माना की तरकारी और शायरी का काफिया मिलता है लेकिन फिर भी ये वो विषय है जिस से हम अभी तक दूर ही रहे हैं !<BR/>वजन घटने पर आप की चिन्ता स्वाभाविक है लेकिन वजन घटने का तरीका कुछ इतना मुश्किल है की उसे आजमाने की बजाय जो वजन है उसी पर संतोष किया जाए !<BR/>देखिये आप लिखते हैं की किसी समतल जगह पर सहजता से खड़े हो जायें. शुरुआत ही मुश्किल है ! समतल जगह है कहाँ? जब दुनिया ही इतनी ऊंची नीची है तब समतल जगह कहाँ खोजने जायें? उस पर तुर्रा ये की सहजता से खड़े हो जायें! भाई वाह सहजता दिखाई देती है आप को कहीँ? सहजता ही हो जीवन मॆं तो वजन की चिन्ता से कौन असहज होगा? हर कोई असहज है चाहे वो घर हो या दफ्तर !आप ने तो वो ही बात की के लम्बी उमर के लिए एक गोली सोने के बाद लें और एक उठने से पहले!! बहुत चतुर हैं आप ज्ञान भाई !<BR/>चलिए एक बार आप की मान लें लेकिन कष्ट ये है की तकनिकी दृष्टि से ऐसे थैले जो ५० किलो का भार उठा पायें आसानी से मिलना मुश्किल होगा !!अगर झटके से थैला फट गया या तनी से टूट गयी तो जो झटका हाथ को लगेगा वो कौन बर्दाश्त करेगा? आप तो साईंस के जानकर हो जो बिचारेसाईंस नहीं पड़े हैं वो तो आप की बात पे यकीन करके फंस जायेंगे न? <BR/>हाँ आलू की जगह अगर आप तरबूज या कद्दू की बात करते तो शायद उसमें दम होता !<BR/>शिव के जितनी खर्चे की गणित जिसको आती होगी उसका वजन तो बढ़ ही नहीं सकता बिचारा जीवन अपना जोड़ भाग की चिन्ता मॆं ही गवां देगा !!<BR/>आप मेरे कमेंट को ईजी लें क्यों की मैंने भी कहाँ seriously लिया है.<BR/><BR/>NeerajUnknownhttps://www.blogger.com/profile/18097499466532888478noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-37639027019361186212007-09-05T17:41:00.000+05:302007-09-05T17:41:00.000+05:30अब तक हमें यही पता था कि आलू वजन बढ़ाने में काम आत...अब तक हमें यही पता था कि आलू वजन बढ़ाने में काम आता है, आप से जाना कि वजन घटाने में भी काम आ सकता है।ePandithttps://www.blogger.com/profile/15264688244278112743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-72229373046406330172007-09-05T15:52:00.000+05:302007-09-05T15:52:00.000+05:30आपके वज़न के vision में वज़न है. लेकिन, वज़न आदमी के ...आपके वज़न के vision में वज़न है. लेकिन, वज़न आदमी के शरीर में कहाँ होता है- <BR/>वज़न तो लिफाफे में होता है अगर वोह भरा हो.<BR/>वज़न तो बात में होता है अगर कहने वाले की कुर्सी ऊंची हो.<BR/>वज़न तो तर्क में होता है अगर उसे पैदा करने के लिए वकील नें मोटी फ़ीस ली हो.<BR/>वज़न तो आजकल के स्कूल के बच्चों के बस्तों में होता है चाहे उनके कंधे झुके हों.<BR/>वज़न बहुमत में होता है अगर सरकार साझे की हो.<BR/>यह सभी वज़न बढते ही दिखायी पड़ते हैं. इन सब के सामने हमारे आपके अपने साधनों से कमाये थोडे से वज़न की क्या चिन्ता. वज़न कम करने में झमेले ज्यादा हैं. इस प्रयास के स्थान पर यह नारा दिया जाए -<BR/>इतने ऊंचे उठो की जितना बढ़ा वज़न है.<BR/>पर शायद यह तो वज़न घटाने से भी ज्यादा मुश्किल है.<BR/>वजनोत्सुक <BR/>संजय कुमारAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-55380708875558452762007-09-05T11:56:00.000+05:302007-09-05T11:56:00.000+05:30आलू व्यायाम शाला मे, शिव कुमार जी की बात पर भी ध्य...आलू व्यायाम शाला मे, शिव कुमार जी की बात पर भी ध्यान देना चाहिए।:)परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-78309884160161210052007-09-05T10:19:00.000+05:302007-09-05T10:19:00.000+05:30@ शिव कुमार मिश्र -बड़ा गजब सिद्धांतवादी कमेण्ट है....@ शिव कुमार मिश्र -<BR/><BR/>बड़ा गजब सिद्धांतवादी कमेण्ट है. यह तो अन्दाज ही न था कि वजन बढ़ाना आर्थिक रूप से सरल है. कम करन कठिन. इसी <B>अर्थ शास्त्र</B> के मर्म ज्ञान से धनी लोग वजन बढ़ाते हैं - कम नहीं करते!<BR/>यही बात धनी राष्ट्रों पर भी लागू होती है.Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-59144819984711439352007-09-05T09:54:00.000+05:302007-09-05T09:54:00.000+05:30क्या भैया,'आलू व्यायाम' जैसे बड़े और महत्वपूर्ण मु...क्या भैया,<BR/>'आलू व्यायाम' जैसे बड़े और महत्वपूर्ण मुद्दे पर एक माईक्रो पोस्ट. आश्चर्य है. जिस मुद्दे पर शुकुल जी और पुराणिक जी कम से कम चार पन्ना लिखेंगे, उसपर एक पन्ना तो लिखते. चलिए मैं टिप्पणी के नाम पर एक पोस्ट ठेल देता हूँ...<BR/><BR/>आलू व्यायाम का समाजशास्त्र:-<BR/><BR/>आलू एक ऐसी सब्जी है जो समाज के हर वर्ग के लिए उपलब्ध है. आसानी से मिलाने वाला आलू. हर सीजन में उपलब्ध आलू. समाज के सभी वर्गों द्वारा भक्षण किया जाने वाला आलू. अब अगर खाने के लिए उपलब्ध है तो ब्लॉग समाज के लोगों को 'पकाने' के लिए भी उपलब्ध होगा ही.<BR/><BR/>आलू व्यायाम का भौतिक शास्त्र:-<BR/><BR/>एक क्विंटल आलू में आलू की संख्या पर भी बहस होनी चाहिए. आलू छोटा है तो पचास किलो के बोरे में कितना आलू आएगा. बड़ा है तो कितना आएगा. व्यायाम के लिए किस साईज के आलू को लेना है इसपर भी प्रकाश डाला जाना चाहिए.<BR/><BR/>आलू व्यायाम का मनोवैज्ञानिक शास्त्र:-<BR/><BR/>जिस वजन को बढ़ाने में इतने साल लगते हैं, उतने ही वजन को घटाने के लिए हम चाहते हैं की केवल दस दिन लगे. इसलिए पहले दिन से ही हम पचास किलो के दो बोरे का इस्तेमाल करेंगे.ये ठीक वैसा ही है कि सर के बाल गिराने में सालों का समय लगता है लेकिन आदमी जब डाक्टर के पास जायेगा तो पहला सवाल करेगा कि गिरे हुए बाल एक महीने में पूरे आ जायेंगे कि नहीं.<BR/><BR/>आलू व्यायाम का दर्शन शास्त्र:-<BR/><BR/>वजन बढ़ने का प्रमुख कारण खाने में आलू की अतिशय मात्रा. वो गाना सुना ही होगा आपने;<BR/>'तुम्हीं ने दर्द दिया और तुम्हीं दवा देना'...या फिर 'सांप के जहर का इलाज सांप के जहर से ही होता है'....या फिर शोले के मशहूर ठाकुर बलदेव सिंह जीं का प्रवचन कि; 'लोहा ही लोहे को काटता है'...<BR/><BR/>अब आ जाते हैं आलू व्यायाम के अर्थशास्त्र पर:-<BR/><BR/>एक क्विंटल आलू का मूल्य क़रीब ११५० रुपया है. उसे बाजार से ले आने में लगेंगे क़रीब २० रुपये. उसके बाद रोज घर के गैरेज से व्यायाम की जगह लाने और फिर गैरेज तक ले जाने में मजदूरी लगेगी २० रुपये. आलू पाँच दिन में सड़ जायेगा और फिर नया आलू लाना पडेगा. मतलब ये कि पाँच दिन व्यायाम का खर्चा पड़ेगा १२७० रुपया. मतलब एक दिन क आलू व्यायाम का खर्च २५४ रुपया.<BR/><BR/>क्या बात कर रहे हैं, इससे सस्ता तो 'ग्रेट बंगाल जिम सेंटर' है.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-31360176077826864902007-09-05T08:49:00.000+05:302007-09-05T08:49:00.000+05:30सरजीइससे होगा क्या, वजन कम होगा या क्या।विस्तार से...सरजी<BR/>इससे होगा क्या, वजन कम होगा या क्या।<BR/>विस्तार से प्रकाश डालें। <BR/>ये तो भौत अच्छा विजुअल सा बन रहा है, आप तो इलाहाबाद की ट्रेफिक पुलिस को अपनी सेवाएं दे सकते हैं। ज्ञानदत्तजी खड़े हैं तेलियरगंज चौराहे पर, दोनों हाथ ताने, दायें जायें, बायें जायें। लगे हाथों आलू भी ले जायें, सौ किलो आलू लायेंगे, तो कुछ मार्जिन बचेगा ही। कसरत की कसरत की, पार्ट टाइम कमाई की हसरत भी पूरी हो लेगी। जल्दी बतायें, कल से ही दिल्ली के आईटीओ चौराहे पर जमाता हूं।ALOK PURANIKhttps://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-34007787788664958882007-09-05T08:06:00.000+05:302007-09-05T08:06:00.000+05:30@ अरुण, अनूप - माइक ड्यूरेट नामक सज्जन ने केवल एक-...@ अरुण, अनूप - माइक ड्यूरेट नामक सज्जन ने केवल एक-एक आलू डालने की सलाह दी है. इससे ज्यादा का प्रयोग आपकी प्रयोग धर्मिता और आपकी अपनी रिस्क लेने की क्षमता पर निर्भर करता है.Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-91837483369096936982007-09-05T07:52:00.000+05:302007-09-05T07:52:00.000+05:30साहबजी, बहुत मंहगी पड़ेगी ये कसरत। आलू के दाम बढ़ रह...साहबजी, बहुत मंहगी पड़ेगी ये कसरत। आलू के दाम बढ़ रहे हैं। पता चला आप कसरत कर रहे हैं, आपकी एक तरफ़ से तीन आलू निकल गये सब्जी के लिये। बैलेंन्स गड़बड़ा जायेगा। हड्डी का दर्द। मेरी नजर में सबसे अच्छा व्यायाम सुबह देर तक सोना है। ज्यादा मेहनत करने का मन हो तो करवटें बदल लें। :)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-89236982310555217322007-09-05T07:34:00.000+05:302007-09-05T07:34:00.000+05:30मैं तो बहुत मेहनती हूँ इसलिये १०० किलो के थेले तक ...मैं तो बहुत मेहनती हूँ इसलिये १०० किलो के थेले तक जाकर फिर एक एक आलू डालूंगा, उसके पहले तो सवाल ही नहीं रुकने का. पूरी सजगता आ गई है हेल्थ के प्रति. कहते हैं संगत का असर होता है.आपकी संगत पाकर धन्य हुए.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822286262846371486.post-13778680376879456002007-09-05T07:02:00.000+05:302007-09-05T07:02:00.000+05:30अरे वाह दादा बहुत शानदार तरीका ढूढा है आपने व्याया...अरे वाह दादा बहुत शानदार तरीका ढूढा है आपने व्यायाम का...वहा घर पर रोजाना १०० किलो आलू का इंतजाम करने मे दिक्कत आती होगी..अब आपका कोई होटेल तो है नही की व्यायाम किया और बाद मे सब्जी बन गई.यहा मैन आलूओ का नया धंधा शुरू किया है..रोज रात को ट्र्क आते है और माल सुबह मंडी भेजना होता है..मेरी आपसे गुजारिश है कि आप सुबह मेरे यहा चले आया करे..आपका व्यायाम हो जायेगा..और मुझे आपका सहारा मिल जायेगा...:)Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.com